This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अगले दिन सुबह ही मैं, कम्मो और निम्मो लखनऊ वापस जाने के लिए चल पड़े और 3-4 घंटे में लखनऊ पहुँच गए। सबसे पहले निम्मो को मैडम जी के घर में छोड़ा और फिर अपनी कोठी में आ गए।
राम लाल चौकीदार हमको देख कर बड़ा खुश हुआ और उसने यह भी बताया कि पारो हमारी रसोई वाली भी आज वापस आ गई है और बाकी वहाँ सब ठीक रहा हमारी गैरहाज़री में!
पारो हमको कोठी के हाल कमरे में ही मिल गई और हम दोनों को बड़ा ही भाव भीना आलिंगन किया। थोड़ी देर बाद मैं और कम्मो मोटर साईकल के शो रूम में पहुँच गए और अपनी लिए एक नई मोटर साइकिल बुक कर के आए।
रात को मैंने पारो को, जो बहुत ही कामुक हो रही थी, और कम्मो को दिल खोल कर चोदा।
अगले दिन मैं कॉलेज समय पर पहुँच गया और सब संगी साथियों से मिल कर बड़ी ख़ुशी हो रही थी। नैनीताल ट्रिप और आगरा ट्रिप वाली सारी लड़कियों को भी मिला और उन दिनों की याद करके बहुत ही मस्त ख़ुशी से सबको कैंटीन में जलपान करवाया।
कई लड़कियों ने तो छुपे छुपे इशारे भी किये फिर से प्रोग्राम बनाने के लिए लेकिन मैंने उन सबको हंस कर टाल दिया। निर्मला मैडम ने बताया कि उसका सब कुछ ठीक चल रहा है और वो जल्दी ही कम्मो से मिलने कोठी आएँगी।
दो दिन बाद मुझ को बाइक की डिलीवरी मिल गई और पहली बार मैं जब बाइक ले कर कॉलेज पहुंचा तो कई दोस्त इकट्ठे हो गए और बाइक की तारीफ करने लगे। कुछ जानकार लड़कियों के अनुरोध पर उनको बाइक पर बिठा कर एक दो चक्कर भी लगा आया।
बाकी साल में मैंने कई लड़कियों के साथ समागम किया और उनकी इच्छा के अनुसार उनको चोदा। इसी तरह मेरा कॉलेज का प्रथम वर्ष समाप्त हुआ और मैं परीक्षा में भी अच्छे नंबरों से पास होकर इंटर के फाइनल ईयर में पहुँच गया। अब पढ़ाई थोड़ी मुश्किल हो गई थी तो काफी समय पढ़ने में ही निकल जाता था लेकिन अच्छी और सुन्दर लड़कियाँ अभी भी मुझसे आकर मिलती थी और कई बार खुले इशारे भी फेंकती थी!
कम्मो ने बताया था कि मेरे द्वारा गर्भवती हुई औरतों ने सुन्दर और हृष्ट पुष्ट बालकों को जन्म दिया। उन्ही दिनों निर्मल मैडम ने भी एक सुन्दर सी कन्या को जन्म दिया, ऐसा मुझको समाचार मिला।
फिर एक दिन मेरी पुरानी आशिक जेनी मुझको कॉलेज के कॉरिडोर में मिल गई, बोली- कैसे हो सोमू राजा? आजकल किस को निहाल कर रहे हो? मैं उदासी के लहजे में बोला- क्या बताएँ जेनी यार, जब से तुम्हारा ग्रुप मुझ से बिछड़ा है कोई ढंग का फकिंग पार्टनर ही नहीं मिल रहा? जेनी बोली- आज दोपहर को तुम्हारे साथ कोठी चलें क्या? मैं और रश्मि? मैं बोला- आजकल मैं थोड़ा पढाई में बिजी हूँ लेकिन फिर भी तुम दोनों दो घंटे के लिए आ सकती हो। कॉलेज खत्म होने पर मुझको गेट पर मिल जाना मैं तुम दोनों को अपनी बाइक पर बिठा कर कोठी ले जाऊँगा। ठीक है ना? जेनी ने खुश हो कर सर हिला दिया।
छुट्टी के बाद में उन दोनों को बाइक पर बिठा कर कोठी ले आया और दोनों कम्मो से मिल कर बड़ी खुश हुई। चाय नाश्ते के बाद जैसा कि पहले हुआ करता था, हम तीनों मेरे कमरे में आ गए और वो दोनों मुझ से बेतहाशा लिपट गई और मुझ को चूमने चाटने लगी और दोनों एक साथ ही बोली- सोमू यार, तुम जैसा चोदू हम को आज तक नहीं मिला। क्या चुदाई का स्टाइल है तुम्हारा, कितनी देर तक चुदाई करने की क्षमता है तुम में। उफ्फ, ऐसा चोदू हमको कभी नहीं मिल सकता। हर पल हम दोनों ही क्या सारी कॉलेज की लड़कियाँ तुम्हारी याद में तड़पती रहती हैं।
मैं बोला- रहने दो जेनी डार्लिंग, तुम खामख्वाह मेरी इतनी तारीफ कर रही हो! मैं समझता हूँ सब लड़कियाँ मुझको तकरीबन भूल चुकी हैं। रश्मि बोली- ऐसा नहीं है सोमू यार, सब लड़कियों के दिलों के कोने कोने में तुम और तुम्हारा लंड समाया है!
कम्मो वहाँ बैठी सब बातें सुन रही थी, बोली- ये दोनों ठीक कह रही हैं, वो तुम को जानने वाली औरतें भी तुमको बहुत याद कर रही थी, मुझसे कई बार पूछ चुकी हैं फिर कब होगा सोमू से मिलन?
मैं बोला- नदी के पुल के नीचे से निकला हुआ पानी और लंड के अंदर से छूटा हुआ वीर्य कभी वापस नहीं आ सकता। जेनी बोली- नदी के पुल के नीचे से नया पानी और लंड से नया वीर्य तो छूट सकता है ना, हम तुम को नई नदी के नए पानी और नई चूत के दर्शन करवा देते हैं, सब कुछ नया होगा, लेकिन इस शर्त पर कि हमारा भी कभी कभी कल्याण कर दिया करना।
मैंने कम्मो की तरफ देखा और वो बोली- हाँ छोटे मालिक, ऐसा तो हो सकता है! अच्छा चलो अब तुम दोनों तैयार हो तो चुदाई प्रोग्राम शुरू करें क्या? फिर कम्मो ने दोनों महज़बीं लड़कियों को धीरे धीरे वस्त्रहीन किया और मेरे भी वस्त्र जेनी ने उतारे। मेरे खड़े हुए लौड़े को देख कर दोनों एकदम उस पर झपट पड़ी और दोनों ही उसको चूमने और मेरे अंडकोष के साथ खेलने में लगी रही।
उन दोनों की चूत में ऊँगली डाली तो दोनों ही पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार थी। सबसे पहले मैंने जेनी को पलंग के साथ हाथ पकड़ कर खड़ा कर दिया और पीछे से उसकी चूत में अपने मोटे लंड को धीरे से डाल दिया। उसकी सुलगती हुई चूत ने लंड को एकदम जकड़ लिया और फिर मैंने धीरे धीरे धक्के मारना शुरू कर दिया।
थोड़ देर में जेनी झड़ गई और ज़ोर ज़ोर से कांपने लगी और बड़बड़ाने लगी- बहुत अरसे के बाद मेरी चूत की ढंग से चुदाई हुई है सोमू, थैंक्स। मैंने जेनी को खड़ा किया और उसके लबों पर एक ज़ोरदार चुम्मी जड़ दी और उसके गुदाज़ और गोल चूतड़ों को भी थोड़ा मसला।
रश्मि जो तैयार खड़ी थी और जिसको कम्मो ने बड़ा ही गर्म कर दिया था, झट से आगे बढ़ी और जेनी को हटा कर मुझ से लिपट गई और ताबड़तोड़ मेरे लबों को चूमने लगी, उसकी चूत के काले बालों में मेरा गीला लंड ऊपर नीचे होने लगा। रश्मि भी कामातुर थी, वो जल्दी ही बिस्तर पर घोड़ी बन कर बैठ गई और मैंने भी झट उसकी भूखी चूत में अपना लौड़ा जमा दिया।
धीरे धीरे उसकी पनियाई चूत में अपने लंड का गृह प्रवेश करवाया और जड़ तक लंड को अंदर डाल कर फिर धीरे धीरे से उसको चोदना शुरू किया। रश्मि भी काफी लंड की प्यासी हो रही थी सो वो भी जल्दी चुदवाने की कोशिश करने लगी। मैं भी उसको उसकी इच्छा अनुसार जल्दी जल्दी चोदने लगा और चंद ही धक्कों में रश्मि भी छूट गई लेकिन मैं उसकी प्यास को समझा गया था, मैंने उसको सीधा लिटाया और ऊपर से उसकी टांगों के बीच बैठ कर उसकी ज़ोरदार चुदाई करने लगा।
जेनी भी अब मेरे को चूम रही थी और मेरे अंडकोष को मसल रही थी। मैंने रश्मि के चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर ज़ोरदार धक्कमपेल शुरू कर दी और चंद मिनटों में ही रश्मि फिर से कंपकपी के साथ छूट गई। अब मैंने जेनी को उसके बालों से पकड़ा और उसका मुंह अपने मुंह से जोड़ दिया और एक बड़ी ही कामुक चुम्मी उसके होटों पर जड़ दी।
मैंने उसको अपने हाथों को उसके चूतड़ों के नीचे रख कर उठा लिया और खड़े खड़े ही अपना गरम लंड उसकी रसीली चूत में डाल दिया और उसको लेकर मैं सारे कमरे में घूमने लगा। ऐसा करते हुए भी मैं उसकी चूत में धक्के मारता रहा ताकि जेनी की चूत को गर्मी पहुँचती रहे और वो भी उछल उछल कर मेरे हाथों के सहारे से मुझको धक्के मारती रही।
जेनी को उठाये हुए मैंने कमरे के दो तीन चक्कर काट लिए फिर कहीं जाकर जेनी का पानी छूटा और उसने मुझसे लिपट कर बेहिसाब चुम्मियों से मेरे मुंह को एकदम गीला कर दिया। फिर दोनों कुछ देर लेट कर विश्राम करने लगी।
मैं और कम्मो उनकी सेक्सी फिगर्स को परख रहे थे। जेनी दोनों में से ज़्यादा सेक्सी लग रही थी और वो चुदाई का पूरा आनन्द उठा रही थी जबकि रश्मि की शारीरिक सुंदरता अधिक थी लेकिन सेक्स करवाने की कला से ज़्यादा वाकिफ नहीं थी।
जब वो रेस्ट कर चुकी तो जेनी बोली- सोमू यार, तुम्हारी क्लास में एक बहुत ही सुन्दर लड़की आई है ज़रा उसको गौर से दखना तो सही, उसका नाम है रति और वो पूरी उर्वशी अप्सरा लगती है! कहो तो कल मिलवा दूँ उससे? मैं बोला- ज़रूर मिलवाओ। दोस्ती करने में क्या हर्ज है?
जेनी बोली- लेकिन सोमू, उसके बारे में कुछ अजीब बातें सुनने में आई है, सुना है वो चुदाई करवाने की शौक़ीन नहीं है ज़्यादा। और कुछ लड़के जो उसको पहले से जानते हैं, उनका कहना है कि वो बर्फ के माफिक ठंडी है बिस्तर में! मैं नहीं मानती कि कोई साधारण लड़की सेक्स के मामले में बर्फ की तरह ठंडी हो सकती है?
कम्मो बोली- नहीं जेनी कुछ औरतें या लड़कियाँ वाकयी में सेक्स के मामले में ठन्डे स्वभाव की होती हैं, उनको यौन क्रिया में कोई आनन्द नहीं आता है, यह उनके फीमेल हॉर्मोन्स की कमी की वजह से होता है, अगर इसका उपचार कराया जाए तो ऐसी लड़कियों को यौन क्रिया में रुचि होने लगती है।
मैं बोला- चलो छोड़ो इस किस्से को, जब रति से मिलेंगे तो सोचेंगे कि क्या करना है। तुम सुनाओ पिछले साल मेरे अलावा कितने लड़कों से चुदाई करवाई दोनों ने? दोनों ही रोनी सूरत बना कर बोली- कहाँ सोमू यार, कोई ढंग का लड़का ही नहीं मिला था हमको, हम दोनों तो कुंवारी जैसी हैं जबसे सोमू ने हमको आखरी बार फ़क किया था।
मैं बोला- तभी तो काफी सेक्स की प्यासी लग रही थी तुम दोनों? अगर और चुदवाना है तो बात करो? दोनों ही अपनी चूत के काले घने बालों में ऊँगली से खुजाते हुए बोली- मर्ज़ी तो है बहुत लेकिन हम इस डर से चुप बैठी हैं कि सोमू तो थक गया होगा। मैं बोला- नहीं यारो, मैं सेक्स के मामले में कभी नहीं थकता। आ जाओ मैदान में और मुझको चोदो जब तक तुम दोनों ना नहीं करती। ठीक है?
यह कह कर मैं बिस्तर पर सीधा लेट गया और दोनों ने बारी बारी से मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे लंड को जी भर के चोदा। यहाँ तक कि मेरे पेट पर उनकी चूतों से टपका हुए रस का तालाब सा बन गया जिसको कम्मो ने साफ़ कपड़े से पौंछ दिया। करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद दोनों ने ही तौबा कर ली और हम सबने अपने कपड़े पहन लिए।
अगले दिन कॉलेज में जेनी ने मेरी क्लास में बैठी हुई रति से मेरी मुलाकात करवाई। रति देखने में निहायत ही खूबसूरत लड़की थी और अब मैंने महसूस किया कि क्लास के सारे लड़के केवल अपनी दृष्टि उसी बेंच पर केंद्रित कर के बैठे थे।
ब्रेक में जेनी रति को लेकर कैंटीन में मुझसे मिली और हम दोनों का परिचय करवाया। बातों ही बातों में पता चला कि रति की कोठी भी हमारी कोठी के एकदम निकट थी जहाँ वो अपने भाई और भाभी के साथ रहती थी। समोसे खाने और कोका कोला पीने के बाद हम तीनों एक दूसरे से विदा हुए लेकिन रति मेरे साथ ही क्लास में लौट आई।
क्लास खत्म होने से पहले रति ने मुझको अपने घर आने का निमंत्रण दिया और यह भी कहा वो और उसके भैया भाभी मुझसे मिल कर बड़े खुश होंगे। बातों बातों में मैंने उस को बता दिया था कि इस कोठी में मैं अकेला ही अपने कुछ नौकर और नौकरानिओं के साथ रहता हूँ।
कहानी जारी रहेगी। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000