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दोस्तो.. मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा प्रशंसक हूँ, मैं अपनी यह पहली कहानी पेश कर रहा हूँ।
बात उन दिनों की है.. जब मैं गर्मी की छुट्टियों के दिन छत पर सोता था। मेरी और सुन्ना आंटी की छत जुड़ी हुई हैं।
मैं अपनी छत पर घूम रहा था, मैंने देखा कि सुन्ना आंटी अपने कमरे से बाहर आईं और आँगन में खड़ी हो गई और ऊपर देखने लगीं। मैं चुपचाप छुप कर देख रहा था। मैंने देखा कि सुन्ना आंटी ने काले रंग की पारदर्शी नाईटी पहन रखी थी.. उन्होंने नीचे गुलाबी रंग की पैन्टी पहनी हुई थी। वो मेरी छत की ओर मुँह करके मूतने के लिए बैठ गईं।
मैंने जब ये देखा तो मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। तभी मुझे मम्मी ने आवाज लगाई और मैंने उनको ‘अभी आया..’ बोल दिया.. सुन्ना आंटी जल्दी से खड़ी हुईं और देखने लगीं, वो समझ गईं कि ऊपर छत पर कोई तो है।
वो छत पर आ गईं.. यह मुझे पता नहीं था और उन्होंने मुझे देख लिया था। वो मुझे देख कर चली गई.. फिर मैं सो गया।
अगले दिन जब मैं उठा.. मुझे मेरा दोस्त (नीरज़) बदला हुआ नाम बुलाने के लिए आ गया। उसने मुझसे कहा- चलो बाल कटाने के लिए चलते हैं। मैंने कहा- मैं पहले ब्रश कर लूँ.. फिर चलते हैं।
तभी मुझे सुन्ना आंटी ने अपने घर बुलाया, मेरी तो गाण्ड ही फट गई.. यह सोच कर कि वो मुझसे क्या कहेगीं। मैं उनके घर गया और पूछा- जी आँटी.. आपने मुझे बुलाया है क्या? तो उन्होंने बोला- हाँ.. मैंने बोला- क्या काम था आपको आँटी? तो वो बोलीं- क्या कल रात तुम छत पर थे.. सच बताना.. वरना मैं तुम्हारी मम्मी को सब बता दूँगी। मैंने कहा- जी आंटी.. मैं छत पर ही था। तो उन्होंने बोला- क्या तुमने मुझे मूतते हुए देखा है.. सच बताना? मैंने कहा- जी आंटी.. मैं छत पर ही था..
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! तो उन्होंने मुझसे बोला- तुमने छत से क्या देखा? मैं समझ गया कि आंटी क्या कहना चाहती हैं, मैंने कहा- आप जहाँ से मूतती हो.. मैंने वो देखा है। उन्होंने कहा- उसको क्या बोलते हैं? ‘मुझे पता नहीं है..’ मैंने झूठ बोल दिया क्योंकि मैं ये सब आंटी के मुँह से सुनना चाहता था।
तो वो अपनी चूत को खुजाती हुई बोलीं- इसको चूत बोलते हैं.. फिर जो तुम्हारे पास है.. उसको क्या बोलते हैं? मैंने कहा- मुझे पता नहीं.. तो वो मेरे लंड को पकड़ कर बोलीं- इसको लण्ड बोलते हैं।
जैसे ही उन्होंने मेरा लौड़ा पकड़ा.. तो मुझे भी जोश चढ़ने लगा और मेरे लण्ड से पानी बहने लगा। वो समझ गईं कि मैं गर्म हो गया हूँ और झड़ने वाला हूँ। तो उन्होंने कहा- जल्दी से अपना पैन्ट उतारो। मैंने कहा- क्यों?
तो उन्होंने खुद ही मेरा पैन्ट उतार दिया और जल्दी से मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर हिला कर चूसने लगीं। मुझे भी बहुत मजा आने लगा.. मैंने भी उनके मुँह में जोर-जोर से धक्के मारे और अपना सारा का सारा पानी उनके मुँह में गिरा दिया। वो सारा पानी पी गईं।
अब मैंने उनकी नाईटी उतार कर फेंक दी और उन्हें पू्री नंगी कर दिया। फिर मैंने उनसे कहा- आप जल्दी से घोड़ी बन जाओ..
मैं उन्होंने समय सब भूल चुका था कि वो मेरी आंटी हैं। जैसे ही वो घोड़ी बनी.. मैंने तुरंत उनकी चूत में अपना मूसल पेल दिया। पहली बार में तो मेरा लण्ड आधा ही अन्दर गया.. फिर मैंने दूसरा धक्का लगाया.. तो वो पूरा अन्दर चला गया। वो चिल्लाने को हुईं.. तो मैंने उनका मुँह बंद कर दिया, मैं जोर-जोर से उनकी चूत मारने लगा।
फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और उनकी गाण्ड में पेल दिया। वो फिर चिल्ला पड़ीं.. मैंने उनका मुँह बंद किया और जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। मैं झड़ने वाला था.. तो मैंने उनसे पूछा.. तो वो बोलीं- मेरे अन्दर ही झड़ जाओ। मैं उनकी गान्ड में ही झड़ गया।
इस घटना के बाद.. यही सब कुछ ऐसे ही चलता रहा। फिर मैं पढ़ने के लिए इंदौर चला गया।
तो दोस्तो, कैसी लगी आपको मेरी यह कहानी.. कमेंट्स जरूर करना..
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