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मेरा नाम विधि है। मैं एक 36 साल की महिला हूँ। मैं अपनी दोनों बेटियों और पति के साथ रोहतक में रहती हूँ। मेरी बड़ी बेटी स्नेहा 18 साल की है और छोटी बेटी उससे छोटी है.. उसका नाम स्तुति है। अब मैं आप लोगों को ज्यादा बोर ना करते हुए सीधे अपनी कहानी पर ले आती हूँ। मेरे घर में हम चारों के अलावा दो नौकर भी हैं। रज्जन और दीप.. दोनों की उम्र यही कोई 40 वर्ष के आस-पास होगी।
बात लगभग दो महीने पहले की है.. मेरे पति ऑफिस के काम से कुछ दिन के लिए बाहर गए थे.. उस दिन गुरुवार का दिन था। मैं बेटियों को स्कूल जाने के लिए नाश्ता बना रही थी.. तभी स्नेहा ने आकर मुझसे बोला- मॉम, मेरी ब्रा और पैन्टी नहीं मिल रही है। मैंने बोला- देखो जहाँ तुमने रखी होगी.. वहीं पर होगी। उसने कहा- वहाँ पर नहीं है।
मैं आप सभी स्नेहा का फिगर बता दूँ.. 30-28-30 का है।
मैंने कहा- ठीक है मैं देख दूँगी.. अभी जाकर दूसरी ले लो। वो तैयार होकर स्कूल चली गईं.. मैं भी नहा कर वापस नाइटी पहन कर टीवी देखने लगी।
तभी मैंने सोचा ‘स्नेहा की ब्रा और पैन्टी गए कहाँ क्योंकि मेरी भी ब्रा और पैन्टी कई बार गायब हो चुकी थीं।’
मैं उसी वक्त अपनी लाल रंग की नाइटी पहने हुए ही बाहर लॉन में सर्वेन्ट क्वार्टर के पास आ गई, दोनों नौकर उस समय घर में नहीं थे। मैंने अन्दर जाकर देखा तो स्नेहा के अंडरगारमेंट बिस्तर पर थे, मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था। मैंने और जगह देखा तो मेरी बहुत सारी ब्रा और पैन्टी रखी हुई थीं। मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था।
मैं ये सब सोच ही रही थी कि उतने में रज्जन आ गया। मैंने उससे डपट कर पूछा- क्या है ये सब..?
तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई, वो बोला- कुछ नहीं मालकिन.. और वो मेरे करीब को आ गया। मैंने उसे दूर रहने को कहा.. तो बोला- आज कर लेने दो।
इतने में दीप भी आ गया। उन दोनों को देख कर मैं समझ गई कि आज तो मेरा बच पाना मुश्किल है। रज्जन ने मुझे पकड़ते हुए बोला- मालकिन हम दोनों ने तुम्हारे नाम की बहुत मुठ्ठ मारी है.. उसकी बात सुन कर दीप भी हँसने लगा।
मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था, मैं समझ गई कि आज तो मेरी चुदाई होकर ही रहेगी।
रज्जन मेरी चूचियों से खेलने लगा मैं जरा असहज होने लगी लेकिन मैंने भी मज़ा लेने का मन बना लिया। तभी दीप ने मेरी नाइटी निकाल दी, अब मैं उन दोनों के सामने सिर्फ़ ब्रा और पैन्टी में थी, रज्जन ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूचियों को दबा रहा था, मेरी 34 की साइज़ की नारंगियाँ उसे बहुत अच्छी लग रही थीं।
कुछ देर दबाने बाद उन दोनों में मुझे एकदम नंगी कर दिया। अब तक मेरी बुर ने भी पानी छोड़ दिया था, दीप मेरी बुर को अपनी जीभ से चाटने लगा, मैं ‘आहें’ भरने लगी। तभी रज्जन अपना लण्ड मेरे मुँह के पास लाकर चूसने के लिए बोला। मैं उसका लण्ड देख कर दंग रह गई, करीब 8” लंबा और 3” मोटा काला रंग का लौड़ा था। मैं ना चाहते हुए भी उसका लण्ड चूसने लगी। कुछ सेकंड बाद रज्जन मेरी टाँगों के बीच आ गया और अपनी उंगली मेरी बुर में क़रने लगा।
बोला- लगता है मालिक इसको चोदते नहीं है.. इसकी फुद्दी बड़ी टाइट है.. लग ही नहीं रहा है कि ये दो माल टाइप की लड़कियों की माँ है। मैं बोली- मैं तुम्हारा लण्ड नहीं झेल पाऊँगी, तुम्हारे मालिक का लण्ड तो इसका आधा है। वे दोनों हँसने लगे। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
इतने में रज्जन ने अपना लण्ड में मेरी चूत के मुँह पर रख दिया.. और कामुकता से मुझे देखते हुए एक जोर का झटका लगा दिया। मेरी चीख निकल गई- ओहीईई.. मररर्र.. गई। तभी दीप मेरी चूचियों को सहलाने लगा, मेरा दर्द भी कुछ कम हुआ..
तभी एक और ज़ोर का झटका लगा.. मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया, मैं रोने लगी- मरर.. गई.. आहह.. छोड़ दो मुझे..
हालांकि मैं कोई कुंआरी लड़की नहीं थी फिर भी मुझे सील टूटने जैसा दर्द हो रहा था। कुछ देर के बाद रज्जन धीरे-धीरे धक्का लगाने लगा, अब मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं उसका साथ देने लगी करीब 10 मिनट के बाद उसने अपना माल मेरी चूत में छोड़ दिया। इस बीच मैं दोबारा भी झड़ चुकी थी।
रज्जन के बाद दीप ने भी मुझे चोदा.. उस दिन मेरी चार बार चुदाई हुई। बेटियों के आने से पहले मैं बेडरूम में जाकर सो गई। मुझसे चला भी नहीं जा रहा था। इसके बाद तो मुझे बड़े लौड़े से चुदने की आदत हो गई।
यह मेरी एकदम सच्ची कहानी है.. मुझे इस बात की उत्सुकता है कि आप सभी को यह कहानी कैसी लगी। मेरी अगली कहानी में पढ़िए रज्जन ने कैसे स्नेहा की सील तोड़ी.. तब तक के लिए नमस्ते। [email protected]
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