This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रिय अन्तर्वासना पाठको दिसम्बर महीने में प्रकाशित कहानियों में से पाठकों की पसंद की पांच कहानियां आपके समक्ष प्रस्तुत हैं…
मेरे प्यारे दोस्तो, आप लोगों ने मेरी कहानी आज दिल खोल कर चुदूँगी पढ़ी.. उसे पसंद किया.. और उसके बाद आप लोगों ने ईमेल के माध्यम से जो प्यार दिया है.. इसके लिए मैं नेहा रानी.. आप सभी का बहुत बहुत आभार व्यक्त करती हूँ।
आज मैं आपको अपनी एक और चुदाई के बारे में बताना चाहती हूँ। मैं अपने पति के साथ मेरे पति के एक दोस्त की शादी में जबलपुर गए हुए थे। यह बात 6 महीने पहले की है। मई का महीना था, हम लोग जबलपुर के एक होटल में रुके हुए थे.. शादी में आए हुए सभी लोगों रुकने का इंतजाम पति के दोस्त की तरफ से उसी होटल में किया गया था।
मेरे कमरे के सामने वाले कमरे में दूल्हे के जीजाजी भी रुके हुए थे, उनसे मेरी मुलाकात संगीत कार्यक्रम में हुई.. जो शादी के एक दिन पहले यानि 10 मई को था.. और शादी अगले दिन यानि 11 मई को थी।
मैं उस दिन एक रानी कलर की साड़ी पहने हुई थी और बहुत खूबसूरत लग रही थी। क्योंकि करीब सब की निगाहें मेरे ही ऊपर घूम रही थीं.. ख़ासतौर पर उन सब में दूल्हे के जीजाजी मुझे कुछ ज्यादा ही लाइन मार रहे थे। मैं भी बार-बार उस अजनबी को देख कर मुस्कुराने लगी। सच बताऊँ दोस्तों.. मैं उसको देखते ही.. उसकी नज़रों से नजरें मिलते ही मेरे मन में एक अलग सी मस्ती छाने लगी थी। मुझे लगा कि कोई तो है इस महफ़िल में जो मेरी तरफ देखने वाला है। मैं भी उसको अपनी तरफ आकर्षित करने की पूरी कोशिश कर रही थी.. इसी लिए मैं भी मुस्कुराने और शरमाने लगी।
मेरे मुस्कुराने से और शरमाने की अदा से वो समझ गया कि मैं भी उसमें रूचि ले रही हूँ। बस फिर क्या था.. वो बहाने से मेरे पास आ गया और मुझसे बातें करने लगा।
पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…
हुआ यूं कि मैं सुबह सोया हुआ था और सपने में तीन हसीन लड़कियों के साथ धक्कमपेल में लगा हुआ था। दो लड़कियाँ मेरा लण्ड चूस रही थीं और एक मेरे मुँह पर बैठ कर चूत चटा रही थी। कुछ देर बाद मुझे लगा कि एक लड़की ने मेरे लण्ड पर जोर से काटा.. मैं चिल्लाया और एकदम से उठ कर बैठ गया.. मेरी नींद टूट चुकी थी।
देखा तो लण्ड पर काटने वाली लड़की कोई और नहीं.. बल्कि मेरी पत्नी थी, मुझ पर जोर-जोर से हँस रही थी। मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया। मैंने उसको पकड़ कर अपनी ओर खींचा और पकड़ कर अपने नीचे दबा लिया।
मैंने कहा- यह कौन सा तरीका है उठाने का? उसने शरारती लहजे में कहा- जनाब तो नींद में सपने देख कर इसे मसल रहे थे। यह कहते हुए उसने मेरा लण्ड पकड़ कर जोर से खींच दिया।
मैं फिर जोर से चिल्लाया.. मगर उसे उठने नहीं दिया। मुझे थोड़ी शरम भी आई.. मगर मैंने कहा- पता है, दो लड़कियाँ मेरा लण्ड चूस रही थीं, मुझे कितना मजा आ रहा था, तूने सब खराब कर दिया, इसकी सजा तो तुझे मिलेगी।
मैं उसके ऊपर चढ़ गया। दोनों हाथों को पकड़ कर गाउन कमर के ऊपर तक चढ़ा दिया। चूंकि रात को सोते समय वह पैन्टी नहीं पहनती है.. तो उसकी झांटों वाली चूत उजागर हो गई। मैंने बिना किसी फ़ोरप्ले के सीधे लण्ड चूत पर रखा और अन्दर धकेल दिया। वो जोर से चिल्लाई.. दर्द तो मुझे भी हुआ.. मगर मैंने जाहिर नहीं होने दिया।
मेरी पत्नी के आँसू निकल गए.. पर मैंने अनदेखा करते हुए काम चालू कर दिया। चूत में लौड़े ने थोड़ी सी जगह बना ली और मैं धक्के मारने लगा, अब वह भी मेरा साथ देने लगी, मगर मैं तो वही गुस्से के अंदाज में ही चोद रहा था, दोनों हाथों से उसके बोबे जोर-जोर से मसल रहा था।
पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…
मैं लुधियाना, पंजाब में रहता हूँ। मेरी एक बड़ी साली है जो अम्बाला में रहती है, उसकी दो बेटियाँ हैं। अब मैं आपको बता दूँ कि हर मर्द की तरह मैं भी बहुत दिल फेंक किस्म का आदमी हूँ। ट्राई तो मैंने बहुत की अपनी साली पर मगर वो साली मुझसे नहीं पटी। चलो कोई बात नहीं, उसका नाम लेकर कई बार अपनी बीवी को चोद दिया और इस तरह से अपनी इच्छा को शांत किया।
साली को चोदने की इच्छा लेकर मैं समय बिताता गया कि उसकी बेटियाँ चोदने लायक हो गई. बड़ी की शादी भी हो गई तो नज़र छोटी पर टिकी. लेकिन एक दिन मैं साली के घर गया तो …
पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…
मेरे पापा की मृत्यु के बाद हम लोग बिल्कुल बेसहारा हो गए थे। अब हमें फूफा जी के पैसे भी चुकाने थे.. जो हमने उधार लिए थे। लेकिन हमारे पास पैसे नहीं थे। कई बार फूफा जी पैसों के लिए दबाव डालते थे कि मेरे पैसे लौटा दो… लेकिन हम दे नहीं पाते थे।
एक बार छुट्टी में मैं बुआ जी के घर रहने गई। जब मैं उनके घर पर कम कर रही होती.. तो फूफा जी मेरे झुके होने की अवस्था में मेरे मम्मों को देखते.. जो कि 34 साइज़ के हैं। कई बार मैं बाथरूम से नहा कर निकलती तो वो मुझे बाथरूम के बाहर ही मिलते, मतलब उन्होंने मुझे नहाते समय भी देखा।
मैं बता दूँ कि मेरे फूफा जी की उम्र 56 साल है.. और वो एक आर्मी से रिटायर्ड हैं। उनके पूरे परिचय के लिए लिख रही हूँ कि सामान्यतः तो उनके लौड़े का नाप लगभग 6 इंच का होता है.. लेकिन चुदाई के वक्त वो खड़ा होकर पूरा 8 से 8.5 इंच का हो जाता है।
एक दिन मैंने मम्मी को पैसे के बारे में बात करते सुन लिया.. तो मैंने इस बारे में मम्मी से पूछा। मम्मी ने मुझे बताया कि हमने उनसे बहुत पैसे उधार ले रखे हैं.. तो अब हम कैसे इनके पैसे चुकाएँ.. समझ ही नहीं आ रहा है।
एक दिन फूफा जी ने ज़िद की और हमें धमकाया कि यदि हम लोग उनके पैसे नहीं देंगे तो वो हमारे घर पर कब्जा कर लेंगे। मैंने इस बारे में फूफा जी से बात की और उनसे पूछा- ये पैसे का क्या मामला है? तो उन्होंने सब कुछ बता दिया।
मैंने उनसे कहा- जब मेरी जॉब लग जाएगी.. तो मैं आपका पैसा चुका दूँगी। उसी वक्त उन्होंने मुझ से अपनी मन की बात कही- तुम लोगों को कोई पैसा नहीं चुकाना होगा.. यदि तुम मेरी एक शर्त मान लो।
और वो शर्त थी कि एक रात मैं उनके साथ बाद चुदाई करूँ।
मैं घबरा गई, मुझे बहुत डर लगा.. मानो मेरे जिस्म में चींटियाँ सी रेंगने लगी हों। मैं चुपचाप उस समय वहाँ से चली गई.. लेकिन मैं दो दिन तक सोचती रही और फिर मैंने मम्मी को परेशान देखा.. तो फैसला किया कि मैं फ़ूफ़ा जी यह शर्त स्वीकार करूँगी।
पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…
अभी मेरी उम्र 26 साल है। यह घटना एक साल पहले की है.. जिसमें मैंने अपनी भांजी को पटाया। उसकी उमर उस समय 19 साल थी वह जयपुर आगे की पढ़ाई पढ़ने के लिए गई हुई थी। मैं उस समय जयपुर में एमबीए की तैयारी कर रहा था। मेरी भांजी का नाम उर्वशी है। उसे उसके उस स्कूल में मुझसे मिलने से कोई रोक-टोक नहीं थी। हमारी उम्र में ज्यादा फर्क ना होने के कारण वह मुझे मामू कहा करती थी।
उसका फिगर बहुत अच्छा तो न था.. पर बहुत ही आकर्षक था। उसकी लंबाई 5’5” है, वह बिल्कुल पतली सी लड़की थी.. उसके स्तन भी छोटे थे। रंग हल्का सा सांवला सा था.. पर ऐसा था कि किसी को भी अपने आकर्षण में बाँध सकती थी। जो भी उसको देखता.. उसका लण्ड खड़ा हो सकता था।
उसको मोबाइल मैंने ही ले कर दिया था वह मोबाइल मल्टीमीडिया वाला नहीं था.. हम लोग मैसेज से चैट किया करते थे। धीरे-धीरे हम दोनों खुलने लगे और एक-दूसरे के अंतरंग दोस्त बनते चले गए। अभी हम दोनों सेक्स के विषय पर तो बात नहीं करते थे.. पर किस और हग तक बात कर लिया करते थे।
इसी तरह मैं उसे बार-बार डार्लिंग लिख दिया करता था। वह भी जवाब में डार्लिंग लिख देती थी। फिर मैंने उसे ‘आई लव यू’ लिखना शुरू कर दिया.. तो उसने भी एक बार जो ‘आई लव यू’ लिख दिया तो मेरा रास्ता खुल गया था।
फिर मैंने उसे ‘आई हग यू’ लिखा और उसके बाद ‘आई किस यू’ भी लिखा पर उसने जवाब नहीं दिया.. ना ही वह नाराजगी दिखाई। उसने कहा- यह सब हमारे बीच ठीक नहीं है.. हमारा रिश्ता मामा-भांजी का है। फिर धीरे-धीरे हम लोग सामान्य हो गए।
एक बार दिसंबर की छुट्टियाँ होने वाली थीं.. तो मेरे जीजा जी ने बोला- उर्वशी को घर आना है इसे तू साथ में ले आना। मैं मान गया।
अगले दिन मैंने बस में स्लीपर की रिजर्वेशन करवा ली, हम अपनी बर्थ में जा बैठे और पर्दे लगा लिए थे। उसने टाइट जींस और व्हाइट टॉप पहना हुआ था। वो कयामत लग रही थी।
ठीक आठ बजे बस चल पड़ी। बस चलते ही कंडक्टर और बस के लोग बार-बार आ रहे थे.. जो किसी ना किसी बहाने से पर्दा हिला देते और अन्दर देखते। शायद उनकी नियत डोल गई थी। मैं भी यह सब समझ रहा था।
मैंने रजाई निकाली और हम दोनों ने ओढ़ ली। वह एक तरफ को पीठ टिका कर बैठी थी और मैं दूसरी तरफ बैठा था। रजाई में मैं उसके शरीर की गर्मी को महसूस कर रहा था, मैंने उससे कहा- मैं तुम्हें हग करना चाहता हूँ।
उसने ‘हाँ’ तो नहीं की.. पर मना भी नहीं किया। मैंने उसे अपने सीने से चिपका लिया और उसका चेहरा पकड़ कर उसके लबों पर अपने लब रखने ही वाला था कि उसने रोक दिया। वह बोली- यह सब गलत है। मैंने कहा- ठीक है.. पर हग तो कर ही सकता हूँ.. और मैंने उसे अपनी बाँहों में कैद कर लिया।
वह भी मुझे अपनी बाँहों में जकड़े हुए थी। इसके बाद मैंने अपने होंठ उसकी गर्दन पर और कान के नीचे ले जाकर किस करनी शुरू कर दी। कुछ समय ऐसा करने के बाद उसके हाथ मेरे बालों में फिरना शुरू हो गए थे।
पूरी कहानी यहाँ पढ़िए…
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000