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सुधा ३२ पार कर चुकी थी लेकिन उसकी उम्र २३ से ज्यादा की नहीं लगती थी गजब की काया पाई थी उसने जो भी देखता बस देखता ही रह जाता था जब भी वो कहीं भी जाती बस लोग आहें भर कर रह जाते।
वो बाहर तो सलवार सूट पहनती थी पर घर में साडी या नाइटी पहनती थी गोरा रंग खिला हुआ बदन हंसमुख व्यक्तित्व खुबसूरत आँखें लम्बी गर्दन कप साइज़ की चूचियां गहरी नाभि उभरे हुए नितम्ब मतवाली चाल जवानों में आकर्षण का केंद्र थे बिलकुल सिनेमा की एक्ट्रेस की तरह लगती थी ना सिर्फ मेरे कजिन बल्कि मेरे दोस्त और पड़ोस के लड़के भी उसके दीवाने थे।
सभी उससे बात करने का मौका ढूंडते और इसी बहाने उसके खुबसूरत बदन को घूरते हमारी सेक्स लाइफ बहुत अच्छी नहीं थी पर तीन महीने पहले होली थी होली में कुछ ऐसा हुआ कि हमारी सेक्स लाइफ काफी अच्छी हो गयी सबों ने होली में काफी मस्ती की आपने मेरा पिछला अंक “होली में मस्ती सुधा के संग” पढ़ा होगा जो सुधा होली के पहले अपनी लाइफ से संतुष्ट नहीं थी।
अचानक उसकी जिंदगी में बहार ला दिया मैं भी पहले सेक्स में इंटरेस्ट नहीं लेता था पर इस बार की होली यादगार हो गयी और मेरी भी सेक्स लाइफ सुधर गयी लेकिन उसके लिए मुझे काफी त्याग करना पड़ा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
इस बार की होली हमारे अलावा मेरे पडोसी मेरे दोस्त और मेरे कजिन के लिए भी यादगार रही कारण उन सबों ने अपनी सुधा भाभी जो की इन सबों की ड्रीम क्वीन थीं के साथ ऐसी होली खेली जो की वो लम्बे समय तक नहीं भूलेंगे उन्होंने सुधा को रंगों में ना सिर्फ शराबोर कर दिया।
बल्कि और भी काफी मजा लिया पड़ोस के लड़कों ने तो सिर्फ सुधा को रंग लगाया और हलकी फुलकी छेड छाड़ की पर मेरे दोस्त और विक्की ने ने सुधा की जवानी का फल भी चखा बेचारे पड़ोस के कुछ लड़के जो की सुधा के आगे पीछे लगे रहते थे।
उन्हें ज्यादा मौका नहीं मिला और वो मन मसोस के रह गए उन्होंने सुधा की जवानी के उस पके फल की खुसबू तो ली लेकिन फल खाने से रह गए इन सभी एपिसोड्स ने मेरे सेक्स की इच्छा तीव्र कर दी काश मैं पहले से ही चोकन्ना रहता तो फल को कोई दूसरा नहीं चखता लेकिन जो लिखा था।
उसे मिटाया तो नहीं जा सकता था सुधा जैसी मस्त जवानी को तो जूठा होना ही था इसमें सुधा की कोई गलती नहीं थी मेरी गलती थी लेकिन चलो ठोकर खाने के बाद सबक तो मिला पड़ोस के कुछ लड़के जिन्होंने सुधा के साथ होली खेली थी उसके बदन के छुवन ने उन्हें पागल बना दिया था।
अब वो रोज ही किसी न किसी बहाने से सुधा के पास आते कोई पढने के बहाने तो कोई इंग्लिश में एप्लीकेशन लिखवाने तो कोई किताब लेने सुधा के पास आता और ये तो सिर्फ बहाना भर था असल में तो वो सुधा की जवानी की चाहत में आते थे वो किसी न किसी तरीके से सुधा को देखना और छूना चाहते थे।
वो सुधा की काफी तारीफ़ करते कहते की मानना पड़ेगा सुधा भाभी सा कोई नहीं है वो इतनी सुन्दर हैं की हीरोइन और इतनी तेज की बिलकुल स्कॉलर वो कहते की भाभी आप कोचिंग इंस्टिट्यूट खोल दो खूब चलेगा सुधा जो की हाउसवाइफ है मुस्कुरा कर रह जाती वो उनकी मंशा नहीं समझती थी होली के बाद सुधा का हुस्न और भी निखर गया था मेरे दोस्त।
विक्की और मेरे द्वारा लगातार सेक्स करने से तीन महीनों में उसके साइज़ ३६”३०”३६” से ३८”३१”३७” हो गए थे और उसके ब्रा और पैंटी का साइज़ बदल गया था वो इस तरह से सुधा के आगे पीछे मंडराते थे की मुझे लगता की कही वो मेरी इस चिड़िया को फंसा न लें लेकिन कर क्या सकता था ऑफिस तो जाना ही था।
मैंने सिर्फ यही किया कि मैंने पुरे घर में बिना सुधा को बताये हुए सी सी टीवी कैमरा लगा दिया और उसका कनेक्शन लैपटॉप से कर दिया जिससे मैं ऑफिस से ही निगरानी कर सकूँ मैं सोंचता सुधा ने बाहर का दो दो लंड चखा हुआ है तो वो वक्त पड़ने पर और भी लंड ले सकती है।
एक दिन घर का वाशिंग मशीन खराब हो गया सुधा परेशान हो गयी मुझे फ़ोन किया तो मैंने बोला कि पड़ोस का लड़का अमित का कोई जान पहचान का मैकेनिक है उससे कह दो वो बनवा देगा अमित तो सुधा का मुरीद था।
जैसे ही उसने जाना कि सुधा को मैकेनिक चाहिए तो उसकी तो बांछे खिल गयीं उसने उससे कहा कि मेरा दोस्त मनोज है मैं और वो दोनों वाशिंग मशीन और फ्रिज बना लेते हैं वैसे हमें किसी भी मशीन को ठीक करने में मजा आता है।
हम दोनों आपके मशीन को बिलकुल कायदे से ठीक करेंगे भाभी आप चिंता मत करो हम दोनों मिल कर आपके मशीन की आयल पानी चेक कर देंगे और अपने टेस्टर डाल कर देख लेंगे ताकि आपकी मशीन बिलकुल नई हो जाये सुधा ने कहा की अमित संभाल कर हाँथ लगाना मेरे मशीन को ये ब्रांडेड है अनारी की तरह मत हाँथ लगाना।
अमित ने बोला मैं और मनोज आपकी मशीन को पुरी तरह से टेस्ट कर के ही हाँथ लगायेंगे सुधा को समझ नहीं आया कि अमित द्विअर्थी बोल रहा है अमित और मनोज मेरे घर में आ गए सुधा मनोज को वाशिंग मशीन के पास ले गयी तब तक अमित ने अन्दर से लॉक कर दिया।
सुधा तब तक कोल्ड ड्रिंक्स ले कर आ गयी सभी ने कोल्ड ड्रिंक्स पिया और मनोज रिपेयरिंग में लग गया अमित ने कहा भाभी ये मनोज और मैंने आप जैसी कितनी मशीनों को ठीक किया है जिस भी मशीन को हाँथ लगाया वो काफी अच्छी चल रही हैं कभी कभी हम आयल ग्रीस डाल देते हैं।
सुधा ने कहा कि मेरी मशीन का तुम क्या करोगे तो अमित ने कहा की भाभी आपकी मशीन तो अनमोल है हमारे लिए इसे तो आराम आराम से करेंगे तब तक मनोज ने कहा की भाभी इसे बना देते हैं।
उसने अमित को इशारा किया और सुधा से बोला की आप अपने बाथरूम से कपडे ले आओ साफ़ कर कर टेस्ट करेंगे कि मशीन ठीक से काम कर रहा है की नहीं सुधा बेडरूम के बाथरूम में जाने लगी अमित भी पीछे चल दिया मैं लैपटॉप में सब देख रहा था मुझे गुस्सा आ रहा था किये जरूर आज सुधा के साथ कुछ करेंगे।
वैसे उनकी डबल मीनिंग टॉक सुन कर मैं काफी रोमांचित हो गया मैंने जान लिया की ये आज थीसम के मूड में हैं मेरा एक मूड कर रहा था कि जा कर उन्हें भगाऊं तो दूसरा मन कर रहा था कि सुधा ने तो बाहर का लंड ले ही रखा है दो और ले लेंगे तो क्या हो जायेगा आज दो लड़कों के साथ उसका सेक्स एन्जॉय करूँ इसके बाद सुधा को समझा देंगे।
सुधा बाथरूम में गयी अमित ने कहा की भाभी कपडे मैं ले चलता हूँ बहुत कपडे हैं अमित कपड़ों को बाल्टी में डालने लगा तब तक उसके हाथों में ट्रांसपेरेंट ब्रा और पैंटी आ गए जो काफी महंगे थे।
अमित ने कहा की भाभी आप इसे भी वाशिंग मशीन में ही धोती हैं ये तो काफी महंगे हैं और ख़राब हो जायेंगे सुधा ने कहा की खराब होगा तो दूसरा आ जायेगा कौन हाँथ से साफ़ करे सुधा की सेक्सी ब्रा और पैंटी देख कर अमित काफी गरम हो गया था वैसे सुधा भी ट्रांसपेरेंट निघ्त्य पहनी हुई थी और उसका पूरा बदन दिख रहा था।
अमित ने सुधा के उसे किये हुए ब्रा और पैंटी को छू कर देखने लगा।और लगा उसे सूंघने उसने उन्हें अपने पॉकेट में रख लिया और बोला कि भाभी आप इन्हें उतार कर मुंझे दे दिया करें मैं इन्हें प्यार से धो दिया करूँगा सुधा बोली तुम बिलकुल बेशर्म हो ये कह कर वो अमित के पॉकेट से उसे निकालना चाहा।
और इस दौरान अमित के काफी करीब हो गयी अमित ने सुधा को पकड़ लिया और बोला की भाभी तिन महीनों की मेहनत आखिर रंग लायी बड़ा तरसाया है हमें आपने होली में तो आपको रंग लगाया लेकिन वैसा नहीं जैसे विक्की भैया और भैया के दोस्त ने लगाया सुधा ने कहा की तुम क्या चाहते हो विक्की ने और प्रतीक के दोस्त ने “कुछ भी तो नहीं किया है”।
अब अमित ने कहा की हमने भी खिड़की से देखा था आपको चुदते हुए लेकिन कुछ नहीं कहा सिर्फ इसी पल का इंतजार कर रहे थे हम आज हम भी आपको वही “कुछ नहीं” करेंगे जो उन्होंने किया था।
ये कह कर अमित ने सुधा को बाँहों में लेने लगा और किस्सिंग शुरू कर दिया तब तक उसने मनोज को आवाज दिया सुधा ने कहा की ये क्या बदतमीजी है जाओ यहाँ से तब तक मनोज भी आ गया सुधा ने कहा की मैं शोर मचाऊँगी।
अमित ने सुधा से कहा की भाभी आज हम लोगों से अपने मशीन की आयल पानी चेक करा लो रानी कोई भी तो नहीं है ये कह कर उसने मनोज को सुधा का ब्रा और चड्डी दे दिया मनोज ने उसे सुंघा और चाटना शुरू कर दिया और अपने पेनिस पर रगड़ने लगा।
अमित ने सुधा को बाँहों में भर लिया था उसने कहा की भाभी गजब की माल लग रही हो तुम होली के समय से भी ज्यादा हॉट हो गयी हो ये कह का उसने सुधा की चुचियों को दबाना शुरू कर दिया।
सुधा बोली की अमित ये क्या है मत करो ये सब मुझसे वो तो एक एक्सीडेंट था अमित बोला की आज तुम्हें हम प्यार देंगे तुम जानती नहीं की कितना तरसे हैं हम तेरी जवानी का फल चखने के लिए आज हम दोनों मिल कर तुम्हें चोदेंगे और गांड मारेंगे।
ये कह कर अमित ने कहा की मनोज आज सुधा डार्लिंग को नंगी कर इन्हें देखेंगे और इनके बदन के साथ पूरा खेलेंगे मनोज ने सुधा की नाइटी खोल दी अब वो ब्रा और पैंटी में थी वो भागना चाह रही थी।
लेकिन अमित और मनोज ने आगे और पीछे से सुधा को जकड रखा था अमित पीछे आ गया और सुधा की गांड में लंड ऊपर से ही घुसा दिया और पूरा बदन चूमने लगा उधर मनोज चुचियों को दबाते दबाते लाल कर दिया था चूची एक दम कड़ी हो गयी थी और निप्पल तो फूल गए थे।
दोनों ने ब्रा और पैंटी भी निकाल डाला और लगे चाटने ऊपर से निचे तक सुधा के खिले हुए बदन को मनोज ने कहा की तुम आगे चाटो और मैं इनकी गांड चाटता हूँ सुधा अपने मखमली बदन को दोनों तरफ से चूमने चाटने से एकदम उत्तेजित हो गयी थी।
लेकिन उसने एक बार फिर अमित से कहा की अमित प्लीज मुझे छोड़ दो मैं हाँथ जोडती हूँ तुम लोगों से अमित ने कहा की तुम्हें क्या लगता है तुम्हारे कहने से हम तुम्हें छोड़ देंगे जानेमन जवानी के मजे लूटो देखो दो दो आदमी मिल कर तुम्हें कैसे चोदते हैं मनोज सुधा की गांड में अन्दर तक जीभ डाल दिया और अमित लगा बाछे के सामान सुधा की चूची पिने में वो उँगलियों को उसकी चुत में डाले जा रहा था।गजब सुन्दर गोल मटोल गांड थी।
सुधा की और उसके बूर पर हलकी हलकी झांटे थी वहां असल में मैं झांट पसंद करता था इसलिए सुधा ने रखे हुए थे अब सुधा बिलकुल गरम हो गयी और चिल्लाने लगी अमित ने उसकी चुत चाटना शुरू कर दिया और अपने जीभ से सुधा के बुर के कौउवो को छेड़ने लगे दो तरफ़ा हमले से सुधा के तन बदन में आग लग गयी थी और वो बिलकुल अपने आपे में नहीं थी।
अमित ने मनोज से कहा की मनोज इस माल को पटाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है तुम तो लकी हो की ऐसी माल तुम्हें सिर्फ मेरे दोस्त होने से मिल रही है इस लौंडिया के मैंने सारे नखरे उठाएं हैं इन चुचियों को और इसकी फूली हुई गांड को देख कर कई बार मुठ मारी है।
ये कह कर अमित ने सुधा को फिर से किस करना शुरू कर दिया और उसके जीभ को अपने मुंह में ले लिया और उससे अपना जीभ लड़ाने लगा अब सुधा पूरी जोश में आ चुकी।
अमित ने सुधा से बोला की होली के बाद तो तुम और भी जबरदस्त माल लग रही हो क्या गांड है तुम्हारी इसे तो मैं जरुर मारूंगा बोलो मारने दोगी सुधा ने कहा की मेरे मना करने पर तुम मानोगे लेकिन एक शर्त पर कि तुम इसे फाडोगे नहीं तुम्हारा लंड ८” से कम तो है नहीं और मनोज का भी काफी बड़ा है।
अमित ने पूछा की सबसे अच्छा लंड किसका है तो सुधा ने कहा की तुम्हारा साइज़ और उसकी मोटाई दोनों काफी ज्यादा है अमित ने कहा की आज मैं तुम्हारी झांटों वाली बुर को भी चोदुंगा तुम्हारी बुर अभी भी काफी टाइट है सुधा ने कहा की अब ज्यादा मत सताओ अपना लंड पेलो न मेरी बुर में।
ये कह कर सुधा ने अपनी बाहें अमित की ओर बढ़ाईं अमित ने उसे थाम कर अपनी बाँहों में ले लिया और उसे भींच लिया अब दोनों ने एक दुसरे को चिपकते हुए प्यार किया और अमित ने कहा सुधा अब तुम पैर फैलाओ और मेरे लंड को लेने के लिए तैयार हो जाओ।
अमित बोला सुधा तुम्हारी नाभि भी बड़ी मस्त है अब तुम्हारी बुर से पानी भी निकल रहा है और मेरा लंड भी रो रहा है सुधा के अन्दर जाने के लिए ये कह कर अमित ने सुधा की चुत के मुह पर अपना लंड रखा और रगड़ने लगा सुधा की चुत भी बह रही थी तुरंत उसका सुपाडा बुर में थोडा घुस गया।
अमित धीरे धीरे झटका मार रहा था और मनोज अपने लंड को एकाएक सुधा के मुंह में डाल दिया सुधा घबरा गयी लेकिन वो पहले एक दो बार ओरल सेक्स कर चुकी थी आब उसके दोनों होल में चुदाई चालू थी मनोज तो जोर जोर से उसकी चूची भी दबा रहा था और अब अमित ने एक जबदस्त झटका मारा और लंड पूरा सुधा के अन्दर हो गया था वो तेज रफ़्तार से सुधा को चोदने लगा।
इधर सुधा खूब तेजी से मनोज का लंड मुंह में ले रही थी और उतनी ही तेजी से अमित उसके चुत पर थाप लगा रहा था सुधा अपनी कमर उछाल कर लंड ले रही थी अब मनोज का वीर्य गिरने वाला था और वो अपना लंड उसके मुह से निकाल कर पूरा माल उसकी चुचियों पर गिरा दिया।
अमित अभी भी सुधा को चोद रहा था मैं ये सारी घटना मैं अपने लैपटॉप पर देख रहा था और मैंने एकाएक सोंचा कि सुधा को फ़ोन करते हैं देखते हैं बात करती है की नहीं उसका फ़ोन वहीँ रखा था फ़ोन बजने पर सुधा ने कहा की फ़ोन इनका है।
अमित ने कहा की तुम चुदाते रहो मनोज तुम्हें बात करा देगा मनोज ने एक हाँथ से सुधा की चूची पकड़ी और दुसरे हाँथ से सुधा के कान में फ़ोन लगा दिया सुधा से मैं बात करता रहा लेकिन अमित उसे लगातार चोदता रहा और मनोज चूची मलता रहा सुधा मादक आवाज निकाल रही थी मैं तो उन्हें देख ही रहा था बड़ा मजा आ रहा था।
सुधा को दो दो मर्दों के साथ एक साथ चुदते देख कर एकाएक अमित के लंड से वीर्य का फवारा निकल पड़ा और सुधा के मुंह से निकल गया चोदो न मुझे और वो भी उसके साथ ही स्खलित हो गयी मैं भी अपना लंड निकाल कर मुठ मार दिया बाद में मैंने पुछा की सुधा की तुम मुझे फ़ोन पर चोदने के लिए क्यों बोल रही हो तो उसने बोला की मुझे तुम्हारी याद आ रही थी इसलिए बोली मैं समझ गया की ये पक्की चुदक्कड़ बन गयी है।
अब मनोज ने कहा की अमित मुझे इस लौंडिया की गांड मारने दो अब तब से तुम्हारा गेम देख रहा हूँ मनोज ने सुधा को उल्टा लिटाया और सीधे अपने लंड पर क्रीम लगाया और सुधा की गांड की छेद में और बिना इजाजत के ही बैक डोर में एंट्री मार दी सुधा चिल्लाने लगी क्योंकि उसका लंड ३” से ज्यादा मोटा और ७” लम्बा था।
मनोज ताबड़तोड़ सुधा की गांड मारने लगा और सुधा भी एन्जॉय करने लगी और कहा मनोज मेरी गांड अब फाड़ डालो तब तक अमित ने अपना लंड सुधा के मुंह में डाला और उसकी दोनों चुचियों को दबाते हुए ही झटके मारने लगा और अंत में झड गया मनोज तो सुधा की मक्खन वाली गांड को खूब मारने के बाद उसकी गांड पर ही झड गया।
अब अमित ने सुधा को बाँहों में ले लिया और फिर से उसके रसीले लिप्स को चूमने लगा और बोला सुधा आज मजा आ गया अब तो मुझे तुम्हारे बिना तो रहा नहीं जायेगा सुधा बोली की शाम तक जितना प्यार करना है कर लो कल से नहीं बदनामी का डर है।
अमित ने और मनोज ने ऐसी जबरदस्त हसीना को उस दिन कई राउंड लिया मेरा बुरा हाल था मुठ मारते मारते बाद में जब मैं ऑफिस से घर आया तो सुधा बैड पर लेटी थी और उसने कहा की आज तबीयत ख़राब लग रही है।
मैंने उसे आराम करने दिया और निश्चय किया की कल मैं उससे खुल के बात करूँगा की अब उसे किसी से नहीं चुदवाना है मेरे सिवा लेकिन मैंने काफी एन्जॉय भी किया उनकी चुदाई।
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