This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
सम्पादक – जूजा जी हजरात आपने अभी तक पढ़ा.. जाहिरा- भाई मैं कौन सा लंड चूसती रहती हूँ.. जो मुझे आता है कि कैसे चूसते हैं.. पहली बार तो चूस रही हूँ। मुझसे तो ऐसे ही चूसा जाएगा.. चुसवाना है तो बोलो.. नहीं तो मैं चली।
फैजान- अच्छा अच्छा.. ठीक है.. जैसे भी चूस ले.. ठीक है, कोई बात नहीं.. आहिस्ता आहिस्ता तुझे मेरा लंड ठीक से चूसना भी आ जाएगा। तेरे शौहर तक पहुँचने से पहले तुझे बिल्कुल एक्सपर्ट बना दूँगा.. देखना तू.. जाहिरा- मेरे शौहर के लिए कुछ बाकी छोड़ोगे.. तभी तो जाऊँगी ना उसके पास वर्ना फिर जाने का क्या फ़ायदा? दोनों हँसने लगे.. फैजान- चल अब जल्दी से मेरा पानी निकाल दे ना.. अब आगे लुत्फ़ लें..
जाहिरा- नहीं भाई.. यहाँ पर सब कुछ खराब हो जाएगा.. मैं नहीं निकालती। फैजान- तो मेरा पानी मुँह में ले लेना ना.. जाहिरा- छी: छी: कितनी गंदी बातें करते हो ना तुम.. मैं तुम्हारा पानी अपने मुँह में क्यों लूँ?
अपने भाई का लंड रगड़ते-रगड़ते.. जैसे वो छूटने वाला हुआ तो जाहिरा ने उसका लंड उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही डाल दिया और ऊपर से दबा दिया।
इसी के साथ ही फैजान का पूरे का पूरा पानी उसके शॉर्ट्स के अन्दर ही निकलने लगा। ‘ऊऊऊहह.. आआआ..अह.. सस्स्स्स.. स्सस्स..’ की आवाजों के साथ ही फैजान के लंड ने सारा पानी अपने शॉर्ट्स में ही निकाल दिया। पूरा पानी निकलने के बाद फैजान बोला- जाहिरा तुम बहुत शैतान हो.. देखो तुमने मेरा सारा शॉर्ट्स खराब कर दिया है..
जाहिरा ने उसके शॉर्ट्स को नीचे को खींचा.. और अन्दर हो रही सारी मलाई को फैलते देखा तो हँस कर बोली- अब बहुत अच्छा लग रहा है.. है न? फैजान बोला- कोई बात नहीं.. आज रात को तेरी चूत से सारा बदला लूँगा। जाहिरा- क्या मतलब? फैजान- मतलब यह कि मैं आज ही रात को तेरी कुँवारी चूत चोदूंगा।
जाहिरा- भाई.. आपको शर्म नहीं आएगी क्या.. अपनी ही सग़ी बहन को चोदते हुए? फैजान- जब तुझे अपने भाई का लंड चूसते हुए शर्म नहीं आई.. तो मुझे भी तेरी चूत चोदते हुए कोई शरम नहीं आएगी। जाहिरा हँसते हुए बोली- लेकिन भाई भाभी भी तो हैं ना?
फैजान- उसकी फिकर ना कर.. उसे मैं रात को दूध में नींद की गोली मिलाकर दे दूँगा.. तो खुद ही सोई रहेगी। जाहिरा अपने खुले हुए मुँह पर अपना हाथ रखते हुए बोली- भाई कितने ज़ालिम हो तुम? फैजान- ज़ालिम नहीं.. बेचैन कहो कि कितना बेचैन हूँ तुम्हें चोदने के लिए..
मुझे फैजान के प्लान का इल्म हो चुका था। मैं मुस्कुरा दी.. क्योंकि मैं भी आज जाहिरा को अपने भाई के लंड से चुदवा कर उसका कुँवारापन खत्म करना चाहती थी.. इसलिए मैंने फैजान के साथ सहयोग करने का फ़ैसला कर लिया।
रात के खाने के बाद मैं कमरे में पहले ही आ गई और लेट गई। थोड़ी देर के बाद फैजान आया और मुझे दूध का गिलास और दवा दे कर बोला- यह दवा ले लो.. सुबह तक तबीयत ठीक हो जाएगी।
मैंने उसे दोनों चीजें साइड की टेबल पर रखने को कहा। फिर वो चला गया.. उसकी जाते ही मैंने वो दूध और दवा बाथरूम में गिरा दी और लेट गई।
अब फिर से उठ कर मैंने बाहर झाँका तो दोनों बहन-भाई की मस्तियाँ जारी थीं। टीवी देखते हुए भी वो जाहिरा को अपनी आगोश में खींचे हुए था और उसकी चूचियों से खेल रहा था.. कभी उसको चूम रहा था।
जाहिरा अपनी अदाएं दिखाते हुए उसे तंग कर रही थी ‘भाई.. क्या है ना आपको.. मेरे ही पीछे पड़े रहते हो.. थोड़ा सबर नहीं हो सकता क्या?’ फैजान- नहीं हो रहा ना सबर मुझसे.. मेरा तो दिल कर रहा है कि अभी डाल दूँ तेरी चूत में अपना लंड.. जाहिरा- भाई.. मैं आपको कुछ भी ऐसा-वैसा नहीं करने दूँगी.. पता भी है आपका यह कितना मोटा है.. मेरी तो वैसे ही फाड़ देगा.. जाहिरा ने फैजान के लंड को छूते हुए कहा।
फैजान- हाय मेरी जान.. मुझे तेरी चूत फाड़नी ही तो है.. आज की रात.. जाहिरा- नहीं भाई.. प्लीज़ फिर कभी कर लेना.. आज नहीं.. आज तो भाभी भी हैं ना.. तो ऐसे में ठीक नहीं है ना.. फैजान- अरे कुछ नहीं होता यार.. तेरी खातिर तो उसे नींद की गोलियां दीं हैं.. तू उसकी फिकर ना कर..
चल जा उसे देख कर बता.. सो गई होगी वो.. और फिर थोड़ा मेकअप करके तैयार हो जा.. मैं आता हूँ.. फिर तुझे चोदता हूँ..
जाहिरा मुस्कुराते और शरमाते हुई उठी और कमरे की तरफ बढ़ी.. तो मैं जल्दी से बिस्तर पर लेट गई और सोती बन गई। जाहिरा कमरे में आई और मेरे बिस्तर के पास खड़ी होकर मुझे आवाजें देने लगी- भाभी भाभी..
लेकिन ज़ाहिर है कि मैंने कोई जवाब नहीं दिया.. फिर जाहिरा ने मेरी चूचियों के ऊपर हाथ रख कर आहिस्ता आहिस्ता सहलाते हुए मुझे उठाना चाहा.. लेकिन मैंने कोई जवाब नहीं दिया। जाहिरा का हाथ मेरे जिस्म पर से फिसलता हुआ मेरी चूत तक आ गया और मेरे पजामे के ऊपर से ही मेरी चूत को सहलाते हुए बोली।
जाहिरा- मेरी प्यारी भाभीजान.. आज तो आपके शौहर मेरे भी शौहर बनने जा रहे हैं.. आज भाई का लंड मेरी चूत में भी जाने वाला है.. जैसे आपकी चूत में जाता है.. पता नहीं कैसे होगा यह सब.. और कैसा हो पाएगा..
फिर जाहिरा ने झुक कर मेरे गाल को चूमा। फिर जाकर ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठ गई और मेकअप करने लगी। मैं थोड़ी सी आँखें खोल कर उसे देख रही थी और वो कुछ गुनगुनाते हुए मेकअप कर रही थी। थोड़ी ही देर में दरवाज़ा खुला और फैजान भी अन्दर कमरे में आ गया।
उसने सीधा जाहिरा के पीछे जाकर उसके नंगे कन्धों पर झुक कर चूमा और उसकी गर्दन पर अपनी ज़ुबान फेरने लगा।
जाहिरा ने उसे पीछे को धक्का दे दिया- प्लीज़ भाई.. थोड़ा तो सबर करो ना.. और जाओ वहाँ बिस्तर पर जाकर बैठ जाओ.. फैजान मुस्कुराया- जो हुक्म मेरी शहज़ादी.. ये कह कर बिस्तर पर मेरे पास आकर बैठ गया। वो बिस्तर की पुश्त टेक लगा कर अधलेटा सा होकर मेरी तरफ देखने लगा।
फिर उसने अपने लौड़े को मसलते हुए जाहिरा को आवाज़ दी- आ भी जा.. जल्दी से अब.. जिस तरह बिस्तर पर लेट कर फैजान अपनी बहन को आइने के सामने तैयार होते हुए देख और उसका इन्तजार कर रहा था.. बिल्कुल ऐसा ही लग रहा था जैसे कि वो उसकी बीवी हो और यह उसका चुदास भरा शौहर हो..
तभी जाहिरा स्टूल से उठी और बिस्तर की तरफ आई और बिस्तर के क़रीब रुक कर बोली- भाई हमें दूसरे कमरे में चले जाना चाहिए.. यहाँ भाभी सो रही हैं।
फैजान- अरे नहीं यार.. यहाँ एसी चल रहा है.. उधर गर्मी होगी और तुम इसकी फिकर ना करो.. यह तो नींद की दवा लेकर सोई हुई है। यह कहते हुए फैजान ने जाहिरा का हाथ पकड़ा और उसे बिस्तर पर अपने ऊपर घसीट लिया।
जाहिरा फैजान के ऊपर आ गिरी और फैजान ने उसे अपने बाँहों में कसते हुए चूमना शुरू कर दिया। कुछ देर तक दोनों एक-दूसरे को किस करते रहे।
फिर जाहिरा सीधी होकर फैजान के ऊपर ही दोनों तरफ पैर डाल कर बैठ गई और अपना हाथ फैजान के नंगी छाती पर उसके सीने के बालों में फेरते हुए बोली- भाई क्या सच में आप मेरे साथ यह सब कुछ करना चाहते हैं? फैजान- हाँ मेरी जान.. मैं तो तुझे चोदने के लिए मरा जा रहा हूँ.. जाहिरा- क्या सच में आप मुझे इतना ज्यादा प्यार करते हो?
फैजान उसकी चूचियों से खेलते हुए बोला- हाँ मेरी जान.. इसका सुबूत यह तुम्हारी गाण्ड के नीचे दबा हुआ मेरा लंड भी तो है ना.. जो कि तेरी चूत में घुसने की लिए बेचैन हो रहा है..
फैजान ने जाहिरा के टॉप को पकड़ा और आहिस्ता आहिस्ता ऊपर उठाने लगा और फिर अगले ही लम्हे उसके जिस्म से उतार कर परे फेंक दिया। जाहिरा ने फ़ौरन ही अपने हाथ अपनी चूचियों पर रख लिए तो फैजान बोला- अब मुझसे क्यूँ छुपा रही हो? जाहिरा- भाई वो भाभी की वजह से शरम आ रही है मुझे..
फैजान हँसने लगा और फिर उसे अपने ऊपर थोड़ा झुका कर उसकी खुबसूरत चूचियों के गुलाबी निप्पलों को चूसने लगा। फिर उसने एक मम्मे को अपनी मुठ्ठी में भर लिया और अपना दूसरा हाथ मेरी चूची पर रख कर बोला- जाहिरा तुम्हारी चूची.. तुम्हारी भाभी से छोटी हैं लेकिन तुम्हारी ज्यादा टाइट हैं..
जाहिरा- अरे अरे.. भाई यह क्या कर रहे हो ना.. छोड़ो उनको.. वो उठ जाएंगी। फैजान- नहीं उठेंगी यार.. आओ तुमको इसकी चूचियों खोल कर दिखाता हूँ। यह कहते हुए फैजान ने मेरे टॉप को नीचे खींचा और मेरी चूचियों को भी नंगी कर दिया।
जाहिरा तो पहले भी मेरा सब कुछ देख चुकी हुई थी.. इसलिए उसे हैरत तो नहीं थी.. लेकिन फिर भी वो अपने भाई के आगे ऐसी शो कर रही थी.. जैसे कि पहली बार मुझे नंगी देख रही हो। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
फैजान ने जाहिरा का एक हाथ मेरी चूची पर रखा तो जाहिरा बोली- प्लीज़्ज़्ज़.. भाई ना करो ना.. छोड़ो भाभी को.. आख़िर आप करना क्या चाहते हो? फैजान- सच पूछा तूने.. तो सुन.. मैं तुम दोनों को एक साथ नंगी देखना चाहता हूँ और तुम दोनों को एक साथ चोदना चाहता हूँ। जाहिरा- नहीं नहीं.. भाई ऐसा नहीं हो सकता..
फैजान ने जाहिरा को दोबारा अपनी बाँहों में खींचा और उसे चूमते हुए बोला- हाँ मुझे भी पता है कि ऐसा होना ना मुमकिन है। यह कहते हुए फैजान ने जाहिरा को बिस्तर पर मेरे साथ लिटाया और फिर खुद उसके ऊपर आ गया और ऊपर झुक कर उसके गालों और होंठों को चूमने लगा।
आहिस्ता आहिस्ता उसके जिस्म को चूमते हुए वो नीचे को आने लगा। नीचे आकर उसने जाहिरा के पजामे को भी उतार दिया। अब पहली बार उसकी बहन पूरी की पूरी उसकी आँखों के सामने नंगी थी।
एक लम्हे के लिए फैजान अपनी बहन के नंगे जिस्म को देखता रहा.. फिर उसका हाथ आगे बढ़ा और अपनी बहन की कुँवारी अनछुई और बालों से पाक चूत को सहलाने लगा।
‘इस्स्स.. ईस्स्स्स.. आआहह.. उम्म्म्म्..’
एक मर्द का अपने भाई का हाथ अपनी चूत पर लगते ही जाहिरा की चूत गरम होने लगी और उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगीं।
अपनी सग़ी बहन की चूत पर अपनी उंगली फेरते हुए आहिस्ता आहिस्ता अपनी उंगली को उसकी चूत की दरार में घुसेड़ रहा था और उसकी उंगली पर उसकी अपनी ही बहन की चूत का पानी लग रहा था।
फैजान ने अपनी उंगली ऊपर की ओर जाहिरा को दिखाते हुए कहा- देख.. तेरी चूत कितना पानी छोड़ रही है.. तेरी चूत मेरे लण्ड से चुदने लिए कितनी प्यासी और चुदासी हो रही है। जाहिरा ने शर्मा कर आँखें बंद कर लीं।
आप सब इस कहानी के बारे में अपने ख्यालात इस कहानी के सम्पादक की ईमेल तक भेज सकते हैं। अभी वाकिया बदस्तूर है। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000