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अंकल पोर्न स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने पड़ोसी अंकल की गांड बड़े डिल्डो से मार कर अपनी पुरानी अभिलाषा पूर्ण की. उसके बाद अंकल ने भी मुझे जम कर चोदा.
यह कहानी सुनकर मजा लें.
अंकल पोर्न स्टोरी कहानी के तीसरे भाग पड़ोसी अंकल ने चूत चाट कर चोद दिया में आपने पढ़ा कि
लगभग 15 मिनट गांड मारने के बाद धीरू अंकल के झटके और ज्यादा तेज हो गए तो ही मैं समझ गई कि धीरू अंकल झड़ने वाले हैं. उन्होंने मुझे तुरंत ही घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी गांड में लंड डालकर जोर जोर से हिलाने लगे.
तभी अंकल थोड़ी देर में गांड में ही झड़ गए.
अब आगे अंकल पोर्न स्टोरी:
मैंने देखा मेरी गांड से बहुत सारा पानी निकल रहा है।
फिर अंकल मेरी बगल में आकर लेट गए और मुझे देखकर मुस्कुराने लगे. वे बोले- मुझे पता नहीं था कि तू इतनी जल्दी मुझसे चुदने को मान जाएगी. अगर पहले पता होता तो तुझे कब का चोद दिया होता. जब से तू यहाँ रहने आई है, मेरी नज़र तब से तुझ पर है. लेकिन मेरी जान … तू अपनी बहन को भी मुझसे चुदवा दे ना! मुझे पता है तुम दोनों बहनें साली आपस में लेस्बियन सेक्स करती हो. मैंने तुम दोनों को किस करते हुए देखा है.
तो मैंने हैरानी से पूछा- आपने कब देख लिया हमें किस करते हुए? वो बोले- एक बार जब रात को तुम दोनों बालकनी में किस कर रही थी; तब मैं भी अपनी बालकनी में था; तभी देखा था।
तो मैंने स्माइल करके कहा- तो आपने उस दिन जम कर मुट्ठी मारी होगी? वो बोले- हाँ, उस दिन मैंने 2 बार मुट्ठी मारी थी.
तो मैंने कहा- मुट्ठी मारने की क्या जरूरत थी मुझे आवाज लगा देते; मैं आ जाती. यह सुनकर अंकल हंसने लगे और मेरी गांड पर प्यार से एक थप्पड़ लगा दिया।
थोड़ी देर हम ऐसे ही बात करते रहे. तभी मैंने देखा कि अंकल सो गये.
तो मैंने भी उन्हें जगाया नहीं … क्यूंकि मेरी प्यास शांत हो चुकी थी. अब तो मुझे जो करना था वो तो सुबह ही होगा.
खैर सुबह जब मैं उठी तो बिस्तर पर बस मैं नंगी सोयी हुई थी. अंकल मेरे पास नहीं थे. मैंने उठकर अंकल को कॉल किया और पूछा- आप कहाँ हो? तो वो बोले- मेरे दोस्त आये हुए हैं. मैं अपने घर में हूँ. तो मैंने ओके कहकर फ़ोन कट कर दिया।
तब मैं जाकर नहाने लगी. मेरी गांड में अभी भी हल्का दर्द हो रहा था लेकिन अंकल की चुदाई से मज़ा बहुत आया था।
फिर मैं रोज मर्रा के काम लग गयी और शाम कब हो गयी पता नहीं चला.
शाम लगभग 7 बजे मैं सिर्फ एक टीशर्ट और शॉर्ट्स में थी. अंकल फिर से आ गये.
मैंने जैसे ही गेट खोला, उन्होंने झटके में मेरा बूब दबा दिया और हंसने लगे.
अचानक हुए इस हमले से मैं झटके में रह गयी तो मैंने धीरे से कहा- चूतिया हो क्या? तो वो हंसने लगे और कुछ बोले नहीं.
फिर थोड़ी देर बाद बोले- मेरी जान, आज खाना मत बनाना. आज मैंने खाना बना लिया हैं, शाम को वही खाना खायेंगे। यह कहकर वो चले गये.
तभी मेरे दिमाग में आया कि आज अपने मन की करने का अच्छा मौका है।
फिर शाम लगभग 8.30 बजे अंकल मेरे घर आ गए. उनके हाथ में टिफिन भी था जिसे मैंने उनके हाथ से लेकर रख दिया.
वो भी मेरे पीछे पीछे रसोई में आ गए. मैं रसोई में खाना लगा रही थी.
तभी धीरू अंकल ने मुझे पीछे से आकर पकड़ लिया, मेरे बूब्स दबाने लगे. वे पीछे से मुझे धक्के देने लगे जैसे शॉर्ट्स में ही अपना लंड मेरी गांड के अंदर डाल देंगे. मैंने उन्हें कहा- आप अंदर जाके बैठो, मैं थोड़ी देर में आती हूं.
अंकल मुझे एक बार जोर से किस करके दे वहां से चले गए.
फिर मैंने देखा कि वे बिस्तर पर नंगे बैठे हुए थे। उन्हें देखकर मैंने एक इस्माइल दी और जाकर उनके बराबर में लेट गई.
अब अंकल मेरे टीशर्ट के ऊपर से मेरे बूब्स दबा रहे थे और मुझे किस भी किए जा रहे थे.
फिर उन्होंने अपना हाथ मेरी चूत पर रख दिया और शॉट्स के ऊपर से मेरी चूत को सहलाने लगे. मुझे और भी ज्यादा मजा आ रहा था.
फिर उन्होंने मेरी टीशर्ट निकाल दी और नीचे जाकर मेरे शॉर्ट्स भी मेरे बदन से अलग कर दिया. अब मैं उनके सामने एकदम नंगी पड़ी हुई थी.
उन्होंने फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर में नीचे जाकर मेरे बूब्स चूसने लगे फिर उन्होंने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया. अंकल मेरे पूरे बदन पर चुम्मा चाटी करने लगे.
मुझे भी मजा आ रहा था. मैंने भी एक हाथ से उनका लंड पकड़ लिया और हिलाना शुरू कर दिया.
तभी वे बोले- मेरी जानू, घोड़ी बन जा! आज तेरी चूत पीछे से मारूंगा. मैंने उन्हें कहा- नहीं जानू, आज कुछ अलग करते हैं. और अपना वादा याद है ना … आज मैं करूंगी जो मुझे करना है. और आप नहीं रोकोगे! तब वो बोले- क्या करना चाहती हो? तो मैंने कहा- बस आप 2 मिनट रुको, मैं अभी आती हूं.
मैं बिस्तर से उठ कर बाहर चली गई.
लगभग 2 मिनट बाद जब मैं वापस आई तो मैंने देखा अंकल बिस्तर पर लेटे हुए थे.
मेरे हाथ में एक काले रंग की पट्टी देखकर वे एकदम चौंक गये और बोले- यह क्या है? तो मैंने कहा- आज मैं जन्नत की सैर करना चाहती हूं.
वे बोले- मैं कुछ समझा नहीं! तो मैंने कहा- अभी पता चल जाएगा.
फिर मैंने उनके पास जाकर उनकी आंखों पर पट्टी बांध दी और उनसे कहा- आपने मुझसे वादा किया था कि जो मैं करना चाहूंगी आप मुझे नहीं रोकोगे. तो वे बोले- मैं अपना वादा निभाऊंगा.
मैंने उनके कान में के पास जाकर कहा- मैं आपकी गांड मारना चाहती हूं. यह सुनकर उनकी गांड फट गई.
उन्होंने अपनी आंख से पट्टी उतार दी और बोली- यह क्या कह रही हो? मैंने कहा- मैं यह करना चाहती हूं, यह मेरी बहुत बड़ी इच्छा है.
वे तो जैसे यह सुनकर बिदक ही गए और बोले- ऐसा नहीं हो सकता. मैंने कभी गांड नहीं मरवाई है. और फिर तुम लड़की होकर मेरी गांड कैसे मार सकती हो?
तो मैंने बराबर में ड्रावर में रखा डिल्डो निकाला और अंकल को दिखाया. मैंने कहा- मैं इससे आपकी गांड मारूंगी.
वो मना करने लगे तो मैंने उनसे कहा- अगर आपने आपना वादा नहीं निभाया तो मैं आपको मेरे साथ कभी सेक्स करने नहीं दूंगी. फिर वो ललचाई नजर से मुझे देखने लगे; इशारों इशारों में मुझे मना करने लगे.
लेकिन मैं तो मानने के लिए तैयार ही नहीं थी क्योंकि आज बहुत दिनों बाद मेरी एक इच्छा पूरी होने जा रही थी. तभी मैंने कहा- नहीं आपको मुझसे गांड मरवानी ही पड़ेगी. वरना मेरे साथ सेक्स करना तो भूल ही जाओ.
तो वे बोले- ठीक है. मगर प्यार प्यार से करना! मैं खुश हो गयी और प्यार से उनको किस कर दिया. मैंने कहा- हां, बहुत प्यार से करूंगी.
फिर मैंने डिल्डो को अपनी कमर पर बांध लिया और अंकल को घोड़ी बनने के लिए बोला. अब हम कल घोड़ी बन चुके थे मैंने पीछे से जाकर थोड़ी देर तक उनकी गांड पर डिल्डो को रगड़ा।
मैंने उनकी गांड को फैला दिया जिससे मुझे उनकी गांड का छेद साफ साफ दिखाई दे रहा था. उनकी गांड का छेद थोड़ा काला था लेकिन वह बहुत ही छोटा सा छेद था.
मैंने सोचा कि अगर मैंने यह डिल्डो एक झटके में इनकी गांड में डाल दिया तो इनकी गांड बुरी तरीके से फट जाएगी. यह सोचकर भी मुझे हंसी आ गई.
फिर मैंने डिल्डो पर थोड़ा सा थूक लगाया और उनकी गांड पर भी लगा दिया.
तब मैंने डिल्डो उनकी गांड के छेद पर रखा और धीरे धीरे अंदर डालना शुरू किया.
अभी तक डिल्डो का सिर्फ एक इंच ही अंदर तक गया था कि धीरू अंकल की गांड फट गई और वे जोर से चीख पड़े. क्योंकि डिल्डो तो बहुत मोटा था इसीलिए धीरू अंकल की गांड फट गई थी.
मैंने अपना मुंह आगे करके उनको किस करना शुरू कर दिया जिससे उनकी आवाज बाहर ना निकले. मैं पीछे से धीरे-धीरे धक्का दे रही थी जिससे धीरे-धीरे डिल्डो और ज्यादा अंदर जा रहा था.
लेकिन जैसे-जैसे डिल्डो अंदर जा रहा था धीरू अंकल की जान हलक में आ रही थी. अंकल की आंखों से आंसू आ गए थे. वे रो रहे थे.
लेकिन उनके रोने में भी मुझे मजा आ रहा था.
मैंने धीरे धीरे कर के लगभग आधा डिल्डो उनकी गांड में उतार दिया. पूरा डिल्डो तो उनकी गांड में जा ही नहीं सकता था इसीलिए मैंने आधा डिल्डो डालकर ही मजा लेने का सोचा.
अब मैं धीरे-धीरे धक्का दे रही थी.
धीरू अंकल को दर्द भी हो रहा था लेकिन वे कुछ कर भी नहीं सकते थे.
मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उनके लंड को पकड़ लिया और उसको हिलाने लगी. फिर मैंने उनके बालों को पकड़कर धक्का देना शुरू किया.
आज मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई लड़का हूं और किसी लड़की को चोद रहा हूं. यह सच में एक बहुत ही रोमांच कर देने वाला मौका था. मुझे बहुत मजा आ रहा था.
मैंने सोचा काश मैं भी लड़का होता और मेरे पास भी लंड होता तो मैं भी ऐसी कई लड़कियों को चोदता!
लगभग 10 मिनट गांड मारने के बाद अंकल बोलने लगे- बस अब और नहीं ले सकता. वरना मैं मर जाऊंगा.
क्योंकि मैं भी थक गई थी इसलिए मैंने कहा- ठीक है, अब मैं आपकी गांड और नहीं मारूंगी. मुझे जो मजा लेना था वह मैंने ले लिया.
फिर मैंने अंकल की गांड में से डिल्डो निकाल दिया.
जैसे ही डिल्डो गांड में से निकला, धीरू अंकल एकदम बिस्तर पर लेट गए और अपनी गांड को सहलाने लगे. मैंने भी डिल्डो को अपनी कमर से निकाल दिया और जाकर उनकी कमर से लिपट गई.
मैं धीरे-धीरे उनकी गांड को सहलाने लगी और उनके बालों पर हाथ फेरने लगी
मैंने अंकल को बताया- आज आपने मेरी बरसों पुरानी इच्छा को पूरा कर दिया.
यह सुनकर धीरू अंकल थोड़े शांत हुए और थोड़े से मुस्कुरा भी दिये. हालांकि मैं जानती थी यह मुस्कुराहट सिर्फ मुझे दिखाने के लिए है क्योंकि उन्हें बहुत दर्द हो रहा होगा.
फिर मैंने कहा- चलिए अब आप मेरी चुदाई कीजिए! अब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हो रहा है.
मैंने धीरे अंकल को अपने ऊपर लेटा लिया और उनका लंड पकड़ कर अपनी चूत में सहलाने लगी.
क्योंकि उनका लंड पहले से ही खड़ा था तो उन्होंने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में उतार दिया.
मुझे हल्का सा दर्द हुआ और मैं बस ‘आअह्ह आअह्ह उफफ अम्मी आह आएईई जानू आराम से चोदो!’ करके रह गई.
वे जोर जोर से मेरी चूत में झटके दे रहे थे जैसे कि वे अपनी गांड चुदाई का बदला ले रहे हों.
पर मुझे तो इस चुदाई में और ज्यादा मजा आ रहा था.
धीरू अंकल ने लगभग 15 मिनट तक जमकर चुदाई की. इस बीच में लगभग 2 बार झड चुकी थी.
मेरी चूत से बहुत सारा पानी निकला. फिर अंकल जो कि मुझे बिना कंडोम के चोद रहे थे, वे बहुत देर से झटके मारने लगे.
मैं समझ गई कि अंकल झड़ने वाले हैं. मैंने तुरंत ही उन्हें अपने से दूर कर दिया और उनका लंड मुंह में लेकर चूसने शुरू कर दिया.
फिर अंकल मेरा सर पकड़ कर मेरे मुंह को चोदने लगे.
मैं समझ गई कि वे बहुत जल्दी झड़ने वाले हैं. वे इतनी जोर जोर से मेरे मुंह को चोद रहे थे कि मेरी आंखों से आंसू आ गए. अंकल मुझे सांस लेने का मौका भी नहीं दे रहे थे.
फिर लगभग 3 मिनट बाद उनके झटके और तेज हो गए और उन्होंने आःह्ह करते हुए अपना सारा पानी मेरे मुंह में निकाल दिया. उन्होंने बहुत सारा पानी निकाला था जिसे मैं पूरा पी गई.
फिर उस रात हमने एक बार और चुदाई की और हम जाकर सो गए.
उसके बाद से तो हमारी हमारा रोज का ही काम हो गया था, अंकल रोज मेरे घर आ जाते और मेरी चुदाई करते।
बाद में मैंने धीरू अंकल और उनके दो दोस्तों के साथ एक साथ चुदाई भी की.
लेकिन वह कहानी मैं आप लोगों को बाद में बताऊंगी. तब तक आप लोग अपना प्यार मुझे वैसे ही देते रहिएगा।
तो दोस्तो, आपको मेरी अंकल पोर्न स्टोरी कैसी लगी? आप अपने विचार मुझे मिल करके जरूर बताइएगा. आगे की कहानी भी मैं जल्द ही लिखूंगी जिसमें और भी मजा आएगा आप लोगों को! यह मेरा वादा है.
अपने मुझसे आप अपने विचार मुझे [email protected] पर सेंड कर सकते हैं. और साथ ही आप लोग मुझसे फेसबुक पर fehmina.iqbal.143 का प्रयोग करके भी जुड़ सकते हैं. धन्यवाद। [email protected]
आगे की कहानी: कोरोना काल में सामूहिक चुदाई- 1
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