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अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरा प्रणाम। सभी भाभियों, आंटियों को लड़कियों के चूत के छेदों पर जलगांव ब्वॉय का प्यार भरा चुम्मा।
आप सभी ने मेरी दोनों कहानियों को बहुत प्यार दिया, आप सभी का आभारी हूँ। महिलायें अपने ईमेल के द्वारा मुझे बहुत प्यार जता रही हैं, आप सभी महिलाओं का शुक्रिया! आपका भरोसा हमेशा कायम रहेगा, यह जलगांव ब्वॉय का प्यारी सेक्सी गर्म महिलाओं से वादा है।
आज पेश है आपके लिए.. और भी रोचक और मस्ती मजाक से भरी एक कहानी। आज इस कहानी को लिखने का मेरा उद्देश्य आप तक सेक्स के ज्ञान को आप तक हँसी-ख़ुशी पहुँचा सकूँ और इस ज्ञान से अगर कोई भाई या बहन अपना जीवन सुंदर बना सके.. तो मेरा यह जीवन धन्य हुआ.. ऐसा समझना मूर्खता नहीं होगी। कहानी की शुरूआत में आपको थोड़ी बोरियत लगेगी.. पर पूरी कथा ध्यान से पढ़ें। आप सभी इस बात का ध्यान रखें कि कहानी काल्पनिक है, सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए लिखी गई है।
मित्रों, किसी एक पुराने जमाने में अजबनगर नाम का गाँव था। वो गाँव खेती पानी से लबालब था। हर इंसान मेहनती था। हर कोई सुबह अपने खेत पर जाकर मेहनत मजदूरी करता था। चूंकि गाँव होने की वजह से उधर सबकी शादी कम उम्र में ही हो जाती थी।
ठीक वैसे ही एक मेहनती और अच्छे दिल के इन्सान मुरली की शादी एक बहुत सुंदर लड़की वैशाली से हुई। वैशाली हँसमुख और घर के तौर-तरीके रीति-रिवाज.. इन सब में काफी तेज थी। सबकी सेवा.. खाना बनाना और साथ में घर के जानवरों की देखभाल भी करती थी।
सब वैशाली से खुश थे। नई-नई शादी हुई थी.. तो मुरली और वैशाली की रात तो मस्ती में ही गुजरती थी। मुरली था मस्त चोदू आदमी, रोज रात में वैशाली की चूत 2 बार मारने के बाद ही सोता था। वैशाली को भी अपनी चूत मरवाने में मजा आता था, देखते-देखते अब वैशाली गर्भवती हुई और अब बच्चा भी हुआ।
इतने दिनों घर में रहने के बाद वैशाली अपनी सास की तरह धार्मिक कर्मों में व्यस्त होने लगी। व्रत करना, उपवास करना.. पूजा करना इन सभी बातों में इतना ध्यान देने लगी कि उसे अपने चोदू पति के तरफ ध्यान ही नहीं रहा।
उसका मानना था कि चुदाई सिर्फ बच्चा पैदा करने के लिए करते हैं। इस कारण अब चोदू मुरली को महीनों चोदने नहीं मिलता था और वैसे उसे बाहर किसी से लफड़ा करना पसंद नहीं था, वो इन बातों से दूर ही रहता था, संस्कारी खानदान से जो था।
उसका हमेशा चोदने वाला लंड अब उसे चैन से बैठने नहीं देता था। वैशाली उसे हाथ तक लगाने नहीं देती थी। रोज कोई व्रत उपवास या पूजा का कारण हाजिर था।
उसी समय गाँव में एक नए साधू महाराज की एंट्री हुई। जैसे ही वैशाली और उसकी सास को पता चला कि गाँव में एक साधू महाराज आए हुए हैं, दोनों वहाँ जाने के लिए सोचने लगी।
अब तो मुरली मन ही मन में अपनी किस्मत को कोसने लगा, पहले ही उसका चोदने का अकाल पड़ा हुआ है और अब इस चुदाई की सूखी घड़ी में ये कौन से साधू बाबा जी को भी अभी ही आना था।
अब दोनों सास-बहू वहाँ बाबा जी के पास गईं। वहाँ पर उन्हें बाबा के ज्ञान की वजह से बाबा पर बहुत विश्वास और बढ़ गया। गाँव के सभी लोग उनके दर्शन के लिए भीड़ लगाने लगे। भीड़ को देख कर बाबा ने वहीं ठहरने का निश्चय किया और रोज शाम को प्रवचन का कार्यक्रम रखा।
पूरा गाँव शाम को सब काम और खाना निपटा कर प्रवचन पर पहुँच गए। िअब मुरली भी न चाहते हुए प्रवचन पर गया। अपना उदास चेहरा लेकर बाबाजी के ठीक सामने बैठा।
बाबा के प्रवचन सुनकर पूरा गाँव जैसे खुशी की लहर में और मोक्ष के आनन्द में डोलने लगा.. पर बाबाजी का ध्यान दु:खी मुरली पर पहले से ही था।
प्रवचन के बाद बाबाजी ने खुद उसे बुलाया और उसकी नाराजगी का कारण पूछा। मुरली ने उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। मुरली मन ही मन दु:खी हुआ कि आज तक उसका दुःख किसी ने पूछा नहीं और अब पूछा तो बाबाजी ने। अब बाबाजी को मैं अपनी चुदाई न कर पाने का कारण कैसे बताऊँ। इस धार्मिक व्यक्ति को चुदाई की बात को मैं कैसे बताऊँ।
बाबा उससे बोले- वत्स.. चिंता छोड़ो और मुझे अपने दुःख का कारण बताओ। मुरली ने भीगी आँखों से और खड़े लंड से अपनी कामभावनाओं की सब आपबीती बाबाजी को बताई।
बाबा ने उसकी पत्नी नाम पूछा और यह विश्वास दिलाया कि जब तक बाबाजी यहाँ हैं तब तक उसकी समस्या खत्म करके ही रहेंगे। उस दिन मुरली भी बड़े विश्वास के साथ अपने घर पहुँचा।
दूसरे दिन सुबह 5 बजे ही वैशाली और उसकी सास सुबह-सुबह बाबा के पास पहुँची। भगवान के दर्शन के बाद दोनों ने बाबाजी के चरण-स्पर्श कर उनके चरणों का अभिषेक किया।
फिर बाबा ने उन दोनों से उनके बारे में पूछताछ की। जैसे हो वैशाली की सास ने वैशाली का नाम बताया.. बाबा को मुरली की कल की बात याद आ गई।
बाबा ने वैशाली से पूछा- तुम्हारे घर वाले का क्या नाम है? तो वो शर्मा गई और उसकी सास ने मुरली के बारे में बताया।
बातों-बातों में वहाँ सुबह-सुबह बाबा के दर्शन करने मुरली भी वहाँ अपने आप पहुँच गया। वैशाली और उसकी सास दोनों बहुत खुश हुए.. क्योंकि मुरली इन बातों पर ध्यान नहीं देता था.. पर आज खुद वो बाबाजी के पास आशीर्वाद के लिए आया है।
फिर मुरली ने बाबा को अपने घर खाने का आमंत्रण दिया। बाबा ने मुरली की समस्या को ध्यान में रखते हुए घर आने का निमंत्रण स्वीकार किया। पर वैशाली की सास उसके सामने बाबा वैशाली को कैसे मुरली की परेशानी बताते।
बाबा ने कुछ विचार किया.. विचार करते देख कर वैशाली की सास बोली- क्या हुआ बाबा जी.. आप सोच-विचार में क्यों पड़ गए हैं?
बाबा ने कहा- यहाँ इस मंदिर में आज के पावन अवसर पर अगर तुम शाम तक सेवा करो.. तो उत्तम रहेगा।
वैशाली की सास तुरन्त मान गई और उसने अपने बहू और बेटे को घर पर ठीक से बाबा जी की सेवा करने का कह कर बाबा जी के डेरे पर खुद रुकने की ठान ली।
दोपहर में बाबा जब घर पहुँचे तो दरवाजे पर मुरली अपनी आस लगाए बैठा था कि कब बाबा आएंगे और मुरली का काम करेंगे.. साथ ही उसके मन में काफी सवाल भी थे.. पर अपने चोदू लंड की ठरक में उसने आगे का सोचना बंद किया।
दोनों पति-पत्नी ने बाबा जी की खूब सेवा की.. पैर भी धोए। पैर धोते-धोते बाबा जी जोर से बोल उठे- बंद करो यह ढोंग..!
वैशाली और मुरली डर गए। वैशाली बोली- क्या हुआ बाबा जी.. हमसे कोई भूल हुई क्या.. आपको कोई तकलीफ पहुँची क्या? बाबा बोले- हे मूर्ख बालिके.. तुम मुझे छूना भी मत.. तुम्हारे भाग्य में पति सेवा का पुण्य ही नहीं है। मुरली सब सुधबुध गंवाकर हाथ जोड़े खड़ा था।
वैशाली बोली- नहीं बाबाजी.. मैं इनकी खूब सेवा करती हूँ.. इन्हें तो मैंने एक बच्चा भी दिया है.. आप खुद इन्हीं से पूछ लो। बाबा ने कहा- इसका लटका हुआ चेहरा ही बोल रहा है कि इसे कोई शरीर का सुख है ही नहीं.. यह अतृप्त है और मैं ऐसे अतृप्त लोगों की सेवा नहीं लेता। यह गृहस्थ धर्म का एक मुख्य भाग है। बोलो.. क्या मैं झूठ बोल रहा हूँ..?
अब मुरली को समझ में आया कि बाबा क्यों चिल्लाए थे। मुरली बहुत खुश भी हुआ। झट से बाबा जी के चरणों पर गिर पड़ा और बोला- धन्य हो बाबाजी.. आप तो अंतरज्ञानी हो.. मुझे साक्षात भगवान मिले.. आज मेरा जन्म सफल हुआ।
इधर वैशाली को जैसे साप सूँघ गया हो। उसे ठीक से याद आया कि मैं सच में.. अपने पति को सुख से वंचित रख रही हूँ। पर उसके मन में भी अब की सवाल पैदा हुए। जैसे कि चुदाई तो सिर्फ बच्चे पैदा करने के काम आती है और मैंने तो पहले ही एक बच्चा जन कर दिया है।
वैशाली ने हिम्मत करके पूछा- बाबा जी आप किस बारे में बात कर रहे हो.. मुझे नहीं पता। बाबा बोले- तुम जान कर भी अनजान बन रही हो। तुमने अपने पति के साथ अन्याय किया है। किसी नर्क में भी तुम्हें कोई जगह नहीं मिलेगी।
वैशाली डरते-डरते रोने लगी, मुरली अभी तक पैरों में पड़ा था।
‘तुमने घोर पाप किया है.. अपने पति को उसके हक के प्रेम को कुचला है।’
वैशाली बोली- नहीं बाबा जी नहीं.. मैं मर जाऊँगी। मैंने अब तब जो भी किया.. वो सब अपने परिवार के लिए किया.. बाबजो बोले- डरो नहीं पुत्री.. मैं तुम्हें आज वैवाहिक जीवन की गुरुकिल्ली बताता हूँ।
अब मुरली और वैशाली के चेहरे पर चमक आई और दोनों अपने आंसू पोंछ कर बाबाजी के सामने बैठ गए। अब बाबाजी अपने प्रवचन की शुरुआत करते हैं।
चुदाई के लाभ- श्री श्री 1008 जलगाँव ब्वॉय चोदूराम जी के प्रवचन का अंश बोलो बाबा जी की जय…
क्या मर्द और क्या औरत, चुदाई करने की इच्छा सभी को होती है। बिना चुदे चूत में खाज आती है और बिना चोदे लंड बेकार हो जाता है। इसलिए भक्त जनों आज हम चुदाई के लाभ जानने की कोशिश करेंगे। चुदाई के लाभों को हम निम्न भागों में बाँट देते हैं-
1) वैज्ञानिक लाभ 2) चिकित्सकीय लाभ 3) सामाजिक लाभ 4) अन्य लाभ
आइए अब विस्तारपूर्वक सभी भागों पर चर्चा करें।
1) वैज्ञानिक लाभ- * नियमित चुदाई से स्त्रियों को मासिक धर्म सही समय पर आते हैं। * अगर पुरुष चुदाई करते समय अच्छे आसन एवम मुद्राएँ प्रयोग करे तो समझिए पूरे शरीर का व्यायाम हो गया। * यदि लंड मोटा ओर लंबा हो तो चूत के भीतर गहराई तक जा कर पूरी चूत की अच्छी तरह सफाई कर देता है। * नित्य चुदवाने से डॉक्टर की आवश्यकता नहीं रह जाती है तथा स्वास्थ उत्तम रहता है।
2) चिकित्सीय लाभ- *नियमित चुदाई से शरीर की अतिरिक्त वसा कम होती है तथा इससे आपका शरीर स्वस्थ रहता है। * अच्छी चुदाई से मानसिक तनाव दूर होता है। * चुदाई ज़ोरदार हो तो उससे साथी के प्रति अपनत्व एवम निकटता की भावना प्रबल होती है। * डॉक्टर कहते हैं.. चुदाई से शरीर में Hormone Estrogen उत्पन्न होता है, जो बालों और त्वचा के लिए उत्तम होता है। * चुदाई के बाद नींद अच्छी आती है और अगली सुबह व्यक्ति ताज़गी और स्फूर्ति का अनुभव करते हुए उठता है।
3) सामाजिक लाभ- * अच्छी तरह चुदाई के बाद कुछ समय तक पुरुष की इच्छा सेक्स के प्रति नहीं रहती, अत: अच्छी चुदाई के बाद दैहिक शोषण जैसे घिनौने कुकर्म से छुटकारा मिल सकता है। * चुदाई के समय कुछ खाया-पिया नहीं जाता। लंबे फोरप्ले के बाद ज़ोरदार चुदाई.. मतलब चुदाई करते रहो, देश का खाद्यान बचाते रहो। * अच्छी तरह चुदाई करने वाले नवयुवक गांडू (गे) नहीं होते, आदर्श समाज के लिए ये आवश्यक है। * भारत में अधिकतर चुदाई अंधरे में और अपने घर में होती है, जिससे बिजली और पेट्रोल की बचत होती है और बिजली और पेट्रोल की बचत ही इसका उत्पादन है। * अधिकतर लोग चुदाई करते समय सेलफोन को ऑफ कर देते हैं। इससे सेलफोन से होने वाले दुष्प्रभावों से कुछ समय के लिए मुक्ति मिल जाती है। * चुदाई के समय अच्छे-अच्छे वादे किए जाते हैं.. जिसे लोग निभाने की भी कोशिश करते है।
इस प्रकार आपने देखा कि चुदाई केवल शारीरिक आनन्द प्राप्त करने का ही साधन नहीं.. अपितु एक सम्पूर्ण अनुभव है। आशा है आप सभी इस जानकारी से लाभान्वित होंगे।
अब तो वैशाली और मुरली बाबाजी के इस प्रवचन से खूब ज्ञान प्राप्त किया।
वे दोनों नतमस्तक होते हुए बाबा जी से बोले- हे पूज्य गुरुदेव.. श्री श्री 1008 जलगाँव ब्वॉय चोदूराम जी.. आप हम पति-पत्नी को और हमारे जैसे ही सभी दम्पतियों को इस चुदाई ज्ञान का और ज्यादा अमृत पान करवाएं.. जिससे हम और सभी दम्पति अपना प्रेम मिलन और वैवाहिक जीवन का आनन्द उठा सकें।
वैशाली अब बड़े जोर से बोली- बोलो श्री श्री 1008 जलगाँव ब्वॉय चोदूराम बाबा की जय..
अब बाबा श्री श्री 1008 जलगाँव ब्वॉय चोदूराम जी.. दोनों पति-पत्नी के इस प्रकार अपनी भावना प्रकट करने की वजह से और खुश हुए। उन्हें ऐसा लगा जैसे उनका जीवन सार्थक हुआ।
‘भक्तों अवश्य.. मैं आगे तुम्हें काम-ज्ञान के फायदे बताता हूँ। इसका तुम दुःखी दम्पतियों में जरूर विस्तार से बखान करना…’
4 अन्य बातें
1- इंसान का लंड और सरकारी काम हमेशा लटकता रहता है। 2- चूत और दूध के फटने पर हमेशा औरत चिल्लाती है। 3- सांप और गांड जहाँ भी मिले तुरंत मार दो। 4- गरीब और चूचे हमेशा दबते हैं। 5- नई दुल्हन और नई गाड़ी किसी दोस्त को दो.. तो ठोक के ही देता है। 6- मुसीबत और लंड कभी भी खड़े हो सकते हैं। 7- ब्रा और किस्मत कभी भी खुल सकती है। 8- समंदर और चूत की गहराई को नापा नहीं जा सकता। 9- चूत और दारू कभी भी जूठे नहीं होते। 10- नई चूत और भूत किस्मत वालों को ही दिखते हैं। 11- लड़की और ऑडियो कैसेट दोनों साइड से बजानी चाहिए। 12- लंड और पानी अपना रास्ता खुद बनाते हैं। 13- गांड और दूध के फटने की आवाज नहीं आती। 14- सेक्स और टैक्स आदमी को पागल बना देता है।
मुरली बाबाजी जी के इस प्रवचन से काफी खुश हुआ.. पर प्रश्न भरी नजरों से अपनी पत्नी की तरफ देखने लगा।
झट से वैशाली बोली- बाबा जी जाने अंजाने में बहुत बड़ा पाप करने वाली थी। आपने आज मेरा जीवन सफल किया.. मेरा पति मेरा परमेश्वर.. घर पर दुखी और प्यासा है.. मुझे नहीं पता था। पर अब मैं इन्हें बहुत ख़ुशी और प्यार दूँगी।
बाबाजी ने अपना खाना खाया.. आशीर्वाद दिया और चलते बने।
तो आंटियों भाभियों और लड़कियों कैसी लगी मेरी मस्ती वाला प्रवचन युक्त कहानी।
शायद आपकी चूत मचलने लगी है.. आप कहो तो चाट कर आपका पानी निकाल दूँ। आप मेल जरूर करें। [email protected]
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