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दोस्तो, मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं। यह कहानी मैं सिर्फ़ किसी एक के लिए ही लिख रहा हूँ। मैं पंजाब के चंडीगढ़ का रह वाला हूँ शादी के बाद मैं अपनी बीवी के साथ मोगा शहर में रहने लगा था।
यह बात आज से 2 साल पहले की है जब मेरी शादी हुई ही थी कि एक टेलीफोन कंपनी में काम करने वाली पूनम नाम की लड़की के साथ मेरी बात फिट हो गई, हम दोनों छुप कर मिलने लगे.. पूनम के घर में उसके मम्मी-पापा और एक बड़ा भाई था। उसके भाई ने इलेक्ट्रॉनिक का डिप्लोमा किया हुआ था, उसने किसी नौकरी के लिए फार्म भरा था.. और उसके इंटरव्यू का लैटर आया।
वो इंटरव्यू पंजाब से बाहर था.. उसके पापा को पहले ही अपने काम के सिलसिले में बाहर जाना था.. फिर उसकी मम्मी उसके भाई के साथ चली गईं। वो लोग सुबह 7 बजे चले गए.. ये सब पूनम ने मुझे एक दिन पहले ही बता दिया था.. तो प्लान के मुताबिक मैं 7.15 पर उसके घर पहुँच गया।
मेरा पूनम के साथ यह पहला मौका था। वो अभी तक नई ही थी.. उसने कभी किसी के साथ पहले सम्भोग नहीं किया था.. जब मैं उसके घर पहुँचा.. तो मैंने अन्दर जाते ही उसे अपनी बाँहों में भर लिया और उसके होंठों पर किस करने लगा।
वो भी मेरी इस हरकत का जवाब दे रही थी, उसने मुझसे कहा- समीर मुझे कुछ हो रहा है।
मैं पूरे जोश में था.. मैंने उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर हाथ रख दिया।
उसने मुझे काफ़ी रोकने की कोशिश की लेकिन यारों मैं नहीं माना। फिर मैं धीरे-धीरे अपना मुँह उसके चूचों पर ले गया.. उसकी सिसकारियां छूट पड़ीं। वो तो जैसे पागल सी हो गई और वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी।
मैंने मौका देख कर उसका नाड़ा खोल दिया। उसने अन्दर काले रंग की पैन्टी पहनी हुई थी.. जो उसके गोरे जिस्म पर चार चाँद लगा रही थी। मैं अपना हाथ उसकी पैन्टी के ऊपर चलाने लगा.. उसका हाथ भी अब मेरे लण्ड पर था, वो पैन्ट के ऊपर से ही मेरे लवड़े को सहला रही थी।
मैंने जल्दी से अपनी पैन्ट उतार फेंकी और साथ में टी-शर्ट भी उतार दी। अब मैंने पूनम का कुर्ता भी उतार फेंका अब वो सिर्फ़ काली ब्रा और पैन्टी में थी और मैं सिर्फ़ अपने अंडरवियर में था। मैंने अपना मुँह उसकी फुद्दी पर रखा.. वो बिलबिला उठी और उसके मुँह से सिसकारियां ज़ोर-ज़ोर से निकलने लगीं।
मैंने धीरे से उसकी पैन्टी उतार दी.. वाह.. क्या फुद्दी थी उसकी… एक भी बाल नहीं था.. मेरा तो मन कर रहा था कि सारी फुद्दी खा जाऊँ.. पर कैसे खा सकता था अभी उसे चोदना भी तो था। फिर मैंने अपने आपको संभाला और अब मैंने अपना लवड़ा पूनम से चुसवाने का सोचा और जानबूझ कर 69 की अवस्था में हो गया।
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि मेरा फार्मूला काम कर रहा है।
उसने मेरे अंडरवियर पर चूमना चालू कर दिया है.. वो बहुत ही गरम हो रही थी। उसने बिना सोचे समझे मेरा अंडरवियर उतार फेंका। जब उसने मेरा 7″ लंबा और 3″ मोटा लण्ड देखा.. तो वो सहम गई.. मैंने मौका देखा और उसकी चूत को पागलों की तरह किस करने लगा।
अब उससे भी रहा नहीं गया.. उसने भी मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेना चाहा.. पर लण्ड थोड़ा मोटा होने की वजह से मुँह में नहीं जा रहा था। फिर उसने लण्ड पर ज़ोर-ज़ोर से किस करना शुरू कर दिया, वो मेरे सुपारे को ज़ोर-ज़ोर से किस कर रही थी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. मुझसे अब सहन नहीं हो रहा था। मैंने जल्दी से उसकी ब्रा निकाली और सीधा होकर उसको किस करने लगा।
वो मेरी आँखों में नहीं देख रही थी.. उसको शरम आ रही थी।
अब मैंने ज्यादा रुकना ठीक नहीं समझा.. मैंने उसकी दोनों टाँगों को अपनी कमर पर सैट किया और एक ज़ोर के धक्के से अपने लण्ड को उसकी फुद्दी में आधा घुसेड़ दिया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! वो ज़ोर से चिल्लाई.. मैंने जल्दी से अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया.. वो मुझे कहने लगी- मुझे छोड़ दो प्लीज़.. समीर बहुत दर्द हो रहा है.. मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूँ।
लेकिन मैं कहाँ मानने वाला था.. मैंने उसके होंठों को प्यार किया और समझाया- मेरी जान पहली बार दर्द तो होगा ही.. लेकिन बाद में मज़े ही मज़े हैं। उसे मेरी किसी बात पर भरोसा नहीं हो रहा था। इतने में मैंने दूसरा झटका मारा.. इस बार मैंने कुछ ज़्यादा ही ज़ोर लगा दिया था। मेरा पूरा लण्ड उसकी फुद्दी को चीरता हुआ उसकी बच्चेदानी से जा टकराया।
उसकी आँखों में आँसू आ गए.. वो झटपटाने लगी। मैंने उसको कस कर अपनी बाँहों में पकड़ लिया और उसके चूचों पर अपना मुँह रख कर किस करने लगा। थोड़ी ही देर बाद उसे भी अच्छा लगने लगा.. अब वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैं अपना लण्ड पूरा बाहर करता और एक ही झटके के साथ फिर अन्दर कर देता था। अब उसे भी मज़ा आ रहा था.. वो मेरा पूरा साथ नीचे से झटके लगा कर दे रही थी।
वो बोल रही थी- समीर आज तुमने मुझे औरत बना दिया है.. मैं अब तुम्हारी हूँ.. मेरे समीर.. और जोर से करो..आह्ह.. वो ये बातें काफ़ी जोश में कह रही थी और काफ़ी हाँफ रही थी ‘आआअऊऊ.. और ज़ोर से करो… समीर मेरी जान.. आह.. आ.. उफु..’
काफ़ी देर के बाद मैं झड़ने को हुआ.. मुझे याद ही नहीं रहा और मैंने अपना माल उसकी फुद्दी में ही छोड़ दिया। वो भी मेरे साथ ही झड़ गई।
हम ऐसे ही एक-दूसरे के ऊपर कुछ देर पड़े रहे.. जब हम अलग हुए तो उसने मुझे बहुत चुम्मियां की.. और उस दिन हमने कई बार चोदन किया।
शाम के 7 बज गए थे.. मैंने उसको किस किया और अपने घर के लिए रवाना हो गया। वो बहुत ही खुश थी और मैं भी..
करीब 8 बजे मुझे पूनम का फोन आया कि मम्मी और उसका भाई बस स्टैंड पर हैं.. दस मिनट में घर पहुँच जाएँगे।
फिर यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा करीब डेढ़ साल तक.. फिर एक दिन मेरी पत्नी को इसके बारे में पता चल गया। वो मुझे छोड़ कर चली गई। अब हमारा तलाक़ भी हो गया है.. सच कहूँ तो मुझे पूनम से सच्चा प्यार हो गया है।
फिर पूनम के घरवालों ने उसकी मर्ज़ी के बिना उसकी शादी देहरादून पक्की कर दी। हम दोनों उसकी शादी से पहले काफ़ी बार मिले.. पर उसकी शादी हो गई।
उसकी शादी की सेज़ पर उसके अरमान चूर-चूर हो गए। वो आज भी मुझे बहुत प्यार करती है। अब वो किसी बच्चे को जन्म देने वाली है और वो कहती है कि वो बच्चा मेरा है। उसकी अपने पति से नहीं बनती और उसके पति का भी किसी के साथ चक्कर चल रहा है। वो जब भी यहाँ आती है.. मुझ से चुदे बिना नहीं जाती है।
उसके पति को सुहाग सेज पर भी पता नहीं चला कि वो कोई नई दुल्हन नहीं बनी। वो अब मेरी बनना चाहती है.. उसने अपने पति की बहन से भी मेरी बात करवाई थी। मैं उससे कैसे मिला.. वो फिर कभी.. दोस्तो, यह मेरी पहली सच्ची कहानी है। अगर आप को पसन्द आए तो बताना आपका समीर खन्ना। [email protected]
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