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आज मैं भी आप लोगों के सामने एक सत्य घटना रख रहा हूँ। इससे पहले मैं अपने बारे में आपको बताना चाहता हूँ, मैं 24 साल का हूँ, दिल्ली में पढ़ता हूँ, मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है। मुझे हमेशा आंटियाँ अच्छी लगती हैं।
एक बार की बात है, मैं मेट्रो में जा रहा था, कश्मीरी गेट से एक आंटी चढ़ी जो बहुत ही सुन्दर थी। भीड़ की वजह से आंटी मेरे करीब आ गई, उनके स्पर्श से मेरा लंड तन गया, मेरा लंड उनके चूतड़ों की दरार में सट रहा था।
राजीव चौक पर और भीड़ आ गई, अब आंटी सीधे खड़ी हो गईं। इस बार उनकी चूची मेरे सीने से सट गई, मुझे मज़ा आ रहा था।
आंटी साकेत उतरीं तो मैं भी उतर गया। मैंने पीछा किया तो आंटी को शक हुआ। उसने मेरे बारे में पूछा और नंबर मांगकर चलती बनी।
फिर हफ्ते भर बाद उनका काल आया, मैं उनके घर पहुँचा तो बहुत ही शानदार घर था। आंटी ने दरवाज़ा खोला और बैठने को कहा। आंटी नाईटी में थी, उनके बूब्स इतने बड़े थे कि जैसे बड़े बड़े संतरे… मैं पागल हुआ जा रहा था। आंटी शरबत लेकर आई, हड़बड़ी में वो मेरे ऊपर गिर गया। आंटी सॉरी कहकर मेरा जीन्स साफ़ करने लगीं।
मैं बाथरूम गया और मुठ मारने लगा। आंटी ने देख लिया फिर बाथरूम आ गईं और मुस्कुराने लगी।
मैंने जोश में आकर उन्हें कसकर पकड़ लिया और उनके बूब्स दबाने लगा।
वो बोली- आराम से! और अपने कपड़े उतार दिए। अब उनकी खरबूजे जैसी चूची खुल चुकी थी।
मैंने 10 मिनट तक उसका रस पिया और झड़ गया। अब आंटी ने मेरी जीन्स उतारी और लंड सहलाने लगीं। फिर उन्होंने चूसा तो मैं पागल होकर एक बार फिर उनके मुँह में झड़ गया। अब आंटी ने मुझे नहाने को कहा, उसके बाद वो भी नहाकर आ गईं, वो इस बार काली ब्रा में थीं। अब हम बेडरूम में गए। मैंने चड्डी पहनी थी।
आंटी की ब्रा उतारी और एक हाथ से चूची दबा रहा था। मेरा मुँह आंटी की दूसरी चूची चूस रहा था, मेरा दूसरा हाथ आंटी की चूत सहलाने लगा। आंटी सिसकारियाँ लेने लगीं।
अब मैंने आंटी की चूत पर किस किया और हल्के से ज़बान लगाई। आंटी छटपटा उठीं। फिर मैंने आंटी की चूत को अपनी ज़बान से दस मिनट तक चूसा, उनका रस निकल गया, मैंने रस पिया, अपने होंठों को उनके लबों से सटाकर किस किया और उन्हें उनके ही रस का मज़ा चखाया।
अब मैं ढीला पड़ने लगा, आंटी समझ गईं और मेरे लंड को चूसने लगीं, मेरा लंड फिर से टाईट था। अब वक़्त था लंड और चूत के ऐतिहासिक मिलन का। मैंने हलके से लंड उनकी चूत पे रखा और आगे पीछे करने लगा। मेरा लंड मोटा था तो अन्दर जा नहीं पा रहा था। फिर मैंने थूक लगाकर जोर का धक्का दिया और लंड झटके से अन्दर डाल दिया। आंटी चीखने लगीं, मैं आंटी की चीख को अनसुना करते हुए उन्हें चोदता रहा, लगभग दस मिनट तक, फिर मैं झड़ गया।
पर आंटी गर्म थीं, उन्होंने लंड दुबारा चूसा और फिर हम आधे घंटे बाद चुदाई में जुट गए। अब मैं आंटी की गांड मारना चाहता था पर आंटी तैयार नहीं थीं। मैंने उन्हें मनाया और क्रीम लगाकर हल्के से अपना लंड उनकी गांड में घुसाया। फिर एक झटके में अन्दर डाल दिया, वो दर्द से कराहने लगी। फिर हम दोनों ने एक दूसरे को किस किया और उसके बाद कई बार मिले। [email protected]
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