This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अभी तक आपने पढ़ा..
राधे- जानेमन.. अब बस भी करो.. मैं सोया हुआ था.. तब तो बड़े प्यार से लौड़ा चूस रही थीं.. अब जब मेरा पानी निकलने का टाइम आया तो मुझसे रहा ना गया.. सॉरी.. अब ये लौड़े पर थोड़ा बचा हुआ पानी भी साफ कर दो ना.. प्लीज़.. मीरा के होंठों पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई.. उसने जीभ से चाट कर लौड़े को साफ कर दिया।
दरअसल उसकी उत्तेजना भी भड़क गई थी उसकी चूत में आग लगने लगी थी। अब नाराज़गी बनाए रखने में.. उसको अपना नुकसान दिखाई दे रहा था.. मीरा- लो.. मैंने तुमको माफ़ भी कर दिया और तुम्हारा लौड़ा साफ भी कर दिया.. अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है.. कल बात करेंगे।
अब आगे..
राधे ने मीरा को पकड़ कर अपने से चिपका लिया और अपना हाथ उसकी चूत पर रख दिया। राधे- थैंक्स मीरा.. तुमने मुझे सुकून दिया.. मगर मैं ख़ुदग़र्ज़ नहीं हूँ.. तुम्हारी चूत जो सेक्स की आग में जल रही है.. इसको ठंडा करना मेरा फर्ज़ है.. मैं तुमको ऐसे तड़पता हुआ कैसे छोड़ सकता हूँ..
राधे का हाथ चूत पर लगते ही मीरा को असीम आनन्द की प्राप्ति हुई और एक सिसकी उसके मुँह से निकल गई.. मीरा- आह्ह.. ससस्स.. राधे.. नहीं.. प्लीज़ अभी नहीं.. मेरा दिल नहीं मान रहा है अभी सेक्स करने को.. प्लीज़.. तुम बहुत अच्छे हो.. मगर अभी कुछ नहीं..
राधे- मैं जानता हूँ मेरी जान.. तुम्हारा मन तो बहुत है.. मगर तुम डरती हो.. घबराओ मत.. जब तक तुम नहीं कहोगी.. मैं तुम्हारी चूत में लौड़ा नहीं डालूँगा.. अभी बस चाट कर इसको ठंडा करूँगा.. प्लीज़ अब मना मत करना..
मीरा कुछ नहीं बोली और उसने अपनी टाँगें फैला दीं.. और राधे के होंठों पर अपने होंठ रख दिए। राधे उसके नरम होंठों को चूसने लगा और एक हाथ से चूत को रगड़ने लगा।
कोई 3 मिनट के लंबे चुम्बन के बाद जब राधे अलग हुआ तो मीरा ने राधे का सर पकड़ कर चूत पर टिका दिया और उसके बालों में हाथ घुमाने लगी।
राधे मीरा की चूत को चाटने लगा था.. मीरा पहले ही बहुत गर्म थी.. सिर्फ 2 ही मिनट में उसकी चूत ठंडी हो गई और वो ख़ुशी से राधे से लिपट गई। मीरा- ओह.. माय गॉड.. राधे यू आर सो स्वीट.. तुमने आज जो किया है.. उससे मैं बहुत खुश हूँ.. प्लीज़ मेरा विश्वास मत तोड़ना.. आई लव यू राधे.. आई लव यू.. सो मच…
राधे- लव यू टू.. मेरी जान घबराओ मत.. तुम तो मेरे लिए भगवान का दिया एक अनमोल तोहफा हो.. तुम तो मेरी बेरंग जिंदगी में रंग भरने आई हो.. तुम्हें धोखा देना मतलब.. भगवान को धोखा देना है। अब हम दोनों मिलकर पापा को संभालेंगे..
मीरा- राधे.. पापा का दिल बहुत कमजोर है.. उनको जरा सा भी सदमा अब मौत के मुँह में ले जाएगा.. प्लीज़ राधे अब रात में हम लवर रहेंगे.. मगर दिन में तुम्हें दीदी ही रहना होगा..
राधे- ठीक है मीरा.. जैसा तुम कहो.. मैं वैसा ही करूँगा और हाँ 5 लाख तो नीरज ले गया.. बाकी मेरे पास हैं.. वो मैं तुम्हें वापस दे दूँगा..
मीरा- अरे नहीं नहीं.. वो अपने पास रखो भगवान की दया से हमारे पास पैसों की कमी नहीं है और अब तो हम सारी जिन्दगी साथ में ही रहेंगे तो सब कुछ हमारा ही तो है।
राधे- हाँ मीरा.. सही कहा.. चलो अब सो जाओ.. कल स्कूल नहीं जाना क्या!! मीरा- कपड़े तो पहन लो.. और मुझे भी पहनने दो.. राधे- नहीं जान.. आज हम ऐसे ही एक-दूसरे से नंगे लिपट कर सोएँगे।
मीरा- ना बाबा.. मुझे ऐसे नंगे तुम्हारे साथ नहीं सोना.. तुम्हारा लौड़ा बहुत बड़ा है.. कहीं रात को सोते में अन्दर घुस गया.. तो मेरी जान निकल जाएगी.. राधे- मेरी जान.. मैं कोई गुंडा नहीं हूँ.. जो तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ कुछ करूँगा.. अब आ जाओ.. सो जाते हैं।
मीरा- लेकिन रात को तुम्हारा लौड़ा कड़क हुआ तो? राधे- अरे डरती क्यों है.. मुठ्ठ मार के शांत कर लूँगा.. मैंने वादा किया ना.. कुछ नहीं करूँगा.. तुमको क्या मुझ पर भरोसा नहीं है?
मीरा- सॉरी राधे.. ऐसी बात नहीं है.. मुझे तुम पर पूरा भरोसा है.. मगर मुझे खुद पर भरोसा नहीं है.. तुम्हारे लौड़े को देख कर मन बार-बार ललचा रहा है.. कहीं मैं बहक ना जाऊँ।
राधे- अरे अगर इतना ही मन है.. तो ले लो चूत में.. डर किस बात का?
मीरा- डर नहीं है राधे.. मेरे कुछ सपने हैं.. मैं अपनी सील ऐसे नहीं तुड़वाना चाहती हूँ.. मैंने कुछ प्लान किया हुआ है.. जब सही मौका आएगा.. तब चुदवाऊँगी। राधे- ठीक है जान.. जैसा तुम चाहोगी.. वैसा ही होगा.. चलो पहन लो कपड़े.. मगर मैं क्या पहनूँ.. ये लड़की बन-बन कर थक गया हूँ।
मीरा हँसने लगी और राधे से कहा- आज मैनेज कर लो.. कल हम रात के लिए कुछ कपड़े ले आएँगे। राधे ने अपने बैग से सलवार निकाली और पहन ली.. मीरा ने नाईटी पहन ली.. दोनों चिपक कर सो गए।
रोज की तरह मीरा जल्दी उठ गई और राधे को भी उठा दिया। दोनों रेडी होकर कमरे से बाहर आईं और अपने पापा के पास चली गईं।
दोस्तो, यहाँ कुछ बताने लायक नहीं है.. वही फैमिली ड्रामा.. नाश्ते के बाद मीरा स्कूल चली गई और राधे अपने कमरे में वापस चला गया।
चलो नीरज का हाल जान लेते हैं। गुरूवार की दोपहर को नीरज ने कुछ अच्छे कपड़े लिए.. एक रेंट की कार ली और गाँधी पब्लिक स्कूल के पास जाकर खड़ा हो गया। जब छुट्टी हुई तो लड़कियाँ बाहर आने लगीं.. नीरज कार के पास खड़ा झूठ-मूठ फ़ोन पर बात करने लगा.. वो ऐसे बात कर रहा था जैसे बहुत बड़ा रईस हो.. और उसकी गर्लफ्रेण्ड उससे मिलने नहीं आ रही हो और वो अपने किसी दोस्त से ये सब बता रहा हो..
कुछ लड़कियाँ उसके पास से गुज़रीं.. तो उनकी निगाहें बस कार को देख रही थीं.. तो कुछ नीरज को देख कर मुस्कुरा रही थीं।
ऐसी ही 2 लड़कियाँ उसकी बातें सुनकर आपस में बात करने लगीं.. जिनमें से एक का नाम रोमा और दूसरी का टीना था। दोनों ही 18 साल के आस-पास की थीं.. दिखने में भी माल लग रही थीं। बाकी उनकी तारीफ वक़्त आने पर कर दूँगी।
रोमा- यार टीना क्या मस्त कार है.. मन करता है.. एक लॉन्ग-ड्राइव पर जाया जाए। टीना- हाँ यार.. तू सही बोल रही है.. देख बंदा भी स्मार्ट है.. कोई बुद्धू लड़की है.. जो इसको मना कर रही है.. बेचारा अपने किसी दोस्त को बता रहा है।
नीरज का ध्यान भी उन दोनों की तरफ ही था और उसने उनकी बातें भी सुन ली थीं।
रोमा- यार इसे पहले यहाँ कभी नहीं देखा.. कौन है ये? टीना- अरे होगा कोई भी.. तुझे क्या है चल अब.. रोमा- अरे यार उसके पास फ़ोन देख.. क्या मस्त है.. महंगा लगता है। टीना- अरे बाप रे.. वो इधर ही आ रहा है चल-चल अब यहा से..
रोमा कुछ बोल पाती.. तब तक नीरज उनके पास आ गया था।
नीरज- हाय.. मेरा नाम नीरज ठाकुर है.. मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ.. यहाँ बिजनेस के सिलसिले में आता रहता हूँ.. मेरी एक फ्रेण्ड यहाँ इस स्कूल में पढ़ती है.. आज वो आई नहीं.. क्या आप उसका पता बता सकती हो..? रोमा- ओह.. हाँ.. क्यों नहीं.. नाम क्या है उसका.. कौन सी क्लास में है वो?
नीरज ने झूठ-मूठ का पासा फेंका.. उसने कोई पूजा नाम बताया.. क्लास का पता नहीं.. ऐसा बोल दिया।
टीना- पूजा नाम की तो बहुत लड़कियाँ स्कूल में हैं.. ऐसे क्या पता लगेगा.. आप कुछ और बताओ..। नीरज- दरअसल अब आपसे क्या छुपाऊँ.. वो मुझे फ़ेसबुक पर मिली और हमारी दोस्ती हो गई.. खास उसके लिए मैं दिल्ली से यहाँ आया हूँ.. मगर वो मिलने से मना कर रही है.. बस इसी लिए मैंने सोचा शायद आप उसको जानती होगी।
रोमा- उसका नम्बर क्या है.. मुझे दो.. मैं उसके बारे में पता लगा कर बता दूँगी।
नीरज- न..नहीं नहीं.. नम्बर नहीं है.. बस चैट से बात होती है.. आईडी में दे नहीं सकता.. वो गुस्सा हो जाएगी.. मैंने उसको बोल दिया है.. रोज यहाँ आकर खड़ा रहूँगा.. जब तक वो मुझसे मिलने को राज़ी ना हो जाए।
टीना- अरे कहीं कोई फेक आईडी से आपको उल्लू बना रहा होगा.. यहाँ पढ़ती है.. ये किसने बताया आपको?
नीरज- उसी ने बताया था.. मैंने उसको अपने कई पिक भेजे हैं लेकिन उसने मुझे आज तक अपना कोई पिक नहीं दिया.. बस मैं यहाँ इसी लिए खड़ा हूँ.. कि वो मुझे पहचान लेगी।
टीना- बेस्ट ऑफ लक.. हमें घर जाने में देर हो रही है.. आप भी जाओ.. यहाँ खड़े होने से कोई फायदा नहीं.. सब लड़कियाँ जा चुकी हैं।
नीरज- ओके आप जाइए.. मैं चला जाऊँगा। उनके जाने के बाद नीरज ने अपने आपको शाबाशी दी.. और वहाँ से चला गया।
दोपहर को राधे अपने कमरे में था.. तब ममता ने आवाज़ लगाई- बीबी जी.. आप खाना अभी खाओगी या छोटी दीदी के आने के बाद उनके साथ खाओगी? राधे- मैं मीरा के साथ ही खा लूँगी.. तू अपना काम कर.. पापा ने खा लिया क्या? ममता- हाँ उन्होंने खा लिया है.. अब मैं उनको दवा देने जा रही हूँ.. राधे- अच्छा जा.. मुझे भी थोड़ा आराम करने दे.. अब जा तू..
ममता वहाँ से दिलीप जी के पास गई। ममता- लो साहब जी दवा ले लो.. दिलीप जी- राधा ने खाना खाया क्या?
ममता- नहीं साहब जी.. वो मीरा के साथ खाएँगी.. आपसे एक बात करनी है.. ये राधा बीबी जी कुछ अजीब सी हैं.. किसी से बात नहीं करती हैं.. बस कमरे में ही रहती हैं.. ऐसा क्यों? दिलीप- अरे ऐसा कुछ नहीं है.. इतने साल दूसरी जगह रही है.. अब अचानक यहाँ आ गई है.. दिल जमते-जमते ही जमेगा..
ममता दवा देकर अपने काम में लग गई..
दोस्तो, उम्मीद है कि आप को मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000