This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
अभी तक आपने पढ़ा..
मीरा- क्या दीदी.. कितना समय लगा दिया मुझे आपसे बातें करनी हैं.. आ जाओ यहाँ लेट कर आराम से बात करेंगे.. राधा उसके पास जाकर लेट गई.. मीरा ने उस पर अपना हाथ रख दिया और बातें करने लगी। एक घन्टे तक मीरा चपर-चपर करती रही उसकी बातों से राधे समझ गया कि वो एक बहुत ही भोली-भाली लड़की है।
राधा- कितनी बोलती है तू.. अब सो जा.. मीरा- दीदी हाँ नींद आने लगी है अब.. सोने में ही भलाई है.. नहीं सुबह उठ नहीं पाऊँगी और हाँ दीदी एक बात आपको बता दूँ मैं बहुत गहरी नींद में सोती हूँ.. हाथ-पाँव भी चलाती हूँ.. आप बच कर सोना.. कहीं मैं आपको मार ना दूँ कहीं.. और मुझे उठाना हो.. तो ज़ोर से हिलाना.. तब ही उठूँगी वरना नहीं.. ओके.. मीरा तो नींद की दुनिया में खो गई.. मगर राधे बस उसको निहार रहा था.. उसका लौड़ा उसे परेशान कर रहा था.. वो कुछ कर नहीं पा रहा था। राधे ने मीरा को हिलाया देखा वो सोई या नहीं.. एक-दो बार आवाज़ भी दी मगर वो गहरी नींद में थी।
अब आगे..
जब राधे को पक्का यकीन हो गया कि मीरा सो गई है.. तो राधे बड़बड़ाने लगा।
राधे- साले कहाँ फँसा दिया मुझे.. इतने कपड़े पहन कर आज तक नहीं सोया और ऐसी कमसिन कली मेरे पास सोई.. कुछ कर भी नहीं पा रहा हूँ.. साला लौड़ा भी बेचैन है चल मुठ्ठ तो मार लूँ.. मुझे तो तभी नींद आएगी..
राधे ने सारे कपड़े निकाल दिए अब वो एकदम नंगा था.. उसका लौड़ा अब भी खड़ा फुंफकार रहा था। मीरा ने करवट ली और उसकी टी-शर्ट ऊपर हो गई.. उसका गोरा पेट राधे को दिखने लगा। उसकी आँखों में चमक आ गई।
राधे ने डरते हुए मीरा के पेट पर हाथ रखा उसका बड़ा मज़ा आया। अब वो धीरे-धीरे हाथ ऊपर ले जा रहा था और मीरा नींद में आराम से सोई हुई थी। राधे ने उसकी टी-शर्ट को ऊपर कर दिया अब मीरा के 32 इन्च के गोल-गोल संतरे आज़ाद हो गए थे.. उन पर हल्के भूरे बटन जैसे निप्पल भी गजब ढा रहे थे।
राधे धीरे-धीरे मम्मों को दबाने लगा और एक हाथ से अपने लौड़े को सहलाने लगा। दस मिनट तक वो ऐसा करता रहा.. अब उसकी आँखों में वासना साफ दिखाई देने लगी थी।
राधे ने धीरे से एक मम्मे को अपने होंठों में ले लिया और चूसने लगा.. मीरा नींद में थी.. मगर इस अहसास से वो सिहर गई। मीरा थोड़ी हिली.. मगर वापस सो गई। अब राधे का शैतान जाग चुका था।
उसने मीरा का लोवर नीचे सरकाना शुरू किया.. मीरा नींद में थी तो राधे ने उसकी गाण्ड को थोड़ा उठा कर लोवर नीचे खींच लिया। अब जो नजारा उसकी आँखों के सामने आया.. वो मदहोश सा हो गया।
मीरा की डबल रोटी जैसी फूली हुई बिना झाँटों की चमचमाती चूत उसकी आँखों के सामने थी।
मीरा की चूत एकदम सफेद.. जैसे बरफी हो और फाँकें गुलाबी थीं और उसकी जाँघें ऐसी कि बस क्या बताऊँ.. एकदम भरी-भरी थीं। राधे का खुद पर से संयम टूट गया.. उसने धीरे से चूत पर एक चुम्बन किया और अपना लौड़ा उस पर रगड़ने लगा।
मीरा को बेचैनी होने लगी.. वो नींद में थी मगर ऐसी हरकत उसको बेचैन कर गई मगर वो उठी नहीं.. बस थोड़ी सी हिली बाद में वापस सो गई।
राधे- उफ़.. साली क्या मस्त चूत है.. दिल तो कर रहा है अभी लौड़ा पेल कर इसका महूरत कर दूँ.. मगर नहीं.. गड़बड़ हो जाएगी.. इस साली को तो दूसरे तरीके से चोदना होगा।
फिलहाल राधे का लौड़ा बहुत ज़्यादा अकड़ गया था.. उसने ज़ोर-ज़ोर से लौड़े को हिलाना शुरू कर दिया और आख़िरकार उसका वीर्य निकल ही गया।
राधे ने मीरा की जाँघ पर सारा वीर्य डाल दिया और चैन की सांस ली। राधे- चल बेटा राधे.. अब ये साफ कर दे.. नहीं तो तू कल का सूरज जेल में देखेगा.. उसने मीरा की जाँघ से वीर्य साफ किया उसके कपड़े उसे पहनाए और खुद भी अपने लड़की वाले रूप में आ गया और सो गया। हजारों गर्मागर्म कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर…
राधे सो तो गया.. मगर नींद उसे कहाँ आने वाली थी.. ऐसी मस्त हूर पास में सोई हो.. तो कोई लड़का कैसे सो सकता है। वो बहुत देर तक जागता रहा और ना जाने कब उसकी आँख लग गई।
सुबह मीरा जब उठी तो राधे पेट के बल लेटा हुआ था और पैर फैलाए हुए थे.. जिसे देख कर मीरा को हँसी आ गई.. वो कुछ बोली नहीं.. बस उठी और बाथरूम चली गई।
जब मीरा नहाकर बाहर आई.. तो राधा अभी भी वैसे ही सोई पड़ी थी। मीरा- दीदी ओ दीदी.. उठो सुबह हो गई.. मुझे स्कूल भी जाना है.. अब उठ भी जाओ.. आप कब तक सोती रहोगी। राधा- उहह.. सोने दो ना.. तुम जाओ स्कूल मुझे नींद आ रही है।
मीरा ने ज़्यादा बहस करना ठीक नहीं समझा और तैयार होने लगी।
दिलीप जी- मीरा बेटी आ जाओ.. नास्ता तैयार है.. क्या अब तक राधा नहीं उठी? मीरा- पापा दीदी तो उठ ही नहीं रहीं.. मुझे स्कूल के लिए देर हो रही है.. अब आप ही उठाना दीदी को..
ममता- बीबी जी आप चिंता ना करो.. बड़ी बीबी जी को मैं उठा दूँगी.. कल मैं नहीं आई थी.. पर आज साहब ने बताया कि राधा बीबी जी मिल गई हैं.. सुनकर बहुत ख़ुशी हुई.. आप नाश्ता कर लो।
राधा सुकून से सो रही थी। दिलीप जी और मीरा को नास्ता करवा कर ममता साफ-सफ़ाई में लग गई। दिलीप जी किसी काम से बाहर गए और ममता को हिदायत दे गए कि राधा को परेशान मत करना.. जब तक वो सोना चाहे सोने देना।
ममता ने भी वैसा ही किया.. कोई 10 बजे राधा उठी.. तो ममता को देख कर चौंक गई या गया.. आप समझ रहे हो ना.! ममता- नमस्ते बड़ी बीबी जी.. मैं ममता हूँ यहाँ काम करने आती हूँ.. ममता ने पूरी बात राधा को बता दी.. राधा ने ज़्यादा बात नहीं की.. नाश्ता किया और बाहर घूमने का बोल कर निकल गई।
थोड़ी दूर चलने के बाद नीरज सामने से आता दिखाई दिया। राधे- अबे सालेम कहा फँसा दिया.. कल की रात बड़ी मुश्किल से कटी है.. यार मैं वहाँ पर और नहीं रुक सकता। नीरज- अरे क्या हो गया यार.. एक ही रात में ऐसा क्या हो गया.. जो तू वहाँ नहीं रहना चाहता?
राधे ने उसे रात की सारी बात बताई तो नीरज का लौड़ा फुंफकार मारने लगा। नीरज- अरे यार बस कर.. पानी निकल जाएगा मेरा.. साली को कल मैंने देखा.. तभी मेरे लौड़े में झंझनाहट हो गई थी.. अब तू कैसे भी संभाल ले यार..
राधे- मेरे 5 लाख कहाँ है साले.. वो दे मुझे वहाँ नहीं रहना.. कल तो मैंने कैसे भी अपने आप पर काबू कर लिया.. मगर ज़्यादा नहीं रुक पाऊँगा.. कहीं उसका देह शोषण ना कर दूँ..
नीरज- अरे शुभ-शुभ बोल यार.. एक काम कर ना.. उसको पटा ले.. उसके बाद आराम से चोद लेना और रात को ये नकली मम्मों को लगाने का झंझट भी ख़त्म हो जाएगा।
राधे- अबे साले चूतिए.. तू मुझे यहाँ उसकी बहन बना कर लाया है.. अब मैं उसको क्या कहकर पटाऊँ? मीरा देखो तुम्हारी दीदी का लौड़ा.. देखो प्लीज़ अपनी चूत में अपनी दीदी का लौड़ा ले लो.. साला चूतिया…
नीरज- अरे सॉरी यार.. भूल गया था.. लेकिन तुम ऐसे भाग जाओगे तो उनको शक होगा और हम फँस जाएँगे.. कुछ दिन कैसे भी संभाल ले ना यार.. उसके बाद हम कुछ सोच ही लेंगे ना..
राधे- ठीक है.. ठीक है.. चल मेरा हिस्सा दे.. साला कहीं सारे पैसे रंडियो पर उड़ा देगा तो मेरा क्या होगा.. मैं तो हिलाता ही रह जाऊँगा..।
नीरज- अरे यार मुझे ऐसा समझा है क्या.. ले देख ले ये रसीद मैंने तेरे पैसे तेरे खाते में डाल दिए है.. साला कब का खुला हुआ खाता आज काम आया है.. अब मैं जाता हूँ तू संभल कर रहना और हाँ फ़ोन करते रहना.. मैं फ़ोन करूँगा तो किसी को शक हो जाएगा.. तू ही मौका देख कर फ़ोन कर लेना।
राधे- चल ठीक है.. जा साले मज़ा कर.. उस साले मास्टर को क्या कहेगा.. मेरे बिना तो उसका धन्धा ही बंद हो जाएगा। नीरज- कुछ भी बोल दूँगा.. तू यहाँ का देख.. मैं वहाँ संभाल लूँगा यार..
नीरज के जाने के बाद राधे वापस घर आ गया। उस समय ममता दोपहर का खाना बना रही थी। ममता- अरे आ गई बीबी जी.. आप कहाँ चली गई थीं? राधा- कहीं नहीं बस ऐसे ही थोड़ा घूम कर आई हूँ।
ममता की आदत थी ज़्यादा बात करने की मगर राधे ने ज़्यादा बात करना ठीक नहीं समझा और अपने कमरे में जाकर कमरा बन्द करके सारे कपड़े निकाल कर बिस्तर पर लेट गया।
राधे- साला कहा फँस गया.. नाटक के समय लड़की बनना आसान था.. यहाँ तो दिन-रात लड़की की ड्रेस में रहना पड़ेगा.. ऐसे-कैसे काम चलेगा.. कुछ करना पड़ेगा यार.. अब करूँ तो क्या करूँ?
बस राधे इसी सोच में पड़ा रहा कि इस मुसीबत से कैसे पीछा छूटेगा.. तभी ममता ने दस्तक दी। ममता- बीबी जी सो गईं क्या.. जल्दी बाहर आओ.. हॉस्पिटल से फ़ोन आया था.. साहब की तबियत खराब हो गई है उनको हॉस्पिटल लेकर गए हैं.. जल्दी बाहर आओ।
राधा- बस 5 मिनट में आई.. रूको.. राधे ने फटाफ़ट अपना रूप बदला और बाहर आ गया।
दोस्तो, उम्मीद है कि आपको मेरी कहानी पसंद आ रही होगी.. मैं कहानी के अगले भाग में आपका इन्तजार करूँगी.. पढ़ना न भूलिएगा.. और हाँ आपके पत्रों का भी बेसब्री से इन्तजार है। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000