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चुत में लंड की कहानी में पढ़ें कि मैं शिमला जाकर अपने लिए कोई जानदार लंड तलाश रही थी. होटल के मैनेज़र को सेट करके कैसे मैंने उसके लंड का मजा लिया?
दोस्तो, मैं सुनीता अवस्थी आपको अपनी शिमला यात्रा के दौरान मिले लंड से चुत में लंड की कहानी सुना रही थी. पिछले भाग शिमला में लंड की तलाश- 1 में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं नंगी कमरे में थी और उसी वक्त एक जवान लौंडा, जोकि वेटर था, कमरे में आ गया और उसने मुझे नंगी देख लिया.
अब आगे चुत में लंड की कहानी:
वो एक मिनट तक मुझे देखता रहा. फिर वो सर झुका कर पानी की बोतल रख कर बाहर चला गया.
मैंने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मुझे अब मर्दों से कोई शर्म नहीं रह गई थी.
उसके जाने के बाद मैं तैयार होकर घूमने निकल गयी और दिन भर घूमती रही. फिर रात 10 बजे तक खाना खाकर मैं अपने रूम में वापस आ गयी.
मैं अभी कपड़े ही उतारने जा रही थी, तब तक मैनेजर ने मेरे कमरे का दरवाजा बजाया.
जब तक मैं कुछ बोलती या खोलती, तब तक वो दरवाज़ा खोल कर अन्दर आ गया.
उसके हाथ में गरम पानी की एक बोतल थी. वो मुझे देख कर बोला- ये मैं आपके लिए लाया हूं. मैंने ओके में सर हिलाया.
वो पानी की बोतल रख कर जा ही रहा था कि तभी वो फिर से पीछे मुड़ा और बोला- और कुछ तो नहीं चाहिए मैडम … अगर चाहिए हो, तो मुझे बता दीजिएगा.
उसकी बात सुनकर मेरे दिमाग में एक खुराफात सूझी. मैंने सोचा वैसे भी आज दिन भर की थकी हूँ, तो थोड़ा दारू पी ली जाए. इस ठंडक में मजा लेने के लिए दारू और लंड … दो ही चीज़ चाहिए होती हैं. दारू तो ये ले आएगा और क्यों न इसी से आज रात काटी जाए.
मैंने अपने पर्स से पैसा निकाल कर उसको दिया और बोली- एक दारू का खंबा ले आओ. उसने खुशी खुशी मुझसे पैसा लिया और दारू लाने चला गया.
उसके जाते ही मैंने भी जल्दी से अपने सारे कपड़े उतारे और एक बहुत बढ़िया सी लाल रंग की एकदम हल्के कपड़े की नाईटी को पहन लिया. मेरी ये नाइटी एकदम छोटी सी थी जो मेरी गांड से कुछ ही नीचे तक आती थी.
नीचे से मैंने पैंटी पहनी ही नहीं और ब्रा को भी उतार दिया. ये नाइटी कंधे से बस एक डोर के सहारे लटकी थी. इसका गला इतना बड़ा था कि मेरे आधे से ज़्यादा दूध बाहर को दिख रहे थे और मेरी पूरी टांगें भी एकदम नंगी थीं.
आप बस इतना समझ लीजिए कि ये नाइटी बस नाम के लिए एक कपड़ा था, जो मेरे बदन पर था. वरना तो मैं पूरी नंगी थी.
मैंने एक सिगरेट सुलगाई और उसके आने का इंतज़ार करने लगी.
वो आधे घंटे के बाद आया और मुझे इस रूप में देखता ही रह गया. मुझे देख कर उसकी पैंट में कुछ हलचल होने लगी, जिसको उसने बोतल रखते समय सही कर लिया.
वो बोतल रख कर जाने लगा. तो मैं बोली- कहां जा रहे हो … इतनी बड़ी बोतल मैंने अकेले के पीने के लिए नहीं मंगाई है. आओ तुम भी साथ में बैठो.
शुरू में उसने थोड़ा नाटक किया हालांकि उसका अन्दर से बहुत मन था लेकिन आखिर में वो मान गया.
वो ऊपर के होटल में जाकर थोड़ी बर्फ, दो ग्लास और कुछ चखना बनवा लाया क्योंकि नीचे वाले में कोई किचन का सिस्टम नहीं था.
उसने पहले सामने वाले सोफे पर बैठ कर बात करना शुरू किया.
मैं उससे उसके बारे में और उसके परिवार के बारे में पूछने लगी. जिसके बाद उसने मेरे बारे में भी पूछा.
हम दोनों शराब सिगरेट का मजा लेने लगे. उसका लंड एकदम टाईट हो गया था और मैं झुक झुक कर उसके लंड की और भी मां चोदने में लगी थी.
दो दो पैग होने के बाद मैं तो ठीक थी, लेकिन उसको चढ़ चुकी थी क्योंकि वो पहले से भी लगाए हुए था.
तीसरा पैग पीने के बाद उसने बोला- आप जिसकी भी ज़िन्दगी में होंगी, वो बहुत खुशनसीब होगा क्योंकि अब इतनी हॉट जो हो.
मुझे समझ में आ रहा था कि वो मुझे पेलने के लिए मस्का लगा रहा था. लेकिन मैं उससे चुदने का पहले से ही मन बना चुकी थी. मुझे भी उसको थोड़ा और उकसा कर अपनी चूत चुदवानी थी.
अब तक रात के एक बज गए थे और अभी कुछ शुरू नहीं हुआ था.
कुछ देर बाद वो उठा और मूतने के बाद वो मेरे ही सोफे पर आकर मेरे बगल में कुछ दूर पर बैठ गया. इससे अब उसे मेरे मम्मों को और पास से देखने में आसानी होने लगी. वो मेरी तरफ झुक कर मेरे दूध देखते हुए मुझसे बातें करने लगा.
फिर बात ही बात में उसने अपना हाथ मेरी जांघ पर रख दिया और हल्के से सहलाने लगा.
नशे की खुमारी में इससे मुझे भी चुदास चढ़ने लगी.
मेरा विरोध न पाकर अब वो मेरे बिकुल चिपक कर बैठ गया और मैंने भी अपना हाथ उसके पैरों पर रख दिया.
मेरे हाथ रखते ही अगले ही पल उसका लंड एकदम खड़ा हो गया और पैंट में पैराशूट बन गया. मैं उसकी फूलती पहाड़ी पर धीरे धीरे अपना हाथ ले जाने लगी और हाथ लंड पर रखने के बाद हल्का सा सहलाने लगी.
मेरी इस हरकत से वो मेरे इशारे को समझ गया और अपने दोनों हाथ मेरे दोनों चूचों पर रख कर एकदम जंगलियों जैसे दबाने लगा.
मैं बोली- आराम से करो यार … मुझे दर्द हो रहा है.
लेकिन उसने मेरी एक न सुनी और मेरी नाइटी उतार कर मेरे मम्मों को अपने होंठों से पीने लगा. जिसमें उसने कई बार अपने दांतों से मेरे निप्पलों को भी काटा. मैं भी मस्त हो गई.
अब उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत पर थोड़ी सी शराब गिरा कर खूब बढ़िया से चाटना शुरू कर दिया.
इस वजह से मेरी वासना सातवें आसमान पर पहुंच गयी और मैं ज़ोर ज़ोर से आंख बंद करके सिसकारियां लेने लगी.
उस पूरे कमरे में मेरी ‘ओह्ह हहहह आह आह उफ़्फ़ …’ की आवाज़ आने लगी.
अब कुछ देर मेरी चूत बड़े बढ़िया से चाटने के बाद मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया.
जिसको उसने चाट चाट कर साफ कर दिया. उसके बाद उसने मुझे उल्टा किया और फिर मेरी गांड के छेद में थोड़ी से दारू डाल कर गांड के छेद को भी चाटा.
अब मैं कुछ देर बाद खड़ी हुई और उसको भी पूरा नंगा कर दिया. उसका लंड जो कि सात इंच का था और अपना फन फैलाए खड़ा, मेरी चूत को डंसने के लिए रेडी था.
उसको मैंने पहले अपने मुँह में लेकर कुछ मिनट तक लॉलीपॉप की तरह चूसा. वो गनगना गया और उसने मुझे खड़ा कर दिया. मैं खड़ी हुई तो वो मेरे मम्मों को खूब जोर जोर से दबाने लगा और मुझे धक्का देकर बेड पर सीधे लिटा दिया.
मैं भी चुदने के लिए रेडी थी, मैंने अपनी टांगें फैला कर चुत खोल दी.
उसने मेरी एक टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली और मेरी गरम भट्टी जैसी चूत में अपना सख्त लंड एकदम से डाल दिया.
इससे मेरी वासना से भरी हुई सिसकारियां निकल गईं.
वो मुझे पूरी रफ्तार से चोदने लगा और मैं भी उससे पूरी उत्तेजना में चुद रही थी.
मैंने मादक आवाज निकल रही थी- उफ्फ आह आह चोदो मुझे … और ज़ोर से उफ्फ उफ्फ … फ़क मी … आह फाड़ दो मेरी चूत.
ये सब बोल कर मैंने उसकी वासना को और ज़्यादा बढ़ा दिया था. फिर कुछ देर बाद उसने मुझे अपने ऊपर चढ़ने को बोला. मैं झट से उसके लंड के ऊपर चुत फंसा कर चढ़ गई और अपनी गांड उठा उठा कर उसका लंड अब अपने अन्दर तक लेने लगी.
मुझे चुदवाते हुए अभी पन्द्रह मिनट हुए होंगे जिसमें मैंने अपना पानी एक बार छोड़ दिया था.
फिर उसने भी अपना माल मेरी चूत के मुँह पर छोड़ दिया और हम दोनों कुछ देर तक वैसे ही नंगे लेटे रहे.
मैंने हाथ बढ़ा कर एक सिगरेट उठा कर सुलगा ली और हम दोनों उसी एक सिगरेट से मजा लेने लगे.
फिर कुछ देर बाद वो मैनेजर उठा और उसने मेरे और अपने लिए एक एक पैग बनाया. हम दोनों एक ही सांस में पैग चढ़ा गए.
कुछ देर बाद उसने अब मेरी गांड को सहलाया. मैंने हंस कर पूछा- पीछे का भी शौक रखते हो? उसने कहा- हां मैडम … आपकी पिछाड़ी बड़ी मस्त और उठी हुई है … इसका मजा नहीं लिया … तो मजा अधूरा रह जाएगा.
मैंने ओके कह दिया और उसने मुझे कुतिया बना दिया.
उसने मुझे पहले कुतिया बना कर मेरी गांड मारी. फिर अलग अलग तरीके से मुझे दोनों तरफ से पेला. इसी तरह उसने उस रात मुझे तीन बार पेला और चला गया. उसके जाने के बाद मैं एक पैग और पी कर सो गई.
अब अगले दिन मैं फिर सुबह उठी, तो मुझे वो मैनेजर नहीं दिखा.
मैं घूमने चली गयी.
फिर जब शाम को वापस आयी, तब भी मुझे वो नहीं दिखा.
तभी मुझे वो 22 साल को मस्त वेटर लौंडा दिख गया. जिसको मैंने पहले दिन पानी लाने की बोला था. मैं उससे फिर से गर्म पानी लाने को कहा और अपने कमरे में आ गयी.
कुछ देर बाद वो पानी लेकर आया, तो मैंने बात बात में उससे उस मैनेजर के बारे में पूछा.
उसने बताया- उसको आज सुबह ही निकाल दिया गया … क्योंकि वो कल रात भर दारू पीकर होटल से कहीं गायब था.
मुझे समझ में आ गया कि वो मुझे आज सुबह से क्यों नहीं दिखा. क्योंकि कल रात भर तो वो मेरे साथ मेरे कमरे में मेरी ले रहा था, तो कैसे होटल में दिखता.
उसके न होने से मैं थोड़ा निराश हो गयी क्योंकि आज रात भी मैं उससे चुदने का प्लान बना कर बैठी थी.
मैं बाजार से पहले से ही दारू लेकर आयी थी. हालांकि कल की थोड़ी बची थी लेकिन तब भी मैं एक फुल बोतल और ले आई थी.
तभी वो लड़का बाहर जाने लगा और बोला- मैं यहीं सामने वाले स्टोर रूम में हूँ. मैडम आपको कुछ चाहिए हो, तो बुला लीजिएगा. ये कह कर वो चला गया.
आज रात के लिए मुझे ये लड़का भी ठीक लगा, तो मैंने सोचा आज इसको ही बुला लिया जाए. लेकिन कैसे बुलाऊं.
अब मैं सामने से तो उससे बोल नहीं सकती थी कि आ कर मुझे चोद दो. तो इसके लिए मैंने एक तरकीब लगाई.
उसका कमरा इस तरह से था कि अगर मैं थोड़ा सा दरवाज़ा खुला रखती, तो उसके कमरे से मेरा बेड साफ दिखता.
अब मैं उसका सामने वाले कमरे में आने का इंतज़ार करने लगी.
जब तक वो आता, मैंने जानबूझ कर अपना दरवाज़ा हल्का सा खोल दिया … इससे उसको मेरे कमरे के अन्दर का सब नज़र बाहर साफ दिख जाता.
मैंने अपने गेट से झांक कर देखा तो वो अपने कमरे में ही आ रहा था. मैं जानबूझ कर बेड के साइड में दरवाज़े की तरफ अपनी पीठ करके खड़ी हो गयी. जैसे ही वो उधर से निकला, मैंने अपनी कुर्ती उतार दी, जिससे अब मैं सिर्फ ब्रा में थी और फिर मैंने जींस भी उतारने के लिए हल्की सी झुक कर उतारने लगी. मैंने नीचे मुँह करके दरवाज़े की तरफ चुपके से देखा, तो वो दरवाज़े पर चुपके से खड़ा मुझे ही देख रहा था.
फिर जैसे ही मैंने अपनी जींस पूरी उतारी, तो मेरी 42 इंच की मोटी सी गांड छलक गयी और मैंने उस लौंडे को अपनी गांड हिलाते हुए दिखाई. फिर मैंने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार कर किनारे रख दी.
अब जैसे मैं सीधी हुई, तो वो गेट से हट गया और अपने कमरे में चला गया.
इसके बाद मैं जाकर नंगी ही अपनी बेड पर लेट गयी, जिससे अब सीधे उसके कमरे से मैं उसे साफ दिख रही थी. कुछ देर बाद मैंने जानबूझ कर लाइट बंद कर दी और सोने का नाटक करने लगी.
मैंने अपने कमरे का दरवाजा खुला ही रखा.
कुछ देर इसी तरह लेटे रहने के बाद मेरे कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला और हल्की रोशनी में मुझे वो लड़का मेरे कमरे में आता हुआ दिखा.
वो सीधे मेरे सर के पास आकर उस अंधेरे में खड़ा हो गया. शायद वो ये देखना चाहता था कि मैं सो रही हूँ या नहीं.
मैं भी जानबूझ कर पूरी नंगी बिना कंबल ओढ़े लेटी थी.
मेरी चूचियां और चुत उसके सामने खुली पड़ी थी. उसने धीरे से मेरे पैरों को छुआ और फिर जब मेरी कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो वो धीरे धीरे मेरे पूरे शरीर को सहलाने लगा.
कुछ देर बाद उसका हाथ मेरे मोटे चूचों पर पड़ा, जिसको उसने पहले तो धीरे से सहलाया और बाद में थोड़ा तेज़ से मसलते हुए दबाया.
मैं उसी मस्त लौंडे के लंड को सोचते हुए लेती थी इस वजह से अब तक मेरी चूत भी बिल्कुल गीली हो गयी थी.
लेकिन अभी मेरी कोई भी हलचल उसको डरा सकती थी, इसी लिए मैं वैसे ही चुपचाप अपनी वासना को काबू में करके पड़ी रही.
कुछ देर तक मेरी चुचियों से खेलने के बाद उसने भी शायद अपना सारे कपड़े उतार दिए थे क्यों उसका खड़ा लंड मेरे होंठों पर लगा दिया.
इस कहानी को लड़की की आवाज में सुन कर मजा लें.
मुझे लंड की नमी ने और अधिक गर्म कर दिया था. वो अपने लंड के खुले सुपारे को मेरे होंठों में सहलाने लगा. लंड को महसूस करके मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी अपना मुँह ढीला छोड़ दिया. जिसकी वजह से उसका साढ़े सात इंच का लौड़ा मेरे मुँह में घुसने लगा. उसका लंड मेरे मुँह में घुस गया था और मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी.
मेरी उन लड़कियों से गुजारिश है, जो लंड चूसना पसंद करती हैं. वे इस परिस्थिति को सोच कर देखें कि मर्द का लंड उनके मुँह में घुसा हो और वो चाह कर भी उसे चूस नहीं पा रही हों. सच में ये बड़ा अजीब सा था.
वो लड़का कुछ देर तक मेरे मुँह में अपना लंड घुसाए रहा. उसने इसके बाद लंड निकाल लिया और मैं मायूस हो गई.
अब वो नीचे आ गया और मेरी चूत को सूंघने लगा. फिर अपनी जीभ मेरी चुत पर फेरी और चुत की फांकें चाटने लगा.
इससे कुछ ही मिनट बाद मेरी चूत ने ढेर सारा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया. वो पूरा चुत रस चाट गया.
मेरी चुत के पानी छोड़ने के बाद वो ये समझ गया कि मैं सो नहीं रही हूँ … बस नाटक कर रही हूँ.
अब चुदाई का क्या हुआ … वो मैं अगले भाग की सेक्स कहानी में लिखूंगी.
मेरी चुत में लंड की कहानी पर आपके मेल मुझे अन्दर तक गर्म कर देते हैं यार … इतने सेक्सी मेल लिखोगे, तो मैं नंगी ही सड़क पर आ जाऊंगी. प्लीज़ ऐसे ही मेल करते रहिये. आपकी सुनीता अवस्थी [email protected]
चुत में लंड की कहानी का अगला भाग: शिमला में लंड की तलाश- 3
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