This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरी कंपनी में नये ट्रेनीज़ का बैच आया. उसमें एक भोला सा लड़का मेरे मन को भा गया. अपनी चूत की प्यास और अपनी फैंटेसी को पूरा करने के लिए मैंने कैसे उस जवान लड़के का फायदा उठाया?
अन्तर्वासना x के सारे रीडर्स को मेरा हैलो. मैं सिमरन … आप सबने मेरी पिछली कहानी इंडियन बीडीएसएम गर्ल का कॉर्पोरेट बॉय संग मजा पढ़ कर मजा लिया.
मैं फिर से एक बहुत कामुक गंदी सेक्स कहानी का रोमांच लेकर आ गयी हूं.
ये घटना तब की है जब मैं गुरूग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी में एक अच्छी पोस्ट पर थी. वहां पर मैं नये कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिया करती थी.
वह 2019 की सर्दियों का समय था. उस वक्त एक नया बैच आया था और उसमें संजीव नाम के एक लड़के ने भी ज्वाइन किया था. संजीव एक छोटे से कस्बे का रहने वाला था.
मैं नियमित रूप से जिम जाया करती थी. मेरा जिस्म काफी आकर्षक था और एकदम से कसा हुआ था. मेरी गांड की निकली हुई शेप और मेरी ब्रा में उछलती मेरी चूचियां किसी को भी मुझे घूरने पर मजबूर कर देती थीं.
मेरी गुप्त फेंटेसी के बारे में किसी को नहीं पता था कि मैं बॉन्डेज सेक्स और मर्दों पर राज करने जैसे शौक भी रखती हूं. मैं ऑफिस में बहुत ही सख्ती से पेश आती थी और अपने काम से काम रखती थी.
ट्रेनिंग का वो पहला दिन था. बैच सुबह 4 बजे शुरू हो गया था. वह एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर था और समय विदेश के हिसाब से चलता था. उस वक्त आस्ट्रेलिया की शिफ्ट शुरू हो जाती थी.
मैंने उस दिन एक ब्लैक साड़ी पहनी हुई थी. उस पर एक कातिलाना ब्लाउज डाला हुआ था. उसमें से मेरी पीठ का काफी हिस्सा दिख रहा था. मेरी गर्दन और पीठ के हिस्से पर मैंने गुच्ची का इत्र लगाया हुआ था जो मुझे महका रहा था.
संजीव की नजर मेरे बदन से हट नहीं रही थी. संजीव ही नहीं बल्कि दूसरे सारे लड़के और लड़कियां भी मेरी ओर ऐसे देख रहे थे जैसे कि मैं स्वर्ग से आई हुई कोई अप्सरा हूं.
रूम में आकर मैंने सबको हैलो किया. जल्दी जल्दी में मैं अपने बालों को सुखा भी नहीं पाई थी. मुझे लगा कि मेरे गीले बालों को देखकर कई लड़कों के लंड से पानी तो निकल ही गया होगा.
मैंने संजीव को देख लिया था. वो तीसरी पंक्ति में बैठा हुआ मेरी ओर घूर रहा था. वो काफी हैंडसम था और लगातार मुझे देखे जा रहा था. मैंने उसकी नजर से नजर नहीं मिलाई. मैं उसको नजरअंदाज कर रही थी.
यह ट्रेनिंग सेशन दो हफ्ते के लिए होने वाला था. ट्रेनिंग पूरी होने पर मुझे उन सभी नये इंटर्न का मूल्यांकन करना था. उसके बाद उनको ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के तौर पर चुना जाना था.
संजीव को इस ज़ॉब की सख्त जरूरत थी. वह अपने परिवार के लिए इस जॉब को हाथ से नहीं जाने देना चाहता था.
मैंने उससे कुछ सवाल पूछे. वह अंग्रेजी भाषा में इतना सहज नहीं था. हालांकि उसने अपने लिखने और पढ़ने संबंधी सभी टास्क पूरे कर लिये.
मुझे संदेह था कि वह लास्ट राउंड तक नहीं पहुंच पायेगा.
संजीव देखने में बहुत भोला था और इस वजह से मेरे मन में उसके लिए एक स्नेह वाली भावना आ गयी थी. उसको देखकर मैं कई बार सोचती थी कि इसको अपने घर लेकर चली जाऊं और इसके साथ मजा करूं.
एक दिन मैं संजीव पर जोर से चिल्लाई तो उसने रोनी सी सूरत बना ली. वह कॉल करने वाली स्क्रिप्ट को धाराप्रवाह में नहीं पढ़ पा रहा था. मुझे उस पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा आ रहा था और मैंने गुस्से में चिल्ला कर कहा- अगर तुमने यह नहीं किया तो मैं तुम्हें यहां से बाहर निकलवा दूंगी.
इस घटना से उसके अहम् को काफी धक्का लगा और वो क्लास के बाद वो मेरे पास आकर माफी मांगने लगा और फिर से एक चान्स देने की बात कहने लगा. मैंने कड़े शब्दों में कहा- नहीं, तुम यहां के लायक ही नहीं हो. मैं तुम्हें यहां से जल्दी ही निकलवा दूंगी.
संजीव बोला- प्लीज मैम, मेरे हालात को समझिये. मुझे मेरे परिवार को भी देखना है. मुझे इस नौकरी की सख्त जरूरत है. अब मुझे मजा आने लगा क्योंकि अब मैं उसके हालात का सही तरीके से फायदा उठा सकती थी.
फिर भी मैंने नाटक करते हुए कहा- मैं यहां तुम्हारा राग सुनने नहीं बैठी हूं. उठो और निकलो यहां से. मैं उसको थोड़ा और मजबूर करना चाहती थी.
जब ट्रेनिंग का आखिरी दिन बचा था तो मैंने संजीव को बुलाकर पूछा- तुम मेरे लिये क्या कर सकते हो जो मैं तुम्हें इस जॉब के लिए रखूं?
वो बोला- कुछ भी, मैं कुछ भी करने के लिए तैयार हूं मैडम. मैंने कई सारे कामों की ट्रेनिंग ली हुई है. मैंने कई तरह के काम सीखे हुए हैं. मैंने एक सैलून में भी काम किया हुआ है. मुझे महिलाओं को संवारने की कला भी आती है- मैनीक्योर, पैडीक्योर जो कुछ भी आप करवाना चाहो.
मैं बोली- ठीक है, तो फिर शाम को इस पते पर आ जाना. मैं भी देखना चाहती हूं कि तुम्हारी सर्विस की क्वालिटी क्या है, उसके बाद ही मैं तुम्हें ट्रेनिंग में पास करूंगी.
ये सुनकर संजीव खुश हो गया. उसे लगने लगा कि अब उसे यह जॉब मिल जायेगी. शुक्रवार की शाम को वह मेरे घर पहुंच गया. उसने ग्रे पैंट और ब्लैक शर्ट पहनी हुई थी.
मैं गुरूग्राम में एक आलीशान तीन बी एच के फ्लैट में रहती थी. दरवाजे की बेल बजी तो मैं उठकर गयी. मैंने एक चमकीली काले रंग की ड्रेस पहनी थी जो मेरी गर्दन से लेकर घुटनों तक आ रही थी.
जैसे ही मैंने दरवाजा खोला तो संजीव ने मेरी ओर देखा और फिर दोबारा से नजर नीचे कर ली. मैंने उसको हॉल में आकर बैठने के लिए कहा. मैं अंदर चली गयी. उसने मेरे पैरों की क्लीनिंग के लिए एक किट निकाली.
संजीव को नहीं पता था कि यहां पर क्या होने वाला है. वो अपने साथ पानी की बोतल और अन्य सामान भी लेकर आया था.
मैं वापस आकर सोफे पर बैठ गयी और अपने पैर उठाकर उसकी गोद में रखकर बोली- तो दिखाओ अपना हुनर संजीव!
उसको ये सोचकर खुद पर ही तरस आ रहा था कि जॉब के लिए उसको कैसे कैसे काम करने पड़ रहे हैं. मैंने डांटते हुए कहा- तुम्हें जॉब चाहिए है कि नहीं? अच्छे से मेरे पैरों की सफाई करो, तब तुम्हें जॉब मिलेगी.
उसने थोड़ी बेइज्जती महसूस की और फिर मेरे पैरों को मसलना शुरू कर दिया. मेरे चिकने पैरों को वो अच्छी तरह महसूस कर रहा था. उन पर शैम्पू लगाकर बहुत अच्छे तरीके से साफ कर रहा था.
मैं फिर से गुर्राई- इनको अच्छे से साफ करो, कुत्ते कहीं के! चाटो इनको!
वो थोड़ा हिचकने लगा. तो इतने में ही मैंने उसके गाल पर तमाचा मार दिया. वो एकदम से अचंभित हो गया.
मैंने डांटते हुए कहा- तुम्हें जॉब चाहिए तो चुपचाप वैसा करो जैसा मैं बोल रही हूं.
अब वो थोड़ा घबरा गया था. उसने मेरे पैरों को चाटना शुरू कर दिया. उसने मेरे पैरों को थोड़ा फैला दिया ताकि उसको मेरी टांगों के बीच में चूत पर चढ़ी जालीदार पैंटी दिख सके.
उसको अपना अपमान भी महसूस हो रहा था लेकिन साथ ही साथ वो गर्म भी हो रहा था.
तभी मैंने उसको एक और तमाचा मारा और बोली- कुत्ते, मैं तुम्हें दिखाती हूं कि मर्द को औरत के साथ कैसे पेश आना चाहिए.
मैं उठी और कुत्ते के गले का पट्टा लेकर आ गयी. वापस आते समय मैंने अपनी ड्रेस उतार दी और मैं अब केवल ब्रा और पैंटी में थी. मैंने वो पट्टा संजीव के गले में डाला और उसको पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए कहा- अपनी शर्ट और पैंट को उतारो.
संजीव को यकीन नहीं हो रहा था कि मैं ये क्या बोल रही हूं. मगर उसने अपने बदन से अपने कपड़े खोलकर अलग कर दिये. वो मेरे सामने नंगा हो गया. उसका लंड पहले से ही तना हुआ था.
मैंने उस पट्टे को कसकर पक़ड़ लिया और पास में पड़ा कौड़ा उठाकर धीरे से उसके अंडकोषों पर मार दिया. उसके मुंह से एकदम से सिसकार निकल गयी.
फिर से मैं चिल्लाई- मुंह को बंद रख हरामी! कुत्ते की तरह भौंकना बंद कर, जैसा कह रही हूं वैसा कर नहीं तो जॉब को भूल जा. संजीव ने गर्दन हिलाकर हामी भरी. मैंने कहा- कुत्ते की तरह गर्दन हिला साले.
मेरे कहने पर उसने शर्मिंदगी में अपनी जीभ बाहर निकाली और कुत्ते की तरह गर्दन को ऊपर नीचे करके हामी भरी. मैंने उसके बालों को पकड़ कर खींच लिया. दर्द होने के बावजूद भी उसने कुछ रिएक्ट नहीं किया.
फिर मैंने उसको पकड़ कर अपनी चूत की ओर खींच लिया. संजीव का मुंह मेरी पैंटी पर आ लगा और वो मेरी चूत के रस को सूंघने लगा. मैंने उसके सिर को अपनी जांघों के बीच में लेकर दबा दिया और उसको चाटने के लिए कहा.
वो मेरी पैंटी को चाटने लगा. इसी बीच मैंने अपनी ब्रा को खोल लिया और उतार कर फेंक दिया. मेरे टाइट बूब्स अब हवा में झूल रहे थे. संजीव मेरी पैंटी के रस को चाट रहा था.
फिर मैंने उसके बालों को पकड़ कर उसके सिर को पीछे खींचा और उसको मेरी पैंटी खींचने के लिए कहा. मैंने उसके बालों को जोर से खींचा हुआ था. मगर दर्द में भी वो मेरा कहा मान रहा था.
उसने मेरी पैंटी को पकड़ कर नीचे खींच दिया. फिर मेरी टांगों से निकाल कर अलग कर दिया. मैंने उसको वो पैंटी मुंह में ठूंसने के लिए कहा. उसने मेरी पैंटी को चाटा और फिर मुंह में ठूंस लिया.
फिर मैंने पैंटी निकलवा दी और दोबारा से उसको अपनी ओर खींच कर अपनी चूत पर उसके होंठों को टिका दिया.
मैं एकदम से सिहर उठी. उसके होंठ मेरी चूत पर थे और उसकी जीभ मेरी चूत को चाट रही थी.
संजीव ने अपनी जीभ को पूरी तरह बाहर निकाला और मेरी चूत के अंदर दे दी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था. मैंने उसको तड़पाने के लिए उसके ऊपर थूक दिया. मुझे ये सब करने में बहुत मजा आ रहा था.
संजीव का लंड पूरा तना हुआ था. मैंने उसके लंड को मुट्ठी में भर लिया और जोर से खींच दिया. उसके मुंह से दर्द भरी आह्ह … निकल गयी.
उसी वक्त मैंने उसके गाल पर तमाचा मार कर कहा- शट अप! मैंने कहा- अब मुझे अच्छे से खुश करो.
इतना कहते हुए मैंने उसको पैर से पीछे की ओर धकेल दिया और फर्श पर गिरा लिया. सर्दियों में फर्श काफी ठंडा रहता था.
अब मैं उठकर गयी और उसके मुंह पर चूत को टिकाकर बैठ गयी. संजीव मेरी चूत के रस को चाटने लगा. मैं बोली- बहुत अच्छे, मेरे कुत्ते!
हम दोनों ही बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे. मेरे बूब्स एकदम से कड़क हो चुके थे. फिर मैंने संजीव से मेरे बूब्स को चूसने के लिए कहा. वो बोला- जैसी आपकी इच्छा मैडम.
वो मेरे दोनों बूब्स को बारी बारी से चूसने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं उसके अंडकोषों पर धीरे धीरे से पीट रही थी और उनको सहला रही थी.
अब मैं उसके लंड को अपनी चूत में लेना चाह रही थी. मेरी चूत पूरी टपकने लगी थी. इसलिए मैंने संजीव को 69 की पोजीशन में आने के लिए कहा. मैंने उसके मुंह पर चूत को सटाये रखा और 69 की पोजीशन में आ गयी.
अब मैं उसके लंड को चूसने लगी और वो मेरी चूत को चाटने लगा. मेरी सांसें बहुत तेजी से चल रही थीं.
मैं उसके लंड को पकड़ कर मुट्ठ मार रही थी और उसकी गर्दन को बेल्ट से पकड़ कर खींचे हुए थी.
फिर मैंने उसको काऊबॉय पोजीशन में कर लिया और उसके लंड पर थूक दिया. मैं उसके लंड को अपनी चूत में रगड़ने लगी. फिर आखिर में मैंने उसको अपनी चूत में अंदर ले लिया.
मैं संजीव के लंड पर बैठकर उछलने लगी. हम दोनों ही अब चुदाई का मजा लेने लगे. उसके लंड पर कूदते हुए मैं अपनी चूचियों जोर से मसल रही थी. उसका लंड चूत में लेकर मुझे बहुत मजा आ रहा था.
इसी तरह से सिसकारते हुए मैं काफी देर तक उसके लंड पर कूदती रही. मैंने पूछा- तो अब तुम्हारा होने वाला है क्या हरामी?
हम दोनों जोर से सिसकार रहे थे और इतने में ही संजीव के लंड से वीर्य निकल पड़ा और उसने सारा माल मेरी चूत में भर दिया. मैं हांफते हुए संजीव के बदन पर लेट गयी और बोली- तुम बहुत अच्छे सेवक हो, अब तुम्हें मैं तुम्हारी जॉब दिलवा दूंगी. ये सुनकर वो खुश हो गया और अपने घर चला गया.
तो कैसी लगी मेरी स्टोरी दोस्तो? मैं एक जबरदस्त बी डी एस एम लवर हूं. अगर आप मुझसे चैट पर अपनी बी डी एस एम फैंटेसी और अनुभव बताना चाहते हैं या साधारण बातचीत करना चाहते हैं तो आप यहाँ क्लिक करके मुझसे बात कर सकते हैं.
यदि ऊपर वाले लिंक पर क्लिक करके आप पेज ओपन नहीं कर पा रहे हैं तो आप मुझसे इस लिंक पर सम्पर्क कर सकते हैं.
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000