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पोर्न कहानी का पहला भाग : मेरे चाचू ने बेरहमी से चोदा-1 पोर्न स्टोरी का चौथा भाग : मेरे चाचू ने बेरहमी से चोदा-4
सम्पादक : जूजा जी
मेरे चाचू हसन मुसलसल मेरी चूत में उंगलियां कर रहे थे।
फिर अचानक मेरी चूत से पानी निकलने लगा और मैं एकदम से चीख पड़ी- आआआ… ऊऊऊऊ… हस्स्स्सन भाईयीई… मेरा पाअनीईईईई निकल रहाआ आहि यीईईईई… हाआाईयईईईई…आआआ..
इस के साथ ही मेरी चूत से पानी निकल गया और मैं बिस्तर से 3 फीट तक ऊपर उठी और फिर नीचे गिर गई…
मेरा पानी निकल कर हसन का हाथ और मेरी टाँगों और बिस्तर पर गिर गया।
थोड़ी देर बाद हसन ने अपने कपड़े उतार दिए।
उसका 8 इंच का लण्ड मेरी तरफ मुँह उठाए खड़ा था…
हसन फिर मेरी तरफ आया और मेरे मम्मों को चाटने लगा और फिर मुझे उठाया और अपना लण्ड मेरे हाथ में दे दिया।
तो मैंने गुस्से से उसे दूसरी तरफ कर दिया तो हसन ने ज़ोर से मुझे एक चांटा मारा और कहा- साली छिनाल.. इसे पकड़ वरना तेरे मुँह में लण्ड ठूंस दूँगा।
मैं डर गई और उसके लण्ड को पकड़ कर आगे-पीछे करने लगी।
फिर हसन ने मुझे कहा- मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल छिनाल…
मैंने कहा- नहीं..
तो उसने ज़बरदस्ती मुझे उठा कर ज़मीन पर बिठाया और मेरे मुँह को खोल कर अपना लण्ड मेरे मुँह में डाल दिया।
मैंने पहली मुज़हमत की लेकिन फिर समझ गई कि कोई फ़ायदा नहीं है।
मैं फिर उसका लण्ड पकड़ कर अपने मुँह में डालने लगी।
हसन मेरे बालों को पकड़ कर अपना लण्ड मेरे मुँह के अन्दर-बाहर करने लगा।
ऐसा लग रहा था कि वो मेरे मुँह को चोद रहा है… कुछ देर ऐसा करने के बाद उसने अपना लण्ड मेरे मुँह से निकाला और मेरी दोनों चूचियाँ के दरमियाँ लंड फंसा कर आगे-पीछे करने लगा।
मुझे भी इसमें मज़ा आ रहा.. क्योंकि इससे मेरे मम्मे भी दब रहे थे और मुझे उसका बड़ा लौड़ा भी साफ़ दिख रहा था।
काफ़ी देर तक ऐसा करने के बाद उसका पानी निकलने लगा.. तो वो चिल्ला उठा- आआआ… हीराआआ… मेरा.. पानीईईई निकलल्ल गया.. है…
यह कहते ही उस के लण्ड से सफेद गाढ़ा और गरम पानी निकल कर मेरे मम्मों.. मेरी गर्दन और मेरे मुँह पर गिरने लगा…
वो थक कर बिस्तर पर गिर गया और मैं ज़मीन पर गिर पड़ी। हम दोनों ज़ोर-ज़ोर से साँसें ले रहे थे।
हम दोनों नंगे थे.. फिर थोड़ी देर बाद वो उठा और मुझे उठा कर बिस्तर पर ले गया और मेरे पूरे जिस्म को चूमने लगा।
अब मुझे वो अच्छा लगने लग गया था।
फिर उसने मेरी टाँगों को खोला और अपना लण्ड मेरी चूत पर रख दिया और साथ ही मेरे मम्मों को दबाने लगा।
फिर आहिस्ता से अपना लण्ड मेरी चूत में डालने लगा..
ज्यों ही उसका सुपारा मेरी चूत में घुसा.. तो मैं चीख पड़ी- प्लीज़ हसन भाई.. नहीं..न्न दर्द होगा…
लेकिन हसन ने एक ना सुनी और अपना लण्ड अन्दर करने लगा…
हालांकि वो अपना तना हुआ लौड़ा आहिस्ता आहिस्ता डाल रहा था… जब उसने लण्ड थोड़ा और अन्दर किया तो मैं चीख़ उठी- आआआ… नाआ कराऐन्न्नणणन् प्लज़्ज़्ज़्ज़…
लेकिन वो अन्दर करता रहा।
जब उसका तकरीबन आधा लण्ड अन्दर चला गया.. तो वो रुक गया और आहिस्ता-आहिस्ता लण्ड वहीं से ही अन्दर-बाहर करने लगा।
मुझे बहुत दर्द हो रहा था..
जब थोड़ी देर तक वो ये करता रहा तो उसका लौड़ा मेरी चूत में जगह बना चुका था और मुझे भी मज़ा आने लगा और मैं मज़े से कराहने लगी।
थोड़ी देर ऐसा करने के बाद हसन रुक गया और मेरी तरफ देखकर गुस्से से बोला- साली साना रंडी.. चुद.. ले खा मेरा लवड़ा…
यह कह कर हसन ने ज़ोर से झटका मारा और अपना पूरा 8 इंच का लौड़ा मेरी चूत के अन्दर घुसा दिया।
मैं तो मर ही गई.. मेरी आँखें बाहर आ गईं.. मैं इतने ज़ोर से चीखी कि दूसरे घर तक आवाज़ चली गई।
‘आआआ… ऊऊऊओ.. अम्म्मी आह उऊहह अहह उई माआईयईईईई अम्मिईई… मेरी..ई तो फट गइिईई.. अम्मी मैं मरर गइईईई. माआररर डालाअ इसने मुझेए… बदला लेई रहाआ है..यईईईई… आआआ…
मेरी आवाज़ इतनी ऊँची थी कि मेरे घर तक आवाज़ चली गई।
एक तो रात का वक़्त ऊपर से गाँव.. आवाज़ तो जानी ही थी।
मेरी अम्मी एकदम बाहर आईं और जोर से चिल्ला कर मुझे आवाज लगाई- क्या हुआ साना?
वो डर गई थीं।
हसन ने एकदम मेरे मुँह पर अपना मुँह रख कर मेरे मुँह को बंद कर दिया।
मदीहा साथ वाले कमरे में चली गई थी.. वो एकदम उस कमरे से बोली- चची कुछ नहीं.. मैं और हीरा एक-दूसरी को तंग कर रहे थे… आप सो जाएं।
अम्मी ने वहाँ से ही कहा- बदतमीजो इंसान बनो.. और सो जाओ.. सारा गाँव जाग जाएगा….
मदीहा ने कहा- ओके चची आप सो जाओ…
अम्मी यह कह कर अन्दर चली गईं।
इधर मेरी तो हालत खराब हो गई थी.. एक तो हसन अपना मोटा लण्ड मेरी चूत से निकालने का नाम नहीं ले रहा था और ऊपर से मेरे मुँह को भी बंद कर दिया था।
मेरी चूत फट चुकी थी.. मेरी चूत से खून निकल कर नीचे गिर रहा था।
थोड़ी देर ऐसा रहने के बाद जब मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो हसन ने अपना मुँह मेरे मुँह से हटा लिया और अपना लण्ड मेरी चूत में अन्दर पड़ा रहने दिया।
जब मुझे थोड़ा आराम हुआ तो उसने अपना लण्ड मेरी चूत के अन्दर-बाहर करना चालू कर दिया.. मुझे दर्द तो हो रहा था.. लेकिन ज्यादा नहीं…
थोड़ी देर तक वो यूँ ही धीरे-धीरे मेरी चुदाई करता रहा।
तो मेरा दर्द आहिस्ता-आहिस्ता ख़तम होने लगा.. मुझे दर्द हो रहा था.. लेकिन अब दर्द से ज्यादा मुझे मज़ा आ रहा था।
वो लवड़े को मेरी चूत के अन्दर-बाहर कर रहा था।
मुझे मजा आने लगा और मैंने अपनी कमर को चलाया तो वो तेज़-तेज़ मेरी चूत में अपना लण्ड अन्दर बाहर करने लगा।
अब मैं तो मज़े में पागल हो रही थी और कहने लगी- आआआ… ऊऊ… हसन भाई और तेज़ करो ना.. प्लीज़.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो.. अपनी बेटी को चोदो ना.. प्लीज़ मत रूको.. येह्ह..ह आई एम एंजायिंग इट… प्लीज़ चाचूऊओ…एयेए आ… और तेज़्ज़्ज़ तेज़्ज़्ज़… अगर यही आप का बदला था तो ये बदला पहली ले लेते नाआ… जानू… फक्कक मीईई…
मेरी बातें सुनकर हसन और भी तेज़ हो गया.. और कहने लगा- अयाया… हाआअन्न ना मेरी हीरा छिनाल. तुझे चोदूँ.. रण्डी… तुझे मैं रोज चोदूँगा.. मेरी बेटी.. अह… तुझे तो रखैल बनाऊँगा अपनीईई… आआआ…एसस्सस्स… रंडडईईईई….
हम दोनों आसमान में उड़ रहे थे।
तभी अचानक मेरा पानी निकलने लगा.. तो मैंने कहा- जानू मेरा पानी निकल रहा है।
उसने कहा- रूको.. मेरा भी निकलने वाला है.. साथ में निकलेंगे…
फिर थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद… हम दोनों का पानी निकलने लगा।
मैं बोली- आआआ… जान्नू.. आआआ… जानू मेरा पानी निकल रहा है..अई आआआ… तेज़्ज़्ज़्ज़ करोऊओ….
वो भी बोला- साना मेरा पानीई भी निकल रहा अहाईईईई.. तुझे अपने मंगेतर हिलाल का वास्ताअह.. रुक.. मेरा सारा पानी अपनी चूत के अन्दर डालना और एक कतरा भी बाहर ना आने पाए…
मैंने कहा- आआआह.. जानन्न्नूऊ ये किस हरामी का नाम ले लिया है..ईईईईई… मैं भी तेरी ओर मेरी चूत भी तेरी.. हसन भाई.. जो दिल कहे वो करो..
इसके साथ ही मेरा पानी निकलने लगा और उसका पानी भी सारा का सारा.. मेरी चूत में चला गया।
हम दोनों कराहते रहे और हमारा पानी निकलता रहा।
फिर हम दोनों थक कर बिस्तर पर लेट गए और हम दोनों फिर नंगे एक-दूसरे के साथ लिपट कर सो गए।
तकरीबन 2-3 घंटे सोने के बाद हम उठे और जब मैं कपड़े पहनने के लिए उठी, तो हसन की नज़र मेरी गाण्ड पर पड़ गई..
फिर तो वो और पागल हो गया और एकदम उठ कर मेरी गाण्ड को पकड़ा और वक्त ज़ाया किए बगैर अपना पूरा खड़ा लण्ड.. मेरी गाण्ड में पेल दिया…
मैं तो चीख पड़ी और रोने लग गई।
लेकिन वो ना माना और मेरी गाण्ड को भी चोदने लगा और मेरी गाण्ड को भी फाड़ दिया।
आधा घंटा मेरी गाण्ड को चोदने के बाद उसका पानी निकल गया और मैं भी अपनी चूत में ऊँगली मार रही थी तो मेरा पानी भी निकल गया।
एक बार फिर हम दोनों थक कर बिस्तर पर गिर गए।
थोड़ी देर लेटने के बाद फजर का वक्त हो गया और आख़िर वो सेक्सी रात जो नफ़रत ओर ब्लॅकमेलिंग से शुरू हुई.. एक अच्छे.. कामुक और रोमान्टिक इंतकाम पर खत्म हुई।
हसन भाई फिर उठे और उसने मेरे गदराए जिस्म को चूमा और अपने कपड़े पहन कर बाहर चले गए।
मैंने भी अपने कपड़े पहने और लेट गई।
हसन भाई अनवर भाई के पास चले गए और वहाँ सो गए… और मेरी सहेली मदीहा वापस मेरे पास आ गई।
इसके बाद भी हसन ने मेरे साथ बहुत एंजाय किया।
वो कहानी बाद में सुनाऊँगी.. जब आप इस कहानी को पसन्द करेंगे… अब मैं कराची में हूँ.. लेकिन जब एबटाबाद जाऊँगी तो फिर चुदाई और एंजाय पक्के में होगा।
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