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अब दीपक भी चरम सीमा पर पहुँच गया था.. प्रिया की दहकती गाण्ड में लौड़ा ज़्यादा देर नहीं टिक पाया उसको लगा कि अब कभी भी पानी निकल जाएगा तो उसने प्रिया की कमर को दोनों हाथों से कस कर पकड़ लिया।
दीपक- बहना मेरा पानी किसी भी पल निकल सकता है… अब बर्दास्त नहीं होता.. मैं पूरा लौड़ा तेरी गाण्ड की गहराई में उतार रहा हूँ संभाल लेना तू…
प्रिया- आह्ह.. आई.. भाई आह्ह.. अब मना करूँगी आह्ह.. तो आप मानोगे थोड़ी.. आह डाल दो आह्ह.. अब आधा गया तो आह पूरा भी पेल दो आह्ह..
बस इसी पल दीपक ने लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाला और तेज झटका मारा। प्रिया की गाण्ड को चीरता हुआ लौड़ा जड़ तक उसमें समा गया।
ना चाहते हुए भी प्रिया के मुँह से चीख निकल गई.. मगर वो इतनी ही चीखी कि बस उसकी आवाज़ कमरे से बाहर ना जा पाए।
दीपक अब रफ्तार से पूरा लौड़ा अन्दर-बाहर करने लगा.. कसी हुई गाण्ड में बड़ी मुश्किल से लौड़ा जा रहा था।
प्रिया- आआआ आआआ उयाया.. भाई मर गई आह्ह.. उह..
दीपक- आह्ह.. उहह बहना.. बस एक मिनट आह्ह.. मेरा पानी निकलने वाला है आह्ह.. सब्र कर आह्ह…
दीपक ने तीन-चार जोरदार झटके मारे और अंत में उसके लौड़े का जवालामुखी फट गया। वो प्रिया की गाण्ड में वीर्य की धार मारने लगा।
दीपक के गर्म-गर्म वीर्य से प्रिया को गाण्ड में बड़ा सुकून मिला। उसने एक लंबी सांस ली।
प्रिया- आई ससस्स.. भाई आह.. आपने तो मेरी गाण्ड का हाल बिगाड़ दिया उफ़ अब लौड़ा निकाल भी लो मर गई रे आह्ह…
दीपक ने ‘फक्क’ की आवाज़ के साथ लौड़ा गाण्ड से बाहर निकाल लिया और एक साइड होकर लेट गया.. फ़ौरन प्रिया भी उसके सीने पर सर रख कर लेट गई.. लौड़े की ठापों से उसकी गाण्ड एकदम लाल हो गई थी।
दीपक- आह्ह.. मज़ा आ गया बहना.. तेरी टाइट गाण्ड में साला लौड़ा.. बड़ी मुश्किल से जा रहा था.. उफ़ क्या गर्मी थी गाण्ड में.. साली लौड़े को झड़ने पर मजबूर कर दिया।
प्रिया- भाई आपके लौड़े ने मेरी गाण्ड का क्या हाल कर दिया.. देखो नर्म बिस्तर पर भी ठीक से नहीं टिक पा रही है।
दीपक- मेरी जान ये तो तूने लंड को चूस-चूस कर अधमरा कर दिया था.. गाण्ड में ज़्यादा देर टिक ना सका। अबकी बार बराबर ठोकूँगा ना.. सारा दर्द हवा हो जाएगा और देखना तुझे मज़ा भी खूब आएगा।
प्रिया- बाप रे बाप.. आप दोबारा मेरी गाण्ड मारोगे.. ना बाबा अबकी बार चूत से काम चला लो.. मुझे नहीं मरवानी गाण्ड.. बड़ा दर्द होता है…
दीपक- अरे रानी तू फिकर क्यों करती है.. बस आज की रात ही हम साथ-साथ हैं.. कल से कहाँ ऐसा मौका मिलेगा.. ला इन रसीले मम्मों का थोड़ा रस पिला.. ताकि जल्दी से लौड़े में ताक़त आए और अबकी बार जमकर तेरी ठुकाई करूँ।
प्रिया- अच्छा कर लेना.. पहले मुझे बाथरूम जाना है.. आपके लौड़े ने गाण्ड में हलचल मचा दी है.. मैं आती हूँ अभी…
प्रिया के जाने के बाद दीपक कल के बारे में सोचने लगा कि मैडी और सोनू की नज़र में वो हीरो बन जाएगा मगर हक़ीकत कोई नहीं जनता कि ये हीरो ऐसे ही नहीं बना.. बल्कि अपनी बहन को चोदने के बाद बना है।
प्रिया के बाथरूम से आने के बाद दीपक दोबारा शुरू हो गया.. उसके मम्मों को दबा कर रस पीने लगा।
जब उसका लौड़ा फनफना गया तो दोबारा उसकी गाण्ड में पेल दिया और अबकी बार 35 मिनट तक दे-दनादन उसको चोदता रहा।
रात भर में उसने 2 बार प्रिया की गाण्ड और एक बार चूत मारी.. बेचारी प्रिया का तो हाल से बहाल कर दिया।
दोस्तो, कहानी लंबी हो रही है.. हर एक चुदाई को पूरा लिखना अब मुमकिन नहीं.. आपके भी सब्र का बाँध टूट गया है अब.. वो आपके ईमेल से पता चलता है..
तो चलिए आगे कहानी का रस लीजिए।
सुबह का सूरज सब के लिए एक अलग ख़ुशी लेकर आया था।
दीपक की मम्मी ने करीब 8 बजे उनको उठाया.. तब कहीं जाकर उनकी आँख खुली..
वैसे रात को दोनों ने कपड़े पहन लिए थे ताकि सुबह किसी के दरवाजे खटकाने पर तुरन्त दरवाजा खोल दिया जाए।
और हुआ भी वैसा ही दीपक जल्दी से उठा.. एक चादर ज़मीन पर डाली तकिया डाला और दरवाजा खोल दिया।
उसकी मम्मी के पूछने पर बता दिया कि प्रिया ऊपर सोई और वो नीचे.. सब ठीक रहा.. प्रिया की गाण्ड में दर्द था तो वो नहीं उठी.. रात की ठुकाई से उसे बुखार भी हो गया था।
दीपक नहा-धोकर घर से निकल गया। उधर मैडी भी दीपक से मिलने को बड़ा उतावला था।
तो फ़ौरन वो भी करीब 8 40 को घर से निकल गया।
दोस्तो, दीपाली सुबह 7 बजे उठ गई और काम में अपनी मम्मी का हाथ बंटाने लगी।
विकास ने रात को अनुजा की खूब ठुकाई की.. अब उसके दिमाग़ में प्रिया घूम रही थी।
तो दोस्तो, आज सोमवार आ गया जिसका आपको बड़ी बेसब्री से इन्तजार था यानि कहानी अपने चरम पर आ गई.. तो चलिए देखते हैं आज क्या होता है?
करीब 10 बजे वहीं जहाँ कल उनकी मुलाकात हुई थी.. तीनों चाय का मज़ा ले रहे थे और साथ ही बातों का भी मज़ा ले रहे थे।
मैडी- यार दीपक पूरी रात नींद नहीं आई.. साले ऐसा क्या जादू कर दिया तूने.. एक ही मुलाकात में.. कि साली तेरे से चुद गई.. और आज हमसे भी चुदने को राज़ी हो गई।
दीपक- तूने वो कहावत तो सुनी होगी बेटा बेटा होता है और बाप बाप.. तो सालों मैं तुम्हारा बाप हूँ।
सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…
दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है.. जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए ना.. तो सालों लौड़े हिलाते रह जाओगे.. मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।
सोनू- अच्छा बाबा माफ़ कर दे.. कब आ रही है और कहाँ?
दीपक- इस मैडी को पूछो.. बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना साले…
मैडी- प्लान क्या.. शालीमार में कमरा बुक कर लिया है.. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं.. तो ऐसा कर कि पावर वाली गोली हम ले लें.. साली को जमकर चोदेंगे।
सोनू- हाँ यार पहली बार चूत मिल रही है.. ऐसे तो साली के गोरे जिस्म को देखते ही लौड़ा उल्टी कर देगा.. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी उसको जमकर चोद पाएँगे।
दीपक- जाओ ले आओ.. अब मैं जाता हूँ तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको लेकर वहीं आता हूँ।
सोनू- अरे मेरे बाप.. अब तू बता दे कसम से बड़ी चुल्ल हो रही है.. कल क्या हुआ था.. जब मेरे साथ तू बाहर आया उसके बाद वापस जाकर ऐसा क्या हुआ..? बता ना यार…
दीपक- बस तुम चूत का मज़ा लो.. बाकी सारी बातें भूल जाओ.. मेरे पास एक ऐसी बात है.. जिसकी वजह से अब दीपाली रोज हमसे चुदवाएगी समझे.. अब ज़्यादा सवाल किए ना.. तो सालों लौड़े हिलाते रह जाओगे.. मैं रोज अकेला मज़ा लूँगा।
सोनू- अच्छा बाबा माफ़ कर दे.. कब आ रही है और कहाँ?
दीपक- इस मैडी को पूछो.. बड़ा होटल का प्लान बना रहा था ना साले…
मैडी- प्लान क्या.. शालीमार में कमरा बुक कर लिया है.. वो 11 बजे आएगी.. अच्छा अब गोली-वोली की तो जरूरत नहीं.. तो ऐसा कर कि पावर वाली गोली हम ले लें.. साली को जमकर चोदेंगे।
सोनू- हाँ यार पहली बार चूत मिल रही है.. ऐसे तो साली के गोरे जिस्म को देखते ही लौड़ा उल्टी कर देगा.. गोली लेने में ही भलाई है.. तभी उसको जमकर चोद पाएँगे।
दीपक- जाओ ले आओ.. अब मैं जाता हूँ तुम वहाँ पहुँचो.. मैं उसको लेकर वहीं आता हूँ।
दीपक वहाँ से वापस घर आ गया तब तक प्रिया भी उठ गई थी।
उसको बुखार था तो वो बस मुँह-हाथ धोकर बैठी थी।
दीपक की माँ ने उसे नहाने नहीं दिया था और गुस्सा भी किया कि इतनी देर रात जागने की क्या जरूरत थी मगर प्रिया ने पढ़ाई का बहाना बना दिया था।
दीपक- हाय माय स्वीट सिस्टर गुड मॉर्निंग।
प्रिया- गुड मॉर्निंग भाई।
दीपक- आख़िर कर उठ ही गई मेरी प्यारी बहना.. चल जरा दीपाली को फ़ोन तो लगा.. मुझे उससे बात करनी है।
दीपाली- हाँ जानती हूँ क्या बात करनी है.. आपका अब तक मन नहीं भरा क्या.. रात भर तो चुदाई की है..?
दीपक- तू भी कैसी बात करती है चूत से भला कभी मन भरता है क्या और वो भी दोस्तों के साथ मिलकर चुदाई का तो मज़ा ही दुगुना आएगा.. चल अब बातें बन्द कर.. फ़ोन लगा उसको…
प्रिया ने दीपाली को फ़ोन लगाया तो उसकी मम्मी ने उठाया और दीपाली को दे दिया।
तब दीपक ने उसे होटल की बात बता दी..
दीपाली ने कहा- दस मिनट में घर से निकल रही हूँ.. तुम भी बाहर आ जाओ…
दीपक ने ‘ओके’ बोलकर फ़ोन रख दिया और बाहर जाने लगा।
प्रिया- भाई जा रहे हो आप.. बेचारी को आराम से चोदना.. तुम तीन वो अकेली.. कहीं कुछ हो ना जाए…
दीपक- अरे उसको क्या होगा साली रंडी है वो.. तू टेन्शन मत ले.. बड़े प्यार से चोदेंगे उसको.. अच्छा अब चलता हूँ। प्रिया- बेस्ट ऑफ लक भाई। दीपक घर से निकल गया.. उधर दीपाली भी आज अपनी मम्मी को प्रिया का नाम लेकर घर से निकल गई।
बस दोस्तों आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं.! क्या आप जानना नहीं चाहते कि आगे क्या हुआ? तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए… मुझे आप अपने विचार मेल करें। [email protected]
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