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दीपक रफ़्तार से दीपाली के मुँह को चोद रहा था और प्रिया की जीभ उसकी गोटियों को चाट रही थी.. कब तक वो इन दो कमसिन कलियों के आगे टिका रहता.. उसका लौड़ा फूलने लगा और उसने पूरा लौड़ा दीपाली के मुँह में घुसा कर झड़ना शुरू कर दिया।
दीपक- आह उफ़फ्फ़ कितना हसीन पल है ये उफ़ आहह.. मज़ा आ गया…
दीपक के लौड़े ने दीपाली के गले तक पानी की पिचकारी मारी और वो सारा वीर्य गटक गई। अब उसने लौड़ा मुँह से निकल जाने दिया.. उसके मुँह में अभी भी थोड़ा वीर्य था जो उसने अपनी जीभ की नोक पर रख लिया प्रिया ने झट से उसकी जीभ को अपने मुँह में लेकर चूसा और बाकी वीर्य वो पी गई।
अब दोनों जीभ से चाट-चाट कर लौड़े को साफ कर रही थीं। दीपक के तो मज़े हो गए उसको लौड़े को साफ करवाते हुए बड़ा मज़ा आ रहा था।
दीपक- आह चाटो.. मेरी रण्डियों.. मज़ा आ रहा है.. दीपाली मेरी जान चल अब बिस्तर पर आ जा.. आधी नंगी तो है ही.. अब पूरी हो जा अपनी चूत के दर्शन करवा दे.. कब से तड़प रहा हूँ मैं.. तेरी चूत में लौड़ा डालने के लिए.. बस एक बार तेरी चूत चाट कर मज़ा लिया है.. आज चोद कर मज़ा लूँगा.. आज तो मैं तेरी गाण्ड भी मारूँगा…
प्रिया- भाई मेरी चुदाई कब करोगे आप?
दीपक- अरे तू तो रात भर मेरे पास मेरे घर में रहेगी अभी तो दीपाली का मज़ा लेने दे मुझे….
प्रिया- वो कैसे भाई?
दीपक ने उसे सारी बात बता दी.. वो ख़ुशी से झूम उठी।
प्रिया- वाउ.. मज़ा आ जाएगा.. आज तो पूरी रात चुदाई करेंगे.. अभी दीपाली के मज़े लो भाई.. मैं भी देखूँ.. जिस दीपाली के लिए आप पागल बने घूमते हो.. आज उसको कैसे चोदते हो…
दीपाली- लो मेरे आशिक.. हो गई नंगी.. आओ जाओ चढ़ जाओ मुझ पर….
दीपक- हाँ साली.. आज बरसों की तमन्ना पूरी होने जा रही है.. आज तो तुझे जी भर के चोदूँगा।
दीपाली बिस्तर पर टाँगें फैला कर सीधी लेट जाती है। प्रिया भी उसके पास लेट जाती है।
दीपक बिस्तर पर आकर दीपाली की चूत को गौर से देखने लगता है।
दीपक- अबे दीपाली.. साली रंडी किस-किस से चुदवाती है रे तू बहन की लौड़ी.. चूत का मुँह तो ऐसे खुला हुआ है जैसे मूसल घुसवा कर आई हो…
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ये सुनकर प्रिया की हँसी निकल जाती है मगर वो अपने आप को रोक लेती है।
दीपाली- दीपक ज़्यादा स्मार्ट मत बनो.. चोदना है तो चोदो नहीं तो अपना लण्ड उठाओ और भाड़ में जाओ.. ऐसे झूटे इल्ज़ाम ना लगाओ.. बस मेरा एक ही राजा है वो ही मेरी चूत का मज़ा लेता है.. या अब तुम लेने जा रहे हो।
दीपाली नहीं चाहती थी कि किसी और का नाम प्रिया को पता चले.. उसे शर्म सी महसूस हुई कि वो कैसे एक भिखारी और बूढ़े सुधीर से चुदवा भी चुकी है।
दीपक- कोई बात नहीं रंडी.. चूत का भोसड़ा अभी बना नहीं है.. मैं बना दूँगा और गाण्ड तो सलामत है.. या उसको भी फड़वा चुकी हो?
दीपाली- पहले चूत का मज़ा लो.. उसके बाद गाण्ड भी देख लेना मेरे आशिक.. पता चल जाएगा मेरे राजा जी तेरी तरह लौड़ा हाथ में लिए नहीं घूमते रहते.. वो बड़े ही समझदार इंसान हैं चूत और गाण्ड का मुहूर्त ऐसे किया कि हर कुँवारी लड़की उनसे ही अपनी सील तुड़वाना चाहे.. तेरी तरह नहीं कि तुमने प्रिया की जान ही निकाल कर रख दी थी।
दीपक- अच्छा ये बात है.. तो उसका नाम क्यों नहीं बताती तू?
दीपाली- बातों में समय खराब मत कर.. चल लग जा चूत चटाई पे..
दीपक ने भी ज़्यादा बहस करना ठीक नहीं समझा और दीपाली की चूत को चाटने लगा।
प्रिया- भाई थोड़ा कमर को ऊपर करो आप चूत चाट कर दीपाली को गर्म करो.. मैं आपके लौड़े को चूस कर कड़क करती हूँ।
दीपक ने प्रिया की बात मान ली.. अब दोनों अपने काम में लग गए।
दीपाली बस ‘आहें’ भर रही थी.. पहले तो विकास ने खूब चोदा.. अब दीपक के नए लौड़े के सपने देखने लगी थी कि कैसा मज़ा आएगा…
दीपाली- आहह.. चाटो.. उफ़ मेरे आशिक आहह.. मज़ा आ रहा है…
दीपक भी जीभ की नोक से उसकी चूत चोदने लगता है.. इधर प्रिया ने लौड़े को चूस-चूस कर एकदम टाइट कर दिया था। अब तीनों ही वासना की आग में जलने लगे थे।
दीपाली- आहह.. अई बस भी कर.. चूत का पानी मुँह से ही निकलेगा क्या.. तेरे लौड़े की चोट कैसी है.. वो तो बता मुझे…
दीपक- साली रंडी तुझे क्या पता चलेगा लौड़े की चोट का.. तू तो पहले से तेरे उस गुमनाम यार के पास ठुकवा आई है.. साला है बड़ा हरामी कैसे तेरे चूचे मसके होंगे उसने.. कैसे तेरी चूत की ठुकाई की होगी.. तभी चूत का भोसड़ा जैसा बन गया है।
दीपाली- आह अई तुझे आहह.. क्या पता बहनचोद आहह.. वो ऐसे वैसे नहीं हैं.. आहह.. बड़े अच्छे हैं ऐइ चूत और गाण्ड को बड़े प्यार से चोद कर होल बड़े किए हैं.. आहह.. अब तू भी लौड़ा पेल कर मेरी चूत की गर्मी महसूस कर ले….
दीपक- अरे मेरी रंडी बहना.. अब लौड़ा चूसना बन्द कर.. ये दीपाली रंडी की चूत मचलने लगी है.. अब में इसको चोद कर ही ठंडा करूँगा।
प्रिया- क्या भाई.. आप भी ना क्या रंडी-रंडी लगा रखा है प्यार से ‘जान’ या ‘रानी’ ऐसा कुछ भी बोल सकते हो ना….
दीपाली- अरे नहीं प्रिया.. चुदाई का मज़ा गाली और गंदी बातों से बढ़ जाता है.. तू भी अजमा लेना.. मज़ा आएगा.. बोल दीपक बहनचोद जितना बोलना है बोल.. फाड़ दे मेरी चूत को.. घुसा दे अपना लौड़ा मेरी चूत में…
प्रिया- हाँ मैंने कहानी में पढ़ा था.. गाली देकर ही चुदाई का मज़ा आता है।
दीपक- तो बहन की लौड़ी ज्ञान क्या दे रही है बोल कर दिखा छिनाल की औलाद.. साली तू तो वेश्या से भी आगे निकल गई.. अपने भाई के लौड़े पर नज़र रखती है…
प्रिया- हाँ भड़वे बोल रही हूँ.. मेरी क्या बात करता है कुत्ते.. तू खुद क्या था.. जरा सोच गंदी नाली का कीड़ा भी तुझसे अच्छा होगा हर आने-जाने वाली लड़कियों की चूची और गाण्ड देखता था.. तेरे जैसा हरामी तो बहन ही चोदेगा और कहाँ से तुझे लड़की मिलेगी?
दीपाली- वा..वाह.. प्रिया क्या बोली है तू.. पक्की रंडी बनेगी मेरी तरह आ भड़वे.. अब क्या नारियल फोडूँ तेरे लंड पर.. तब चूत में डालेगा.. क्या पेल जल्दी से बहनचोद…प्रिया- हाँ डाल दे मेरा भड़वे भाई.. इस छिनाल की चूत में अपना लौड़ा.. हरामजादी कब से बोल रही है.. इसका मन भी नहीं भरा.. अभी-अभी चुदवा कर आई है.. दोबारा कुतिया की चूत में खुजली हो गई।
दीपक- क्या.. अभी चुदवा कर आई है साली रंडी.. तभी इतनी देर से आई है.. ले अब तेरी चूत का भुर्ता बनाता हूँ अभी.. देख छिनाल कितना चुदेगी तू.. ले मैं भी देखता हूँ।
दीपक ने लौड़ा चूत पर टिकाया और ज़ोर से झटका मारा.. पूरा लौड़ा चूत की अंधी खाई में खो गया।
दीपाली- आआहह.. हरामखोर आहह.. इतनी ज़ोर से झटका मारा.. कमर में दर्द हो गया.. कुत्ते.. पूरा बदन का वजन मेरे ऊपर डाल दिया आहह.. झटके मार.. साले हरामी आहह.. मज़ा आ गया तेरा लौड़ा है बड़ा गर्म.. आहह.. चोद ऐइ मार झटके आहह…
दीपक- उहह उहह आहह.. हाँ साली.. तू भले ही चुदी हुई है आहह.. मगर तेरी चिकनी चूत में लौड़े को बड़ा मज़ा आ रहा है.. आहह.. अन्दर-बाहर करने में आहह…
प्रिया- सस्स भाई.. क्या झटके मार रहे हो आहह.. लौड़ा दीपाली की चूत में जा रहा है.. मज़ा मेरी चूत को आ रहा है आहह…
दीपाली- आहह.. मार ज़ोर से.. आहह.. चोद दे आहह.. फाड़ दे आहह.. मेरी चूत को आहह.. प्रिया आह.. तू वहाँ बैठी है.. क्या चूत रगड़ रही है आ आजा आ मेरे मुँह पर आ.. तेरी चूत रख दे.. मैं चाट कर तुझे डबल मज़ा देती हूँ आ…
दीपक अपनी पूरी ताक़त से दीपाली को चोद रहा था.. प्रिया ने दीपाली की बात मान कर उसके मुँह के पास चूत ले आई और मज़े से चटवाने लगी।
दस मिनट तक दीपक ताबड़तोड़ लौड़ा पेलता रहा.. अब उसका बाँध टूटने वाला था।
दीपक- आह उहह उहह रंडी आहह.. मेरा पानी निकलने ही वाला है अब आहह.. आहह…
प्रिया- आहह.. चाट आहह.. दीपाली आहह.. मेरी चूत भी आह लावा उगलने वाली है.. आईईइ कककक उफफफ्फ़ आह…
दीपक के लौड़े ने गर्म वीर्य दीपाली की चूत में भर दिया और दीपाली भी प्रिया का पानी गटक गई।
दीपाली को न जाने क्या समझ आया कि प्रिया को जल्दी से हटा कर दीपक को ज़ोर से धक्का दिया वो भी एक तरफ़ हो गया और एक सेकंड के सौंवें हिस्से में दीपाली दीपक के मुँह पर बैठ गई यानि अपनी चूत उसके मुँह पर टिका दी।
दीपाली- आह चाट बहनचोद आहह.. अपना पानी तू खुद चाट रंडी बोलता है ना… आहह.. उह.. ले मेरा रंडी वाला रूप देख.. आहह.. तू तो झड़ गया आहह.. मैं अभी अधूरी हूँ.. मेरी चूत को चाट कर ठंडा कर आहह.. उह.. जल्दी कर भड़वे आह…
बस दोस्तो, आज के लिए इतना काफ़ी है। अब आप जल्दी से मेल करके बताओ कि मज़ा आ रहा है या नहीं!
तो पढ़ते रहिए और आनन्द लेते रहिए…
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