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हैलो दोस्तो, मैं अमित जयपुर से हूँ, मैं फिर से आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ। अबकी बार में जो कहानी साझा करने जा रहा हूँ, वो नागपुर की एक भाभी की है और उसकी मर्ज़ी से लिख रहा हूँ।
पहले की तरह मैं इसमें किसी लड़की का नाम नहीं लूँगा।
मैंने पिछली बार एक कहानी लिखी थी जो कि एक अन्तर्वासना की कहानी की पाठिका की ही थी..
मुझे पहले की तरह फेसबुक पर बहुत सारी रिक्वेस्ट आईं और उन्हीं में एक रिक्वेस्ट एक भाभी की भी थी जो कि नागपुर से थी।
मैंने पहले तो सोचा कि जयपुर से नागपुर बहुत ही दूर है.. लेकिन मेरी कुछ दिन उससे बात हुई तो थोड़ा अच्छा लगने लगा।
उसने बोला- आप यहाँ आ जाओ… जो भी खर्चा होगा.. वो मैं दे दूँगी।
तो कुछ दिन के बाद मैंने उससे बोला- ठीक है मैं आ जाऊँगा।
मैंने रिजर्वेशन करवाया और नागपुर के लिए रवाना हो गया।
अगले दिन मैं वहां पहुँच गया और उसको कॉल किया.. कॉल करने के बाद वो मुझे लेने आई।
उसने आने में 35 मिनट लगा दिए.. तो मुझे कुछ अच्छा नहीं लगा।
मैंने उसे फिर से कॉल किया और पूछा- आप आ रही हो या नहीं.. वरना मैं वापिस जाता हूँ।
तो उसने बोला- मैं रास्ते में हूँ.. ट्रैफिक बहुत ज्यादा है.. इसलिए टाइम लग रहा है।
मैंने बोला- ठीक है.. पर जरा जल्दी करो।
तो वो कुछ बीस मिनट के बाद आ गई और उसने मुझे कॉल किया।
मैंने इधर-उधर देखा तो वो नहीं दिखी… फिर मैंने कॉल अटेंड किया और पूछा- कहाँ हो?
वो बोली- मैं स्टेशन के बाहर की तरफ हूँ।
तो मैं बाहर चला गया। बाहर जाने के बाद मैंने उसे देख तो लिया था लेकिन फिर भी कन्फर्म करने के लिए एक बार कॉल किया तो पता चला कि वो मेरे सामने ही अपनी कार के पास खड़ी थी।
वो वही थी.. जिसे मैंने देखा था।
दोस्तो.. उसे देखते ही मेरे इतनी दूर के सफ़र की थकान एक मिनट में गायब हो गई।
मैं उसके पास गया और ‘हैलो’ बोला।
वो एक जबरदस्त 36 इन्च के मम्मों वाले कामुक जिस्म की मालकिन थी।
उसने साड़ी पहनी थी और एकदम गज़ब की कयामत लग रही थी।
मेरा तो मन कर रहे था की वहीं सड़क पर उसे पकड़ लूँ और पटक कर चोद दूँ।
आज तक जितनी लड़कियों के साथ मैंने चुदाई की थी.. उनमें से सबसे जबरदस्त माल के जैसी इस भाभी के साथ आज मैं चुदाई करने वाला था।
मैंने सोचा कि आज इसे पूरा खुश करना ही है चाहे कुछ भी हो।
अब हम स्टेशन से घर के लिए निकले और रास्ते में ही उसने बताया कि उसके पति USA में रहते थे, वहां उनका बिज़नेस था और लगभग 2 महीने में मुश्किल से एक बार ही घर आते थे।
उसके एक बच्चा भी था.. लेकिन कोई भी उसको देख कर बोल नहीं सकता था कि वो एक बच्चे की माँ है।
हम कार से घर जा रहे थे.. उसने झूठ नहीं बोला था.. रास्ते में सच में बहुत ज्यादा ट्रैफिक था।
हम लगभग आधे घंटे के बाद घर पहुँचे.. घर पहुँच कर मैंने उससे पूछा- आपका बेटा कहाँ है?
उसने बताया- वो अपनी दादी के घर है..
मैंने कहा- चलो अच्छा है।
वो मुस्कुरा उठी..
तो मैंने बोला- यार मुझे ज़रा नहाना है.. बाथरूम कहाँ पर है?
तो वो बोली- रुको.. मैं भी आती हूँ।
मैंने पूछा- आपने अभी स्नान नहीं किया है क्या?
तो वो बोली- यार मैंने 2 महीने से किसी के साथ मजा नहीं किया.. तो आज आपके साथ नहाने का मूड है।
मैं खुश हो गया और उसको आँख मार दी।
कुछ देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए और साथ मैंने उसे अन्दर जाते ही चुम्बन करना चालू कर दिया और साथ में फव्वारा चालू कर दिया।
चुम्बन करते-करते मैंने उसके मम्मों के ऊपर भी हाथ साफ़ कर लिया।
फिर उसके कपड़े उतार दिए।
अब वो सिर्फ ब्रा और पैन्टी में मेरे सामने खड़ी थी।
काफी देर तक उनके जिस्म के साथ खेलने के बाद मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके मम्मे उछल कर मेरे सामने आ गए और मैं आउट ऑफ़ कण्ट्रोल हो गया। मैं उसके मम्मों पर टूट पड़ा… वो भी पूरी तरह से गरम हो गई थी।
फिर कुछ देर बाद उसकी पैन्टी भी उतार दी.. तो मैंने देखा की उसने चूत के बाल साफ़ नहीं किए थे.. मैंने पूछा- यार ये क्या है.. कम से कम बाल तो साफ़ कर लेतीं..
उसने बोला- यार.. आज तो सब कुछ आपके साथ ही करना है..मेरी झांटों को तुम ही बना दो न..
तो मेरा दिल और भी ज्यादा खुश हो गया।
उसके इतना बोलते ही मैंने उसे पकड़ा और बाथरूम में नीचे लिटा दिया और वहाँ से रेज़र जो कि पहले ही तैयार रखा था.. उसे लेकर उसकी चूत के बालों को साफ़ किया।
दोस्तो.. मैं जैसे-जैसे उसकी चूत के बालों को साफ़ कर रहा था.. वैसे-वैसे उसकी गोरी गुलाबी चिकनी चूत.. मेरे सामने आती जा रही थी और मेरा लंड टाइट होता जा रहा था।
अब कुछ दस मिनट तक बहुत ही ध्यान रख कर मैंने उसकी चूत की सफाई की और बहुत ही ध्यान से चूत की दाड़ी बनाई.. ताकि कहीं उसकी चूत पर कहीं भी ब्लेड की चोट न लग जाए।
मेरी लगभग 20 मिनट की मेहनत के बाद उसकी एकदम गोरी और गुलाबी चिकनी चूत मेरे सामने थी।
यार उस चूत को कोई भी देख ले तो पागल हो जाए… तो हमें बाथरूम में कुछ एक घंटे से ज्यादा वक्त लग गया और इस बीच मैंने उसको पूरा गरम कर दिया था।
मैं इस दौरान उसकी चूत और मम्मों के साथ जम कर खेला।
अब बाथरूम से नहा कर हम कमरे में आ गए।
हम दोनों ही नंगे थे.. हमारे पूरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था।
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसकी आँखों में चुदाई का नशा बुरी तरह छा चुका था।
उसकी मदभरी आँखें.. जैसे बोल रही हों- प्लीज यार आज तो मुझे चोद कर अपनी रंडी बना लो..
अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था… तो मैं भी उसके ऊपर किसी भूखे शेर की तरह टूट पड़ा.. लेकिन चुदाई का नियम है न कि बिना चुम्मा-चाटी और पूरे मज़े दिए बिना लड़की को खुश कर पाना नामुमकिन है.. सो मैंने अपने आप को कण्ट्रोल किया और उसे बिस्तर पर लिटा कर चुम्बन करने लगा और मम्मों को दबाने लगा।
वो एकदम पागल हो रही थी और बुरी तरह से सीत्कार रही थी- अह्ह्ह अमित.. कम ऑन प्लीज.. चोद दो मुझे…
लेकिन मैंने सोचा कि आज इसे पूरा खुश करना है ताकि इसकी ज़िन्दगी की सारी कमी एक बार में ही पूरी हो जाए.. तो मैंने उसे चुम्बन करना और मम्मों को मसलना चालू रखा और जब तक वो पूरी तरह से गरम नहीं हो गई.. मैं उसे चुम्बन करता रहा और उसके मम्मों को जोर-जोर से दबाता रहा।
लेकिन ऐसा करने से वो पूरी तरह भड़क गई और मुझे नोचने लगी और वो अपना कण्ट्रोल खो चुकी थी।
सो अब वो जोर-जोर से रोने लगी- प्लीज़ अमित मेरी चूत मार लो.. वरना मैं मर जाऊँगी।
लेकिन यार अभी तो उसकी चूत चाटना भी बाकी था और उसे लंड भी चुसवाना था।
मैंने उसकी चूत की तरफ मुँह किया और और उसको चाटना चालू किया तो वो और ज्यादा भड़क गई।
मैंने करीब 15 मिनट तक लगातार बिना रुके उसकी चूत चाटी।
अब मैंने उसे सीधा लिटा कर अपने लंड को उसके मुँह के अन्दर पेल दिया और उसके मुँह को चोदने लगा और फिर कुछ देर बाद हम 69 की अवस्था में आ गए।
काफी देर चूत चाटने के बाद मैंने उसे एकदम मदमस्त कर दिया और फिर वो बुरी तरह तड़फने लगी।
अब मैंने देर न करते हुए उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड उसकी चूत पर रख एक जोर का झटका मारा.. जिससे वो सहन नहीं कर पाई और बहुत जोर से चिल्लाई- उई..माँ.. प्लीज इसे बाहर निकालो…
तो मैंने उसके होंठों पर अपने होंठ रखे और कुछ देर तक उसकी चूचियों को मींजने लगा।
वो कुछ देर के बाद सामान्य हो गई।
मैंने फिर से उसे चोदना चालू किया और एक ज़ोरदार झटका मारकर अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.. जिससे उसकी आँखों से आँसू आ गए।
अब कुछ देर बाद वो एकदम सामान्य हो गई और गांड उठा कर मेरा साथ देने लगी। मैंने भी अपने धक्के लगाने की रफ़्तार बहुत ही ज्यादा तेज़ कर दी।
अब वो फुल एन्जॉय कर रही थी.. मैंने उसे लगभग 30 मिनट तक लगातार चोदा जिससे वो उत्तेजित हो कर अकड़ गई और झड़ गई उसके बाद उसकी चूत के गर्म रज से मैं भी अन्दर ही झड़ गया।
तो उस जबदस्त हॉट भाभी के साथ ये मेरा पहला राउंड था और हमने उस दिन 2 बार और चुदाई की।
मैं वहाँ कुल तीन दिन रुका और इन 3 दिनों में हमने कम से कम 12 बार चुदाई का मजा लिया।
अब मेरा जाने का समय आ गया था लेकिन दोस्तों मेरा जाने का मन नहीं कर रहा था।
जाते समय मैंने उससे बोला- आपको कभी भी जरुरत हो तो बताना.. मैं आपके लिए हमेशा तैयार हूँ। मेरी शाम की ट्रेन थी… उसने मुझे कुछ पैसे दिए और स्टेशन तक छोड़ने आई और मैं वापिस जयपुर चल पड़ा।
तो दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी प्लीज मुझे ईमेल जरूर कीजिएगा और आप इसी ईमेल आईडी से मुझसे फेसबुक पर भी जुड़ सकते हैं..
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