This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
Sex mein Koi Laaj Sharam Nahi-1 दोस्तो, आप लोगों ने मेरी कहानियाँ पसंद की, उसके लिए धन्यवाद।
आपने देखा होगा कि मैं सेक्स में कोई लाज शर्म नहीं मानता, सम्भोग एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग की जरूरत है और इसे पूरी मस्ती और उन्मुक्ता से करना चाहिए। अगर निर्वस्त्र शरीर अप्राकृतिक होता तो ऊपर वाला हमें कपड़ों के साथ ही भेजता। सामाजिक नियमों के चलते हम कुछ मर्यादा में रहते हैं वो सही है, पर सम्भोग करते वक़्त हम पूर्ण नग्न हो जो प्रेम क्रीड़ा करें वो मस्त और तरोताज़ा कर दे, ऐसी हो।
जब मैं अपनी महिला मित्र की गाण्ड चाटता हूँ, चूमते हुए उसका थूक पीता हूँ, उसकी चूत रस का पान करता हूँ या हम सू सू में खेलते हैं तो वो इसी मस्ती का नतीजा है।
मुझे इस बात का एहसास कराया दो विदेशी यौवनाओं ने।
दोनों पूर्वी यूरोप की थी मगर इंग्लैंड में पली बढ़ी इसलिए अंग्रेजी की जानकार थी, अपनी पी एच डी की रिसर्च के लिए मुम्बई आई थी। दोनों रिया की एक क्लाइंट विधवा प्रोफेसर के घर पर रुकी थी। एक का नाम था मेलिंडा उसे सब मेलिन कहते है और दूसरी सिल्विया।
मेलिन और सिल्विया एशियन संस्कृति में काम (सेक्स) के दर्शन पर रिसर्च कर रही थी, मुंबई में प्रोफेसर श्रुति (नाम बदल दिया है) के साथ रह रही थी, खजुराहो, राजस्थान, हम्पी, दिल्ली, गुजरात और कई जगह ये लोग घूम चुके थे, भारत से लौटने से पहले एक सप्ताह मुंबई में थीसिस को अंतिम रूप देने रुकी थी। काम पर शोध करते हुए जब तब दोनों उत्तेजित हो जाती तो अपने साथ लाये डिल्डो से एक दूसरे के साथ क्रीड़ा करती।
एक शाम श्रुति रूम में घुसी तो नज़ारा देख कर दंग रह गई।
मेलिन सिल्विया की चूचियाँ नंगी कर चूम रही थी और सिल्विया एक गुलाबी डिल्डो चूस रही थी।
श्रुति ने परदे की ओट से दोनों को देखने का फैसला किया। दोनों विदेशी बालाएँ एक दूसरे की चूत में उंगली डाले हुए थी, सिल्विया ने मेलिन के चूत में डाली उंगलियाँ अपने मुँह में ली और अपने थूक से गीला डिल्डो मेलिन की चूत पे रगड़ा।
दोनों वासना से ओतप्रोत एक दूसरे को देख मुस्कुराई और चुम्बनरत हो गई।
दोनों की जुबान चूमती कम और एक दूसरे को गीला ज्यादा करती। सिल्विया ने मेलिन को बिस्तर पे धकेला और उसके बदन से ब्रा पेंटी स्टॉकिंग्स निकाल फेंके और फिर खुद भी पूर्ण नंगी हो गई।
मेलिन अपने हाथ पैर पे कुतिया की पोजीशन में पलंग के किनारे आ गई और सिल्विया उसके मुख की तरफ।
कुतिया मेलिंडा ने सिल्विया की चूत चाटना शुरू की तो सिल्विया ने डिल्डो पर थूक कर फिर चिकना किया, सिल्विया मेलिन के ऊपर झुकी और डिल्डो पीछे से चूत में घुसा दिया, धीरे धीरे अन्दर बाहर करने लगी तो मेलिन भी कामोत्तेजना में सिल्विया की चूत का जोर से मुख चोदन करने लगी।
श्रुति अपने रात्रि पोशाक के पजामे में हाथ डाल चूत को उंगली कर रही थी, दूसरे हाथ से अपने मम्मे मसल रही थी।
मेलिन और सिल्विया के साथ उत्तेजना में उसकी चूत का पानी और मुँह से आह निकल पड़ी। अचकचा कर मेलिन और सिल्विया ने दर्वाजे की ओर देखा तो श्रुति खड़ी थी, तीनों के बीच शर्म का पर्दा हट चुका था।
श्रुति ने पूछा- क्या तुम भारतीय मर्द से करवाना चाहोगी?
इस पर दोनों ने तपाक से हामी भरी और मुस्कुराती हुई श्रुति से लिपट गई।
श्रुति मुझे पहले से जानती थी, रिया के माध्यम से मेरे लंड की सेवा ले चुकी थी। वह अधेड़ उम्र की थी पर मस्त काया की मालकिन थी, साथ ही गोरी और सुन्दर भी। पति के देहांत के बाद काम की अग्नि को बुझाने के लिए नए नए मर्दों का भोग करती थी।
मेलिन और सिल्विया की घटना से पहले श्रुति के साथ की कथा बता देता हूँ। यह इसलिए भी जरूरी है कि संगत में रह कर सम्भोग प्रवृति कैसे बदलती है यह आप देखेंगे।
जब मैं पहली बार श्रुति के यहाँ गया तो कुछ फाइल और किताबें ले कर जाने बोला ताकि ऐसा लगे क़ुछ डिसकस करने के लिए आया हूँ।
दरवाजा एक ठीकठाक दिखने वाली महिला ने खोला जो श्रुति की नौकरानी थी।
मुझे हॉल में बिठा, जल सेवा करने के बाद जब श्रुति बाहर आई तो सुंदरता देखते रह गया, महंगी साड़ी में वो गजब ढा रही थी।
श्रुति मुझसे एक दम औपचारिक तरीके से मिली जिससे नौकरानी को शक ना हो, फिर उसे जाने बोला।
नौकरानी के जाते ही श्रुति उठी और बोली- वॉशरूम जाना है तो सामने है, नहीं तो 10 मिनट वेट करो!
फिर कुछ देर बाद आवाज़ आई- रवीश, अन्दर आ जाओ।
कमरा महक रहा था, रोशनी मद्धम थी और श्रुति सिल्क गाउन में बिस्तर पे बैठी थी।
‘अपना टी-शर्ट निकाल दो!’ मुझे आदेश मिला।
फिर वो मेरे कसरती शरीर को निहारने लगी, उसका एक हाथ योनिस्थल पर चला गया, मतलब मैं पसंद आ गया।
‘अब जीन्स भी निकाल कर ऊपर आ जाओ!’
मैंने वैसा ही किया।
अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था, मैं उसके पास जाकर उसकी झांघें सहलाने लगा, वह भी मेरी छाती पर हाथ फेर रही थी।
धीरे से श्रुति अपना हाथ नीचे मेरे अंडरवियर पर ले गई और लंड के आकार का अनुमान लगाने लगी।
मैंने उसके गाउन का स्ट्रेप खोल उसके शरीर से अलग किया, किस करने लगा तो गालों पर पप्पी ले ली।
फिर मुझे ब्रा पेंटी खोल कर मुझे कंडोम लगा कर ऊपर से चोदने का आदेश मिला। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! मैंने श्रुति की टांगें अपने कन्धे पे ली और एक झटके में आधा लंड पेल दिया।
वैसे तो श्रुति कई बार चुदी थी पर शायद मेरे लंड की मोटाई का सही अनुमान नहीं लगा पाई, उसकी चीख निकल गई।
पर मैंने अनसुना कर दिया और दूसरे झटके में पूरा घुसा दिया, फिर अंदर बाहर करने लगा।
श्रुति को मज़ा आने लगा और चीखें सिसकारियाँ बन गई- ऊ… ओ… ऊऊम… ह्म्म्म… आह…
थोड़ी देर में श्रुति झड़ गई।
मेरा लवड़ा अभी कई मिनट और चलने वाला था, फच्च फच्च की आवाज़ के बीच मैंने पेलना जारी रखा। मैंने श्रुति की पोजीशन बदलनी चाही पर उसे ऐसे ही मज़ा आ रहा था। आखिर मेरी क्लाइंट थी वो, मेरा काम था उसे मज़ा देना इसलिए उसी अवस्था में चुदाई जारी रही।
कुछ देर बाद मेरा सारा माल कंडोम में छूट गया और मैं निढाल हो श्रुति के नंगे बदन पर गिर गया, उसने कोई प्रतिकार नहीं किया। बाद में उसने बताया कि उसे बहुत संतुष्टि मिली है, कई बार स्खलित हुई थी वो।
मेलिन और सिल्विया के साथ की क्या और कैसे हुआ अगले अंक में। कहानी जारी रहेगी। आप मुझे मेल कर सकते हैं।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000