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सेक्सी साली की जवानी की चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी कुंवारी साली की सील तोड़ कर उसे कलि सी फूल बनाया. फिर उसे चुदाई का मजा आने लगा तो …
हर लड़की को उसकी पहली चुदाई मरते दम तक याद रहती है. अतः पहली चुदाई तो मज़े के साथ दर्द देती हुई ही होनी चाहिए. इसी सोच के साथ मैं उसके रोने की परवाह किये बिना उसे दम से चोदने लगा. पहले धीरे धीरे फिर थोड़ा तेज तेज फिर पूरी स्पीड से और पूरी बेरहमी के साथ उसकी चूत को अपने लंड से कुचलने लगा.
“हाय राम रे मर गई; जीजू ऐसे ही जोर जोर से करके मार डालो आप तो मुझे. आज जिन्दा मत छोड़ना मुझे!” साली जी ने सुबकते हुए जैसे आर्तनाद किया.
अब आगे की सेक्सी साली की जवानी की चुदाई स्टोरी:
“बस हो गया न यार … दर्द तो पहली बार होता ही है साली डार्लिंग!” मैंने उनके आंसू अपने होंठों से चूम लिए और फिर उनके पैर जो मैंने अपनी कोहनियों से लॉक कर रखे थे उन्हें रिलीज कर दिया. फिर उनके हाथों को भी छोड़ कर उनके सिर को सहलाते हुए साली जी को अपने सीने से लगा लिया और कुछ देर यूं ही शांत लेटा रहा.
बाहर बारिश धीमी पड़ चुकी थी और बिजली का कड़कना भी लगभग बंद हो चुका था. अब बस बेडरूम में टंगी घड़ी की टिक टिक की स्पष्ट आवाज गूंज रही थी या मेरे नीचे लेटी निष्ठा की गहरी सांसों के उतार चढ़ाव से उनके स्तनों की उठान का दबाव मुझे महसूस हो रहा था.
साली जी ने अपनी जांघें पूरी तरह से खोल लीं थीं और उनकी कसी हुई चूत में मेरा लंड रक्त से नहाया हुआ धंसा पड़ा था.
कुछेक मिनटों बाद मैं फिर से धक्के मारने लगा. उसकी चूत ने जल्दी ही मेरे लंड को पूर्ण रूप से आत्मसात कर लिया और अब मेरा लंड बड़े आराम से सरपट अन्दर बाहर होने लगा था.
निष्ठा का दर्द कुछ कम होता दिख रहा था और अब उसके चेहरे पर आनंद के लक्षण दिखने लगे थे. उसके हाथ अनायास ही मेरी पीठ सहलाने लगे और वो अपनी कमर को धीरे धीरे उठाने लगी. इससे मुझे अपार संतोष हुआ कि चलो दुःख दर्द की घड़ी निकल गयी और अब साली जी की जिंदगी में बहार ही बहार है.
फिर मैंने उनके होंठ चूसना शुरू कर दिए तो इस बार साली जी भी मेरा साथ देने लगीं; जल्दी ही हमारी जीभ आपस में अठखेलियाँ करने लगीं और फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी जिसे मैं चूसने लगा.
अब साली जी नीचे से कमर उछाल उछाल कर मेरे लंड से लोहा लेने लगीं थीं और मैं भी पूरे जोश के साथ उनकी चूत की चटनी बनाने लगा.
मेरे सिर में साली जी अपनी अँगुलियों से कंघी सी कर रहीं थीं और मैं लंड को पूरे वेग से उनकी चूत में से बाहर तक निकाल निकाल का फिर पूरे दम से घुसा घुसा कर अन्दर बाहर कर रहा था. साली जी भी मेरे धक्कों से ताल से ताल मिलाती हुईं अपनी चूत उठा उठा कर मुझे दे रहीं थीं. कमरे में सिर्फ सांसें, आहें और कामुक कराहें ही गूंज रहीं थीं या साली जी की चूत से निकलती चुदाई की हल्की सी सरसराहट जैसी ध्वनि सुनाई दे रही थी.
“जीजू मेरे राजा, तुमने जीत लिया मुझे. लूट लो मुझे जी भर के!” साली जी ने मुझे चूमा और तूफानी स्पीड से अपनी कमर चलाई और …
“जीजू, लगता है धरती हिल रही है, भूकम्प सा आ रहा है आहाआआआ, मुझे कस के पकड़ लो आप!” वो मिसमिसा कर बोलीं और मुझसे जोंक की तरह लिपट गयी. और उसने अपने पैर मेरी कमर में लपेट दिए साथ ही अपनी भुजाओं में मुझे कस लिया.
साली जी का चुदने से प्रथम स्खलन हो रहा था और उनके मुख से अस्पष्ट सी आवाजें आने लगीं थीं. साली जी मुझे पूरी ताकत से अपने बंधन में बांधे थी कि मुझे हिलना डुलना भी मुश्किल था सो मैं चुपचाप उनके आगोश में पड़ा था मेरा खड़ा लंड उनकी चूत में यूं ही घुसा हुआ चूत-रस प्रवाह का आनंद ले रहा था.
साली जी झड़ कर शांत हो गयी और उनकी बांहों का घेरा ढीला पड़ गया.
अब चुदाई की कमान मैंने पुनः संभाल ली और उसकी रिसती चूत में आड़े तिरछे शॉट्स लगाता हुआ उसे चोदने लगा. बीच बीच में मैं अपनी कमर को गोल गोल क्लॉकवाइज कभी एंटी क्लॉकवाइज घुमा घुमा कर चोदना शुरू किया जिससे साली जी आनंदित होकर किलकारियां निकालने लगीं.
इस तरह करीब पांच मिनट और चोदा होगा कि मैं भी झड़ने की कगार पर आ पहुंचा और जल्दी जल्दी धक्के लगाता हुआ उसकी चूत में ही झड़ने लगा. मेरे लंड से वीर्य की पिचकारियाँ छूट छूट कर साली जी की चूत में भरने लगीं.
मेरे वीर्य का आभास पाते ही साली जी भी तुरन्त पुनः साथ ही डिस्चार्ज होने लगीं. फिर उसकी चूत की मांसपेशियां सिकुड़ सिकुड़ कर मेरे लंड से वीर्य की एक एक बूँद निचोड़ने लगीं. मैं उसकी बांहों में हांफता हुआ सा लेटा रहा.
कुछ ही देर बाद मेरा लंड भी वीरगति को प्राप्त हुआ तो चूत ने सिकुड़ कर उसे बाहर धकेल दिया. मैं निढाल सा उसके बगल में लेट गया और साली जी मेरे सिर को प्यार से सहलाती रहीं, सहलातीं रही.
और फिर मेरा मुंह चूम कर बोलीं- कर ली अपनी मनमानी. अब खुश? साली जी ने मुझे उलाहना सा दिया और अपनी चूत से बहता वीर्य नैपकिन से पौंछने लगी. “थैंक यू निष्ठा डार्लिंग. मेरी जान …आई लव यू!” मैंने उसे चूमते हुए कहा.
“जीजू आपने तो अपने मन की कर ली मेरे साथ, मुझे लड़की से औरत बना दिया आपने. अब अगर मैं प्रेग्नेंट हो गयी तो?” उसने चिंतित स्वर में कहा. “अरे कुछ नहीं होने दूंगा तुझे. मैं कल ही तेरे लिए वो प्रेगनेंसी रोकने वाली गोलियां ला दूंगा.” मैंने कहा. “ओके जीजू, पर जरूर ला के देना वो गोली, कहीं आप भूल जाओ.” निष्ठा मेरी आँखों में झांकते हुए बोली.
“अरे साली जी मुझे तुम्हारी चिंता तुमसे ज्यादा है सो तुझे कोई टेंशन नहीं लेना है, सब मेरी जिम्मेवारी है.” मैंने कहा और नेपकिन से उसकी चूत को अच्छे से पौंछ कर साफ कर दिया.
मेरी बात सुन साली जी उठ कर बैठ गयीं; मेरी लुंगी जो उसकी कमर के नीचे बिछी थी उसे उसने मुझे दिखाया उस पर खून और रज मिश्रित वीर्य के दाग लगे थे. “जीजू, लो देख लो अपनी करतूत!” साली जी मुझे गीली लुंगी दिखाते हुए बोलीं. “मेरी जान ये करतूत नहीं, हमारे तुम्हारे प्रथम मिलन की निशानियां हैं, यह लुंगी तो मैं सुखाकर जिंदगी भर संभाल कर रखूंगा.” मैंने कहा और उसे चूम लिया.
तभी साली जी ने खड़े होने की कोशिश की पर तुरंत ही कमर पकड़ कर बैठ गयीं. “जीजू, मुझे दर्द हो रहा है मुझसे तो खड़ा होते ही नहीं बन रहा.” वो कुछ कराहते हुए सी बोली.
फिर मैंने उसे सहारा देकर खड़ा किया और वाशरूम में ले गया और उसे पट्टे पर बैठा कर उसकी जांघें दायें बाएं खोल दीं फिर गीजर के गुनगुने पानी से उसकी चूत को आहिस्ता आहिस्ता धो दिया और कुछ देर गर्म पानी से सिकाई भी कर दी जिससे उसे काफी आराम मिल गया.
फिर उसने अपने हाथ मुंह अच्छे से धोये और वापिस बेडरूम में आकर अपनी सलवार और कुर्ती पहिन ली. ब्रा पैंटी यूं ही पड़ी रहने दी और कुर्सी पर बैठ कर आराम करने लगीं. मैंने बिछी हुई बेडशीट, पिलो कवर, नैपकिन, सब वाशिंग मशीन में धुलने के लिए डाल दिए. पर वो रज-वीर्य मिश्रित खून से सनी लुंगी सूखने के लिए कुर्सी पर फैला दी. फिर बेड पर धुली हुई बेडशीट बिछा दी और तकियों के गिलाफ बदल दिए और साली जी को आराम से बिस्तर पर लिटा दिया और चादर उढ़ा दी.
टाइम देखा तो सुबह के तीन बज चुके थे. बरसात थम चुकी थी और मौसम शांत हो चुका था, इधर कमरे में जो तूफ़ान आया था वो भी गुजर चुका था और जीवन भर के लिए अपनी सुनहरी, मधुर स्मृतियाँ छोड़ गया था. मैं भी उसके बगल में ही लेट कर सोने की कोशिश करने लगा.
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सेक्सी साली की जवानी की चुदाई स्टोरी जारी रहेगी.
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