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आलोक अन्तर्वासना के सभी पाठकों को आलोक का नमस्कार एवं अभिनन्दन। आप सभी के ढेरों ईमेल आए कि मेरी अगली कहानी कब आ रही है, तो मित्रों नई कहानी प्रस्तुत है। यह मार्च की बात है मैं नेट पर देर तक रहता हूँ इसमें एक मुझको मेरी याहू आईडी पर एक सीधा सा मैसेज आया- मुझे आपसे मिलना है..! मैंने तुरंत पूछा- आप कौन हैं? मेरी आईडी कहाँ से मिली, तो उत्तर में उन्होंने कहा- अन्तर्वासना पर आपकी कहानी पढ़ी थी/ वहाँ से पता लगा और हम लोग मैसेंजर पर आ गए और बात करने लगे। उनसे पूछा- आप लोग कौन हैं अपने बारे में बताएं..! तो उत्तर में आया- मैं एक पुरुष हूँ, शादीशुदा हूँ और पिछले सात वर्षों से वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहा हूँ। मेरे एक बच्चा भी है जो 5 वर्ष का है। मैंने कहा- मुझसे क्या चाहते हैं? इस पर उन्होंने कहा- मैं आपके साथ मिल कर मेरी पत्नी को चोदना चाहता हूँ। मैंने- आपकी पत्नी इसके लिए राज़ी है? उसने कहा- हाँ..! मैंने कहा- ठीक है.. फिर आप मुझे उनसे मैसेंजर पर वेब कैम से बात करवा दो..! उसने कहा- शाम को बात करवा दूँगा। फिर शाम को जैसे ही उसने मैसज दिया, मैं तुरंत कैम पर आया, उसकी पत्नी कैम पर बैठी थी, उसको मैंने पूछा- आप क्या चाहती हैं? इस पर बोली- मैं पति और आपके साथ सेक्स का मजा लेना चाहती हूँ। मैंने कहा- इसमें मैं क्या कार्य करूँगा? इस पर उन्होंने कहा- हम चाहते हैं कि आप हमारे साथ भी चूत की चटाई करें, जैसा कि आपने अपनी कहानी में लिखा है। मैं बोला- ठीक है.. यह सब होगा.. आप समय तय कीजिए, मैं आ जाऊँगा..! इस पर उन लोगों ने शुक्रवार के दिन की कहा और सुबह ही आने को बोला और अपन घर का पता दिया। मैं बोला- ठीक है आ जाऊँगा. और समय पर उनके घर चला गया। यह मैं लखनऊ की बात कर रहा हूँ। वहाँ उनके पति मुझे स्टेशन लेने आए थे। वहाँ से सीधे उनके घर गए। आपस में बातचीत के दौरान मुझे मालूम हुआ कि पति का नाम अवि था और पत्नी का नाम रेखा था। वहाँ अच्छा घर था, फ्रेश होने के बाद कमरे में आया और पूछा- क्या करना है? अवि बोला- आप रेखा की मालिश कर दो.. तो उसको फिर मजा आना शुरू होगा तो सब हो जाएगा। मैंने रेखा को नीचे एक गद्दे पर लेटने को बोला और उसके कपड़े उतार दिए। उसने वैसा ही किया। मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए, केवल चड्डी में था। रेखा को कंधे से मालिश दी फिर उसकी गर्दन कमर हाथ-पैर, तलुए सब जगह उसकी देहयष्टि को मसला फिर उसको पलटा दिया और फिर उसके मस्त मम्मों को मालिश दी। उसको मम्मों की मालिश से मजा आने लगा और वह अपने पाँव ऊपर-नीचे करने लगी। उसके मम्मों की मालिश करने के बाद मैं उसकी जंघा की मालिश करने लगा और धीरे से उसके योनि के पास तक हाथ लेकर गया और वहाँ से हटा लिया। मैंने ऐसा करके उसको उत्तेजित कर दिया, अब वह बार-बार कोशिश करती कि मेरा हाथ उसकी योनि पर पड़े, लेकिन मैं बचा कर कर रहा था। जब उसका पैर और जांघ की मालिश पूरी हो गई तो मैंने उसकी योनि के पास मालिश करना शुरू कर दिया। उसने भी अपने पैर फैला दिए और टांगों के संधि स्थल की मालिश चाहने लगी। मैंने उसके योनि पर तेल गिराया और उसके उसके ऊपरी भाग की खाल को पकड़ कर उसके दाने को मालिश दी, जिससे वो अति उत्तेजित होकर अपना पानी गिराने लगी। वह उतावली हो गई कि उसकी योनि के अन्दर उंगली डाल दूँ। मैंने उसके योनि के ऊपर मालिश अच्छे से कर दी, जिसके कारण रेखा पागल सी हो रही थी कि मैं अन्दर उंगली से उसका भगनासा पकड़ लूँ। फिर मैंने अपनी उंगली उसकी योनि की दीवार के अन्दर घुसा दी और योनि कि अन्दर से मालिश कर दी। उसका पानी गिर रहा था जिसकी वजह से उसको पकड़ना नही हो पा रहा था। मैं बार-बार कपड़े से पोंछता, फिर पकड़ता। वह भी मेरा साथ दे रही थी। योनि की दीवार की मालिश से उसको अत्यंत आनन्द महसूस हुआ और उसकी योनि ने पानी गिराने की गति तेज़ कर दी। उसका आदमी अवि भी अपने कपड़े उतार कर हाथ में लण्ड लिए सहला रहा था। उसने मुझसे कहा- अब जरा चूत को चटाई भी दे दो..! मैं घुटने के बल बैठ कर शुरू हो गया। उसकी बुर खुल चुकी थी। वो भी अपने पैर फैलाए बुर को पूरा खोल कर लेटी थी। उसका छेद साफ़ खुल कर सामने था। मेरी जीभ भी उसके भगनासा तक जा रही थी, उसको मजा आ रहा था। अवि बोला- रेखा और करवाना है? बोली- आह्ह…बहुत मजा आ रहा है..! अवि चॉकलेट लाया था सो उसने रेखा की बुर में डाल दी। अवि बोला- आलोक उसको चाटो..! मैं बोला- रेखा डार्लिंग जरा उठो और मेरे मुँह पर बैठ जाओ, जिससे मैं चूत की मलाई निकाल सकूँ। उसने तुरंत वैसा ही किया और मेरे मुँह पर आ गई। मैं उसकी बुर में जीभ डाल कर चाटने लगा और चॉकलेट मेरे मुँह में आने लगी। वह अपना पानी गिराने लगी थी और अपनी चूत अपने हाथ से रगड़ने लगी थी। अवि ने उसके मुँह में अपना लण्ड डाल दिया। वो मुँह में लेकर उसके लौड़े को चूसने लगी। अवि बोला- आओ मेरे नीचे आजा..! फिर उसने कहा- आलोक तुम भी मेरे साथ में ही रेखा की बुर चोदोगे। उसने रेखा को अपनी गोद बिठाया और उसके अपना लण्ड बुर में घुसा दिया। मैं सामने से आया और लण्ड अन्दर डाल दिया उसकी बुर चिकनाई से लबालब थी और खुल गई थी। मुझे लण्ड डालने में थोड़ी परेशानी हुई पर वह मजा लेकर मेरे लौड़े को निगल गई। मैं ऊपर से चोदने लगा, नीचे से अवि चोदने लगा। करीब 20 मिनट की धकापेल के बाद मैं झड़ने वाला था सो मैंने अपना लौड़ा निकाल लिया और बोला- लाओ अब चटाई कर दूँ..! अवि उसको चोद रहा था, मैं रेखा का बुर चाटने लगा था। इतने में ही अवि ने अपना पानी गिरा दिया उसकी बुर से नहा गई। फिर अवि बोला- आलोक आप अपना पानी गिरा लो..! मैं रेखा पर चढ़ गया, वह बुर हाथ से रगड़ रही थी। अवि का वीर्य निकल चुका था। उसकी चिकनाहट से युक्त बुर में मैंने अपना लण्ड डाल कर चोदने लगा, साथ ही मैं अन्दर उंगली करके उसके भगनासे को मसलने लगा। उसने अपने अंगों को ऐंठ लिया और चूत को भींच लिया। मैनें भी अपने को झाड़ दिया। रेखा थक कर लेट गई और अवि तो औंधा सो गया था। फिर हम लोग जगे, फ्रेश हुए और बैठे। अब अवि बोला- आज मजा आ गया.. बहुत अच्छा लगा। उसने मुझे पैसे दिए और बोला- फिर जल्दी बुलाऊँगा..! वो मुझे स्टेशन छोड़ कर आ गया। आप सब पाठकों से निवेदन है कि अपनी राय अवश्य दें। मेरा ईमेल पता है। [email protected]
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