This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
नमस्कार मित्रों मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ। मैं एक 20 वर्ष का छात्र हूँ और पिछले दो साल से अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ।
मैं रंग में गोरा तथा कद में लंबा हूँ, दिखने में सेक्सी बंदा हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और मैं अक्सर मुठ्ठ मार कर ही काम चला लिया करता था, या फिर कहो कि मुझे सेक्स करने का कभी मौका ही नहीं मिला।
यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है। करीब दो महीने पहले की बात है, मैं हमेशा की तरह कॉलेज से घर जाने के लिए निकला, बरसात का सीज़न था, बरसात होने के कारण बस बहुत देर से आ रही थी तो मैं अपने एक दोस्त की बाइक पर आ रहा था, पर बरसात होने के कारण मैं बीच रास्ते में एक बस स्टॉप पर ही उतर गया।
वो जगह एक सोसाइटी के बाजू में है। मैं भीगने के कारण बस स्टॉप के बजाए उस सोसाइटी के एक घर के बाहर खड़ा हो गया और बस का इंतज़ार करने लगा।
तभी थोड़ी देर बाद मुझे खिड़की से उस घर के अन्दर कुछ हुलचल सी होती महसूस हुई और जब मैंने झाँक कर देखा तो एक बहुत ही सुंदर सी महिला जीन्स को थोड़ा नीचे करके लंड जैसे दिखने वाले खिलौने से मुठ्ठ मार रही थी।
यह सब अचानक ही देख कर मैं थोड़ा घबरा कर पीछे कुछ कदम लेने लगा, लेकिन जूते और फर्श भीगा होने की वजह से मैं फिसल कर वहीं गिर गया। मेरे गिरने की आवाज़ सुनकर वो महिला सब कुछ ठीक करके बाहर आई और मुझसे मेरे बारे में पूछा- कौन हो तुम? और कैसे गिर पड़े? तो मैंने उसे बताया कि मैं कॉलेज का स्टूडेंट हूँ और बरसात में भीगने से बचने के कारण वहाँ खड़ा था।
उस महिला ने सहानुभूति जताते हुए मुझे अन्दर बुलाया। मैं उस महिला के घर में गया, अन्दर से एकदम शानदार घर था। फिर उन्होंने मुझे एक कप चाय के लिए पूछा, पहले तो मैंने मना किया, पर उस महिला ने ज़ोर दिया, तो मैं मान गया।
उसने मुझे एक तौलिया दिया और अन्दर चाय बनाने चली गई। फिर हम दोनों ने चाय पीना शुरू किया।
पहले-पहल हम दोनों चुप थे तो मैंने ही बात शुरू की और अपना नाम बताया। फिर उसने अपना नाम ज्योति बताया। घर में कोई और ना दिखने की वजह से मैंने ज्योति से पूछ ही लिया- घर के बाकी सदस्य कहाँ गए? तो उसने बताया कि उसके पति बड़े बिजनेसमैन हैं और उन दोनों की शादी कुछ 4 महीने पहले ही हुई है।
चाय पीते-पीते मेरी नज़र उसकी चूचियों पर चली जाती थी और चूचियों को देखते-देखते मेरा लंड खड़ा हो गया था। ज्योति की नज़र भी मेरे लंड पर जा चुकी थी, पर उसने कुछ नहीं कहा।
फिर मुझे एक ब्लू-फिल्म का सीन सूझा और मैंने अपनी चाय जानबूझ कर अपनी जीन्स पर गिरा दी। यह देखकर वो तौलिया लाई और कहा- उसके पति के कुछ कपड़े दूसरे कमरे में पड़े हैं.. मैं उसे पहन लूँ।
मैंने शुरू-शुरू में बस दिखावे के लिए मना किया पर बाद में मान गया। दूसरे कमरे में जाकर मैंने कपड़े बदलने शुरू किए, लेकिन उस रूम का दरवाज़ा मुझसे थोड़ा खुला रह गया।
जब मैंने कपड़े उतारे तो मैंने गौर किया कि वो महिला छुप कर दरवाज़े की दरार से मुझे देख रही थी। परंतु थोड़ी शर्म के मारे मैंने उसे नज़र अंदाज़ किया।
जब बाहर आया तो हम दोनों फिर से कुर्सियों पर बैठे, लेकिन इस बार उसकी चूचियाँ पहले से कहीं ज़्यादा बड़ी लग रही थीं। मैंने रिस्क लेते हुए पहले उससे दोस्तों की तरह बातें करते-करते उसके कन्धों पर हाथ रखा, फिर धीरे-धीरे अपना हाथ उसकी कमर की तरफ कर दिया और उसने इस बार भी कुछ नहीं कहा।
फिर तो मेरे ही मुँह से निकल गया- आप मेरे साथ चुदाई करेंगी। औ यह सुनते ही ज्योति ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया। मैं तो बहुत मज़े में आ गया था, मानो आज का दिन तो कमाल का निकला।
वो मुझे चूमते-चूमते मेरे लंड पे हाथ फिराने लगी और मैं उसकी टी-शर्ट के अन्दर हाथ डाल कर उसकी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा।
अब धीरे-धीरे हम दोनों ने अपने कपड़े उतारने शुरू किए।
थोड़ी देर बाद हम दोनों नंगे हो चुके थे और फिर मैंने उसकी चूचियाँ चूसनी शुरू कर दीं। वो तो आनन्द के मारे मानो मदहोश होने लगी थी। फिर थोड़ी कोशिश के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया।
वाह… वो पहला धक्का तो मानो जन्नत की सैर करने जैसा था और वो दर्द के मारे ‘आ आ..’ चिल्लाने लगी। चिल्लाने की वजह से मैंने शुरू-शुरू में थोड़ी धीरे-धीरे धक्के मारे।
फिर जब चूत ने रस छोड़ा तो वो मेरी बाहों में झूल रही थी, उसे कभी दीवार के सहारे चोदता तो कभी बिस्तर पर, कभी सोफा पर, तो कभी ज़मीन पर…! सारा वक़्त वो ‘और.. और’ चिल्लाती रही और मैं भी लगातार धक्के मारता रहा।
पहले कुछ 5 मिनट में मैं पहली बार झड़ गया। फिर दूसरी बार वो मेरा लंड चूस रही थी उस वक़्त मैं दूसरी बार झड़ गया। हम दोनों अब धीरे-धीरे थकने लगे थे।
तो कुछ देर आराम करने के बाद मैंने उसकी चूत को चोदना चालू किया। सारा वक़्त वो ‘आ… आ..’ की आवाजें निकालती रही। तकरीबन 15 मिनट बाद मैं तीसरी बार उसकी चूत में झड़ गया।
फिर हम दोनों लेट गए, हम दोनों ने बिस्तर पर आधे घंटे आराम किया और फिर मैंने घर जाने को कहा। ज्योति ने भी मना नहीं किया और वैसे भी रात हो चुकी थी।
घर से निकलते ही मैंने ‘बाय’ कहा और उसने भी ‘बाय’ कह कर मेरे होंठों को चूमा। मन तो किया कि फिर से वहीं उसे चोदना शुरू करूँ, पर घर के लिए देर होने की वजह से खुद को काबू में किया और जाते वक़्त पूछा- तुम्हारे पति कब आ रहे हैं? उसने मुझे आश्वस्त करते हुए कहा- उसके पति एक-दो हफ्ते बाद ही आएँगे..!
फिर तो मैं खुशी के मारे अन्दर ही अन्दर झूम उठा और ज्योति से दोबारा आने का वादा किया। हम दोनों ने एक-दूसरे के मोबाइल नंबर लिए और मैं बस पकड़ कर घर की तरफ चल दिया।
फिर मेरे अगले एक हफ्ते जन्नत में कटे। मैं घर से कॉलेज के लिए निकलता, लेकिन बीच रास्ते से ही मुड़कर ज्योति के घर चला जाता। हम दोनों ने एक हफ्ते बेलगाम संभोग किया और फिर करीब दो हफ्ते बाद उसका पति आ गया।
अब ज्योति अपने पति के साथ जर्मनी चली गई है। लेकिन अब भी हम फ़ेसबुक पर चैटिंग करते हैं।
तो दोस्तो, आप लोगों को मेरी यह घटना कैसी लगी, आप के विचारों का स्वागत है, मुझे ईमेल जरूर कीजिए। [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000