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मेरा नाम रेयान है, जीनत मेरी बीवी है। हमारी शादी को दस साल हो चुके हैं। हम लोग लखनऊ के एक पॉश एरिया में रहते हैं।
मैं एक विदेशी कंपनी में टॉप-एग्जीक्यूटिव हूँ। मैं देखने में बहुत सुंदर हूँ। मेरी हाइट 5’3′ है और मैं एक छरहरे बदन, गोरे रंग का मर्द हूँ। मेरा व्यक्तित्व और चेहरा ज़नाना है। यही बात मेरे व्यक्तित्व में भी रही। मैं बचपन से दब्बू और शर्मीला रहा। कॉलेज में सारा टाइम स्टडी में ही लगाया कभी दोस्त नहीं बना सका। मैं पूरी लाइफ किताबी कीड़ा ही रहा।
जीनत MBBS डॉक्टर है और मेरे से एकदम उलट है। वो देखने में बहुत गोरी व खूबसूरत है और उसकी शख्सियत रौबीली है। उसकी हाइट 5’6′ है, यानि वो मुझसे लम्बी है। वो भरे हुए और सुडौल बदन की है। उसका वज़न भी मुझसे 8-10 किलो ज्यादा है। उसके सुडौल बदन पर उसके बड़े-बड़े दूध और भारी चूतड़ उसकी कामुक जवानी को बढ़ाते हैं।
हमारी सेक्स लाइफ में वो ही डोमिनेंट पार्टनर रही। मैं बिस्तर पर वही करता जो वो कहती थी, वो मुझे अपने इशारे पर नचाती।
बिस्तर पर वो खुद मर्द बन जाती और मुझे लड़की बना कर मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे चोदती थी।
चुदाई के मामले में मैं काफी कमज़ोर था। शादी के कुछ साल बाद मेरी चुदाई करने चाहत बहुत कम हो गई, जबकि जीनत की बढ़ गई। रात होते ही मैं ये सोच कर घबराता था कि वो चुदाई करने को ना कहे।
इसी बात को लेकर हमारे बीच अक्सर मन-मुटाव हो जाता। मेरे अन्दर हीन भावना रहने लगी मेरे अन्दर जीने की सारी ललक ख़त्म हो गई।
हमारा बगल का जो फ्लैट खाली पड़ा हुआ था उसमें नए कियेदार आए। इस फैमिली में 57-58 साल के रमेश जी और उनकी 28-30 साल की दो बेटियाँ थीं। रमेश जी की पत्नी की मृत्यु कई साल पहले हो चुकी थी। वो एक बैंक मैंनेजर हैं। रमेश जी की हाइट 6 फ़ीट से कम नहीं थी। वो इतनी उम्र में भी कसे और गठीले बदन के मालिक थे।
उनके और हमारे परिवारों में आना-जाना हो गया। उनकी बेटियों की जीनत से बड़ी दोस्ती हो गई। रमेश जी का पूरी परिवार मुझे बड़ा शरीफ लगा। इधर कई माह से जीनत बड़ी खुश रहने लगी और हमारी तकरार भी बंद हो गई, मैं बड़ा खुश था।
एक दिन अचानक मुझे ज़रूरी काम से घर आना पड़ा। घर बंद था, मैं घर खोल कर अन्दर चला आया और ऑफिस वापस जाने की सोच ही रहा था कि मुझे रमेश जी के फ्लैट का अन्दर से कुछ आवाज़ सुनाई दी। मुझे लगा आज फिर उनका पालतू कुत्ता गलती से अन्दर बंद हो गया है। मेरे और उनके बैकयार्ड के बीच में चार फुट की दीवार है, जिसे मैं क्रॉस करके उनके फ्लैट के पिछवाड़े में पहुँच गया।
मुझे अन्दर बेडरूम में कुछ हलचल सी लगी। मैंने उनके बेडरूम की झिरी में से झाँका और जो दिखा, वो मैंने सोचा न था। जीनत और रमेश जी बिल्कुल नंगे खड़े थे। रमेश जी मेरी बीवी के लब चूम रहे थे, वो सीधे खड़े थे, नंगधड़ंग जीनत ने उनका लण्ड पकड़ रखा था।
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रमेश जी का लण्ड देखकर मैं दंग रह गया, उनका लण्ड मेरे लण्ड का दोगुना लम्बा और कम से कम तीन गुना मोटा था। रमेश जी का लौड़ा एकदम काला और गठा हुआ था। उसके चारों तरफ काले झांट के बाल थे और दो क्रिकेट बाल जितने बड़े आंड लटक रहे थे।
मुझे एहसास हुआ कि मेरे लण्ड और पूरे जिस्म में बिजली दौड़ गई है। एकाएक मैं उत्तेजित हो गया। जीनत उकडूँ बैठ कर रमेश जी का लण्ड पकड़ कर चूमने लगी।
रमेश जी को बड़ा मजा आ रहा था वो गहरी साँसे लेने लगे, फिर बोले- जीनत जान.. मेरे लौड़े को चाटो..!
जीनत ने उनका लण्ड चाटना शुरू कर दिया और अपने मुँह में भर लिया। रमेश जी का लण्ड इतना मोटा था कि जीनत की ग्रिप में पूरा नहीं आ रहा था इसलिए वो दोनों हाथ से लण्ड पकड़ कर सहला रही थी और मुँह में लेकर ऐसे चूस रही थी मानो लॉलीपॉप हो।
कुछ देर तक रमेश जी जीनत से लौड़ा चुसाते रहे। फिर जीनत की छाती पकड़ कर उसे सीधा खड़ा कर दिया और उसको सोफे पर ले जाकर उसको अपनी गोद में लौड़े के ऊपर बिठा लिया।
रमेश जी का लण्ड जीनत की मोटी गाण्ड के नीचे दब गया। रमेश जी ने पीछे से हाथ लाकर जीनत के मम्मे दबाने शुरू कर दिए जैसे वो मुसम्मी का जूस निकाल रहे हों। वो जीनत की छाती कस-कस कर रगड़ और मसल रहे थे। जीनत कराह रही थी और बार-बार अपने हाथों से उनका हाथ अपनी छाती से हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी एक नहीं चल रही थी।
एकाएक रमेश ने उसकी टाँगें फैला कर अपनी दो ऊँगलियाँ उसकी फुद्दी में घुसेड़ दीं और फुद्दी में डाल कर रगड़ने लगे। जीनत की आँख बंद थी, मुँह खुला हुआ था और हलक से अजीब-अजीब आवाज़ निकल रही थी। जीनत की मोटी गुलाबी चूत को रमेश जी ने रगड़ कर लाल कर दिया था, चूत का पानी बाहर आ रहा था।
जीनत की आवाज़ मुझे सुनाई दी- रमेश, मैं कितनी खुशनसीब हूँ कि आज मुझे तेरे जैसा मर्द मिला। रमेश जी बोले- तुझे देख कर कोई सोच नहीं सकता, तू एक नंबर की रंडी और चुदक्कड़ है। जीनत ने कहा- और तू कौन सा शरीफ है! पहले दिन से ही मुझे चोदने की ताक में था! रमेश जी बोले- हाँ.. मेरी जान पहली नज़र में तेरे चिकने शौहर को देख समझ गया था। एक दिन तेरे शौहर की गाण्ड तेरे सामने मार कर दिखाऊँगा। यह सुन कर जीनत हँस कर बोली- राजा उसकी गाण्ड बक्श दे… बदले में मेरी गाण्ड मार ले..! रमेश जी बोले- जानू.. मैं तेरी गाण्ड, चूत दोनों फाड़ दूँगा और तेरी फुद्दी का सारा पानी निकाल कर ही दम लूँगा।
रमेश जी ने मेरी बीवी जीनत को बेड पर घोड़ी बना दिया और उसके पीछे खड़े हो गए। रमेश जी बहुत लहीम-शहीम लम्बे तगड़े मर्द हैं और इस वक़्त तो उनके जिस्म से जैसे मर्दानगी फूट रही थी।
उनका काला लण्ड नाग की तरह लपलपा रहा था और बड़ा ही भयानक लग रहा था। बेचारी जीनत…!
जीनत ने अपनी टाँगें फैला दीं और गाण्ड ऊपर उठा दी। उसकी गुलाबी चूत के ठीक सामने रमेश जी का काला लण्ड तो जैसे किला फतह करने को पूरी तरह से तैयार था।
रमेश जी ने हौले-हौले अपने लौड़े से जीनत की चूत की तितलियों को सहलाना शुरू कर दिया। जीनत मचल रही थी और मस्ती में सिसकारियाँ ले रही थी। रमेश जी ने जीनत की कमर को पकड़ लिया और पहले धीरे-धीरे अपना लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ना शुरू किया। जीनत मचल उठी और उसकी गाण्ड उत्तेजना में हिलाने लगी।
रमेश जी एकाएक जीनत के ऊपर चढ़ बैठे और पूरी ताक़त से फुद्दी में लौड़ा ठेलने लगे। उन्होंने अपनी पूरी ताक़त लगा दी और फुल स्पीड में उनका लौड़ा जीनत की चूत पर घुसकर चूत बजाने लगा। रमेश जी के कूल्हे आगे-पीछे हो रहे थे, पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ हो रही थी।
रमेश जी ने इस बुरी तरह मेरी बीवी को चोदा कि वो पादने लगी। जीनत उत्तेजित होकर चिल्ला रही थी।
मालूम नहीं कितनी देर तक यह खेल चला। आखिर में रमेश जी ने ठीक स्खलन से पहले अपना लौड़ा चूत से बाहर निकाल कर जीनत को पलट कर बिस्तर पर सीधा लेटा दिया और उसके छाती के ऊपर पैर फैला कर चढ़ गए और लण्ड का पानी जीनत की छाती और चेहरे पर गिरा दिया मानो बोरिंग का नलका खुल गया हो।
जीनत ने उसके बाद अपने जम्पर से उनका लण्ड रगड़ कर साफ़ कर दिया।
इधर मेरे लण्ड का पानी भी झड़ गया।
यह थी मेरी कहानी, आपको मेरी इस कहानी पर जो कहना हो आप खुल कर कह सकते हैं। [email protected]
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