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कहानी का पिछला भाग भूखा लण्ड- एक प्यास एक जनून-2
इस चुदाई ने निखिल के लण्ड की बुरी तरह से छील दिया था पर उसने बिना परवाह किये लण्ड रजनी की चूत पर सटाया और लण्ड फिर से चूत में घुसा दिया और फिर से झटके लगाने लगा। उसने पन्द्रह-बीस झटके लगाये और रजनी को भी झड़वा दिया। रजनी के झड़ते ही चूत की गर्मी ने लण्ड एकदम गर्म कर दिया और निखिल निढाल हो कर रजनी के ऊपर गिर गया और अगले पांच मिनट तक वो दोनों एसे ही लेटे रहे। फिर निखिल उठा, बेड के किनारे खड़ा हो गया और रजनी को देखने लगा।
वो अभी भी चुदाई का आनन्द ले रही थी, रजनी अपने स्तन अभी भी उत्तेजना में मसल रही थी- आह्ह अहह… मुझे फिर से तुम्हारा लण्ड चाहिए निखिल ! निखिल- फ़िक्र ना कर मेरी जान, अभी तो सिर्फ शाम हुई है, रात तो अभी बाकी है। यह कहते निखल बाथरूम की ओर बढ़ने लगा और अचानक उसकी नज़र कमरे की खिड़की पर पड़ी, वो पूरी तरह से खुली थी और उसकी आँखें फटी की फटी रह गई जब उसने देखा कि उसका दोस्त रजत खिड़की पर अपने मोबाइल से वीडियो बना रहा है। निखिल- साले कमीने… बहन चोद… तेरी हिम्मत कैसे हुई यहाँ यह सब करने की? और रजत शैतानी मुस्कराहट देने लगा।
निखिल के ऐसा कहते ही रजनी भी चौंक गई और अपने कपड़े समेटने लगी। निखिल बिल्कुल नंगा था, उसने फटाफट अपनी लोअर और कमीज़ उठाई ओर बाहर भागने लगा पर जब तक वो बाहर पहुँचा, रजत वहाँ से गायब था और यह सब देख कर निखिल की गाण्ड फट चुकी थी। तभी रजनी ही कपड़े पहन कर बाहर आ गई- निखिल, वो कौन था? निखिल- बुआ, वो रजत था। रजनी- रजत ! उस कमीने की हिम्मत कैसे हुई छुप कर हमें देखने की? निखिल- बुआ उसने हमें सिर्फ देखा ही नहीं ही नहीं है, वो तो और भी बहुत कुछ कर चुका है। रजनी- तू किसी भी तरह से इसका कोई समाधान निकाल… अगर यह बात बाहर पहुँच गई तो दुनिया हमें जीने नहीं देगी। निखिल यह सुनते ही फ़ौरन घर से निकल गया और सीधा रजत के घर पहुँचा और घण्टी बजाई। दरवाजा रजत ने ही खोला और निखिल ने बिना देर किये उसे कॉलर से पकड़ कर बाहर खींचा। निखिल- साले तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे घर इस तरह आने की? रजत- निखिल यार, सुन तो सही… निखिल- अबे मादरचोद, मुझे कुछ नहीं सुनना… तू मुझे अपना मोबाइल दे अभी ! रजत- ठीक है, यह पकड़ ! निखिल मोबाइल वीडियो देखने लगा। निखिल- इसमें वो वीडियो तो है ही नहीं कमीने… वो कहाँ है? रजत- कम ओन निखिल, अब मैं इतना बेवकूफ हूँ क्या? क्या तुझे लगता है कि मैं इतनी अहम चीज खुले-आम रखूँगा? निखिल ने रजत को फिर से गले से पकड़ा पर इस बार रजत ने उसे धक्का दे दिया- अबे साले, बहनचोद !! ओह या फिर बुआचोद… निखिल- साले… रजत- अबे ठंडा हो जा क्योंकि अब वो वीडियो इंटरनेट पर अपलोड हो चुकी है, पर अभी वो प्राइवेट है… कहीं यह ना हो कि मुझे उसे पब्लिक करना पड़ जाये ! निखिल- साले… अगर तूने ऐसा किया तो तुझे जान से मार दूँगा। रजत- अबे मुँह बंद कर और यह सुन कि अब मैं क्या चाहता हूँ… या फिर समझ ही गया है तू? हा हा हा… निखिल- अबे, तू मेरा सच्चा दोस्त है ना… ऐसा ना कर मेरे साथ ! रजत- क्या बात कर रहा है यार तू… मुझे बस एक बार ही स्वर्ग की सैर करनी है।
यह सुनते ही निखिल भड़क गया और रजत को मारने की कोशिश करने लगा। रजत- जितना मेरे साथ पंगा लेगा, उतना मैं ज्यादा परेशान करुँगा तेरे को, तू मुझे अच्छी तरह से जानता है कि अब मैं तेरी बुआ की लेकर ही मानूँगा… फिर क्यों उछल रहा है तू? निखिल- कमीने, ऐसा मत कर मेरे साथ, तेरे आगे हाथ जोड़ता हूँ, तुझे चूत चाहिए, चल मैं तुझे चूत दिला देता हूँ… सारा खर्चा मैं करूँगा, जिस मर्जी रंडी पर हाथ रख दियो, उसी की दिला दूँगा तेरे को ! रजत- नहीं नहीं, यह नहीं हो सकता… असली माल तो तेरे घर है। निखल के लाख मनाने पर भी रजत नहीं माना, उस पर भी रजनी के मांसल शरीर का बुखार चढ़ा हुआ था और निखिल को उससे समझौता करना ही पड़ा और निखिल रात दस बजे अपने घर पहुँचा। रजनी- निखिल, तू आ गया? क्या हुआ वहाँ? मेरी तो जान निकली जा रही थी, तूने सब कुछ ठीक कर दिया है ना? निखिल- नहीं बुआ, सब ठीक नहीं है ! और निखिल अपने कमरे में चला गया और वह पड़े एक सोफे पर बैठ गया। रजनी- हुआ क्या है, यह तो बता? निखिल- बुआ, वो रजत था। रजनी- हाँ वो तो तूने मुझे जाते वक्त बताया था। निखिल- बुआ उसने हमारी एक सेक्स वीडियो बना ली है। रजनी- क्या उस कमीने की हिम्मत कैसे हुई यह सब करने की? निखिल- और अब वो चाहता है कि… रजनी- क्या? वो क्या चाहता है? निखिल- वो तुम्हें चोदना चाहता है, तभी वो उस वीडियो को हमें देगा और नहीं तो इन्टरनेट पर डाल देगा। रजनी- क्या? वो ऐसा नहीं कर सकता। निखिल- मुझे माफ़ करना बुआ, पर मुझे उसके साथ समझौता करना ही पड़ा। रजनी- क्या? तू चाहता है कि मैं उसके साथ वो सब करूँ? निखिल- बुआ, तुम्हें अच्छी तरह से पता है कि मैं ऐसा नहीं चाहता पर अगर वो वीडियो इन्टरनेट पर आ गई तो हम कहीं के नहीं रहेंगे ! रजनी- चाहे जो भी हो, मैं उसके साथ ऐसा वैसा कुछ नहीं करने वाली… निखिल- मुझे माफ़ करना बुआ… पर अब तुम्हें ऐसा करना ही पड़ेगा। और यह कहते ही निखिल कमरे के दरवाजे की ओर देखने लगा और उसे देख जब रजनी ने अपनी नजरें दरवाजे की ओर की तो दंग रह गई क्योंकि दरवाजे पर रजत खड़ा था, वो एकदम नंगा था और उसका 9″ का लण्ड शहतीर की तरह हवा में झूल रहा था। रजनी अब फंस चुकी थी, वो एकदम हैरान थी। आगे की कहानी रजनी और निखिल की ज़िन्दगी में क्या मोड़ लाएगी जानने के लिए पढ़ते रहिये ‘भूखा लण्ड – एक प्यास एक जनून’ सिर्फ अन्तर्वासना डॉट कॉम पर ! सभी पाठकों से निवेदन है कि कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार सभी के साथ जरूर बांटें, आप नीचे दिये कमेंट सेक्शन डिसकस में अपने विचार या सुझाव लिख सकते हैं और आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं। [email protected]
भूखा लण्ड- एक प्यास एक जनून-4
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