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आकाश गुप्ता मेरा नाम आकाश है, उम्र 25 साल, राजस्थान का रहने वाला हूँ। मैं अन्तर्वासना की लगभग हर कहानी पढ़ चुका हूँ। मेरी यह पहली कहानी है। मैं दिल्ली की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक इंजीनियर के रूप में कार्यरत हूँ और राजस्थान में अपने घर जाता रहता हूँ। मेरे घर के पास मेरी एक दूर के रिश्ते वाली बुआ रहती हैं, वो मुझे अपने सगे बेटे की तरह मानती हैं। उनके घर में उनके अलावा उनकी एक बेटी है, जिसका नाम पायल है और उम्र 18 साल है। उनका एक बेटा भी है, जो कि अभी छोटा है। उनके पति कहीं बाहर काम करते हैं। बात करीब एक साल पहले की है, पायल रात को हमारे घर पर ही रुकी हुई थी। हमारा घर छोटा है, इसलिए ज़्यादा जन हो जाने पर कभी-कभी सोफे पर भी सोना पड़ता है। उस रात को मैं सोफे पर सो रहा था और मेरे बगल में ही पायल भी पलंग पर सो रही थी। बाकी कुछ सदस्य भी वहीं डबलबेड पर सो रहे थे। इससे पहले मेरे दिल मे उसके लिए कभी भी कोई ग़लत विचार नहीं आया था, पर पता नहीं उस रात ऐसा क्यों हुआ। रात को करीब 2 बजे पायल टॉयलेट के लिए उठी, तो मेरी नींद खुल गई। वो टॉयलेट से वापस आई और सो गई। करीब एक घंटे के बाद मेरी नींद फिर से खुल गई, मैंने देखा कि सभी गहरी नींद में सो रहे हैं। तभी मेरा ध्यान अचानक पायल पर गया, वो भी गहरी नींद में सो रही थी। वो दिखने में बड़ी ही मस्त लगती है और उसका फिगर भी उम्र के हिसाब से काफ़ी ठीक है। उस रात पता नहीं, मुझे क्या हो रहा था… पायल के शरीर को निहार रहा था। सर से लेकर पैर तक और पैर से लेकर सर तक, वो सोती हुई हल्की रोशनी में अप्सरा सी लग रही थी। मैं उसकी तरह आकर्षित हो रहा था। कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके उसके सीने पर स्पर्श किया और एकदम से हटा लिया और देखा कि कहीं वो जाग तो नहीं रही। वो सो रही थी, फिर मैंने दोबारा हिम्मत करके उसके मम्मों पर हाथ रखा और धीरे-धीरे दबाने लगा। कुछ देर बाद पायल सोते हुए ही अपने बदन को सिकोड़ने लगी, पर मैंने हाथ नहीं लगाया। अब मैंने धीरे-धीरे अपने हाथ का दवाब बढ़ाया, तो वो जाग गई, पर तब भी मैंने अपना हाथ वहाँ से नहीं हटाया और सोने का नाटक करने लगा। उसे लगा शायद नींद में मेरा हाथ चला गया और उसने हाथ को हटा दिया। कुछ देर बाद मैंने हिम्मत करके फिर से उसके सीने पर हाथ रख दिया और थोड़ा ज़ोर से दबाने लगा। अब वो समझ गई कि मैं सो नहीं रहा हूँ। उसने हाथ हटना चाहा, पर मैंने नहीं हटाने दिया और उसके मम्मों को कपड़ों के ऊपर से ही दबाने लगा, पर कुछ देर बाद सभी घरवालों के डर की वजह से मैंने अपना हाथ वहाँ से हटा लिया। उसके बाद कब सुबह हो गई, पता नहीं चला। सुबह जब मैं उठा तो मैं उससे नज़र नहीं मिला पा रहा था, पर एक बार जब नज़र मिलीं, तो मैंने देखा कि वो मुस्कुरा रही थी। फिर मेरी भी हिम्मत बढ़ गई, मैंने कुछ देर बाद उसे छत पर अकले आने को कहा। वो आ गई, मैंने उससे रात की बात के लिए माफ़ी माँगी और कहा- नींद में ऐसा हो गया! उसने कुछ भी नहीं कहा, फिर मैंने उसको पकड़ कर गले से लगाना चाहा, तो उसने मना किया। फिर मैंने कहा- मेरा मन कर रहा है गले लगाने को… प्लीज़ मना मत करो! फिर मैंने उसे गले से लगाया, पर वो कहने लगी- आप मेरे भाई हो और ये सब ठीक नहीं है! और छूट कर भाग गई। फिर मैंने भी सोचा कि यह ग़लत है और सोचा कि आगे से ऐसा नहीं करूँगा पर… पर एक दिन गर्मियों में पायल की मम्मी पायल को हमारे घर छोड़ कर मेरी मम्मी के साथ मार्केट गई हुई थीं। बाकी सभी लोग टीवी देख रहे थे, मैं और पायल बेड पर पास-पास लेट थे। थोड़ी देर बाद मैंने देखा की सभी सो गए हैं, पायल भी सो रही थी, कमरे में थोड़ा अंधेरा था। मैंने मौका देख कर पायल का हाथ पकड़ लिया, वो जाग गई और हाथ छुड़ाने लगी पर मैंने नहीं छोड़ा और दूसरा हाथ उसके मम्मों पर रख दिया। उसने मेरा हाथ हटाने की बहुत कोशिश की पर मैंने नहीं हटाया। मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथ से दबा लिया और एक हाथ से उसके मम्मों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा। वो पूरी तरह मेरा विरोध कर रही थी पर मैंने अपने काम जारी रखा। मैंने अपना हाथ उसके गले के पास ले जाकर उसके टॉप के नीचे ले गया और टॉप के नीचे ही उसके दोनों मम्मों को दबाने लगा और उसके चुचूकों को मसलने लगा। मैंने देखा कि धीरे-धीरे उसका विरोध भी कम हो गया। मैंने उसके गले पर चुम्बन कर दिया। तभी मैंने देखा कि उसके आँखों में आँसू थे। मैंने अपना हाथ बाहर निकाल लिया और उसका मुँह अपनी तरफ किया, उसके सर पर चुम्बन किया और उससे ‘सॉरी’ कहा। तभी गेट खुला, देखा तो मम्मी और बुआ मार्केट से वापस आ गए थे। हम दोनों जल्दी से ठीक हो गए, थोड़ी देर बाद बुआ और पायल जाने लगे। मैंने चुपके से पायल से पूछा- नाराज़ तो नहीं हो? उसने ‘ना’ में सर हिला दिया! कुछ दिनों बाद जब मुझे घर जाना था, मेरे सारे घरवाले एक शादी में गए हुए थे, तो बुआ ने फोन करके मुझे अपने घर आने को कहा। मैं रात को करीब 10 बजे उनके घर पहुँच गया, बुआ ने खाना लगा दिया, मैंने खाना खाया और टीवी देखने लगा। पायल और बुआ दोनों ही मुझसे बातें कर रही थीं। अब रात के 11 बज गए थे, बुआ को नींद आ रही थी तो वो दूसरे कमरे में जाने लगीं और पायल को भी सोने के लिए कहा। पायल ने कहा- मम्मी, मैं अभी मूवी देख रही हूँ, बाद में सो जाऊँगी। बुआ सोने चली गईं, अब कमरे में मैं और पायल ही थे। पायल मेरे पास ही लेटी हुई थी और मूवी देख रही थी। मैंने पायल से कहा- पायल लाइट बंद कर दे, पंखे की स्पीड थोड़ी कम कर दे और एक चादर ले आ। वो एक चादर ले आई और लाइट बंद कर दी, कमरे में टीवी की ही हल्की-हल्की रोशनी थी। मैंने चादर ओढ़ ली, कुछ देर बाद मैंने अपना एक हाथ आगे बढ़ाया और उसका हाथ पकड़ लिया। उसने कुछ नहीं कहा और मूवी के बारे में बात करने लग गई। मैं धीरे-धीरे उसके हाथ को सहलाने लगा, मैंने उससे पास आने को कहा तो वो थोड़ा पास सरक आई। मैंने अपना दाँया हाथ मोड़ कर उसके सर के नीचे रख दिया। अब उसका सर मेरे कंधे पर था, अब मैंने धीरे से अपना दाँया हाथ उसके एक मम्मे पर रख दिया। उसने कुछ नहीं कहा, फिर मैंने अपना बाँया हाथ उसके पेट पर रख दिया और धीरे-धीरे पेट पर फेरने लगा। फिर मैंने अपने दाँयें हाथ का दबाव उसके चूचे पर बढ़ाना शुरु किया, उसने कुछ भी विरोध नहीं किया। पांच मिनट तक मैं उसके मम्मों को ऊपर से ही दबाता रहा था और मैंने पाया कि वो सिसकारियाँ भर रही थी। फिर मैंने अपना हाथ एकदम से उसके टॉप के अन्दर डाल दिया और मम्मों को पकड़ लिया। पायल एकदम से मुझसे लिपट गई, उसका मुँह मेरे बिल्कुल पास था, मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर रख दिया और चुम्बन करने लगा पर उसने अपना मुँह हटा लिया। मैंने उसके चेहरे की तरह देखा, वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थी। मैं लगातार उसे देख रहा था, तभी उसने एकदम से अपना मुँह मेरे पास लाकर मेरे होंठों को अपने होंठों में क़ैद कर लिया और चूसने लगी। मैं भी उसके होंठों को चूसने लगा, पाँच मिनट तक हम एक-दूसरे के होंठों को चूसते रहे। मैं अपने एक हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था, दूसरे हाथ से उसके पेट को सहला रहा था और उसकी नाभि में अपनी उंगली को डाल कर खेल रहा था। धीरे-धीरे मैं अपना हाथ नाभि से नीचे ले जाने लगा। उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहने लगी- जो भी करना है, कमर से ऊपर कर लो नीचे कुछ मत करो। मैंने भी उससे कुछ नहीं कहा और अपना हाथ हटा लिया, फिर मैंने उससे नाराज़ होने का नाटक किया। तो वो मुझे मनाने लगी और कहने लगी- मुझे बहुत डर लगता है! मैंने कहा- डरने वाली कोई बात नहीं है, मैं हूँ ना..! फिर पायल मुझसे लिपट गई और मेरे होंठों को चूमने लगी। मैंने भी उसके होंठों को कैद कर लिया और चूसने लगा, अपनी जीभ को उसके मुँह के अन्दर डाल कर घुमाने लगा और एक हाथ से उसके मम्मों को दबाने लगा। फिर मैंने उसके होंठों को छोड़ कर उसकी गर्दन पर चूमने लगा, वो मदहोश होने लगी। काफी देर तक मैं उसकी गर्दन पर चूमता रहा। फिर मैंने उसके कानों की लौ पर चुम्बन किया, तो वो पागल सी होने लगी और सिसकारियाँ लेने लगी। मेरा एक हाथ पहले से ही उसके टॉप के नीचे उसके मम्मों पर था। कुछ देर बाद मैंने उसका टॉप उतारना शुरू किया, पहले तो उसने विरोध किया पर बाद में मान गई। मैंने उसका टॉप उतार दिया, अब वो केवल समीज में थी। वो अभी-अभी जवान हुई थी, तो उसके मम्मे भी ज्यादा बड़े नहीं थे, इसलिए अभी समीज पहनती थी। मैंने उसकी समीज को भी उतार दिया। शर्म के मारे उसने अपना सर तकिये के नीचे छिपा लिया। मैंने तकिया हटा कर उसे सीधा किया, तो उसने अपने दोनों हाथों से अपने मम्मों को ढक लिया। मैं पहले से ही टी-शर्ट और लोवर में था, तो मैंने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी और उसके हाथों को हटा कर उसके ऊपर लेट गया। उसने अपने दोनों हाथों को मेरी पीठ पर लपेट लिया। मैं उसके गले और कान के पास वाली जगह पर चूमने लगा और उसकी गर्दन पर चूमता हुआ नीचे सरकने लगा। अब मेरा मुँह उसके मम्मों के ठीक ऊपर था, मैंने उसके दोनों मम्मों के बीच में चुम्बन किया और अपनी जीभ को वहाँ फिराने लगा। फिर अपनी जीभ को धीरे-धीरे उसके बांयें स्तन के चारों ओर फिराने लगा और धीरे-धीरे अपनी जीभ को उसके संतरे की गोलाई पर घुमाते हुए उसकी कोंपलों के पास ले जाने लगा। अब तक पायल का हाल बुरा हो चुका था और जोर-जोर से सिसकारियाँ भर रही थी। मेरी जीभ अब उसके उरोज के भूरे हिस्से पर फिर रही थी। अब मैंने धीरे से अपनी जीभ को उसके निप्पल पर छुआ और अपने दांतों से हल्का सा काट लिया और जीभ से निप्पल को हिलाने लगा। फिर निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा, वो पागल सी हो गई और मेरे सर को पकड़ कर मम्मों पर दबाने लगी। अब मैंने बायें मम्मे को छोड़ा और दाँयें मम्मे के साथ भी वैसे ही करने लगा और एक हाथ को धीरे-धीरे पेट पर फिराते हुए नीचे ले जाकर उसके लोअर में ले गया। उसने विरोध करना चाहा, पर मैंने उसके दोनों हाथों को अपने एक हाथ से पकड़ लिया और पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को दबाने लगा। उसकी पैंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी। उसका विरोध अब बिल्कुल ख़तम हो गया था, मैंने हाथ को धीरे से उसकी पैंटी में घुसा दिया, उसने कुछ नहीं कहा। जैसे ही मैंने अपने हाथ को उसकी बुर पर रखा, उसका पूरा शरीर अकड़ गया। उसकी बुर से काफ़ी सारा पानी निकला, मैंने उसकी लोवर को उसकी पैंटी के साथ उतार दिया। अब मैंने अपनी एक उंगली से उसकी बुर के दाने को मसल दिया और उसकी बुर के छेद में धीरे से उंगली को अन्दर करने लगा। उसकी बुर काफ़ी कसी थी, पर अभी चिकनी होने के कारण एक बार में अन्दर चली गई। मैं एक हाथ से उसकी बुर में उंगली कर रहा था और दूसरे हाथ से उसके मम्मों को दबा रहा था। मैंने अपने हाथ की स्पीड बढ़ा दी और तेज़ी से ऊँगली को अन्दर-बाहर करने लगा था। पायल बुरी तरह से सिसकारियाँ ले रही थी। उसने कहा- उंगली बाहर निकालो और अपना लंड अन्दर डालो..! मैंने अपना लोअर उतार दिया और अपने लंड को उसकी बुर के मुँह पर रख दिया। उसने लंड देखा तो वो घबरा गई और कहने लगी- ये अन्दर कैसे जाएगा…! मैंने लंड को अन्दर डालने की कोशिश की, पर उसकी बुर बहुत तंग थी, बहुत कोशिश की पर भी अन्दर नहीं जा रहा था। अगर थोड़ा जाता भी तो उसे बहुत दर्द होता। अब तक उसकी चूत की चिकनाई भी कम हो चुकी थी, मेरे पास कोई तेल भी नहीं था, अगर ज्यादा कोशिश करता, तो बुआ भी जाग सकती थीं। मैंने उससे कहा- अगर कोई तेल है तो ले आ! वो पास ही की अलमारी से तेल लेकर आई, पर जैसे ही मैंने वो तेल की शीशी खोली, उसमें से बहुत ही तेज ख़ुशबू आ रही थी। मैंने पायल से कहा- अगर हम इसका इस्तेमाल करेंगे, तो बुआ को पता लग जाएगा। क्योंकि वो पास के ही कमरे में सो रही थीं और हमारा गेट भी खुला था। मैंने कहा- किसी और दिन कोशिश करेंगे! फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को होंठों पर चुम्बन किया और लेट गए और एक-दूसरे से चिपक गए और चूमने लगे। हम अपने कपड़े पहन चुके थे, मैंने उसके हाथ को लेकर अपने अंडरवियर में घुसा दिया। उसने मेरे लंड को पकड़ लिया। मैंने कहा- मेरा मूठ मार दे! वो नहीं जानती थी कि यह क्या होता है, तो मैंने अपने हाथ से करके उसे बताया। फिर उसने मेरी 10 मिनट तक मूठ मारी, मेरा वीर्य उसके हाथ में ही निकल गया। उसने अपने हाथ मेरे अंडरवियर से साफ किया और बुआ के पास सोने चली गई। दोस्तो, मैं पायल की चुदाई की कहानी अगली बार लिखूँगा। आप मेरी कहानी पर अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर मेल करें। [email protected]
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