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सम्पादक – इमरान सामने पुलिस की पेट्रोल कार रुकी खड़ी थी… मैंने सोचा कि निकाल लूंगा… सलोनी दरवाजे की ओर पैर किये मेरी गोद में सर रख लेटी थी…
मैंने उसकी शर्ट किसी तरह नीचे की पर फिर भी उधर खिड़की से देखने वाले को सलोनी के चूतड़ नंगे ही दिखते…
मैं जैसे ही गाड़ी के पास पहुँचा… ओह माय गॉड… वे बाहर ही खड़े थे !
दो पुलिस वालों ने हाथ देकर हमको रोक लिया।
मैंने बहुत कोशिश की फिर भी मुझे गाड़ी रोकनी ही पड़ी और उनमें से एक पुलिस वाला सलोनी की खिड़की की ओर ही आ रहा था।
मैं सन्न रह गया… कि अब मैं क्या करूँ????
एक तो रात की खुमारी ऊपर से नशा.. और फिर आज एक ही रात में की गई इतनी सारी मस्ती… इस सबमें मैं वाकयी बहुत ज्यादा थक गया था… और शायद सलोनी भी…
अब तो दिल जल्दी से जल्दी घर पहुँचने का कर रहा था…
मगर इससे क्या होता है, किस्मत में तो शयद कुछ और ही लिखा था… मेरे साथ आज तक ऐसा नहीं हुआ था, मेरा कभी ऐसा कुछ पुलिस से पाला भी नहीं पड़ा था…
अगर सब कुछ सामान्य होता तो मुझे ज्यादा कुछ नहीं लगता… मैं कह सकता था कि हम पति पत्नी हैं।
मगर यहाँ तो मामला बिलकुल ही उल्टा था… हम दोनों ही नशे की हालत में थे… रात के दो या ढाई बज रहे थे, इस वक्त में पति पत्नी तो ऐसी हालत में नहीं निकलते !
ऊपर से आसमान से गिरे खजूर में अटके… सलोनी लगभग वस्त्रहीन थी… उसके बदन पर एक मर्दाना कमीज थी जो उसको एक रंडी की तरह ही दिखा रही थी।
मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि इस स्थिति से कैसे निकलूँ… मेरे दिमाग ने बिल्कुल ही काम करना बंद कर दिया था।
पुलिस कॉन्स्टेबल को अपनी ओर आते देख मैंने और तो कुछ नहीं बस सलोनी को धक्का देकर नीचे गिरा दिया, वो अपनी सीट से खिसक नीचे को बैठ गई… अब कम से कम पहली नजर में तो वो नहीं दिखने वाली थी।
अब यह देखने वाली बात थी कि वो कॉन्स्टेबल किस खिड़की पर आता है…
अगर सलोनी की तरफ ही आता है तो उसको आसानी से सलोनी नहीं दिखती… क्योंकि सलोनी का सर दरवाजे से टिक गया था।
सलोनी ने थोड़ा बहुत उउन उउउह किया बस, फिर वो दरवाजे पर सर रख सो गई…
थैंक्स गॉड… कॉन्स्टेबल उसी की खिड़की की ओर आया… मैंने केवल थोड़ी से ही खिड़की खोली और बिना कुछ कहे अपना लाइसेंस उसको पकड़ा दिया।
मैं उसको अंदर देखने या बात करने का मौका नहीं देना चाहता था।
मैं- क्या हुआ सर??? एयरपोर्ट से आ रहा हूँ, दोस्त को छोड़ने गया था…
साला कॉन्स्टेबल बहुत ही खुश्क टाइप का था, बिना कुछ बोले लाइसेंस लेकर अपने साहब के पास चला गया।
मेरी ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे ही थी, मैं उनकी गतिविधि देख रहा था।
मैंने सोचा अगर यहाँ बैठा रहा तो साला इनमें से कोई आकर सलोनी को देख सकता है, मैं जल्दी से नीचे उतरा और उनके पास पहुँच गया।
उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं पूछा… केवल फ्लाइट के बारे में पूछा जो मुझे पता था, कई बार बाहर जाने के कारण मुझे एयरपोर्ट और फ्लाइट के बारे में पता था।
तो उनको कोई शक नहीं हुआ।
मेरे और काम के बारे में जान कर उन्होंने मेरा लाइसेंस मुझे दे दिया, मैंने चैन की सांस ली और अपनी गाड़ी की ओर बढ़ गया।
मैं अपनी सीट पर बैठ अभी गाड़ी आगे बढ़ाने वाला ही था कि वो हो गया जो मैं नहीं चाहता था, सलोनी को नींद खुल गई और वो उठकर अपनी सीट पर बैठ गई।
बदकिस्मती से उसकी तरफ वाली खिड़की भी खुली थी और पुलिस वालों की नजर सीधे उसी पर पड़ी।
मैं गाड़ी आगे बढ़ाता, उससे पहले ही कॉन्स्टेबल मेरी गाड़ी के आगे आकर खड़ा हो गया…
अब मुझे सब कुछ धुन्धला सा नजर आने लगा… उसको देखकर मेरी गाड़ी खुद बा खुद बंद हो गई।
अबकी बार कॉन्स्टेबल मेरी ओर आया और मेरा दरवाजा खोल कर बोला- तो झूट बोल रहा था बे.. साले मस्ती करता घूम रहा है… खुलेआम…
मैं- नहीं सर व्ववओ वववो…
कॉन्स्टेबल- कुछ मत बोल साले… चल उतर नीचे…
और जोर से अपने साब को बोला- साहब यहाँ तो नंगी छोकरी है… साला गाड़ी में ही काम निबटा रहा था…
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उसकी बात सुनकर मैंने सलोनी की ओर देखा… वो आँखे फाड़े केवल उस कॉन्स्टेबल को देख रही थी, उसकी शर्ट पूरी अस्त-व्यस्त थी, चूची भी आधी बाहर थी और टांगें भी ऊपर तक नंगी ही दिख रही थी।
अगर कॉन्स्टेबल ने उसको नंगी कहा था तो बिल्कुल गलत नहीं कहा था।
सलोनी वहां से पूरी नंगी ही दिख रही थी…
तभी वो इंस्पेक्टर बोला- धर ले दोनों को…
कॉन्स्टेबल- जी साब… चल वे उतार इसको भी.. कहीं धंधे से ला रहा है या खुद ही बजाने ले जा रहा है?
मैं अब बिल्कुल सच बोलने वाला था और यह भी जानता था कि यहाँ साला कोई विश्वास नहीं करेगा मगर अब कुछ तो करना ही था…
मैंने किसी तरह खुद को संयत किया- सर विश्वास करो, यह मेरी बीवी है.. हम एक पार्टी में गए थे और वहाँ इसको किसी ने पिला दी…
कॉन्स्टेबल- और इसकी हालत तो यह बता रही है कि साली खूब चुदवाकर आ रही है…
मुझे उसकी बात पर कुछ गुस्सा आ गया- ..तमीज से बात करो.. हम पति पत्नी हैं…
मेरी आवाज शायद उस इंस्पेक्टर तक भी पहुँच गई, वो इंस्पेक्टर बोला- क्या बकवास हो रही है वहाँ??? यहाँ लेकर आ दोनों को…
मैं दौड़कर उस इंस्पेक्टर के पास गया- सर हम दोनों पति पत्नी हैं और एक पार्टी से आ रहे हैं..
और ना जाने मैंने उससे क्या क्या बोल दिया…
तभी मुझे सलोनी कि आवाज सुनाई दी, वो कॉन्स्टेबल जबरदस्ती उसको गाड़ी से उतार रहा था।
मैं- अरे सर उसको रोको, वो मेरी बीवी के साथ बदतमीजी कर रहा है !
इंस्पेक्टर ने जैसे मेरे कोई बात सुनी ही नहीं और अपने कॉन्स्टेबल से ही बोला- …हाँ लेकर आ उसको भी यहाँ… पूछ कहाँ धंधा करती है साली…
मेरी हालत अब पतली होने लगी… जरूर सलोनी के साथ कुछ गलत होने वाला था…
उस कॉन्स्टेबल ने सलोनी को गाड़ी के नीचे उतार लिया.. गनीमत यह थी कि सलोनी अब कुछ होश में नजर आ रही थी… वो खुद चल रही थी.. मगर फिर भी वो कॉन्स्टेबल उसको कोहनी के ऊपर बांह से पकड़े था… उसकी उंगलियाँ जरूर सलोनी की चूची से रगड़ खा रही होंगी… वो जल्दी ही हमारे पास आ गया…
खुली सड़क पर स्ट्रीट लाइट की रोसनी में सलोनी केवल एक शर्ट में एक इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल के सामने खड़ी थी और कॉन्स्टेबल उसका हाथ पकड़े उसके मम्मों का मजा भी ले रहा था।
इंस्पेक्टर- अबे यह तो कोई नया ही माल लग रहा है.. पहले तो नहीं देखा अपने एरिया में इसको?
कॉन्स्टेबल- हाँ साब कोई प्राइवेट धंधे वाली लगती है और देखो साब खुले में करने की शौकीन है.. लगता है गाड़ी में ही मरवाती आ रही थी !
और कॉन्स्टेबल ने सलोनी का हाथ छोड़ उसकी शर्ट नीचे से पकड़ ऊपर पेट तक उठा दी…
सत्यानाश !
खुली सड़क पर सलोनी की चूत और चूतड़ दोनों नंगे हो गए…
सलोनी कितनी भी ओपन हो पर ऐसा उसने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि दो अजनबी और अपने पति के सामने उसको ऐसा कुछ सामना करना होगा…
उसका सारा नशा अब काफ़ूर हो गया था…
वो शर्म के मरे चीख पड़ी- नहीईइइइइइइ इइइइइइ…!!! उसने अपने हाथ अपनी आँखों पर रख लिए थे, मैं भी असहाय सा उसको देख रहा था…
इंस्पेक्टर- हाँ यार… यह तो मस्त माल है.. और वो अपना हाथ सलोनी की ओर बढ़ाने लगा… ??????????? कहानी जारी रहेगी।
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