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नीलम अग्रवाल चूचियों दबने के अनछुए अहसास से मैं रोमांचित होने लगी, लेकिन मैंने देखा कि गौरव के हाथों की पकड़ कुछ ढीली पड़ने लगी। मैंने उसके हाथों से अपने हाथ हटा लिए। मैं कुछ और सोचती इससे पहले ही उसके हाथ मेरे शरीर से अलग हुए और अगले ही पल मेरी चूचियाँ उनके हाथों की गिरफ्त में थीं। जैसे ही उसने मेरी चूचियों को अपने हाथों से धीरे से दबाया, तो मेरी आँखें बन्द हो गईं और मैं कुछ समय के लिए जन्नत में पहुँच गई। वो मेरी चूचियों को हल्के-हल्के हाथों से दबा और मसल रहा था और मैं सिसकारियों भरी आवाजें ‘आह्ह्ह्ह उम्म्म्म अम्म्म्म म्म्म्म’ निकाल कर रोमांस का मजा ले रही थी। उसके कठोर हाथ मेरे रेशम जैसी मुलायम चूचियों को दबा रहे थे। उसके हाथों की गर्मी मुझे मेरी चूचियों पर स्पष्ट रूप से महसूस हो रही थी। इस रोमांस को और बढ़ाने के लिए मैंने अपनी गर्दन तिरछी की और उनके गालों पर चूम लिया और कहा- मेरे होंठों की भी प्यास बुझाओ न..! उसने मुझे पलटा और मेरी कमर में हाथ डालकर अपनी ओर खींचा। मेरी चूचियाँ उसके सीने पर तेजी से दब गईं। अब हमारे चेहरे एक-दूसरे के सामने थे, हमारे होंठों के बीच कुछ ही फ़ासला था, उसके दोनों हाथ मेरी पीठ पर रगड़ने लगे और मेरी पीठ को अपनी ओर खींचा जिससे चूचियाँ और दब गईं और हमारे होंठ और नजदीक आ गए। पहले उसने मेरे होंठों के नीचे चूमा फिर बाएं गाल पर, फिर सिर पर, फिर दाहिने गाल पर, इससे चुम्बन का रोमांच और बढ़ गया। अगले ही पल उसके होंठ मेरे होंठों को चूमने लगे। मैं भी अपने होंठ उसके होंठों पर रगड़ कर उसका साथ देने लगी। मैं उसके बालों में हाथ फ़ेर कर उन्हें अपनी ओर दबा रही थी। कभी उसके हाथ मेरी पीठ को सहलाते, कभी मेरे चूतड़ों के उभारों को दबाते और मसलते। इसी दौरान उसके दाएं हाथ से मेरे बाईं चूची दब कर और बाएं हाथ से दाईं चूची दब रही थी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं ! इस दौरान हमारी चूमा-चाटी जारी थी। इसी बीच उसने मुझे दबाते हुए पीछे के खम्बे पर टिका दिया और पूरी तरह मेरे बदन को खम्बे पर दबाते हुए जुनून से चुम्बन करने लगा। थोड़ी देर तक चुम्बन करने के बाद हम अलग हुए। अब वो मेरे गर्दन और गले को चूमने लगा और मेरे चूचियों को टॉप के ऊपर से ही चूमने लगा और निप्पल को भी चूस रहा था। मैं उसके सर को अपनी चूचियों की तरफ दबा रही थी, मेरे मुँह से कामुक आवाजें निकल रही थीं। फिर उसने मेरी चूचियों को चूमते हुए मेरे टॉप के छः बटन खोल दिए। मेरी चूचियाँ आधे खुले टॉप में से मेरी गुलाबी ब्रा में छलकती हुई दिख रही थी। चूचियों को ब्रा पर से चूमने के बाद उसने मुझे एक मेज पर बिठा दिया और मेरे टॉप को निकाल दिया। अब वो मेरी कमर में हाथ डालकर मेरी चूचियों को ब्रा के ऊपर से ही चूम कर, मेरे पेट पर चूमते हुए, मेरी टाँगों पर पहुँचा और मेरे स्कर्ट को चढ़ा कर मेरी जाँघों तक ले आया और मेरी जाँघों पर चूमा। उसके हाथ जाँघों से होते हुए मेरी चूत तक पहुँचे, पैन्टी के ऊपर से ही चूत पर हाथ फ़ेरने के बाद पैन्टी के अन्दर हाथ डालकर चूत में ऊँगली डाल दी। मैं सिहर उठी, वो ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा और मेरे मुँह से कामुक आवाजें आने लगीं। फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अलग कर दिया और फिर उसने पैन्टी को धीरे-धीरे जाँघों से उतार कर अलग कर दिया और मैंने उसकी बनियान को उतार दिया और जीन्स उसने खुद उतार दी। वो सिर्फ अन्डरवियर में था जिसमें से उसका खड़ा लण्ड साफ दिखाई दे रहा था, जो 6 इन्च का तो लग ही रहा था। फिर उसने मेरी दोनों जाँघों को चौड़ा किया और मेरी चूत को चूम कर चाटने लगा। उसके चाटने से मेरी कामुकता चरम पर पहुँच गई थी। मेरे मुँह से कामुक आवाजें ‘आह उह म्म्म्म्म उम्म्म अम्म्म्म’ निकल रही थीं। उस खाली कमरे में उसके चाटने की आवाज और मेरी कामुक आवाजें स्पष्ट सुनाई दे रही थीं। चाटने के दौरान उसकी जुबान मेरी चूत को अन्दर से चाट रही थी उससे मैं उत्तेजना से पूरी तरह भर चुकी थी और मेरी चूत के अन्दर कुछ अजीब महसूस होने लगा और फिर अचानक बड़ी तेजी से मेरी चूत से पानी निकल गया, जो गौरव चूस-चूस कर पी गया। अब मैं बहुत थका महसूस कर रही थी, सो मैं निढाल हो कर मेज पर ही लेट गई, पर गौरव ने चूत चाटना जारी रखा। थोड़ी देर तो कुछ नहीं हुआ, पर कुछ देर में ही मैं फिर से गर्म होने लगी और मैं उठ कर गौरव का सर मेरी चूत की ओर दबाने लगी। फिर वो चाटना छोड़ कर अपने हाथ मेरे चूतड़ों से मेरी जाँघों पर लाया और मेरी दोनों जाँघें चौड़ी करके दोनों हाथों से पकड़कर अपनी और खींची और मैंने अपनी दोनों टाँगें उनके बदन के चारों ओर लपेट लीं और हाथ उसके कन्धों पर रख दिए। उसने मुझे मेरी जाँघों से पकड़ कर उठाया। हमारे बदन एक-दूसरे से पूरी तरह चिपके हुए थे, मेरे चूचियाँ उनके सीने से दब रही थीं। मैं उसके गालों, गर्दन, कन्धे और सीने को चूम और चाट रही थी, वो भी मेरे गाल, गर्दन, कन्धे और चूचियों को चूम और चाट रहा था। मेरी चूचियाँ उसके कड़क सीने को और मेरी चूत उसके लण्ड को अन्डरवियर के ऊपर से ही रगड़ रही थी जो मुझे और भी गर्म और रोमांचित कर रहा था। फिर वह मुझे बिस्तर पर ले गया और लेटा दिया। मेरे चूचियाँ मेरी ब्रा में तनी हुई थीं और मेरा स्कर्ट मेरी कमर तक उठा हुआ था, वो मेरी दोनों टाँगें चौड़ी करके मेरे ऊपर आकर लेट गया। मेरी चूचियाँ उसके सीने से दब रही थीं और मेरी चूत पर उनका लण्ड महसूस हो रहा था। हमने चुम्बन करना शुरु कर दिया। हम एक-दूसरे को पूरे चेहरे पर चुम्बन कर रहे थे और वो मेरे चूचियों पर भी चुम्बन कर रहा था। चुम्बन करते समय वो मेरी चूचियों को बारी-बारी से दबा भी रहा था। मैं उनके चारों और अपनी टाँगें लपेट कर मज़ा ले रही थी। फिर मैंने रोमांस में और मज़ा लाने के लिए उन्हें नीचे किया और मैं उनके ऊपर हो गई, अब हम फिर से चुम्बन करने लगे। उसके हाथ मेरे कूल्हों को दबाते और पीठ पर हाथ फ़ेरते। फ़िर उसने मेरी ब्रा का एक हुक खोल दिया और दूसरा हुक खुलते ही मेरी ब्रा से मेरे स्तन पूरी तरह आज़ाद होकर चहकने लगे। उसने ब्रा को कन्धों से उतारकर अलग कर दिया। अब मैं सिर्फ़ स्कर्ट में थी। अब मेरे नंगे मम्मे उसके चेहरे के सामने थे और वो मेरे एक मम्मे को दबाकर और दूसरे को मुँह में लेकर चूसने लगा। वो मेरे निप्प्ल को अपनी जुबान से छेड़ रहा था जो मुझे बहुत मज़ा दे रहा था। मेरे दोनों मम्मों को अच्छे से चूसने के बाद हम फिर चुम्बन करने लगे। मैं उनके पूरे बदन पर चूम रही थी और उसके लण्ड को ऊपर से ही मसलने लगी। फ़िर मैंने धीरे-धीरे उनका अन्डरवियर उतार दिया तो मेरे सामने उनका लौड़ा उछल कर बाहर आ गया, जो असल में 8 इन्च का था। फ़िर गौरव बिस्तर पर खड़ा हुआ और मुझे लण्ड चूसने को कहा। मैंने मना कर दिया, पर फ़िर भी वो अपने लण्ड को मेरे मुँह और होंठों पर रगड़ने लगा। जैसे ही मैंने थोड़ा सा मुँह खोला, उसने लण्ड मुँह में डाल दिया। मैंने छुड़ाने की कोशिश की पर वह मेरा सर पकड़कर अपने लण्ड की ओर दबाने लगा और लण्ड अन्दर-बाहर करने लगा। थोड़ी देर तो मुझे गन्दा सा लगा, फ़िर बाद में मज़ा आने लगा। मैं लण्ड को मज़े से चूस रही थी और उसके लण्ड से गर्म पानी मेरे मुँह में आने लगा। मैंने उसे हटाना चाहा, पर उसने मेरे सर को अपने लण्ड पर दबाए रखा तो मैं उनका सारा पानी पी गई। लण्ड बाहर निकालने के बाद मैंने उनसे कहा- यह क्या किया? तो उसने जवाब दिया- फ़िक्र मत करो डार्लिंग.. लड़कों का वीर्य पीने से लड़कियों काबदन और भी कामुक और सुडौल बनता है ! और उसने मेरे होंठों को चूम लिया। मेरी कमर के स्कर्ट के इलास्टिक से पकड़कर स्कर्ट को ऊपर से अलग कर दिया, अब हम दोनों पूरी तरह से नंगे थे। फ़िर हम चुम्बन करते हुए फ़िर से लेट गए। उसका लण्ड अब मात्र दो इन्च का रह गया था, मैंने उसे मसलना शुरु कर दिया और वो फिर से खड़ा होकर 8 इन्च का हो गया था। अब उसका लण्ड मेरी चूत को स्पष्ट रूप से महसूस हो रहा था और उसने अपना लण्ड मेरी चूत के छेद पर रखा और थोड़ा सा जोर लगाया। चूत की दीवारें फैला कर लण्ड थोड़ा सा अन्दर गया, जिससे मुझे मामूली सा दर्द हुआ। फ़िर जब उसने दूसरा झटका मारा तो लण्ड लगभग आधा अन्दर चला गया। अब मेरे मुँह से चीख निकल पड़ी, जिसे बन्द करने के लिए गौरव ने मुझे चुम्बन करना शुरु कर दिया। फ़िर कुछ ही देर में उसने जब तीसरा झटका लगाया, लण्ड पूरा अन्दर चला गया, जिसने मेरे किसी अन्दरुनी अंग को छुआ जिससे मुझे मज़ा तो आया, पर अपार दर्द के साथ, मेरी चीख तो उसके होंठों में ही दब गई। फ़िर थोड़ी देर बाद उसने लण्ड को धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करना शुरु कर दिया, अब मुझे भी मज़ा आने लगा, मैं भी अपनी चूत को उसके लण्ड पर आगे-पीछे करके उनका साथ देने लगी। उसने झटके और तेज़ कर दिए, उसका लण्ड जब अन्दर तक जाता, मुझे बहुत मजा आता, मेरे मुँह से कामुक आवाजें ‘अह्ह्ह उम्म्म्म म्म्म्म्म’ लगातार निकल रही थीं। थोड़ी ही देर में मेरी उत्तेजना बढ़ने लगी और मेरी चूत से फिर पानी निकल गया। मैं कुछ देर निढाल पड़ी रही पर उसके झटके चालू थे। कुछ ही देर में मैं फ़िर से गर्म होने लगी और मुझे फ़िर मजा आने लगा। अब मैं उसके ऊपर आ गई और ऊपर-नीचे होने लगी और वो मेरे मम्मों को दबा रहा था। थोड़ी देर बाद उसने झटके से मुझे नीचे लिटया और तेज़ी से मेरी चुदाई करने लगा। उसके झटकों की रफ़्तार तेज़ हो गई, मैंने उसको कसके जकड़ लिया और उसका वीर्य मेरे अन्दर ही गिरने लगा। उसके वीर्य की गरमाहट से मैं भी झड़ गई और फ़िर हम काफ़ी देर ऐसे ही पड़े रहे। फ़िर मैं नहा कर वहाँ से रवाना हो गई। यह मेरी सच्ची चुदाई थी जिसे मैंने अपनी जुबान में आपको बताई है। मेरी कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताएँ। [email protected]
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