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आप सभी ने मेरी कहानी क्या छुपा रहे हो? पढ़ी बहुत सारे मेल मुझे मिले। धन्यवाद !
आप सभी जानते हैं मैं दिल्ली में एक बड़ी कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब करता हूँ। मैं दिल्ली में ही किराए पर रहने लगा हूँ। मेरी पिछली कहानी पढ़ कर एक ज्योति (बदला हुआ नाम) नाम की लड़की ने सेक्स करने की रिक्वेस्ट की। मुझे इस मेल पर यकीन नहीं हो रहा था। अच्छी बात यह थी कि वो भी दिल्ली की ही थी।
करीब एक महीने तक हम लोग मेल पर ही बात करते रहे, फिर उसने अपना मोबाइल नम्बर शेयर किया। अब हम लोग मोबाइल पर बात करने लगे। उसकी आवाज से मैं उसके फिगर की कल्पना कर रहा था, पर यह जो कुछ भी हो रहा था, उसमें मैं यकीन नहीं कर पा रहा था कि यह वास्तविक हैं या सपना।
फिर एक दिन हमने आईपी पार्क में मिलने का प्रोग्राम बनाया। जैसा मैने सोचा था ज्योति ऐसी तो नहीं थी मगर वो एकदम सील बंद माल लग रही थी और उसके फिगर के बारे में क्या बताऊँ… छोटे-छोटे चूचे जिसे किसी ने छुआ ना हो, पतली सुराहीदार गर्दन, गोल-मटोल चहेरा..!
मुझे यकीन नहीं हुआ ज्योति जैसी लड़की कैसे सेक्स के लिए मेल कर सकती है।
फिर हमारी बात हुई और उसने बताया कि वो कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही है और उसके घर में मम्मी और एक छोटा भाई है। जब वो जाने लगी तो उसके पिछवाड़े को देख कर मेरा लण्ड एकदम तन गया।
मैंने टांग के ऊपर टांग रखकर उसे दबाने की कोशिश की, क्योंकि पार्क में काफी भीड़ थी और लण्ड बैठने का नाम नहीं ले रहा था। पूरी रात मुझे नीद नहीं आई, मैं ज्योति के ही बारे में सोच रहा था कि मैंने उसे चोदने का मौका गंवा दिया, वो तो खुद चल कर मेरे पास आई थी। अगले शनिवार को मैंने उससे मिलने का प्रोग्राम बनाया, बड़ी मुश्किल से वो मान पाई।
मैंने उसी बताया कि में उसे मेट्रो स्टेशन से पिक कर लूँगा, वहाँ मिल जाना ! और आखिर वो दिन भी आ गया, जिसका मुझे इंतज़ार था।
वो टॉप और टाइट जीन्स पहने कर आई थी। टॉप में उसके छोटे-छोटे चूचुक उभर रहे थे। गाड़ी में बैठा कर मैं उसे मॉल में ले गया। वहाँ हमने लंच किया और मूवी देखने लगे।
मैं ज्योति को पहली बार देख कर ही समझ गया था कि किसी ने उसे आज तक छुआ भी नहीं है। यह मेरा पहला चांस था जब मुझे किसी बिना चुदी लड़की को चोदना था।
मूवी देखते हुए ही मैंने उसके चूचे को दबाना शुरू कर दिया। वो पहले मना कर रही थी, पर बाद में मान गई और उसे भी मजा आने लगा। मूवी ख़त्म होने तक वो एकदम गर्म हो चुकी थी।
फिर मैं उसे अपने रूम पर ले गया। मैंने पहले से सारी तैयारी कर रखी थी। मैं कुंवारी चूत का मजा लेना चाहता था। मैंने रूम पर अपने कपड़े बदले और उससे बैठने को कहा।
फिर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया और काफी देर तक चूसता रहा, अपने दूसरे हाथ से उसके चूचों को दबाता रहा। मैं उसे गर्म करने की कोशिश कर रहा था।
धीरे-धीरे मैंने उसकी चूत में हाथ डाल दिया। वो एकदम उछल पड़ी, पर मैं नहीं रुका, अब उसे भी मजा आने लगा था। इतनी ठण्ड होने के बावजूद हम गर्माने लगे थे। धीरे-धीरे दोनों नंगे हो गए थे। मैंने उसे लण्ड चूसने को कहा, पर वो नहीं मानी।
मैंने जबरदस्ती उसके बालों को पकड़कर उसके मुँह में अपना लण्ड दे दिया। काफी देर बाद वो चूसने लगी, फिर मैं उसके बाल पकड़ कर अपने लौड़े से उसके मुँह को चोदने लगा। 30-35 झटकों के बाद उसके मुँह में ही झड़ गया।
मुझे अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रहा था कि रात में जिसकी चूत मारने की सोच रहा था, वो अब मेरे लण्ड को चूस रही है। थोड़ी देर बाद ही मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया और इस बार मैं उसके मम्मे मुँह में लेकर खेल रहा था और हाथों से उसकी चूत के दाने को रगड़ रहा था।
ज्योति एकदम गर्म हो चुकी थी और कह रही थी- अब मुझ से कण्ट्रोल नहीं हो रहा है प्लीज़ मेरी चूत को चोद दो।
मैंने भी अपने लण्ड को उसकी चूत के छेद पर लगाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर सीधा जोर लगाया।
उसकी चूत काफी टाइट थी, लण्ड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया और उस झटके से उसके मुँह से चीख निकली।
मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर उसे रोका और थोड़ी देर में ही उसे मजा आने लगा और गांड हिला-हिला कर खुद चुदने लगी।
धीरे-धीरे मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसके मुँह से ‘आह ऊह्ह आह..उछ ससी..’ की आवाज़ निकल रही थी।
मुझे अब अनुभव हो रहा था कि धरती पर कहीं स्वर्ग है तो चूत मारने में ही है। करीब 25-30 झटकों में वो और मैं दोनों एक साथ झड़ गए और काफी देर तक एक-दूसरे से लिपटे रहे।
कुछ देर बाद फिर से हम दोनों एक-दूसरे को वासना भरी नजरों से देख रहे थे।
इस बार मेरी निगाह उसकी गांड पर थी, पर वो इससे अनजान थी, मैंने ढेर सारी क्रीम लेकर उसकी गांड के छेद पर लगाई। वो बोली- यह क्या कर रहे हो..? तो मैंने कहा- तुम्हारी गांड देख कर ही मेरा लण्ड उस दिन तन गया था।
अब वो समझ चुकी थी कि गांड का चुदने का टाइम आ गया है, वो एकदम डर गई थी। मैंने लण्ड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर लगाया और हल्का सा धक्का लगाया तो सुपारा छेद में चला गया।
उसकी गांड बहुत ज्यादा टाइट थी। दर्द के साथ-साथ बहुत मजा आ रहा था। वो भी दर्द के मारे ‘अआया ऊह रहने दो..’ चिल्ला रही थी।
थोड़ी देर में ही वह नॉर्मल हो गई और उसे भी मजा आने लगा और मैं भी पूरा लण्ड उसकी गांड में बार-बार अन्दर-बाहर कर रहा था। काफी देर तक चुदाई करने के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।
इस तरह उसकी गांड और चूत की चुदाई पूरी रात चलती रही।
आज भी मैं उसे मिलता हूँ और चुदाई करता हूँ। उसके चूचे एकदम मस्त हो गए हैं। वो और भी हसीन लगती है। लड़के उसे देखकर ही मुठ मारने लगते हैं।
दोस्तो, यह था मेरा कुंवारी चूत मारने का अनुभव। आप सभी को मेरी यह कहानी कैसी लगी, मुझे जरूर मेल करें। मेरा आप सभी से निवेदन है कि नाम बदल कर मेल ना करें। मेरी पहली कहानी को पढ़ कर कुछ लड़कों ने लड़कियों के नाम से मुझे मेल किए और कृपया गाली का प्रयोग ना करें..! [email protected]
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