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हाउस मेड सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे एक लड़का लॉकडाउन में अपनी जवान नौकरानी के साथ घर में था. दोनों एक दूसरे से अपने सेक्स की प्यास बुझाना चाहते थे लेकिन …
हाउस मेड सेक्स स्टोरी का पिछला भाग: लॉकडाउन में चरमसुख की प्राप्ति- 1
राजेश के दिमाग में दोपहर वाली शीला घूम रही थी. वो अब ब्लाउज के अंदर उसके मम्मों की मोटाई नाप रहा था. शीला ने पूछ लिया- क्या देख रहे हैं साब? तो राजेश सकपका के बोला- तुम्हारे तलुवे बहुत गंदे हो रहे हैं. अब तो तुम्हें नंगे पाँव गली में नहीं घूमना. तो सुबह अच्छे से साफ़ कर लेना.
अब आगे की हाउस मेड सेक्स स्टोरी:
शीला को ध्यान आया कि वो नहाएगी कहाँ? क्योंकि बाहर क्वार्टर में तो जगह ही नहीं है जो वो बाल्टी वहां ले जा सके. राजेश समझ गया, बोला- कोई संकोच मत करो. मैं नहा लूँगा, फिर तुम इसी बाथरूम में नहा लेना.
राजेश ने कॉफ़ी का कप नीचे रखा और वहीं रखी मैगजीन पढ़ने लगा.
शीला ने कप उठाया और साथ ही राजेश के बेड रूम से बाहर पड़ा टॉवल उठाया और किचन में चली गयी.
शीला को पहले ही टॉवल में लगे माल की कहानी पता थी. अब जब वो टॉवल लेकर बाथरूम में गयी तो उसने टॉवल को सूंघकर उसका सारा हाल जाना और मदमस्त हो गयी. उसने बहाने से बाथरूम बंद किया और उस टॉवल के माल को फिर से सूंघा.
इतने में उसकी चूत ने भी किलकारी मार दी. शीला ने अपना पेटीकोट ऊपर किया और अपनी मुनिया को उंगली से सहलाने लगी. कमरे का सारा सीन उसकी आँखों में था. उसने अपनी उंगली की स्पीड बढ़ा दी.
और अब तो उसने टॉवल का गीला माल अपनी चूत मेन रगड़ दिया. उसकी चूत ने भी फव्वारा छोड़ दिया. चलो चूत लंड न मिले तो क्या, माल तो मिल ही गए. शीला ने फटाफट मुँह हाथ धोये और बाहर आ गयी.
राजेश बाहर सोफे पर अधलेटा था. उसने शीला से कहा कि वो सोने चली जाए. शीला बोली- क्या मैं बाहर कमरे में ही नीचे लेट जाऊं? क्योंकि बाहर क्वार्टर में मुझे रात को डर लगेगा. राजेश बोला कि हाँ उसे कोई दिक्कत नहीं है. राजेश ने उससे कह दिया कि वो बिना संकोच घर को इस्तेमाल कर ले. अंदर से दो चादर ले ले. एक बिछाने को, एक ओढने को.
शीला बाहर क्वार्टर से एक नाईटी सी ले आई. वो शर्मा के बोली- साब, गरीब हैं, जैसा भी है. आप मजाक मत बनाना. मुस्कुरा के राजेश बोला- क्या तुमको लगता है मैं तुम्हारा मजाक बनाऊंगा. बस तुम साफ़ सुथरी रहो. रात को नहा कर कुछ भी पहनो, मुझे कोई फरक नहीं पड़ता और अब यहाँ कौन आएगा.
राजेश ने दो बार साफ़ सुथरा कहा तो शीला अपने कपड़े लेकर बाथरूम में चली गयी और आधा घंटे तक रगड़ रगड़ कर उसने अपना बदन चमकाया.
उसने सुना था कि बड़े आदमियों कि औरतें नीचे के बाल क्रीम से साफ़ करती हैं. तो उसने अभी तो राजेश की मूंछों की केंची से जितने हो सके अपनी झांट के बाल साफ़ किये और सोचा कि जब कल सामान लेने जाऊंगी तब दुकानदार से क्रीम पूछूंगी.
जब वो नहाकर निकली तो राजेश अपने कमरे में जा चुका था.
शीला ने आहिस्ता से सारी लाईट बंद कर दी और अपने बिस्तर पर लेट गयी. पर उसकी आँखों में नींद नहीं थी. धीरे से उसका हाथ अपनी चूत पर चला गया. फिर चूत में उंगली करते करते ही वो सो गयी.
उधर राजेश की रात को आँख खुली. मोबाईल में टाइम देखा तो तीन बजे थे. वो दबे पाँव बाहर आया.
चारों ओर घुप्प अँधेरा था. वो अंदाज से शीला की ओर बढ़ा. उसके कमरे में लान से हल्की सी रोशनी आ रही थी. शीला मदमस्त पड़ी थी उसकी नाईटी घुटनों तक उठी थी. राजेश ने बड़ी आहिस्ता से मोबाईल की टोर्च से उसकी टांगों के अंदर झाँकने की कोशिश की पर कुछ नजर नहीं आया.
हवस उस पर इतनी हावी थी कि उसका मन किया कि शीला के कपड़े फाड़ दे. पर उसने अपने को संभाला और बाहर से आती रोशनी को परदे से ढका.
अब कमरे में अँधेरा था. राजेश ने अहिस्ता से शीला की नाईटी को एक ओर से ऊपर किया. शीला की कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई.
अब राजेश की और हिम्मत बढ़ी. उसने दुबारा नाईटी को ऊपर खिसकाया. अबकी बार शीला कुनमुनाई और सीधी होकर लेट गयी. राजेश की तो जान निकल गयी. पर शीला सोती रही.
राजेश ने एक तरकीब लड़ाई कि अगर शीला पैर चौड़ा दे तो उसे गुफा के दर्शन हो सकते हैं. उसने शीला की एक टांग पर एक उंगली से हल्के से फेरा, ऐसा एक दो बार किया तो शीला फिर करवट ले ली पर इस बार उसके करवट लेते लेते राजेश ने पीछे से उसकी नाईटी ऊपर कर दी. अब उसकी नाईटी काफी उठ चुकी थी.
राजेश सांस रोककर बैठा रहा. फिर उसने हल्के से अपने मोबाईल की टोर्च जलाई. शीला के चिकने चूतड़ सामने थे. राजेश का तो मुँह सूख गया. गोरी चिकनी मखमली सी दो गोलाइयां उसके सामने थीं.
राजेश ने तुरंत अपना लोअर नीचे किया और लंड बाहर निकाला. उसका मन किया अभी घुसेड़ दे शीला की गांड में. पर फिर उसने सोचा कि शीला चुद तो जायेगी. उसके एहसान इतने हैं कि वो कुछ कहेगी भी नहीं. पर इसमें मजा नहीं आएगा. मजा तो इसमें है कि वो खुद आकर अपनी चूत दे.
राजेश चुपके से उठा और अपने कमरे में आ गया. कमरे में उसकी निगाहों में गोर चूतड़ ही घूम रहे थे. उसने एक बार फिर मुठ मारी, पहली बार शीला के लिए. बड़ी देर में उसे नींद आई.
सुबह वो उठा तो उसे रसोई में खटपट सुनाई दी. मतलब शीला जाग गयी थी.
राजेश ने अपनी ओढ़ी चादर साइड से खिसका दी और अपना लोअर भी नीचे कर के अपना लंड ऐसा सेट कर दिया कि वो चादर से झांकता दिखे. लंड तो उसका तन्ना रहा ही था. फिर वो चुपचाप आँख बंद कर के लेटा रहा.
थोड़ी देर में शीला कमरे के अंदर झाँकने आई. उसको लगा राजेश सो रहा है. शीला ने नीचे पड़ा तौलिया उठाया, उसको सूंघ और मुस्कुरा दी.
इतने में ही उसको राजेश का लंड दिख गया. शीला फिर मुस्कुराई. वो बाहर चली गयी. राजेश चुपचाप लेटा रहा.
दो मिनट बाद शीला फिर आई और एकटक लंड को देखती रही. उसने हाथ में झाड़ू ली हुई थी. वो झाड़ू लगाने के बहाने ही कमरे में आई थी. उसने राजेश की चादर को हल्के से दूसरी ओर से खींच तो लंड पूरा खुले में आ गया.
शीला की तो जान निकल गयी. इतन बड़ा … इसमें शीला के आदमी के जैसे तो दो-तीन निकल जायेंगे.
अब राजेश ने कुनमुनाते हुए आँख खोली तो शीला कमरे से तेजी से बाहर आ गयी. राजेश ने उसको आवाज देते हुए कहा- जरा एक गिलास गुनगुना पानी दे दो. उसने ऐसा दिखाया कि उसे कुछ पता ही नहीं.
शीला ने उसे पानी दिया और बोली कि जनरल स्टोर वाले के पास जा रही हूँ सामान लेने. राजेश ने उससे कहा कि अगर उसे अपने लिए कुछ भी लेना हो तो वह उसके खाते में लिखवा कर ले ले.
शीला दुकान पर गयी. किराने का सामन तो पैक रखा था. और दूसरी ओर उसकी लड़की बैठी थी जहां लेडीज सामान मिलता था. उसने अपने लिए एक दो लिपस्टिक, पाउडर, फेस क्रीम, नेल पेंट और हेयर रिमूवर क्रीम ले ली. इसके बाद उसने एक सेट फेंसी ब्रा पेंटी का लिया और दो नाईट सूट लिये.
ये सब सामान उस लड़की ने ये समझ के दिया कि इसकी मालकिन के लिए चाहिए.
शीला ने अपना दिमाग चलाकर एक गुलाबजल की शीशी और ली. सारा सामान पेक करवा कर शीला घर आ गयी.
राजेश ने कहा- दिखाओ क्या लाई हो? तो बोली- साब, जब पहनूंगी तब दिखाऊंगी.
राजेश वर्जिश कर चुका था और पसीने में लथपथ था.
शीला ने उसे फटाफट चाय दी और फिर बोली- आप कपड़े दे दो तो मैं धो देती हूँ. फिर आप नहा लेना. मुझे तो नहाने में टाइम लगेगा क्योंकि आपने कहा है कि साफ़ सुथरा दिखना है. राजेश ने कहा- ठीक है.
शीला ने उसके कल के कपड़े और टॉवल वगेरा भिगो दिए. फिर वह राजेश से बोली- आप और जो कपड़े हों वो भी दे दो. राजेश बोला- और कौन से कपड़े? तो शीला बोली- जो टी शर्ट आप पहने हो वो भी दे दो.
राजेश ने टी शर्ट उतार दी.
पसीने से लथपथ उसका कसरती बदन चमक रहा था. एक बार तो शीला ने उसकी चिकनी छातियों को नजर भरकर देखा, फिर अपने काम में लग गयी. राजेश ने उससे कहा- कपड़े धोकर पहले तुम ही नहा लो. इतनी देर में मैं अखबार पढ़ लूंगा.
शीला आम औरतों की तरह घुटनों तक साड़ी उठाकर कपड़े धोने लगी. जब उसको लगा कि राजेश चोर निगाहों से बार बार उसे ही देख रहा है और अपने लोअर में कुछ कर रहा है.
उसने मुस्कुरा कर राजेश से कहा- अपना लोअर भी दे दो, आप टॉवल लपेट लो. राजेश ने टॉवल लपेट कर उसको लोअर दे दिया.
शीला ने महसूस किया कि लोअर का अगला हिस्सा गीला है. शीला ने किवाड़ बंद कर लिया कि मैं नहा भी लूं. वो रसोई से बेसन और हल्दी ले आई थी.
तभी राजेश ने आवाज लगा दी- एक चाय दे दो, फिर नहाने चली जाना.
शीला पूरी भीगी हुई थी. सुबह जल्दी जल्दी में उसने ब्लाउज के अंदर ब्रा भी नहीं पहनी थी. अब भीग जाने से उसके निप्पल साफ़ दिख रहे थे.
उसने चाय ले जाकर धीरे से पास रखे स्टूल पर रख दी और नहाने भाग ली. हालांकि राजेश ने उसके उभारों में से झांकते निप्पल देख लिए थे.
शीला ने आज जम कर अपने को रगड़ा और झांटों की भी सफाई कर ली. ये क्रीम कैसे लगाते हैं उसने डिब्बी में रखे पेपर को पढ़ कर जाना.
बेसन हल्दी से उसकी त्वचा खिल गयी और आखिरी मग्गे में उसने गुलाबजल डाल लिया तो वो महक भी गयी.
वो ब्लाउज और पेटीकोट पहन कर बाहर आई तो उसे ये महसूस हुआ कि शायद राजेश चोरी छिपे उसे ही देख रहा था.
खैर वो बाहर निकली अपने बालों को टॉवल से लपेटकर और धुले कपड़े लेकर पीछे गैलरी में वो कपड़े सुखाने गयी. वो राजेश से कह गयी कि बाथरूम खाली है, वो नहा ले.
राजेश नहाने घुसा तो उसे गुलाब खुशबू महसूस हुई. उसे शीला की पसंद पर ख़ुशी हुई.
राजेश ने इध उधर जासूसी शुरू की तो उसे डस्टबिन में हेयर रिमूवर क्रीम का खाली डिब्बा दिखा. अब उसकी समझ में आ गया कि चूत चुदने को तैयार है.
राजेश ने झटपट शेव की और नहाकर बाहर आ गया. उसे शीला नहीं दिखी. शायद बाहर कमरे में होगी.
राजेश ने कुछ देर आराम करने की सोची तो वो सिर्फ लुंगी पहन कर बेड पर अधलेटा होकर मूवी देखने लगा. कमरे का दरवाजा उसने भेड़ लिया था और एसी चला लिया था.
राजेश ने सिर्फ लुंगी पहनी थी ऊपर कुछ नहीं. उसका कसरती बदन चमक रहा था, ऊपर से डियो की खुशबू! मामला बहुत सेक्सी सा था.
तभी उसे बाहर शीला की आहट महसूस हुई. उसने आवाज देकर कह दिया- चाय पिला दो और अपने लिए भी बनाकर यहीं आ जाना. शीला जल्दी ही एक ट्रे में चाय और नाश्ता ले आई.
शीला जैसे ही कमरे में घुसी, राजेश उसे देखता रह गया. आज शीला किसी मेनका जैसी लग रही थी. खुले घुंगराले बाल, आँखों में काजल, हाथ पैरों पर नेलपेंट और होंठ पर गहरी लाल लिपस्टिक.
मेरी हाउस मेड सेक्स स्टोरी कैसी लगी? अपने विचार मुझे लिखियेगा [email protected] पर.
हाउस मेड सेक्स कहानी का अगला और अंतिम भाग: लॉकडाउन में चरमसुख की प्राप्ति- 3
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