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हैलो दोस्तो, मेरा नाम राहुल है मैं एक प्रोफ़ेशनल हूँ। मैं सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री से ताल्लुक रखता हूँ। मेरी आयु 27 साल है, मैं अभी अविवाहित हूँ। मेरा शरीर बहुत ही सुडौल है, मैं रोज ज़िम जाता हूँ। मेरी यह कहानी आपको पसन्द आएगी इस बात का मुझे पूरा यकीन है। बात उस समय की है जब मैं अपने फाइनल-ईयर में था। मुझे एक बार आईडिया कम्पनी से अपना प्रीपेड मोबाईल पोस्टपेड में कन्वर्ट कराने के लिए कॉल आया। मेरे पास अभी तक प्रीपेड मोबाईल नम्बर था। मैंने फोन उठाया और बात करने लगा। उधर से एक प्यारी सी आवाज आई। उसने अपना नाम मुस्कान बताया। मुस्कान ने मुझे कई सारे प्लान समझाए पर मैंने सारे प्लान्स के लिए ‘ना’ बोल दिया, थक कर उसने फोन काट दिया। अगले दिन सुबह मेरे पास फ़िर से मुस्कान का फोन आया। उसने मुझे फ़िर से पोस्टपेड प्लान लेने के लिए कहा, पर मैं नहीं माना, फ़िर अगले कई दिनों तक उसका फोन नहीं आया। फ़िर एक दिन रात में एक कॉल आया। इस बार नम्बर बदला हुआ था। मैंने फोन रिसीव किया तो दूसरी तरफ़ की आवाज सुनकर मैं समझ गया कि वो मुस्कान ही है। उसने मुझसे बहुत अच्छे से बात की। तब मुस्कान ने मुझे बताया कि उसे मेरी आवाज बहुत अच्छी लगी इसलिए वो मुझे बार-बार कॉल कर रही थी। मुझे तो मन मानी मुराद मिल गई। फ़िर हम घंटों तक फोन पर बात करने लगे। एक दिन मुस्कान ने अपने प्यार का इजहार मुझसे किया और मिलने को बोलने लगी। मैंने ‘हाँ’ बोल दिया और कहा- मैं उससे बहुत जल्दी मिलूँगा। वो अब मुझे दिन में 4-5 बार कॉल करती थी और मुझे भी उससे बात करना अच्छा लगने लगा था। एक दिन मैंने प्लान बनाया कि आज दिल्ली के लक्ष्मीनगर में मिलते हैं, तो वो मान गई। उसका घर वहीं पास में ही था। मैं शाम को 7 बजे करीब अपने घर से निकला और बताई हुई जगह पर सही टाइम से 10 मिनट पहले पहुँच गया। हम लोगों ने एक-दूसरे को पहले कभी देखा नहीं था, तो उसने मुझसे बोला था कि जब वो मिलने वाली जगह पर पहुँचेगी तो मुझे कॉल करेगी। उसने ऐसा ही किया। मैं एक गली के किनारे खड़ा होकर उसका इन्तजार करने लगा और अपना ब्लू-टूथ अपने कान में लगा कर रोड की तरफ़ देखने लगा। तभी एक सुन्दर और बहुत ही सेक्सी लडकी मुझे आते हुए दिखी। वो किसी को फोन लगाने की कोशिश कर रही थी। तभी मेरा फोन बज पड़ा पर साइलेंट पर होने के कारण वो ये न जान सकी कि वो जिससे मिलने आई है, वो उसके बगल में खड़ा है। मुझे वो पसन्द आ गई थी तो मैंने धीरे से उसका नाम पुकारा, “मुस्कान.. मैं यहाँ हूँ।” मुझे देख कर वो दंग रह गई कि मैंने उसे कैसे पहचान लिया। फ़िर हम पास के एक रेस्ट्रोरेन्ट में गए और कुछ खाने के लिए आर्डर किया। वो मुझे एकटक होकर देख रही थी। मैंने पूछा- क्या देख रही हो? तो बोली- जैसा मैंने तुम्हारे बारे में सोचा था तुम वैसे ही निकले। फ़िर हम लोग वहाँ से निकल कर एक पास के ही पार्क में पहुँचे, वहाँ काफ़ी कपल्स एक-दूसरे की बांहों में बाँहें डाले बैठे थे। हम पास पड़ी एक सीट पर बैठ गए। वो एकदम मुझे चिपक कर बैठ गई। मैंने उसका हाथ अपने हाथों में ले लिया। आस-पास के लोगों को देख कर उसके दिल की धड़कन कुछ बढ़ सी गई थी। शाम ढल चुकी थी। वो खड़ी हो गई और उसने जाने को बोला तो मैंने कहा- अभी तो मिले हैं… अभी से जाने लगी..! तो बोली- अगर तुम मुझे घर तक छोड़ कर आओ तो मैं थोड़ी देर और बैठ सकती हूँ। मैंने उसकी बात सुनकर ‘हाँ’ कर दी। वो खड़ी थी, तो मैंने उसे अपनी गोद मे बैठने का इशारा किया। वो जैसे इसी पल के इन्तजार में थी, वो मेरी गोदी में बैठ गई। मेरा हाथ अब हरकत में आ गया। मैंने उसके नाभि वाले हिस्से पर अपना हाथ फ़िराना शुरु कर दिया। उसे यह अच्छा लगा और उसने मेरे होंठों से अपने होंठ मिला दिए। मुस्कान की साँसों में इतनी गर्मी थी कि मेरा हाथ फ़िसल कर उसके स्कर्ट पर चला गया। अब उसके गर्म होने का अहसास मुझे हो चुका था। मैंने उसका स्कर्ट थोड़ा ऊपर सरका कर उसकी पैन्टी के ऊपर हाथ रखा। उसकी पैन्टी पूरी बुर के ऊपर से गीली हो चुकी थी। मैंने एक हाथ से उसके चूचे सहलाना शुरू कर दिए उसकी दिल की धड़कनें तेज हो गईं। मैंने उसके होंठ चूसना शुरू कर दिए। अब वो मुझसे एक बेल कि तरह लिपट गई और मेरा साथ देने लगी। मेरी गोद में होने के कारण मेरा लन्ड उसकी गान्ड में चुभ रहा था। मुस्कान ने अपने चूतड़ों से मेरे लन्ड की मालिश करना स्टार्ट कर दी। मैं मस्त हो गया। उसी समय मैंने उसकी पैन्टी स्कर्ट के अन्दर से ही नीचे सरका दी। उसकी बिना बालों वाली चूत को मैं महसूस कर पा रहा था। अन्धेरा होने के कारण हमें कोई नहीं देख पा रहा था। वो घुटने के बल बैठ गई और मेरी जीन्स की ज़िप खोल कर मेरा लन्ड उसने अपने मुँह में ले लिया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं आसमान में उड़ रहा हूँ। मेरा इशारा पाकर वो मेरी गोदी में बैठ गई। अब मेरा लन्ड उसकी चूत पर रगड़ मार रहा था। उससे नहीं रहा गया और उसने गोदी में बैठे-बैठे मेरे लन्ड को अपनी चूत का रास्ता दिखा दिया। मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही मेरा लन्ड उसकी चूत में घुस चुका था। मुस्कान के चेहरे पर एक गुलाबीपन था जो एक बात कह रहा था कि उसकी चूत बहुत दिनों से किसी लन्ड की प्यासी थी। चुदाई चलती रही वो अपने चूतड़ ऊपर-नीचे करके पूरा लन्ड चूत में ले रही थी। इसी दौरान उसका शरीर अकड़ने लगा और वो झड़ गई और उसकी गति धीमी हो गई। पर मेरा लन्ड तो अभी प्यासा था, मैंने उसे वहीं हरी घास पर लिटा लिया और उसकी चूत पर अपने होंठ जमा दिए। वो खुशी के कारण मुझे जकड़े पड़ी थी। मैंने 2 बार उसकी चूत का पानी पिया, पर मेरे लन्ड महाराज को तो उसकी चूत की प्यास थी। मैंने अपना लन्ड उसकी सुलगती हुई चूत पर रख कर तेजी से एक झटका दिया। मेरा 6.5 इन्च का लन्ड एक बार में ही उसकी कमसिन चूत में पेबस्त हो गया। अब तो मजे से सिसकारियाँ ले रही थी। 15-20 मिनट के बाद मुझे लगा कि मेरा माल निकलने वाला है तो उससे पूछा- कहाँ निकालूँ..! तो बोलने लगी- मेरी चूत बहुत दिन से प्यासी है.. चूत में सारा माल निकाल दो। मैंने वैसा ही किया, सारा माल उसकी चूत में उड़ेल दिया। मुस्कान इस चुदाई से बहुत खुश थी। रात बहुत हो चुकी थी तो उसने बोला- अब घर चलना चाहिए। मैंने उसे फ़िर से अपनी बांहों में भरा और बहुत देर तक उसके होंठ चूसे और फ़िर हम उसके घर की ओर निकल पड़े। रास्ते में मैंने मेडीकल स्टोर से उसके लिए एक आइपिल का पैकेट लिया और उसे देते हुए बोला- घर जाकर सबसे पहले एक गोली खा लेना। यह थी मेरी और मुस्कान की कहानी। उसके बाद मैंने मुस्कान को कई बार चोदा। वो सारी चुदाईयाँ मैं अगली कहानी में बताऊँगा। दोस्तो, मुझे आप लोगों के मेल्स का इन्तजार रहेगा। [email protected]
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