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समीर शर्मा फिर उसने शिप्रा की नाभि को अपने मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा और अचानक एक बार जोर से काट लिया, जिससे शिप्रा को बहुत तेज दर्द हुआ और उसने राजीव के एक थप्पड़ लगा दिया और उसे धक्का दे दिया। राजीव गिर गया और वापस उठा और फिर से नाभि को चूसने लगा। हालाँकि शिप्रा डर गई थी लेकिन राजीव ने उसे कुछ नहीं कहा। राजीव ने शिप्रा की जांघों पर हाथ फेरना शुरू कर दिया था और धीरे-धीरे उसकी चड्डी की लाइन तक ऊँगलिया ले आया और पैंटी को थोड़ा सा साइड में किया तो शिप्रा की झांटें राजीव को दिखने लगी। राजीव ने झांटों में ऊँगली घुसाई और फिर अचानक उसने दोनों साइड की झांटों को पकड़ के जोर से खींचा। शिप्रा दर्द से कराह उठी और छोड़ने को बोली तो राजीव बोला- साली रंडी अभी तूने जब मुझे थप्पड़ मारा था.. तब कुछ नहीं बोली थी..! अब तेरी गांड फट रही है। यह तेरी सज़ा उस थप्पड़ की ! बोलते हुए राजीव ने जोर से झांटों को खींचा और उसके कुछ बाल टूट कर राजीव के हाथ में आ गए। शिप्रा की झांटों के बीच में से थोड़ा खून आने लगा और वो बस चुप रही। इस बीच राजीव ने पैंटी के बाहर से ही शिप्रा की चूत की लाइन पर उंगली फेरी तो पाया शिप्रा की पैंटी वहाँ से गीली हो गई है। राजीव समझ गया कि शिप्रा की चूत चुदने के लिए कुलबुलाने लगी है। वो खड़ा हुआ और उसने जल्दी से शिप्रा की ब्रा के हुक खोल कर उसके उन शानदार बोबों को आज़ाद कर दिया। उसके मम्मे बिल्कुल कड़े हो गए थे, काफी टाईट और उनके वो भूरे चूचुक तो बस राजीव को पागल ही किए जा रहे थे। राजीव ने अब जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसका वो 7″ लंबा लंड शिप्रा के सामने था। शिप्रा तो उसे देख कर बिल्कुल घबरा ही गई थी। अब राजीव वापस उसके पास आया और उसके बोबों को बुरी तरह निचोड़ने लगा और उसके चूचुक खींचने लगा। शिप्रा को बहुत दर्द हो रहा था। अब राजीव ने शिप्रा की पैंटी भी उतार दी और वो झांटों भरी चूत उसके सामने आ गई। ऐसी जबर्दस्त चूत देख कर राजीव बोला- वाह शिप्रा, तेरे जैसा बदन और चूत मैंने आज तक नहीं देखी कभी। इतनी लड़कियाँ चोदी हैं आज तक लेकिन तेरे जैसी किसी की चूत नहीं देखी। अब राजीव खड़ा हुआ और उसने शिप्रा को बैठा दिया और अपना लंड उसके सामने करके उसे चूसने को कहा। शिप्रा ने मना कर दिया तो राजीव चिल्लाता हुआ बोला- साली बहन की लौड़ी, नाटक बंद करेगी या नहीं, जैसा कह रहा हूँ करती जा वरना आज सारी झांटें खींच-खींच के तेरी चूत को गंजी कर दूँगा.. समझी रंडी..! उसकी आवाज़ सुन कर शिप्रा बुरी तरह डर गई और उसने राजीव के लंड को बुरी तरह चूसना शुरू कर दिया। यहाँ तक कि राजीव उसके मुँह में ज्यादा देर टिक नहीं सका और उसका सारा माल शिप्रा के मुँह में निकालने लगा, लेकिन राजीव ने शिप्रा का सर पकड़ रखा था इसलिए शिप्रा उसका लंड अपने मुँह से निकाल नहीं पाई और सारा माल उसके गले तक जाने लगा। आखिरी बूंद तक राजीव ने उसके हलक में उतार दी। शिप्रा को भी उसका स्वाद अच्छा लगा। लेकिन राजीव का लंड अब ढीला पड़ गया था। लेकिन राजीव की वासना अभी भी उतनी ही थी। अब राजीव ने उसे खड़ा किया और खुद उसके सामने बैठ गया और उसकी झांटों के बीच से झांकती हुई उस नन्ही सी चूत को देखने लगा और उसकी फांकों को अलग किया। अन्दर से शिप्रा की चूत बहुत गीली हो चुकी थी तो राजीव ने बिना देर किए अपना मुँह उस चूत पर लगा दिया और और उसे बुरी तरह से चाटने लगा। शिप्रा तड़प उठी और थोड़ी देर में ही उसकी चूत जवाब दे गई और ढेर सारा रस बहाने लगी जिसे राजीव पीता रहा। अब शिप्रा निढाल होकर बिस्तर पर गिर गई, क्यूंकि पहली बार उसे इतनी थकान महसूस हुई थी। लेकिन तब तक राजीव का लंड वापस खड़ा हो चुका था और सलामी देने लगा था। राजीव शिप्रा के ऊपर आकर लेट गया था। शिप्रा को राजीव के लंड की गर्मी अपने पेट पर महसूस हो रही थी। राजीव शिप्रा के होंठों को बेतहाशा चूम रहा था और शिप्रा के मुँह में गहराई तक अपनी जीभ घुसा रहा था। अब राजीव ने शिप्रा को उल्टा घुमा दिया और फिर उसने शिप्रा की पूरी पीठ पर अपनी जीभ फेरनी शुरू कर दी। उसने शिप्रा की पूरी पीठ गीली कर दी थी और फिर बारी आई शिप्रा के उन शानदार चूतड़ों की। राजीव ने उन पर कस कर 7-8 थप्पड़ मारे जिससे शिप्रा कराह उठी और उसकी पिछाड़ी बिल्कुल लाल हो गई। अब राजीव ने उसकी गांड को खोला और उसका फूल देखने लगा। बिल्कुल लाल रंग का फूल था शिप्रा का। और उस पर थोड़ी सी पीली-पीली गंदगी भी दिखी, लेकिन उससे घिन आने की बजाए राजीव और ज्यादा उत्तेजित हो उठा, उसने शिप्रा की पैंटी से उसे साफ़ किया और उस पर अपना मुँह लगा कर चाटना शुरू कर दिया। शिप्रा तो तड़प उठी, उसके रोंगटे खड़े हो गए और उसने खुद अपने बोबे एक बार जोर से दबा लिए। राजीव उसकी गांड को खोल-खोल कर अन्दर तक जीभ घुसाने लगा और थूक से उसे भर दिया। अब राजीव ने अपने लंड को शिप्रा की गांड के उस फूल पर लगाया और चुम्बन दिया। शिप्रा को महसूस हो गया था कि राजीव उसकी चूत से पहले गांड फाड़ेगा। राजीव के लंड ने धक्का दिया लेकिन फिसल कर साइड में हो गया। आखिर पहली बार शिप्रा की गांड पर किसी लंड ने दस्तक दी थी तो इतनी आसानी से थोड़ी घुस जाता। लेकिन राजीव भी ठहरा पक्का मर्द, उसने एक बार फिर पूरी ताकत अपने लंड पर लगा दी और एक झटके में उसका सुपाड़ा शिप्रा की गांड को छेद गया। शिप्रा दर्द से चीख उठी- आआह्ह्ह्ह्ह राजीव… मर गई मैं, छोड़ दे हराआआअमी… बहुत दर्द हो रहा है। लेकिन राजीव ने उसकी बात सुनने की बजाए और जोर लगाना शुरू कर दिया और और पूरा लंड शिप्रा की गांड फाड़ता हुआ उसकी गहराई में जा धंसा। शिप्रा को बुरी तरह से दर्द हो रहा था, वो रोने लगी लेकिन उसकी सुनने वाला वहाँ कोई नहीं था। शिप्रा का इस दौरान 3-4 बार पाद भी निकल गया और साथ ही दर्द के कारण उसकी चूत में से थोड़ा सा पेशाब भी निकल गया था, जिससे बिस्तर गीला हो गया था। अब राजीव ने अपने लंड को आगे-पीछे करना शुरू कर दिया। शिप्रा का दर्द धीरे-धीरे कम हुआ थोड़ा और उसे अब सेक्स का असली आनन्द महसूस होने लगा था। शिप्रा की चूत से लगातार पानी निकल रहा था और राजीव उसकी गांड की धज्जियाँ उड़ा रहा था। लेकिन अब शिप्रा को भी जोश आने लगा था और वो भी गांड उचका-उचका कर राजीव का लंड ले रही थी। हालाँकि उसकी गांड से थोड़ा सा खून भी आ रहा था। करीब दस मिनट की चुदाई के बाद राजीव का शरीर बिल्कुल अकड़ गया और वो बुरी तरह से शिप्रा की गांड में झड़ने लगा। राजीव का ढेर सारा माल निकला जिससे शिप्रा की गांड भर गई और ढेर सारा माल बाहर तक निकल आया। राजीव शिप्रा के ऊपर ही पड़ा रहा और धीरे-धीरे उसका लंड खुद ब खुद शिप्रा की गांड से बाहर निकल आया और काफी सिकुड़ गया। इस चुदाई के दौरान शिप्रा की चूत ने ढेर सारा काम रज और मूत निकाला, जिससे बिस्तर काफी गीला हो गया था। लेकिन हवस ये सब कहाँ देख रही थी। ऊपर से अब तो खुद शिप्रा की चूत खुजाने लगी थी। शिप्रा ने राजीव को साइड में किया और उसके ऊपर आकर लंड को अपने हाथों में लेकर मुठ मारने लगी और फिर उसने राजीव का लंड गप्प से मुँह में ले लिया और बुरी तरह चूसने लगी। हालाँकि राजीव दो बार झड़ चुका था लेकिन फिर भी उसका लंड वापस खड़ा हो गया। लंड खड़ा होते ही इस बार शिप्रा खुद राजीव पर सवार हो गई। उसने लंड को अपनी चूत से सटा लिया था लेकिन उसे अन्दर करने की हिम्मत नहीं कर पा रही थी। आखिर राजीव ने ही अगला कदम उठाया और एक जोर का झटका दिया और लंड शिप्रा की चूत को चीरता हुआ अन्दर घुस गया और शिप्रा बहुत जोर से चीखने लगी। वो बस बेहोश ही हो जाती, उसे इतना दर्द हुआ था। राजीव उसे देख कर मुस्कुराने लगा और उसने लंड चूत में रखे हुए ही शिप्रा को अपने ऊपर लिटा लिया। वो उसके होंठों को चूमने लगा और उसके बोबों को दबाने लगा। करीब 5 मिनट बाद शिप्रा थोड़ी नॉर्मल हुई तो राजीव ने धक्के देने शुरू कर दिए। अब शिप्रा भी उसका साथ देने लगी। शिप्रा की झिल्ली फट चुकी थी और उसकी चूत से खून और ढेर सारा पानी निकल रहा था। साथ ही साथ वो बीच-बीच में थोड़ा सा मूत भी देती थी। राजीव ने अपनी स्पीड और तेज कर दी और साथ ही उसकी गांड में दो उंगलियाँ भी डाल दीं। शिप्रा बुरी तरह से पागल हो उठी। अब राजीव ने उसे बिस्तर पर पटक लिया और खुद उसकी टाँगें ऊपर करके लंड घुसाए हुए ही उसकी चूत पर बैठ गया और शिप्रा को बुरी तरह से चोदने लगा। शिप्रा के मुँह से बस तड़प और दर्द से भरी हुई आहें निकल रही थीं- राजीव हरामी साले… आखिर तूने चोद ही दिया मुझे, और ये सब हुआ है उस रंडी सलोनी की वजह से। अब भोसड़ा बना दे मेरी चूत का बस। आग लगी हुई है इसमें, बुझा दे आज उसको… आआआअह्ह… ह्ह्ह… ऊऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह… मर गई मैं, चुद गई आज शिप्रा की चूत आखिर एक हरामी के लंड से…! और इतना कहते ही शिप्रा का पूरा बदन अकड़ गया और उसने झरने की तरह झड़ना शुरू कर दिया। उसकी चूत ने राजीव के लंड को इतना कस कर पकड़ लिया कि बस वो भी निचुड़ गया और उसका भी माल निकलने लगा, जिसे उसने शिप्रा के कहने के बावजूद उसकी चूत की गहराइयों में ही छोड़ दिया, लेकिन सब देखते हुए भी शिप्रा में अब इतनी हिम्मत नहीं रही थी कि वो राजीव को हटा सके और उसका लंड बाहर निकाल सके। जब सारा माल निकल गया तब राजीव उठ कर बाथरूम में गया और अपना लंड साफ़ करके आया और अपने कपड़े पहन लिए। उसने शिप्रा की ब्रा-पैन्टी उठाई और अपनी अलमारी में रख दी और शिप्रा को खड़ा करके अपने बाथरूम में ले गया और उसका पूरा बदन शावर के नीचे खड़ा करके उसे धोया। शिप्रा की हालत इतनी खराब थी कि उससे तो हिला भी नहीं जा रहा था। जैसे-तैसे करके उसने अपने सलवार-कुर्ती पहने और राजीव से अपना परमिशन लैटर लेकर वापस आई। जाते-जाते राजीव उस से बोला- वाह शिप्रा, आज सही मायने में मुझे एक शानदार लड़की मिली है। मैं कभी किसी लड़की को एक बार चोदने के बाद दोबारा कभी नहीं चोदता हूँ लेकिन मेरी जान तुझे तो मैं और भी कई बार चोदूँगा अब क्यूंकि तुझसे मेरा दिल भरा नहीं है अभी तक, और अगली बार जब आए तो अपनी चूत बिल्कुल साफ़ करके आना मतलब झांटों का नामोनिशान तक नहीं दिखना चाहिए मुझे, वरना अगली बार और भी कड़ी सजा मिलेगी तुझे। शिप्रा वहाँ से लौट आई और घर आकर बिस्तर पर लेट गई और सो गई। काफी देर बाद जब उसकी नींद खुली तो भी उसे अपनी गांड और चूत में भयंकर दर्द हो रहा था। उसने एक पेन किलर ली और वापस लेट गई। इसके बाद उसने सलोनी को फोन किया और उसे खूब खरी-खोटी सुनाई। सलोनी हँसने लगी और बोली- अरे मेरी जान तू अपनी जवानी बर्बाद कर रही थी, मैंने तो बस उसे एक रास्ता दिखा दिया मौज करने का। अब तू देखना तेरी चूत में कितनी खुजली मचा करेगी और तू तड़पेगी खुद लंड लेने के लिए। और हाँ.. कल जब कॉलेज आएगी न तू.. तो मैं तेरे लिए एक आई-पिल लेकर आ जाऊँगी, उसे खा लेना, तो बच्चे की कोई टेंशन नहीं रहेगी फिर। ” सलोनी का कहा हुआ सच ही हुआ। शिप्रा की चूत ने उसे चैन नहीं लेने दिया और आज जब शिप्रा 22 साल की है, उसकी चूत ना जाने कितने लौड़ों का रस पी चुकी है। राजीव ने तो न जाने उसे कितनी बार खुद चोदा और तो और इलेक्शन जीतने के लिए कितनों के नीचे उसे सुलाया। तो दोस्तों ये थी मेरी पहली कहानी। कैसी लगी जरुर बताना। आपके मेल्स मुझे प्रोत्साहित करेंगे जिससे मैं आपको आगे और भी अच्छी और शानदार कहानियाँ लिख कर भेजूँगा। पहला प्रयास था इसलिए कोई गलती रह गई हो तो माफ कीजिएगा। आपका समीर मुझे आप अपने विचार यहाँ मेल करें। [email protected]
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