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प्रेषक : रवि
दोस्तो, जैसा कि मैंने आपको बताया था कि किस तरह मैंने सुनीता को पहली बार चोदा था। मैं आपको आगे की बात बताता हूँ।
दिन में सुनीता को एक बार चोदने के बाद मैंने उससे कह दिया था कि मैं रात को उसे फ़िर चोदूँगा।
इस तरह हमने रात का कार्यक्रम बना लिया था। शाम को मामा-मामी ने काफ़ी देर तक मुझ से बात की, फ़िर वे सोने चले गए। सुनीता पहले ही अपने कमरे में चली गई थी।
रात को मामा-मामी के सो जाने के बाद मैं सुनीता के कमरे में गया। सुनीता ने मेरे लिए दरवाजा पहले ही खोल रखा था। मैंने दरवाजा खोला और अन्दर घुस गया।
सुनीता ने कमरे की लाइट बन्द कर रखी थी। मैंने दरवाजा बन्द किया और कमरे की लाइट जला दी। जैसे ही मैंने घूम कर देखा तो मेरे होश उड़ गए।
सुनीता ने मामी का पेटिकोट और ब्लाउज पहन रखा था। और बदन पर एक पारदर्शी चुन्नी डाल रखी थी,और बेड पर लेटी हुई थी।
पारदर्शी चुन्नी से उसका गोरा बदन एकदम साफ़ नजर आ रहा था। मैं उसके करीब जाकर उसके सुन्दर बदन को निहारने लगा।
”ऐसे क्या देख रहे हो? पहले कभी मुझे नहीं देखा क्या?” सुनीता ने मुझसे पूछा।
मैंने कहा- हाँ, शायद तुम्हें इतना कामुक पहले कभी नहीं देखा, दिल करता है तुझे अपनी बीवी बना लूँ।
“बीवी तो मैं बन नहीं सकती पर तुम मुझे अपनी बीवी समझ सकते हो।” सुनीता हँसते हुए बोली।
मैंने उसके बदन से चुन्नी को खींच कर अलग कर दिया और उसके करीब लेट गया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी कमर को सहलाते हुए उसके होंठों को चूम लिया।
फ़िर मैंने अपना एक पैर उसके पैरों के बीच में डालकर एक हाथ से उसके गोल चूतड़ को सहलाते हुए उसकी पतली, गोरी, घुमावदार कमर को चूमने लगा।
सुनीता ने मेरी इस हरकत से गर्म होकर अपने बदन को फ़ैला दिया और अपने हाथों से मेरे बालों को सहलाने लगी।
मैं उसकी कमर का आनन्द लेने लगा। उसके पेटीकोट को ऊपर करते हुए मैंने उसकी जाँघों को सहलाना शुरु कर दिया। मेरी जीभ उसकी नाभि की गहराइयों को नापने लगी।
उसका गोरा बदन आनन्द से मचलने लगा। उसके मुँह से आनन्द भरी आवाज आने लगीं।
अब मैंने उसका पेटीकोट नीचे कर दिया और उसके बराबर से लेट गया। अब हम दोनों एक दूसरे की तरफ़ मुँह करके लेट गए और उसने अपना एक पैर मेरे पैर के ऊपर रख दिया। मेरा हाथ उसकी कमर को सहलाते हुए उसके गोल चूतड़ों तक पहुँच गया।
मैंने उसके चूतड़ सहलाते हुए उससे पूछा- सुनीता, तुम्हें मजा आ रहा है?
सुनीता मुझसे लिपटते हुए बोली- नहीं आ रहा ! और मुस्कुराने लगी।
मैंने कहा- अच्छा तो अब देख ! ऐसा कह कर मैंने सुनीता से लिपटते हुए पीछे से अपना हाथ उसके पेटीकोट में डाल दिया और उसके चूतड़ सहलाने लगा। उसके गोल गोल चूतड़ को अपने हाथ से बुरी तरह मसलने लगा।
वो मुझे किस करने लगी, जिससे मैं और उत्तेजित हो गया और उसके चूतड़ के बीच में रगड़ने लगा।
वो बुरी तरह गर्म होकर मुझसे लिपट गई और पूरी तरह मेरे ऊपर लेट गई।
अब मेरे दोनों हाथ उसके पेटीकोट के अन्दर थे, वो मेरे सीने को चूमने लगी। मैं अपने दोनों हाथों से उसके चूतड़ को बुरी तरह मसलने लगा और फ़िर मैंने अपनी उँगली उसकी गाण्ड में डालने की कोशिश की पर अचानक वो मुझसे अलग हो गई।
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
”कुछ नहीं, वहाँ उँगली क्यों कर रहा था?” उसने जवाब दिया।
”तो कहाँ करूँ उँगली, तू ही बता?” मैंने उससे मजे लेते हुए पूछा।
उसने मेरे पास वापस लेटते हुए, ”तुझे सब पता है, कहाँ करनी है।”
मैंने उसकी चूत को पेटीकोट के ऊपर से ही दबाते हुए कहा- अच्छा तो यहाँ उँगली करनी है क्या?”
मैंने अपनी शर्ट उतार कर उसके मम्मे दबाते हुए कहा- अब सही जगह करुँगा।
उसने अपने मम्मे अपने छुड़वाते हुए अपनी पीठ मेरी तरफ़ कर दी।
उसकी गोरी पीठ को चूमते हुए मैंने अपना लण्ड उसकी गाण्ड पर सटाते हुए, उँगली से उसकी नाभि को छेड़ा और उसकी पीठ को चूम लिया।
मेरा हाथ उसकी कमर को सहलाते हुए उसके पेटीकोट में पहुँच गया। जैसे ही मेरा हाथ उसके पेटीकोट में घुसा, उसका बदन काँप गया और उसने ‘आहह्ह’ की आवाज के साथ अपनी गाण्ड और पीछे कर दी, जिससे मेरा लण्ड उसकी गाण्ड से बुरी तरह चिपक गया।
मैंने उसकी चूत के बालों को छूते हुए उसकी चूत को रगड़ना शुरु कर दिया। अब उसे मजा आने लगा और बुरी तरह उत्तेजित होने लगी, और अब ज्यादा जोर से, ‘अह्ह आह्ह्ह्ह’ की आवाज करने लगी।
मैंने अपना एक पैर उसकी दोनों जाँघों के बीच डाल दिया जिससे उसकी टाँगें चौड़ी हो गईं और उसकी चूत को रगड़ने का मुझे पूरा मौका मिल गया।
फ़िर मैंने उसकी चूत कि क्लिट को मसलना शुरु कर दिया, जिससे वो बुरी तरह गर्म हो गई और अपने हाथ से उसने मेरी गाण्ड को दबा कर अपनी गाण्ड पर दबाने लगी।
कमरा उसकी ‘आहह आह्ह’ की सीत्कार से गूँज उठा।
वो अब मेरे साथ पूरी तरह खुल गई थी, और मेरा पूरा सहयोग कर रही थी।
फ़िर मैंने उसकी चूत को रगड़ने के बाद अपनी उँगली को मुँह में लिया और हाथ उसकी चूत पर फ़िर पहुँचा कर अपनी गीली उँगली सुनीता की चूत में घुसेड़ दी।
ऐसा करते ही उसने अपने बदन को जोरदार झटका दिया और जोर से चीखी, ”आईईइ अहाह्ह अहह्ह अह्ह्ह्ह रवि…अह्ह्ह्ह्ह !” और अपने हाथ से तुरन्त मेरे हाथ को पकड़ लिया।
मैंने भी उसे बुरी तरह कस लिया और उँगली से उसकी चुदाई करनी शुरू कर दी। साथ ही वो भी मजे लेने लगी।
उसने अपना हाथ मेरे पजामे में डालते हुए मेरे लण्ड को रगड़ना शुरु कर दिया। जिससे मैं बुरी तरह गरम हो गया और दो उँगलियों से उसकी चुदाई करने लगा।
मेरा लण्ड उसकी गाण्ड पर रगड़ रहा था, इसलिए मैंने अपना लावा छोड़ दिया और ढीला पड़ गया। पर वो अभी भी बुरी तरह गर्म थी और तुरन्त बैठ गई, मेरा पजामा उतार दिया और मुझे पूरी तरह नंगा कर दिया। मेरे लण्ड को तुरन्त साफ़ कर दिया, घुटने के बल झुक कर मेरे लौड़े को चूसने लगी।
मैं थोड़ी देर तक लेटा-लेटा आनन्द लेता रहा फ़िर बैठ गया। वो मेरे लौड़े को चूसे जा रही थी।
मैंने पीछे से उसके ब्लाउज का हुक खोल दिया और ब्लाउज उतार कर अलग कर दिया। मेरा लौड़ा फ़िर से उसे चोदने को तैयार हो गया।
मैंने उसे लेटने को कहा, वो लेट गई, अब मैं उसकी जगह ले चुका था।
मैंने उसका पेटीकोट पूरी तरह से ऊपर उठा दिया और उसकी चूत को चाटना शुरु कर दिया। उसने अपने पैरों को चौड़ा करके मेरे कन्धे पर रख दिया और मजे लेने लगी।
थोड़ी देर की शांति के बाद फ़िर से कमरे में उसकी आनन्द भरी आवाजें गूँजने लगीं।
मैंने उसकी चूत चाटने के साथ-साथ दो उँगलियों से फ़िर से उसकी चुदाई शुरु कर दी।
थोड़ी देर तक ऐसा करने के बाद उसने मुझे रोका और मुझसे कहा- रवि अब नहीं रहा जाता, जल्दी डालो ! आह्ह्ह !
मैं खड़ा हो गया और कण्डोम लगाने लगा। सुनीता पीछे से आई और मुझसे लिपट गई। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने कण्डोम लगाया और घूम कर उसे चूमने लगा वो फ़िर कहने लगी, ”रवि अब कुछ करो ना!”
मैं समझ गया कि अब वो बिना चुदे रह नहीं सकती। मेरा लण्ड भी अब पूरी तरह तैयार था।
मैंने उसे दीवार के सहारे ख़डा कर दिया और उसके पेटिकोट को पूरी तरह ऊपर कर दिया।
उसने अपने हाथों से पेटीकोट पकड़ लिया। मैंने अपने एक हाथ से उसकी कमर को पकड़ा और दूसरे से उसकी जाँघ को ऊपर उठा दी।
और फ़िर अपने उसी हाथ से अपना गर्म लौड़ा उसकी चूत में घुसेड़ दिया। लौड़ा उसकी चूत में घुसते ही उसने मुझे जकड़ लिया। मैंने भी दोनों हाथों से उसे कसते हुए उसकी चुदाई शुरु कर दी।
वो मुझसे लिपट कर चुदाई का आनन्द लेने लगी और मैं उसे चोदते हुए उसके होंठों को चूमने लगा।
कुछ देर इसी पोजीशन में उसे चोदने के बाद मैंने अपना लौड़ा उसकी चूत से बाहर निकाल लिया। वो जाकर बेड पर सीधी लेट गई और मैं उसके पैरों को चौड़ा कर उसकी चुदाई करने के लिए तैयार हो गया।
मैंने उसके काम वासना से लिपटे चेहरे को देखा और धीरे से अपना लण्ड सुनीता की चूत में फ़िर से घुसा दिया।
अब मैं उसकी धकापेल चुदाई करने लगा। मैं उसके गोरे-गोल चूचकों चूसते हुए उसकी चुदाई कर रहा था और वो चुदाई का पूरा मजा ले रही थी।
कुछ देर उसके संतरे चूसने के बाद मैंने उस की कमर को पकड़ा और उसे बुरी तरह चोदने लग गया। मेरे झटकों से पूरा बेड हिलने लगा। उसके चूचे भी झटकों के साथ और जोर से हिलने लगे। और सुनीता अपने हाथ से अपनी क्लिट को रगड़ने लगी।
मैंने उसकी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी। अब हम दोनों चुदाई का पूरा आनन्द ले रहे थे। फ़िर मैं थोड़ा उसके ऊपर झुक गया और उसे बुरी तरह पेलने लगा।
कुछ देर इस तरह चोदने के बाद मैंने उसे दूसरी तरफ़ मुँह करके लिटा दिया और पीछे से उसे चोदने लगा।
अब मैं झड़ने वाला था, मैंने स्पीड कम कर दी और उसे धीरे-धीरे चोदने लगा। उसका बदन मेरे बदन से चिपका हुआ था। मेरा लण्ड अब एकदम कड़क हो गया था और मैं कभी भी छूट सकता था।
मैंने एक हाथ से उसके एक चूचे को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसकी कमर को कस के पकड़ लिया और पूरा लण्ड उसकी चूत में घुसा कर मैंने अपना लावा छोड़ दिया।
हम दोनों एकदम आनन्द से चीख पड़े। मैं उसके लिपट गया और मेरा लौड़ा अभी भी लावा छोड़ रहा था। पूरा लावा छोड़ने के बाद भी मैं उसे पीछे से चूमता रहा। मेरा लण्ड ढीला होकर खुद ही बाहर आ गया।
कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे और फ़िर वो मेरी तरफ़ घूम गई। हम दोनों एक-दूसरे को देख कर मुस्कुराने लगे।
मैंने उससे पूछा- अब तो मजा आ गया ना? या अब भी नहीं आया?
तो सुनीता बोली- हाँ, मुझे लगा था कि तुम क्या कर पाओगे? पर तुम तो एक्सपर्ट निकले !
मैंने कहा- अरे हम सिर्फ़ उम्र में ही आपसे छोटे हैं, बाकी हर चीज में आपसे आगे हैं।
तो वो बोली- अच्छा !! ऐसी कितनी लड़कियों की ले ली अब तक तूने?
मैं बोला- ली तो बस दो की है, पर खूब ली है, और तुम बताओ, जैसे आज तुमने बेड पर प्रदर्शन किया है, उस हिसाब से तो ऐसा लगता है कि तुम्हारी पहले भी खुब चुदाई हुई है।
वो तनिक मुस्कुराई।
”अच्छा सच-सच बताओ, तुम्हारी अब तक कितने ले चुके?”
वो बोली ”मेरी तुमने ली है बस, और किसी ने नहीं ली।”
मैंने कहा ”अब झूठ मत बोलो, जैसे मुझे कुछ समझ नहीं आता। सच-सच बता यार।”
वो हंसते हुए बोली- सच बताऊँ, तो मेरी अब तक तुझ समेत चार लोग ले चुके हैं।
मैंने आश्चर्य से कहा- क्या बात कर रही हो यार? मैं तो सोचता था कि तुम्हारी आज तक किसी ने नहीं ली, पर तुम तो एक नम्बर की चुदक्कड़ निकलीं।”
सुनीता बोली- तो उसमें क्या है? हर लड़की शादी से पहले ही चुद जाती है। सुमन (सुनीता की सहेली) तो अब तक नौ-दस का ले चुकी है।”
मैंने कहा- उसे देख कर तो लगता ही है, तुम बताओ तुम्हें सबसे पहले किसने चोदा?
सुनीता बोली- तुम किसी को बताना मत, तो बताऊँगी।”
मैंने कहा- कमाल है यार, अब भी भरोसा नहीं रहा।
फ़िर उसने बताया कि उसे सबसे पहले जीजाजी ने चोदा था। मुझे शॉक लगा, सच में यार इतना अच्छा नया माल उस मोटे ने कैसे फ़ाँस लिया।
आगे की बात फ़िर कभी !
तब तक के लिए सुनीता की चूत आपके लिए… बाय !
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