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हैलो दोस्तो, मेरा नाम विकास पटेल (बदला हुआ नाम) है। मैं इंदौर शहर का रहने वाला हूँ। मैं कॉलेज का स्टूडेंट हूँ। यह मेरी पहली कहानी है जो बिलकुल सत्य है।
एक दिन की बात है मैं किसी काम से मंगल सिटी गया था। वहाँ पर मैंने एक भाभी को देखा जो दिखने में बहुत ही सुंदर थीं। पच्चीस साल की थीं। वो वहाँ पर खरीददारी करने आई हुई थीं। वो अकेली थीं। उसके साथ कोई नहीं था उसका ख़रीदा हुआ सामान बहुत ज्यादा था और वो उसको ठीक से उठा नहीं पा रही थी।
वो मेरे सामने से निकली तो मैंने कहा- क्या मैं आपकी मदद करूँ? उसने कहा- ठीक है। हम माल से बाहर आ गए।
उसके बाद मैंने पूछा- मेम आप घर कैसे जायेगीं? उसने कहा- बस से जाऊँगी। मैंने कहा- आपके पास सामान ज्यादा है, आपको घर जाने में परेशानी होगी। मैंने उसको अपनी बाइक पर बैठाया और हम उसके घर के लिए निकल पड़े।
रास्ते में हम लोग आपस में बात कर रहे थे। उसका घर बापट चौराहे के पास था, जो माल से एक किलोमीटर दूर था। हम उसके घर पहुँचे तो मैंने कहा- अब मैं जाता हूँ। उसने कहा- आपने मेरी मदद की है, आप ऐसे कैसे जा सकते है, अंदर तो आइये। मैंने कहा- ठीक है।
मैं उसके घर में गया, घर बहुत अच्छा था। वो मेरे लिए चाय बना कर लाई हम दोनों ने साथ में चाय पी। फिर मैंने उससे पूछा- आपका नाम क्या है?
उसने उसका नाम कोमल (बदला हुआ नाम) बताया। मैंने पूछा- आप क्या करती हो? उसने कहा- मैं हॉउस वाइफ हूँ।
उसका पति और वो दोनों साथ में रहते थे। उसका पति किसी निजी कंपनी में काम करता था। वो घर से बाहर टूर पर रहता था। उसने मेरे बारे में पूछा तो मैंने कहा- मेरा नाम विकास है। मैं कॉलेज का छात्र हूँ। उसने मुझसे कहा- आप बात बहुत अच्छी करते हैं। मुझे आपकी बातें बहुत ही पसंद आईं।
मैं जाने लगा तो उसने कहा- आप मुझे आपना मोबाइल नंबर दे दीजिए, मैं आप से दोस्ती करना चाहती हूँ। मैंने कहा- ठीक है। मैंने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया।
तीसरे दिन उसका अचानक फोन आया- विकास, मुझे तुम्हारी याद आ रही है। मुझे मिलने मेरे घर पर आ जाओ। मैंने कहा- ठीक है मैं आता हूँ।
मैं कॉलेज से बाहर निकला और अपनी बाइक उठाई और कोमल के घर के लिए निकला कुछ ही देर में मैं कोमल के घर के बाहर पहुँच गया। मैंने उसके दरवाजे की घण्टी बजाई। इतने में कोमल ने दरवाजा खोला तो मैं कोमल को देखता ही रह गया क्योंकि उसने काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, वो उस साड़ी में किसी हिरोइन से कम नहीं लग रही थी। उसने कहा- अंदर आ जाओ। मैं अंदर गया, हम दोनों बात करने लगे।
कुछ देर बाद उसने मुझ से पूछा- मैं तुमको कैसी लगती हूँ? मैंने कहा- बहुत ही अच्छी लगती हो।
मैंने पूछा- आज आप ऐसी बातें क्यों कर रही हो? उसने कहा- विकास मुझे तुमसे प्यार हो गया है, तुम मुझको हर पल याद आते रहते हो। यह बोल कर उसने मुझे किस कर दिया।
मैंने उससे कहा- ये क्या कर रही हो। उसने कहा- मैं अपने विकास से प्यार कर रही हूँ। मैंने कहा- आपके पति क्या आपसे प्यार नहीं करते?
उसने कहा- उनको तो प्यार करने का कभी टाइम ही नहीं मिलता।
यह कह कर वो मेरे पास चिपक कर बैठ गई और मुझे चूमने लगी। फिर मैं कर भी क्या सकता। मेरे पास स्वर्ग की अप्सरा जैसी हसीना बैठी थी, मैं भी गर्म होने लगा, मैंने भी उसको चूमना शुरू कर दिया। मैं उसको चूमते हुए उसके स्तनों पर आ पहुँचा। मैंने उसकी साड़ी को हटाया, उसके ब्लाउज के बटन खोले और उसकी ब्रा को भी निकाल दिया।
मुझे उसके स्तन बहुत प्यारे लग रहे थे, मैं उनको मज़े से चूस रहा था। कोमल सिसकारियाँ ले रही थी। मैंने उसको बेड पर लिटा दिया। उसके बाद मैंने उसका पेटीकोट उतारा।
क्या मस्त फिगर था। उसका ऐसा लग रहा था की बिपासा बसु मेरे सामने नंगी लेटी हुई हो। मैंने उसकी पैन्टी को उतारा और उसकी चूत को देखा। उसके काले बाल चूत के ऊपर बहुत अच्छे लग रहे थे।
मैं उसकी चूत में उंगली करने लगा। कुछ देर बाद वो झड़ गई और उसकी साँसें तेज हो गईं, उसकी चूत में से नमकीन तरल निकलने लगा, जिसे मैं पूरा चाट गया। वह बोली- अब अन्दर डालो ना !
मैंने अपना अंडरवियर उतारा और लंड उसकी चूत के छेद पर रखा, एक जोर से धक्का दिया। मेरा लंड कोमल की चूत में पूरा चला गया। मैंने उसको अलग-अलग स्टाइल से चोदा। उसको बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर बाद वो झड़ गई। अब मेरी बारी थी, मैंने पूछा- मेरा होने वाला है, किधर छोडूं? उसने कहा- अंदर ही डाल दो, बहुत दिनों बाद आज मुझे शारारिक सुख मिला है।
मैंने अपनी गति तेज की और कोमल की चूत में ही झड़ गया। यह मेरा पहला सैक्स अनुभव था, जो बहुत ही अच्छा था।
हम दोनों काफ़ी देर बेड पर नंगे ही पड़े रहे। उसके बाद फिर हम दूसरी बार के लिए तैयार हुए और खूब चुदाई की। चुदाई के बाद हम दोनों नंगे बाथरूम में नहाये।
मैं वहाँ से जाने लगा तो कोमल ने कहा- तुमने आज मुझे स्वर्ग की सैर करा दी विकास, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। यह कह कर उसने मुझे एक चुम्बन किया और मैंने उसको अपने गले से लगा लिया।
वो मुझे पाँच हजार रूपए देने लगी तो मैंने कहा- मैं तो तुम्हारा विकास हूँ, अगर तुमने मुझे पैसे दिए तो मैं तुमको हमेशा के लिए भूल जाऊँगा।
वो आज भी मुझे फोन लगा कर बुला लेती है। हम लोग आज भी चुदाई के मज़े ले रहे हैं। हम दोनों साथ में घूमने भी जाया करते हैं। आप को मेरी यह पहली सत्य घटना कैसी लगी। मुझे ईमेल करें ! [email protected]
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