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मेरा नाम विक्की है, मैं 22 साल का युवक हूँ।
बात दो महीने पहले की है जब मैं अपने दोस्त वासु के भाई की शादी में गया हुआ था और मेहमानों की खातिरदारी में लगा हुआ था कि अचानक मेरी नज़र एक शादीशुदा औरत पर पड़ी।
वो सांवले रंग की आकर्षक महिला थी, मुझे वो अच्छी लगी और उसकी सेक्सी फिगर को देखकर मेरा लण्ड कुछ मूड में आने लगा और आये भी क्यों न, उसके मोटे मम्मे, चौड़ी गाण्ड देखकर तो किसी का भी लण्ड पागल हो जाये।
पर मैंने उस पर से ध्यान हटाया और मेहमानों को देखने में लग गया।
अचानक मैंने देखा कि वो औरत अपने पति से नाराज़ होकर अलग बैठ गई है और उसका पति भी गुस्सा करके वहाँ से चला गया।
तब मैंने अपने दोस्त से पूछा- यार यह लेडी कौन है? कुछ परेशान लग रही है।
तब उसने बताया- यह मेरी दूर की मामी निशा है और उनकी लव मैरिज एक साल पहले हुई थी पर अब दोनों के बीच बिल्कुल नहीं बनती, रोज कुछ न कुछ लगा रहता है।
इतना कहकर वो वहाँ से चला गया पर अब मेरा पूरा ध्यान उस खूबसूरत औरत पर था।
मैंने उनसे जाकर पूछा- आपको कुछ चाहिए तो बताओ?
उन्होंने कहा- नहीं, पर आप हैं कौन? मैंने तो आपको पहली बार देखा है।
मैंने कहा- जी, मैं वासु का दोस्त हूँ।
उन्होंने कहा- ओह अच्छा !
अब मैं उनके पास ही बैठ गया और बातें करने लगा क्यूंकि अब पार्टी खत्म होने वाली थी इसलिए सब जा चुके थे, बस कुछ रिश्तेदार ही रह गए थे।
इतने में वासु आया और मुझसे कहने लगा- अरे यार विक्की, ज़रा मामी को घर तक छोड़ दे !
मैंने फ़ौरन हाँ कर दी और मैंने अपनी बाइक निकाल कर उनको बैठने को कहा।
वो मेरे कंधे पर हाथ रखकर पीछे बैठ गई और मैंने जैसे ही पहली बार ब्रेक लगाये, उनके मोटे मम्मे मेरी पीठ से टकरा गए और मेरा लण्ड अचानक तन गया। मन तो कर रहा था उन्हें वहीं बीच सड़क पर नंगा करके चोद डालूँ मगर मैं मजबूर था, कुछ कर ही नहीं सकता था।
यह सब सोचते सोचते वासु का घर आ गया, मैंने निशा को दरवाज़े पर उतारा और बाइक लेकर वापस पार्टी हाल आ गया। वहाँ से मैं अपने घर आया और मैंने तुरंत निशा मामी को सोच कर हस्त मैथुन किया।
रात भर मुझे निशा मामी के ख्याल आते रहे और मैं पूरी रात सो नहीं पाया।
अगली सुबह वासु का फोन आया और उसने मुझे घर आने को कहा।
मैं उसके घर पहुँच गया। जैसे ही मैं वासु के कमरे में जाकर बैठा, लाल रंग की मैक्सी में निशा मामी वहाँ आ गई।
उन्हें देखकर मैं और मेरा लण्ड दोनों खड़े हो गए।
निशा मामी ने मुझसे कहा- कैसे हो विक्की?
मैंने कहा- जी अच्छा हूँ।
निशा मामी बोली- वासु अभी बाज़ार गया है, तुम बैठो, मैं नाश्ता लेकर आती हूँ।
मैंने जैसे तैसे अपना लण्ड संभाला, कुछ देर बाद निशा मामी चाय और बिस्किट लेकर आई और मेरे पास आकर बैठ गई।
उनकी जांघ मेरी जांघ से टकराने लगी हालांकि वो अनजाने में ऐसा कर रही थी पर मेरा बुरा हाल हो रहा था।
हम बातें कर ही रहे थे कि वासु आ गया, उसने मुझसे कहा- यार विक्की हमने बगल वाला फ्लैट किराये पर लिया है मेहमानों के रुकने के लिए ! तू ज़रा जाकर वहाँ की सफाई कर दे।
मैंने कहा- ठीक है, पर तू भी चल मेरे साथ !
वासु ने कहा- यार किसी और को ले जा, मैं नहीं आ सकता !
तब मामी ने कहा- अरे विक्की, परेशान मत हो, मैं चलती हूँ, बस 2 मिनट रुको, मैं अभी तैयार होकर आती हूँ।
मैंने कहा- ठीक है।
अब मैं बाहर उनका इंतज़ार कर रहा था कि अचानक वो स्लीवलेस टॉप और केपरी पहन कर आ गई।
मैं उन्हें देखकर पागल हो रहा था, उनकी गांड केपरी में और चौड़ी और मम्मे और बड़े लग रहे थे।
वो मेरे साथ चलने लगी, मैंने कहा- मामी एक बात बोलूँ?
वो बोली- हाँ कहो !
मैंने कहा- आप बुरा मत मानना, मगर आप इस ड्रेस में कुछ ज्यादा ही अच्छी लग रही हो !
वो यह सुनकर हंसने लगी, बोली- अरे यार लेडिज़ को तारीफ बहुत पसंद होती है, मैं इस बात तो बुरा मान ही नहीं सकती।
मैं चलते चलते उनकी गाण्ड और मम्मे बार बार देख रहा था। अब हम फ्लैट पर पहुँच गए थे।
मैंने ताला खोला तो अंदर काफी गन्दगी थी। मैंने अपनी शर्ट उतार दी और सफाई करने लगा और बार बार मामी को देखने लगा।
मैं जब कुछ सामान मामी को रखने को दे रहा था तब उनके हाथ मेरे हाथों को छूए जा रहे थे।
सारी सफाई करने के बाद हमने वहीं थोड़ा आराम करने का फैसला किया।
हम दोनों पास पास लेट गए और बातें करने लगे।
मैंने मामी से कहा- अगर आप शादीशुदा न होती तो मैं आपसे शादी कर लेता।
वो हंसने लगी, बोली- यह मजाक है या सच बोल रहे हो?
मैंने कहा- आपको क्या लगता है?
तब उन्होंने कहा- मजाक हो या सच हो, पर मेरी शादी तो हो चुकी है।
मैंने पूछा- क्या आप अपनी शादी से खुश हैं?
उन्होंने कहा- पता नहीं !
और वो इतना कहकर रोने लगी। मैंने उनको चुप कराने के लिए उनके कंधे पर हाथ रखकर सहलाते हुए कहा- अरे मामी, कोई बात नहीं, आप अपना दर्द मुझसे शेयर कर सकती हो, दुःख बांटने से कम होता है।
अचानक मामी ने मुझे गले लगा लिया और रोने लगी। उनके मोटे मम्मे मेरे सीने से टकरा रहे थे, मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था, मैंने भी देर न करते हुए उनकी पीठ पकड़ कर उन्हें चिपटा लिया।
अब मैंने उनके गाल चूमना शुरू कर दिए, उन्होंने कुछ नहीं कहा तो मेरी हिम्मत और जोश दोनों बढ़ गए।
फिर मैंने उनसे कहा- निशा, आज मैं तुम्हें इतना प्यार दूँगा कि तुम सारे दुःख भूल जाओगी।
निशा ने कहा- मैं भी यही चाहती हूँ विक्की !
इतना कहते ही मैंने बिना देर किये निशा मामी का टॉप उतार दिया, उन्होंने काली ब्रा पहनी थी, मैंने उसके मम्मे ऊपर से दबाना शुरू कर दिए और अपना मुँह मम्मों के बीच में डालकर मम्मे चूमना शुरू कर दिए।
मैंने निशा मामी की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा नीचे कर दी। अब उनके मस्त मम्मे मेरे सामने थे।
मैंने बिना देर किये उनके मम्मे हाथ में लेकर दबाना शुरु कर दिए फिर मुँह में लेकर चूसने लगा।
मामी भी अब पूरे जोश में आ गई थी और उनका हाथ अब चूत पर था।
तब मुझे ख्याल आया कि मैंने सिर्फ मम्मों को प्यार किया है, अभी तो चूत को भी प्यार करना है। मैंने फ़ौरन उनकी केपरी का हुक खोल दिया और चैन नीचे कर के केपरी उतार दी।
अब उनके खूबसूरत जांघें मेरे सामने थी, उन्होंने ब्लैक पैंटी पहन रखी थी। मैंने बिना वक्त गंवाए उनकी पैंटी उतार दी और उनकी जांघें पकड़ कर दबाने लगा, सहलाने लगा, चूसने लगा।
इसके बाद मैं निशा मामी की योनि को सहलाने लगा और उंगली करने लगा।
और जैसे ही मैंने अपनी जुबान निशा की चूत पर रखी, उनकी आहें अचानक और तेज होने लगी।
मैंने और तेज़ी उनकी चूत चाटना शुरू कर दी, वो पूरी तरह मदहोश होने लगी। मैंने अपना लण्ड निकाल कर उनकी चूत पर रख दिया, वो कहने लगी- अंदर कर दो विक्की ! मत तड़पाओ, करो अंदर प्लीज़ !
मैंने कहा- अभी नहीं !
तो उन्होंने कहा- करो न !
मैंने कहा- पहले चूसो इसे !
वो फ़ौरन मेरे लण्ड को पकड़ कर चूसने लगी, मैं तो पागल ही हो गया यह सोचकर कि जिस मामी को मैं कल सपने में चोद रहा था, वो आज मुझसे सच में चुद रही है।
मेरे पूरा लण्ड उनके मुँह में बार-बार अंदर बाहर हो रहा था। मैंने उनके बाल पकड़ कर अपना लण्ड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया।
जब उनकी अन्तर्वासना हदें पार करने लगी तो निशा अपनी जाँघें फ़ैला कर लेट गई, कहने लगी- अब तो घुसा दे !
अब हम दोनों बहत ज्यादा जोश में थे मैंने अपना लण्ड उनकी चूत के अंदर सरकाने लगा।
उनकी चूत काफी कसी हुई थी, शायद वो अपने पति से ज्यादा नहीं चुदती होगी।
अब मेरा पूरा लण्ड उनकी चूत में था, मैं अपना लण्ड अंदर-बाहर कर रहा था चूत में और उसके मम्मे जोर-जोर से दबा रहा था।
वो खूब चिल्ला रही थी- आह आह ! आह आह ! और करो विक्की ! आह !
मैंने कहा- जानेमन, तू बहुत सेक्सी है, तुझे रोज चोदने का दिल करेगा अब मेरा !
कुछ देर चूत मारने के बाद मैंने उसे गांड मारने को कहा तो वो फ़ौरन घोड़ी स्टाइल के लिए तैयार हो गई और घुटनों के बल बैठ गई। मैंने उसकी गाण्ड चाटना शुरू कर दी, उसके कूल्हे दबा दबा कर उसकी गाण्ड में उंगली करने लगा।
तब मैंने अपना लण्ड उसके गांड के छेद के अंदर टिकाया और एक झटके में सुपारा अन्दर कर दिया।
निशा की चीख निकल पड़ी। मैंने उसके कूल्हे दबाकर पकड़ लिए और लण्ड गाण्ड के अंदर-बाहर करने लगा।
उनके मम्मे लटक रहे थे, उनकी नंगी पीठ उनका सेक्सी बदन मुझे और जोश दिला रहा था। मैं उन्हें खूब चोदना चाहता था पर मैं उमकी गाण्ड में डिस्चार्ज हो गया, मेरा सारा माल उनकी गाण्ड में निकल गया।
मैं उसकी चूत में उंगली और मुँह में लण्ड घुसा कर लेट गया।
कुछ देर बाद हमें नींद आ गई, हम वही नंगे सोते रहे।
थोड़ी देर बाद जब मामी की आँख खुली तो वो बोली- विक्की, यह हमने ठीक नहीं किया। मुझे बहुत बुरा लग रहा है।
मैंने कहा- हमने सिर्फ प्यार किया है।
तब मामी ने कहा- मैं जा रही हूँ, आइंदा हम न तो बात करेंगे न ही यह बात किसी से कहेंगे।
मैं भी अपने घर आ गया।
अगले दिन मामी अपने पति के घर जा चुकी थी और मैं भी जॉब करने दूसरे शहर में रहने लगा था। 2805
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