This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
बदरू मियाँ को राह चलती लड़कियों को छेड़ने का शौक है। एक बार राँची में उन्होंने रत्नाबाई को छेड़ दिया। उसकी चाल देखकर कहा,
मटक-मटक कर चलती हो क्या मार डालोगी?
मुझे चूत नहीं दोगी तो क्या अचार डालोगी?
रत्नाबाई तो थी ही रंडी उसने कहा-
मटक-मटक कर चलती हूँ, चाल ही ऐसी है,
घर में जाकर अपनी बहन की ले ले मेरी जैसी है।
और याद रख गांडू शायर
सौ कमाती हूँ डेढ़ सौ उड़ाती हूँ,
तेरे जैसे कमीनों को चूत पर बिठाती हूँ।
बदरू मियाँ तो ठहरे पक्के हरामी, उन्होंने तुरंत कहा-
अच्छा? सौ कमाती है और डेढ़ सौ उड़ाती है,
तो बाक़ी के पचास क्या माँ चुदाकर लाती है?
मियाँ बदरू ने अपनी कब्र पहले ही खुदवा रखी थी और उस पर लिखवा रखा था-
आरज़ू है कि वो आएँ हमारी कब्र पर और चली जाएँ मूत के,
चलो इसी बहाने दीदार हो जाएंगे उनकी चूत के !
प्रस्तुति- आर के शर्मा
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000