This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : अविनाश
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ और यह मेरी पहली और सच्ची कहानी है…
मेरा नाम अविनाश है, मैं जयपुर का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 21 वर्ष है, मैं दिखने में काफी अच्छा लगता हूँ। बहुत सी लड़कियों को मेरा लंड बहुत पसंद आया है जो 7 इंच लम्बा और अच्छा खासा मोटा है।
बात मेरे 18वीं बर्थडे पार्टी की है जो कि हम मेरे दोस्त राहुल के घर पर कर रहे थे क्यूँकि उसके मम्मी पापा 3 दिन के लिए कहीं बाहर शादी में गए थे, पार्टी में हम छः लोग थे, उनमें राहुल के चाचा की लड़की स्नेहा उसी दिन ही दिल्ली से जयपुर घूमने आई थी !
स्नेहा 19 वर्ष की थी, उसको देख कर मैं पागल सा हो गया, उसके कूल्हे तो मैं देखता ही रह गया लेकिन क्या कर सकता था। मेरे अनुसार उसका आकार 34-30-34 था। मैंने उसको 2 वर्ष पहले आखिरी बार देखा था लेकिन अब वो फाड़ू माल बन गई थी।
हमने केक काट कर पार्टी शुरू की, हम ड्रिंक कर रहे थे पर स्नेह ड्रिंक नहीं करती थी, मेरे जोर देने पर उसने हाँ कर दी और वो मेरे साथ सोफे पर बैठ कर ड्रिंक करने लगी जिस कारण वो मुझसे बार बार छुए जा रही थी। तभी गलती से मेरा पैर उसको लग गया, मैंने उसको सॉरी कहा तो वो मुझे घूर घूर कर देखती रही…
मेरे दूसरे दोस्त भी उसको लाइन मार रहे थे पर आज उनकी किस्मत कहाँ अच्छी थी..
तभी हमारी कोल्ड ड्रिंक और बर्फ़ ख़त्म हो गई और होटल से भी खाना लाने का समय हो गया था तो दो जने बर्फ़, कोल्ड ड्रिंक और दो फलोग खाना पैक करवाने चले गए।
अब घर में मैं और स्नेहा थे, दोनों बातें करते हुए टीवी पर मूवी देखने लगे जिसमें चुम्बन दृश्य चल रहा था, मुझे एक विचार सूझा…
मैंने स्नेहा से कहा- मेरा गिफ्ट कहाँ है?
स्नेहा- बताओ, क्या लोगे?
मैंने कहा- बुरा न मानो तो बता दूँ?
स्नेहा- जरूर ! आज तुम्हारा बर्थडे है यार…!
मैंने हिम्मत कर के कह दिया- मैं तुम्हें किस करना चाहता हूँ।
स्नेहा थोड़ी हंसी और फिर कहा- आज तुम्हारा बर्थडे है, मैं इतना तो कर सकती हूँ !
मैंने उसको गाल पर चूम लिया और फिर वो पास आई और मेरे गाल पर जोर से काटते हुए उसने मुझे किस किया !
मेरे मुँह से दर्द के कारण थोड़ी आवाज निकल गई…
स्नेहा बोली- सॉरी…! अब हिसाब बराबर हो गया, मुझे भी इसी मौके की तलाश थी।
मेरा लंड महाराज ज्वालामुखी की तरह फटता जा रहा था कि तभी स्नेहा सोफे पर मेरे पैरों पर लेटते हुए मुझसे बात करने लगी।
मुझे थोड़ा डर लग रह था लेकिन थोड़ी देर में उसको भी मेरे लंड का उफान महसूस हो गया, वो उठ कर पहले मुझे, फिर मेरे लंड के कारण पैंट का उभार देखने लगी और कहा- बर्थडे गिफ्ट तो पूरा लिया ही नहीं तुमने…!
और फिर वो थोड़ा पास आई और मुझे होंठों पर चूमने लगी, मैं भी उसका पूरा साथ दे रहा था कि अचानक हम सोफे से नीचे गिर गए
मेरा एक हाथ उसके मोटे मोटे बोबों को ऊपर से ही दबा रहा था और हम पागलों की तरह किस किये जा रहे थे।
मैं उसके रसीले होंठों में डूबता चला जा रहा था कि तभी दरवाजे की घण्टी बजी।
मैंने कहा- लगता है कि वो सब वापस आ गए हैं !
‘साले कुत्ते गलत टाइम पर आये !’ मैं मन ही मन उनको गालियाँ दे रहा था।
हमने अपने आप को सही किया और गेट खोला…
अन्दर आकर वो सब फिर से ड्रिंक करने लगे लेकिन अब हम दोनों ड्रिंक नहीं कर रहे थे सिर्फ एक दूसरे को देखते ही जा रहे थे। पता ही नहीं चला कि कब 12 बज गये तब हम सबने साथ में बैठ कर खाना खाया और सोने की तैयारी करने लगे।
राहुल और स्नेहा एक कमरे में सोने चले गये और मेरे दो दोस्त दूसरे कमरे में जाकर सो गये, मैं चूतियों की तरह अपनी गांडू किस्मत पर रो रहा था और सोफे पर बैठा बैठा टीवी देखने लगा।
लेकिन शायद आज मेरी किस्मत अच्छी थी, तभी राहुल तेज़ी से आया और बाथरूम में गया और उल्टी करने लगा वो दो बार उल्टी करने आ चुका था तो मैंने उससे कहा- तू सोफे पर सो जा क्यूकि यहाँ से बाथरूम बिल्कुल पास है।
उसे थोड़ी देर में नींद आ गई और मैं कमरे में गया, दरवाजा अन्दर से बंद किया और स्नेहा के पास जाकर लेट गया।
वो सो चुकी थी तो मैं उसकी टी-शर्ट के ऊपर से ही उसके कबूतर यानि चूचियाँ दबाने लगा।
मैंने एक हाथ टी-शर्ट के अन्दर दल दिया, तभी उसकी नींद खुल गई और वो मुझे होंठों पर किस करने लगी। हम तेज़ी से एक दूसरे के कपड़े खोल रहे थे, अब हम सिर्फ छोटे कपड़ों में थे।
मैं उसके मोटे मोटे उरोज देख कर पागलों की तरह उनको चूसने लग गया जो ब्रा से बाहर आने को बेताब थे। मैंने जैसे ही ब्रा खोली वो गुलाब की पंखुड़ियों की तरह खुल कर मेरे सामने आ गये।
मैं एक बोबे को चूस रहा था तो दूसरे को हाथ से जोर जोर से मसल रहा था, तभी उसका एक हाथ मुझे मेरे लंड पर महसूस हुआ जो कि प्यार से मेरे लंड को सहला रहा था।
मैं दस मिनट तक उसको बोबों और होंठों पर चूमता रहा, उसके मुँह से आआ आअ ऊऊउ उम्म्म्म हूऊऊऊ हम्मम्म आअ ऊऊऊ की मादक आवाज आ रही थी..
उसको चूमता हुआ मैं नीचे आ गया और उसकी चड्डी के ऊपर से ही उसकी चूत की मन मोहक खुशबू को सूंघता रहा और फिर उसकी पैंटी को खींच कर उसकी जांघों से अलग कर दिया… उसकी चूत पर एक बाल भी नहीं था और वो गीली हो रही थी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
मैं उसकी चूत को चाटता रहा और फिर हम 69 की अवस्था में आ गये और वो मेरा लंड और मैं उसकी चूत को भूखे बच्चे की तरह चूसते रहे !
मैं उसकी चूत को चूसता जा रहा था कि तभी उसने मुझे अपने पैरों से जोर से अपनी चूत में दबा दिया और उसने सारा रस मेरे मुँह में डाल दिया जिसको मैं बड़े प्यार से पूरा के पूरा चाटता गया। फिर मैं उसकी चूत को जीभ से चोदने लग गया… मुझे भी लग रहा था कि मैं भी झड़ने वाला हूँ और मैंने सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया, वो उसे बच्चे की तरह उसे दूध समझ कर पी गई।
मैंने उसको उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड और चूत को चाटने लग गया, पूरा कमरे में आअअ हूऊ ऊऊ ऊऊ हूऊउ हम्म्म्म आआअ की आवाज गूंज रही थी।
मैं उसकी चूत को अंगुली से चोदता हुआ चाट रहा था और एक हाथ से उसकी गांड को जोर जोर से दबा रहा था। इस बीच वो दो बार झड़ चुकी थी, चूत से निकला सारा अमृत मैं पी गया अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था।
स्नेहा बोली – जान ! अब रहा नहीं जा रहा…! चोद डाल मुझे, फाड़ डाल मेरी चूत…
मैंने उसको सीधा किया और दोनों पैरों को चौड़ा किया और लंड को उसकी चूत के ऊपर फ़िराने लग गया।
मैंने लंड को चूत के छेद पर रखा और थोड़ा सा धक्का मारा, स्नेहा ने आआअ ऊऊऊ की आवाज के साथ मुझे रोक लिया..
मैंने उसे होंठों पर किस किया और एक जोर का धक्का मारा जिससे मेरा लंड आधे से ज्यादा अन्दर चला गया।
स्नेहा की आँखों में आंसू आ गये थे.. मैं उसके बोबों को दबाता रहा और धीरे धीरे लंड को धक्का देता रहा..
अब उसका दर्द थोड़ा कम हो गया था, वो भी गांड उछाल उछाल कर मेरा साथ दे रही थी, उसके मुँह से आआअ उम्म्म ऊऊउ उम्म्म्म अह्हआआ हूऊ की आवाज तेज़ होती जा रही थी।
मैं भी अब तेज़ी से उसकी चूत को चोद रहा था, 20 मिनट तक मैं लगातार उसकी चूत को चोदता रहा, वो एक बार और झड़ चुकी थी। पूरा रूम में आआ उम्म औऊआआ हम्मम्म फच्छ फ्च्ह्ह की आवाज गूंज रही थी।
फिर मैंने स्नेहा को घोड़ी बनाया और चूत को चाटने लग गया, चूत चाटने से हमारा नशा बढ़ता जा रहा था… मैंने उसकी गांड में अपना लंड डाला और तेज़ी तेज़ी से धक्के लगाने लगा।
स्नेहा- फ़क मी ! चोद दे ! आआअ यम्मी आअ उम्माआम्म्म्आ आअहाआहाआ…
कमरा इस आवाज से मदहोश हो गया था, उसकी चूत की तरह ही हमारा मुँह भी लाल हो गये थे।
उसकी फ़ुद्दी बहुत तंग थी जिस कारण उसको चोदने में ज्यादा मजा आ रहा था। उसकी हालत ख़राब होती जा रही थी। मैं भी झड़ने वाला था, मैंने अपना लंड गांड में से निकाल कर उसके मुँह में दे दिया, वो मेरे लंड को चूसते हुए मेरा सारा माल पी गई, हम दोनों थक गये थे, मैं थोड़ी देर बगल में लेट कर उसको होंठों पर किस करता रहा।
उस रात हमने 3 बार अलग अलग तरीके से चुदाई की…!!
सुबह मेरी 8 बजे नींद खुली देखा तो हम दोनों नंगे पड़े हुए थे.. इच्छा तो एक बार और उसकी मारने की हो रही थी पर क्या करें सुबह हो गई थी, मैंने उसे कपड़े पहनाये और किस किया..
मैंने कहा- बर्थडे गिफ्ट के लिए थैन्क्स…! यह मेरा सबसे अच्छा बर्थडे रहा…
और मैं फ़्रेश होने चला गया, सबके लिए चाय बना कर लाया और सबको उठाया।
उम्मीद है कि आप सबको मेरी यह सच्ची कहानी पसंद आई होगी… अपने सुझाव और विचार मुझे जरूर मेल करें !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000