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प्रेषक : देवाशीष पटेल
दोस्तो, आपने मेरी कहानी
पढ़ी होगी, आपको पसंद भी आई होगी !
आज मैं आपको और एक सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ जो रीना की देवरानी मेघा के बारे में है।
एक आध बार मैंने मेघा से बातचीत भी की ! शादी के कुछ दिन बीत जाने के बाद रीना के देवर का जॉब छुट गया जिसकी वजह से वो जॉब के लिए दर-दर भटक रहा था।
एक दिन ऐसे ही मैंने उसे अकोला में मार्केटिंग के जॉब के बारे बताया और सेट्टिंग करके उसे वहाँ पर जॉब लगा दिया। अगले ही दिन वह अपना सामान ले कर अकोला के लिए चला गया।
अब मेघा अकेली कमरे में सोती थी और उसका और हमारा कमरा आजू-बाजु में ही था। दोनों कमरों के बीच में सिर्फ एक दरवाजा था जिसकी वजह से इधर की आवाज़ उधर जाती थी।
मेरी बीवी डिलीवरी के बाद घर पर आ गई थी और मेरा बेटा 8 महीने का हो गया था। हम दोनों मिया-बीवी रोज सेक्स करते थे।
ऐसे ही एक दिन हम सेक्स कर रहे थे कि मुझे ऐसे लगा जैसे कोई दरवाजे से लग कर हमें या हमारी सेक्स आवाजें सुन रहा है या देख रहा है।
अगले ही पल मैं समझ गया कि यह कोई और नहीं, मेघा ही हो सकती है क्योंकि उसका पति को गए एक महीना बीत चुका था और इतने दिन पति के साथ न रहते हुए किसी भी औरत की कामाग्नि तो भड़क ही सकती है।
ऐसे ही रोज हो रहा था ! मैं भी जानबूझ कर मेघा से बात करता था कि यह मेरे साथ कुछ और ज्यादा ही खुल जाये !
ऐसे ही दिन बीत रहे थे ! इसी बीच में मेरी बीवी मायके चली गई ! अब मेरे लिए पूरा खुला मैदान था ! इसी का फायदा उठा कर मैंने रीना भाभी को अपने कमरे में बुला कर चुदाई का कार्यक्रम बनाया और चुदाई होने के बाद रीना को अपने मन की बात बता दी कि मुझे मेघा को चोदना है।
तो रीना भड़क गई और बोली- क्यों मैं आपकी इच्छा पूरी नहीं करती क्या?
मैं- मैंने कब बोला कि तुम मेरी इच्छा पूरी नहीं करती हो ! लेकिन मेघा को एक बार तो चोदने दो ! मैं तुम्हें ऐसे ही प्यार करते रहूँगा !
रीना- ठीक है ! पटा कर देखती हूँ !
और चली गई !
दूसरे दिन ठीक 2 बजे मुझे रीना का फोन आया कि तुम जल्दी घर चले आओ !
मैं दस मिनट के अन्दर ही घर पहुँच गया !
पहुँचते ही सीधा रीना के बेडरूम में गया क्योंकि घर पर कोई नहीं था। बेडरूम में जैसे दाखिल हुआ तो मुझे पहले रीना चड्डी और ब्रा में दीवान पर लेटी हुई दिखी !
जब नजर पूरे कमरे में दौड़ाई तब आलमारी के पास मेघा खड़ी दिखी !
उसे देखते ही मेरा लंड पैंट में ही खड़ा हो गया।
मेघा भी चड्डी और ब्रा में ही खड़ी थी !
मैंने तपाक से दरवाजा बंद किया और रीना को चूमना शुरु किया और अपने हाथों से उसकी चूचियाँ मसलना शुरु किया। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
रीना- आओ ना मेघा ! डरो मत ! तुम्हारे जेठ घर पर नहीं रहते तो मैं राजेश जी से अपना काम चलाती हूँ ! आओ तुम भी आज अपनी प्यास बुझा लो !
मेघा धीरे-धीरे शरमाते हुए दीवान की ओर बढ़ी और मेरे पास आकर बैठ गई।
अगले ही पल मैंने रीना को छोड़ दिया और मेघा के होंठों को अपने मुँह में भर लिया। इधर मैं मेघा के पूरे शरीर को चूम रहा था, उसकी चूचियाँ मसल रहा था, उधर रीना मेरे कपड़े खोल के मेरे लंड महाराज को अपने होंठों से चूम रही थी !
बस 7-8 मिनट ही हुए थे कि दरवाजे पर घण्टी बज गई।
हम घबरा गए, रीना और मेघा ने फटाफट अपने कपड़े पहन लिए और मैं भी अपने कपड़े पहन कर पीछे के दरवाजे से निकल गया।
उनके सास-ससुर शादी से घर आ गए थे ! मैं तो सोच रहा था कि बूढ़ा-बूढ़ी ने मेरा पूरा मजा ख़राब कर दिया।
अब रीना तो ऊपर मेरे कमरे नहीं आ सकती थी क्योंकि उसका बेडरूम नीचे था लेकिन मेघा जरूर आ सकती थी क्योंकि उसका कमरा मेरे कमरे से चिपक कर ही था।
रात के दस बज गए थे लेकिन अभी तक मुझे मेघा के कमरे से कोई आवाज नहीं आ रही थी। मैं अपना खड़ा लंड लेकर कमरे के अन्दर ही घूम रहा था।
ठीक सवा दस बजे गड़गड़ाहट के साथ बारिश शुरु हुई और यह गर्मी के बाद की पहली बारिश थी। मुझे लगा क्यों ना बारिश का आनन्द उठाया जाये !
मैंने अपनी लुंगी पहन ली और ऊपर छत पर आया तो मुझे छत का दरवाजा खुला दिखा।
मुझे लगा शायद खुला ही रह गया होगा !
मैंने दरवाजा ऊपर से बंद किया और बारिश में भीगने के लिए निकला तो देखा कि ऊपर कोई औरत खड़ी है। अँधेरा होने की वजह से मैं और नजदीक गया तब मैंने उसे पहचान लिया.. वो मेघा थी !
मैं उसे देख रहा था, वो मुझे देख रही थी ! ऊपर से बारिश बरस रही थी ! पानी की बूंदें सर से टपकती हुए शरीर को ठंडक दे रही थी !
मैं धीमे कदमों से मेघा के पास गया और अपने एक हाथ से उसके सिर को पकड़ कर उसके माथे को चूमा। उसने भी हल्की सी सिसकारी भरी और मेरे भीगे शरीर से लिपट गई।
बारिश में दोनों के शरीर एक हो जाने से बारिश की ठंडक अपने आप कम हो गई और गर्मी बढ़ गई !
हम दोनों भी एक-दूसरे में इतने समां गए कि बारिश का असर ही कम हो गया ! मेघा तो ऐसे लिपट कर चूम रही थी जैसे उसे आज बरसों की प्यास मिटानी हो !
मैं मेघा के होंठों को चूम रहा था और पीठ को सहला रहा था, इधर मेरा बम्बू लुंगी में तम्बू बना रहा था ! मैंने मेघा के हाथ में मेरा लंड दे दिया और मैंने उसकी साड़ी उतारनी शुरु कर दी। मेघा ने भी मेरी लुंगी उतार दी और मेरे चड्डी को मेरे घुटने तक उतार दिया। अब मेरा पूरा 7″ का लंड मेघा के हाथ में था और वो उसे बड़े प्यार से आगे-पीछे कर रही थी।
इतने ही देर में मैंने मेघा की साड़ी उसके शरीर से अलग कर दी और उसकी चूचियों को गीले ब्लाउज के ऊपर से ही मसल रहा था। उधर दोनों के होंठ एक दूसरे में समां गए और मेघा मेरे लंड से और मैं उसकी चूचियों से खेल रहा था !
दस मिनट की चूमा-चाटी के बाद मैंने अपने ही पैरों से अपनी चड्डी उतार दी और मेघा का नीला ब्लाउज, सफ़ेद ब्रा और पेटीकोट उतार दिया। अब मैं पूरा नंगा था और मेघा के शरीर पर सिर्फ उसकी कच्छी थी उसके अलावा कुछ भी बचा नहीं था।
मैंने उसकी दोनों चूचियाँ दबाना शुरु कर दी और चुचूक अपने मुँह में भर कर चूसने शुरु कर दिए !
इधर मेघा का हाथ मेरे लंड पर जोर-जोर से आगे-पीछे हो रहा था।
आह…आह्ह्ह… प्लीज फक म… दो महीने की प्यास है, बुझा दीजिये… उईईइ… अह्ह्ह… आःह्ह…कम ऑन… आःह्ह… आह्ह… ऊऊऊऊ…
उसके बाद मैंने मेघा की कच्छी भी उतार दी और नीचे बैठ कर दोनों टाँगें फैला कर उसकी चूत में अपनी जीभ डाल कर उसकी चूत चाटनी शुरु कर दी। इसी के साथ उसकी आवाजें और बढ़ गई… आआह्ह… आःह्ह…आःह्ह…
मेघा की चूत से रस टपक रहा था, वो मैं बारिश के पानी के साथ पूरा चट कर रहा था।
5 मिनट चूत चाटने के बाद मैंने मेघा को नीचे बैठा दिया और मैं खड़ा हो गया, उसका सिर पकड़ कर मैंने अपने लंड की तरफ कर दिया तो वो बोली- प्लीज राजेश, जी… मैंने अभी तक यह नहीं किया… मैं नहीं कर पाऊँगी !
मैं- मेघा, कुछ नहीं होता इससे… बल्कि और मजा आता है ! मुझसे सेक्स तो पहली बार ही कर रही हो ना ! फिर इसमें शरमाने की क्या बात है?
इतना बोलने के बाद धीरे से उसने मेरा लंड अपने मुँह में भर लिया और आगे पीछे करने लगी ! थोड़ी ही देर के बाद उसे लंड चूसने में बड़ा मजा आ रहा था और उसने स्पीड भी बढ़ा दी ! इधर मेरी भी सिसकारियाँ बढ़ रही थी। आह… आह्ह्ह… कम ऑन… मेघा… और अपना लंड उसके मुँह में ठेल रहा था।
पांच मिनट मेघा ने मेरे लंड को चूसा और बोलने लगी- अब हो गया, अब बरदाश्त नहीं हो रहा है, प्लीज मेरी चूत की प्यास बुझा दीजिये !
हम छत पर होने की वजह से हमारे पास नीचे बिछाने के लिए कुछ भी नहीं था इसीलिए मैंने मेघा को छत की दीवार पर उसके हाथ रखवा कर उसकी टांगें फैला कर खड़ी कर दिया और उसके पीछे से उसके चूतड़ों के बीच से अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर सटा दिया !
इधर अपने दोनों हाथों से उसकी चूचियों को पकड़ लिया, एक जोर का धक्का मार कर अपना 7″ का लंड मेघा चूत में घुसेड़ दिया !
इधर मेघा के मुँह से आःह्ह… मर गई… धीरे से डालो ना ! फाड़ डालोगे क्या ! आवाज आई।
अब मैं कहाँ रुकने वाला था, गप-गप करके मेरा लंड मेघा की चूत को चीरता हुआ अन्दर-बाहर हो रहा था !
अब मेघा भी जोश में आ गई थी और फक मी… फक मी… आह्ह्ह्ह… आह्ह्ह की आवाजें करते हुए अपने कूल्हों को मेरे लंड के तरफ धकेल रही थी !
5 मिनट बीत चुके थे मुझे मेघा की चूत में अपना लंड डाले हुए, अब मैं थोडा सा थक गया था, इसलिए मैंने फिर से अपना लंड चूत से निकाल लिया और मेघा को चूसने के लिए दे दिया !
दो मिनट मेघा ने मेरा लंड चूसा, उसके बाद फिर से मैंने अपना लंड मेघा की चूत में डाल दिया, इस बार कोई तकलीफ नहीं हुई क्योंकि मेघा की चूत पूरी गीली हो गई थी !
नई एनर्जी के साथ मैं मेघा की चूत को अब दोगुनी ताकत के साथ चोद रहा था ! ठीक दो मिनट के बाद मेघा झड़ गई और मेरा लंड उसके गर्म पानी से नहा उठा !अब मैं भी झड़ने की कगार पर आ गया था इसीलिए मैंने अपनी स्पीड और बढ़ा दी और अगले ही पल मेरा पूरा पानी मेघा की चूत में समां गया।
उसके बाद मैं मेरी बीवी के मायके से आने तक हर रोज मेघा को चोदता था। बीच में उसका पति 15 दिन की छुट्टियों पर आया तब रीना की चूत और गांड का मजा लिया। मेघा के पति के जाने के बाद दो बार रीना और मेघा को एक साथ चोदा।
मैं उनके यहाँ चार साल रहा लेकिन जो मजा मेरे घर मालिक की दोनों बहुओं ने दिया वो आज तक नहीं भुला पाया !
घर छोड़ने तक जो जैसे मिली वैसे उनकी चूत को चोदा ! मेघा को मेरी वजह से गर्भ ठहरा था और आज उसे एक बच्चा है लेकिन एक बात आज भी सालती है कि रीना के जैसे मेघा ने मुझे अपनी गांड मारने नहीं दी !
दोस्तो, आपके मेल का इंतजार रहेगा क्योंकि यह एकदम सच्ची आपबीती घटना है !
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