This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
सबसे पहले तो सभी लण्डबाजों और चूत की रानियों को मेरा नमस्कार !
मेरा नाम शीलू है, मैं कानपुर का रहने वाला हूँ, मैं अभी पढ़ रहा हूँ !
यह मेरी पहली कहानी है, अगर इसमें कोई ग़लती या त्रुटि हो तो क्षमा करना !
मेरी अभी पढ़ाई ख़त्म नहीं हुई थी कि मुझे दिल्ली में एक अच्छी सी जॉब मिलने की उम्मीद हो गई, मैं वहाँ पर अपना इंटरव्यू देने गया था। वहाँ पर काफ़ी लड़के-लड़कियाँ अपना अपना इंटरव्यू देने आए थे ! हम सभी बारी बारी से अपना इंटरव्यू देते जा रहे थे मेरा इंटरव्यू लेने के बाद उन्होंने बाहर रुकने के लिए कहा। मैं जिस रूम में जाकर बैठा, वहाँ पर पहले से ही काफ़ी लड़के और लड़कियाँ मौजूद थे। मेरे बगल में एक लड़का बैठा हुआ था। थोड़ी देर के बाद वो लड़का बाहर चला गया और उसके थोड़ी देर बाद वहाँ पर एक लड़की आकर बैठ गई।
उसने मुझे देखा और कुछ सोचने लगी, शायद वो भी वही सोच रही थी जो मैं सोच रहा था।
नहीं नहीं ! दोस्तो, मैं ऐसा नहीं सोच रहा था जैसा अभी आप सोच रहे हो।
उसने मुझसे पूछा- आप कहाँ से आए हैं?
तो मैंने उसे बता दिया- मैं कानपुर से आया हूँ !
फिर मैंने उससे पूछा- आप कहाँ से आई हैं?
तो उसने बताया- मैं इलाहबाद से आई हूँ। आप वापस कब जाएँगे?
तो मैंने कहा- देखता हूँ कि कब जाता हूँ, अभी रिज़ल्ट तो आ जाए इंटरव्यू का !
तो बोली- हाँ यह भी ठीक है !
उसने मुझे बताया- मुझे इलाहबाद आज वापस भी जाना है !
फिर हम दोनों आपस में बाते करते रहे, एक दूसरे की पढ़ाई के बारे में पूछा, फिर थोड़ी देर के बाद एक लड़का आया और उसने रागिनी नाम से बुलाया।
अभी तक मैंने उससे उसका नाम नहीं पूछा था और उसने मेरा भी नाम नहीं पूछा था।
तो मुझे क्या मालूम था कि उसी का नाम रागिनी था, वो खड़ी हुई और उसके साथ दूसरे कमरे में चली गई। फिर थोड़ी देर के बाद वो वापस आ गई। मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
तो उसने मज़ाक के मूड में कहा- हुआ क्या? कुछ भी तो नहीं हुआ ! जैसी थी वैसी ही हूँ !
वो बहुत ही खुश थी, तो मैं समझ रहा था कि शायद उसका सेलेक्शन हो गया है।
उसने बाद में बताया- मेरा तो हो गया !
जब उसने मुझसे कहा कि ‘मेरा तो हो गया’ तभी मैंने उससे मज़ाक के मूड में कहा- अभी मैंने तो कुछ भी नहीं किया ! मैं तो आराम से बैठा हुआ हूँ और ‘आपका हो कैसे गया?’
वो थोड़ा हंसी और फिर बोली- आप भी ना…
मैंने कहा- क्या?
तभी फिर से वो लड़का आया और मेरा नाम बुलाया तो मैं उठाकर जाने लगा। तभी रागिनी बोली- जाओ और जाकर देखो कि क्या होता है, फिर बताना !
मैंने उससे पूछा- आप जा रही हैं क्या?
वो बोली- हाँ, मैं तो जा रही हूँ।
और वो वहाँ से चली गई, मैं भी उस लड़के साथ दूसरे कमरे में चला गया वहाँ पर उसने मुझे बताया- आपको हमारी कंपनी में चुन लिया गया है ! अभी आप जा सकते हैं आपको कॉल करके बुला लिया जाएगा।
मैं वहाँ से आ गया, मैंने अपना बैग उठाया और बाहर आ गया। मैंने बाहर आकर देखा कि वो लड़की बाहर खड़ी किसी से फोन पर बात कर रही थी।
तो मैंने सोचा की शायद उसका बॉयफ़्रेंड होगा तो मैंने उसे डिस्टर्ब करना उचित नहीं समझा और मैं वहाँ से जाने लगा।
पर तभी उसने मुझे बुलाया और बोली- मैं तुम्हारे लिए यहाँ पर रुकी हूँ और तुम चले जा रहे हो अकेले ही?
तो मैंने उससे पूछा- आप मेरे लिए क्यूँ रुकी?
तो उसने कहा- मैंने सोचा कि आपको भी अभी रिजल्ट बता दिया होगा तो फिर अगर आप घर जाएँगे तो मैं भी आपके ही साथ निकल जाऊँगी क्यूंकि दिल्ली से जो भी बस इलाहबाद जाती है, वो कानपुर होते हुई ही तो जाती है, आप रास्ते में उतर जाएँगे और मेरे साथ बात करने के लिए भी कोई मिल जाएगा ! और रात का सफ़र है तो कोई तो होना चाहिए किसी अकेली लड़की के साथ !
तो मैंने बोला- बात आपकी सही है !
फिर हम दोनों एक साथ ही बस स्टॉप पर पहुँचे और एक बस में बैठ गये जहाँ पर मैं बैठा था जाकर, वो वहाँ पर नहीं बैठी, वो दूसरी जगह जाकर बैठ गई, फिर मुझसे बोली- आप भी यहीं पर आ जाइए।
मैं उसी के पास जाकर बैठ गया !
बस वहाँ से करीब शाम को आठ बजे करीब चली ! हम दोनों थोड़ी देर तक शांत बैठे रहे, फिर कुछ देर के बाद वो बोली- आप तो बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे हैं? आप को कोई बात करनी नहीं आती क्या?
मैं समझ नहीं पा रहा था कि वो क्या कहना चाहती है। हम दोनों बात करने लगे !
पाँच घंटे बाद बस एक होटल पर रुकी तो मैंने उससे पूछा- आपको कुछ खाना है क्या?
वो- क्या खिलाओगे?
मैंने कहा- कुछ भी खाना हो तो बोलो !
तो वो मेरी तरफ देखकर हंसते हुए बोली- आप जो कुछ भी खिलाएँगे !
तो मैंने कहा- क्यूँ नहीं !
तो वह थोड़ी मुस्कुरा कर बोली- चलो मैं भी चलती हूँ, वहीं चलकर देख लेते हैं कि क्या मिल रहा है !
हम दोनों वहाँ जाकर बैठ गये, अब वो मेरे ही सामने बैठी, हम दोनों ने खाना ऑर्डर किया। हम खाने का इंतजार कर रहे थे कि तभी एक कीड़ा उसके कपड़ों में घुस गया, वो डर गई, बोली- प्लीज़ इसे निकाल दो ! मुझे बहुत डर लगता है !
तो मैंने उससे कहा- मैं कैसे निकाल सकता हूँ?
वो बोली- कैसे से क्या मतलब? तुम भी डरते हो क्या?
तो मैंने कहा- नहीं, मैं डरता नहीं हूँ, मैं आपके कपड़ों में अपना हाथ कैसे डाल सकता हूँ?
तो उसने कहा- जब मैं कह रही हूँ, तब तो डाल ही सकते हो !
तो मैंने कहा- ठीक है, मैं निकालता हूँ, बाद में मुझसे कुछ मत कहना !
तो उसने कहा- ठीक है !
मैंने उसके कपड़ों में अपना हाथ डाल दिया।
उसने कहा- यहाँ पर नहीं है, थोड़ा और अंदर डालो !
फिर मैंने उसके और अंदर डाल दिया। तभी अचानक मेरा हाथ उसके स्तनों पर लग गया और और वो एकदम से चौंक गई।
मैंने कहा- क्या हुआ?
वो बोली- कुछ नहीं !
मुझे तो मज़ा आ गया उसके स्तनों को छूकर ! मेरा तो मन कर रहा था कि एक बार ज़ोर से दबा दूं ! लेकिन मैंने तब ऐसा नहीं किया और मैंने कीड़ा निकाल कर अपना हाथ बाहर कर कर लिया !
फिर वो थोड़ी देर तक शांत बैठी रही, मैंने सोचा कि शायद वो मुझसे नाराज़ हो गई है ! हमारा खाना आया तो हम खाना खाकर वापस आकर बस में बैठ गये।
थोड़ी देर के बाद बस चली ! उसे नींद आने लगी और मैं सोच रहा थी कि वो अभी भी मुझसे नाराज़ है।
वो सोते सोते मेरे कंधे पर आ गई, मैंने भी उसे जगाया नहीं, उसे सोने दिया। मैं तो उसके वक्ष के उभारों को देख रहा था और सोच रहा था कि कैसे ये दबाने को मिलसकते हैं !
मेरा मूड खराब हो गया, मैंने हिम्मत करके उसके उरोजों को धीरे से छू लिया। वो अभी भी सो रही थी तो मैंने सोचा की शायद ज़्यादा गहरी नींद में सो रही है, मैं धीरे धीरे उसके मम्में सहलाता रहा। तभी अचानक उसने अपना हाथ मेरे लण्ड के ऊपर रख दिया।
मैंने सोचा कि वो नींद में होगी, अचानक बस में धक्का लगने से आ गया होगा। मैंने उसका हाथ वहीं रखा रहने दिया, मैं उसके मम्में सहलाता रहा !
कुछ देर के बाद मेरा लण्ड खड़ा होने लगा तो मैंने सोचा कि अगर यह जाग गई तो क्या सोचेगी, मैंने उसका हाथ हटा दिया और मैं भी थोड़ी देर शांत बैठा ताकि मेरा लंड भी शांत हो जाए। लेकिन तभी अचानक बस में धक्का लगा और उसका हाथ फिर से मेरे लौड़े के उभार पर आकर गिर गया ! मेरा लिंग फिर से खड़ा होने लगा ! मैंने फिर से उसका हाथ हटाने के लिए जैसे पकड़ा तभी अचानक वो बोली- क्यूँ हाथ हटा रहे हो मेरा बार बार? जब तुम मेरे मम्में सहला रहे थे तब मैंने तुम्हारा हाथ तो नहीं हटाया था !
इतना कहने के बाद उसने मेरे लण्ड को बहुत जोर से पकड़ लिया !
मैं चुपचाप बैठा रहा ! फिर थोड़ी देर बाद मैंने जैसे ही उसके मम्में सहलाने का प्रयास किया वो बोली- नहीं अभी केवल मैं ही करूँगी ! उसने मेरे लण्ड को मेरी पैंट की चेन खोलकर बाहर निकाल दिया और ज़ोर ज़ोर से दबाने लगी। मुझसे रहा नहीं जा रहा था, मन तो कर रहा था कि डाल दूँ इसकी चूत में अपना लण्ड अभी ! लेकिन बस में कैसे कर पाता !
फिर उसने मेरे लण्ड को अपने मुँह में ले लिया और अंदर-बाहर करने लगी, मैं थोड़ी ही देर में झड़ गया !
उसने मेरा पूरा मसाला अपनी मुँह में ही ले लिया ! फिर बोली- तू कितनी जल्दी झड़ गया रे? थोड़ी देर रुक नहीं सकता था क्या?
मैंने कहा- पहली बार किसी ने मेरे साथ ऐसा किया, इसलिए जल्दी झड़ गया !
फिर वो बोली- दूसरी बार में कितनी देर में झड़ेगा तेरा?
मैंने कहा- मुझे अभी से क्या मालूम?
और फिर मैंने उसके दूध बहुत देर तक दबाए क्योंकि मैं पहली बार किसी के दूध दबा रहा था इसलिए मैंने बहुत जोर उसके दूध दबा दिए।
वो बोली- तोड़ डालोगे क्या?
मैंने कहा- आज तो तेरे मैं तोड़ ही डालूँगा !
वो बोली- दर्द होता है, आराम से करो !
मैंने कहा- ठीक है !
मैं उसके दूध दबा रहा था और वो मेरे लण्ड से खेल रही थी। तभी अचानक से बस रुक गई तो मैंने सोचा कि पता नहीं क्या हुआ, बस यहाँ क्यूँ रुक गई, यहाँ पर ना तो कोई स्टॉप है और ना ही कोई सवारी है उतरने वाली !
तभी पता चला कि बस खराब हो गई है !
फिर हम दोनों थोड़ी देर तक शांति से बैठकर बातें करते रहे। रागिनी ने बात करते हुए मेरा हाथ पकड़ा और अपनी सलवार के अंदर डाल दिया ! मैंने अंदर हाथ डाला तो महसूस किया कि उसकी झांटें ज़्यादा बड़ी नहीं थी। मैंने धीरे धीरे अपने हाथ को आगे बढ़ाया और अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल दिया, उसकी चूत पानी-पानी हो रही थी।
मैंने कहा- तुमने क्या शूशू कर दी है?
वो बोली- नहीं तो ! नहीं की है क्यूँ?
उसने मुझसे पूछा !
मैंने उससे कहा- तुम्हारी चूत तो पूरी गीली है इसलिए मैंने पूछा !
वो हंसी पर कुछ नहीं बोली ! यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।
फिर काफ़ी देर तक मैं उसके उंगली करता रहा और वो मेरे लण्ड को खिलाती रही। थोड़ी देर के बाद बस सही हो गई और चल पड़ी।
वो बोली- काश बस और थोड़ी देर तक खड़ी रहती !
मैंने उससे कहा- क्यूँ? तुम्हें घर नहीं जाना है क्या?
वो बोली- जाकर क्या करना है वहाँ? जाकर फिर से वही रोज का काम !
फिर हम दोनों बातें करते करते सो गये !
सुबह हो गई थी, अब हम कानपुर पहुँचने वाले थे, तब उसने मुझे अपना मोबाइल नंबर दिया और मेरा लिया।
मैं कानपुर में उतर गया और वो बस में ही बैठी रही।
दोस्तो, इसके आगे की कहानी मैं आपको अगली कहानी में बताऊँगा !
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी, बताइएगा ज़रूर !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000