मेघा की मस्ती

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प्रेषक : बबलू

हेलो दोस्तो,

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार,

एक बार की बात हैं मैं रात के करीब दो बज रहे होंगे, मैं चैटिंग कर रहा था ! मुझे मेघा नाम की एक लड़की ऑनलाइन लड़की ऑनलाइन मिली, मैंने ही उसे चाट करने के लिए ऑफर किया था !

मैं- हाय !

मेघा- हेलो !

मैं- asl?

मेघा- f-36

मैं- location?

मेघा- नागपुर

मैं- मैं भी नागपुर में रहता हूँ !

मेघा- तो बताओ अपने बारे में !

मैं- m-27

मेघा- ओके ! नाम? और क्या करते हो?

मैं- बबलू, वर्किंग !

मेघा- तुम कैसे दीखते हो?

मैं- मेरा प्रोफाइल देख लो !

मेघा- रात के 2 बज रहे हैं।

मैं- हाँ, ऑफिस का काम कर रहा था, वैसे भी कल रविवार है न?

मेघा- सब काम अभी कर लोगे तो कल क्या करोगे?

मैं- सोऊँगा !

मेघा- तो सारा दिन सोते हो क्या?

मैं- हाँ, सिर्फ दिन में !

मेघा- गर्लफ्रेंड है?

मैं- हाँ है न?

मेघा- कितनी?

मैं- एक

मेघा- सेक्स कितनी बार किया है?

मैं- गिनती नहीं किया?

मेघा- ड्रिंक का शौक है?

मैं- सब कुछ मेरे बारे में ही पूछोगी या अपने बारे में भी बताओगी?

मेघा- नहीं, पहले तुम नहीं तो बाय बाय !

मैं- अच्छा ठीक है, बोलो !

मेघा- ड्रिंक करते हो या नहीं?

मैं- ज्यादा नहीं, एक पैग या डेढ़ पैग उसके ऊपर नहीं !

मेघा- चढ़ जाती है क्या?

मैं- ऐसा कभी नहीं हुआ !

मेघा- मोबाइल नंबर दो?

मैं- ***

मैंने अपना नंबर दे दिया !

मेघा- अब पूछो तुम्हें क्या पूछना है?

मैं- अपने बारे में बताओ न?

मेघा- क्या बताऊँ?

मादरचोद, भाव खा रही थी।

मैं- बॉयफ़्रेंड है?

मेघा- नहीं, मैं शादीशुदा हूँ !

मैं- मेरा नंबर क्यों लिया !

मेघा- ऐसे ही !

मैं- अपने पति के अलावा और कितने लोगों के साथ सेक्स किया है?

मेघा- मैंने भी गिनती नहीं की है !

मैं- आपके पति को पता है इसके बारे में?

मेघा- नहीं !

मैं- मेरे साथ सेक्स करोगी?

मेघा- नहीं ! बाय !

मादरचोद ऑफ़लाइन हो गई ! मैंने सोचा थोड़ी देर और बात कर लेती तो क्या कंप्यूटर में घुस कर चोद लेता? सारा मूड खराब कर दिया ! फिर मैंने कंप्यूटर बंद किया और लंड पकड़कर सो गया ! मादरचोद से अच्छी खासी बातचीत हो रही थी !

मैं जब दूसरे दिन करीब 12 बजे सोकर उठा, मैं सोच रहा था कि आज क्या किया जाये?

तभी मेरा मोबाइल बजने लगा, मैंने फोन उठाया…

मैं- हेलो !

मेघा- सो कर उठ गए?

मैं- कौन?

मेघा- तुम्हारे लिए मेघा, इस ज्यादा तो कुछ नहीं जानना है न?

मैं- जानना है न !

मेघा- अपना पता मैसेज कर रही हूँ, पहुँच कर कॉल करना !

मैं- ठीक है !

मैंने सोचा कि तब तक मैं फ्रेश हो जाता हूँ, तो मैं नहा धोकर तैयार हो गया, मोबाइल में मैसेज आ चुका था, वो एक वाइन शॉप का पता था ! मैंने सोचा कि मुझे कहीं यह मूर्ख तो नहीं बना रही है? चलो मूर्ख ही बन कर देखते हैं ! आगे क्या होने वाला था, मैं यह जानता ही नहीं था !

मैं अपनी बाइक से 40-45 मिनट में उस वाइन शॉप के पास पहुँचा ! सही बताऊँ दोस्तो, मेरी फट भी रही थी कि कोई मुझे फंसा तो नहीं रहा है !

फिर मैंने मेघा को कॉल किया… मेघा ने कॉल उठाया !

मेघा- हाँ, पहुँच गए?

मैं- अब कहाँ आना है?

मेघा- अभी नहीं !

मेरी तो झांटें जैसे सुलग गई हों।

मैं- क्यों?

मेघा- मेरी कुछ गेस्ट आये हैं, उनके जाते ही मैं कॉल करती हूँ।

मैं- मैं रुकूँ या जाऊँ?

मेघा- तुम थोड़ा तो रुको यार, इन्तज़ार में भी तो मजा है !

मैं- ठीक है, मैं एक-डेढ़ घंटा रुकता हूँ !

मेघा- ओके बाय !

मैं- बाय !

उसने फोन काट दिया।

अब क्या करूँ? मैं समझ गया लेकिन अपने मायूस लवडे को कैसे समझाऊँ? मैंने सोचा कि किसी रेस्टोरेंट में बैठ कर टाइम पास किया जाये, मैंने अपनी बाइक स्टार्ट किया और चल दिया, थोड़ी दूर पर मेरी नजर एक बार पर पड़ी, पता नहीं मैं क्या सोचकर उस बार में बैठ गया ! मैंने एक पैग व्हिस्की आर्डर की खाने के लिए कुछ स्नैक्स भी मंगा लिए और मेरा बढ़िया टाइम पास हो रहा था ! शाम सात बज रहे थे कि तभी मेघा का फोन आया…

मैं- हाँ बोलो और कितना रुकना है?

मेघा- पहले यह बताओ कि तुम कहाँ हो?

मैं- मैं यहीं पर हूँ !

मेघा- तुम्हारे पास कितने पैसे हैं?

मैं- क्यों?

मैंने सोचा कि कहीं धंधे वाली तो नहीं है?

मेघा- दो बियर लेकर आना !

मैं हैरान था, शायद इसलिए ही पूछ रही होगी कि ड्रिंक करते हो क्या।

मैं- वो तो मैं ले लूँगा लेकिन आना कहाँ है?

मेघा- यहीं पर *** अपार्टमेंट है, सफेद बिल्डिंग थर्ड फ्लोर !

मैं- लेकिन मैं तुम्हें पहचानूँगा कैसे?

मेघा- तुम अपने कपड़ों का रंग बताओ, मैं तुम्हें पहचान लूँगी !

मैं- मैंने ब्लू जींस पिंक लाइन वाली व्हाईट शर्ट पहनी हैं !

मेघा- अपार्टमेंट में लिफ्ट से आना !

मैं- लेकिन किसी ने पूछा…

इतना ही कहा था।

मेघा- फ़िक्र मत करो, यहाँ कोई सिक्योरिटी नहीं हैं, तुम बिंदास चले आओ !

मैं- ठीक 10 मिनट में पहुँच रहा हूँ !

बस फिर क्या था? मैंने अपना ड्रिंक खत्म किया और उसी वाइन शॉप पर पहुँचा और दो बियर पार्सल ली, ढूँढते-ढूंढते थोड़ी देर में ही उसके बताए हुए अपार्टमेंट में पहुँचा, मैंने किसी पूछना उचित नहीं समझा, मैं लिफ्ट से तीसरी मंजिल पर पहुँचा, वहाँ पर एक ही दरवाजा था तो मैंने घण्टी नहीं बजाई, मेरी धड़कने तेज हो रही थी !

मैंने मेघा को कॉल किया और कहा- मैं दरवाजे पर खडा हूँ !

थोड़ी देर में दरवाज़ा खुला, एक सांवली औरत जिसने सफ़ेद गाउन पहना था, जैसे उसने कहा- ‘कौन?’ मैं तो जैसे हिल गया, मैं डरा नहीं और कहा- इस पते पर इस पार्सल (जिस में बियर थी) का आर्डर था !

मुस्कुराते हुए पार्सल ले लिया और कहा- काफी स्मार्ट हो, अंदर आ जाओ, मैं ही मेघा हूँ !

मैं- यहाँ आप अकेले रहती हो?

मैं सोफे पर ही बैठ गया और मेघा को देख रहा था। हजारों कहानियाँ हैं अन्तर्वासना डॉट कॉम पर !

मेघा- नहीं, आज कोई घर में नहीं है !

बियर लेकर वो अंदर चली गई इस बार मैं उसे पीछे से देख रहा था !

कमाल का शरीर था, पूरा कसा हुआ ! मैं उसके घर को देख रहा था कि अचानक मेरी नजर उसके परिवार की फोटो पर गई !

बीच में शायद उसका 10-12 साल का बेटा होगा और बाजू में उसका पति होगा !

तभी मेघा आ गई, उसके हाथ में ट्रे थी, जिसमें बियर की दोनों बोतलें और पकोड़े थे, आई और मेरे पास बाजू में बैठ गई !

मैं- काफी मूड में दिख रही हो !

मैं उसकी जांघ पर हाथ रखते हुए बोला !

मेघा- फिलहाल तो ड्रिंक का मजा लो बच्चे !

मैं चौंक गया, मादरचोद मुझे बच्चा कह रही है, जब लंड डालूँगा, तब पता चलेगा यह बच्चा क्या चीज है?

मैंने चुपचाप बीयर उठाई और पीना शुरू किया !मुझे बियर का स्वाद कुछ अलग ही लग रहा था, शायद व्हिस्की का असर हो।

तभी मेघा ने कहा- आराम से पियो जानू, अभी तो पूरी रात बाकी है !

मैं- क्या?

मेघा- जल्दी है क्या?

मैं- नहीं !

मेघा- तो फिर आराम से मजा लो न बियर का !

मेघा मेरी गोद में बैठ गई।

मैं- क्या इसमें भी मजा है?

मेरा मुँह उसके बूब्स के पास था, सहलाते हुए !

मेघा- शरारती लोग मुझे बहुत पसंद हैं !

मेघा के एक हाथ में बीयर और दूसरा हाथ मेरे लंड पर था, हम दोनों ही जवानी का भरपूर मजा लेना चाहते थे !उफ़ यह ठंडा मौसम और जवानी का जोश अब तो मुझे नशा चढ़ने लगा था, शराब का और शवाब का भी ! मैंने आधी ही बियर पी थी बाकि मैंने सामने मेज पर रख दी क्योंकि मैं गर्म हो चुका था, मैं और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकता था, मैंने अपने आप को मेघा से अलग किया और उसे सोफे पर बैठा दिया !

मेघा- क्यों, क्या हुआ?

अचानक मेघा ने कहा।

मैं- कुछ नहीं जानेमन !

मेघा- मजा तो अभी बाकी है न?

मैं- शुरू करें?

मेघा- मुझे तो पीने दो? मैं बहुत दिनों के बाद पी रही हूँ !

मैं- ठीक है, तुम पीने का मजा लो, मैं अपना मजा लेता हूँ !

मैं मेघा के सामने बैठ गया और उसका गाउन उठाया और घुस गया उसकी लाल-लाल चड्डी उसके आजू-बाजू में चूतत की दोनों दीवारें झांक रही थी, मैंने अपने दाँतों से उसकी पैंटी पकड़ कर नीचे सरकाना शुरू किया, कि तभी मेघा ने अपने चूतड़ थोड़े उठा दिए, शायद वो भी यही चाहती थी कि मैं उसकी पैंटी उतार दूँ।

बस फिर क्या था, मैंने धीरे धीरे उसे नंगा करना शुरू कर दिया और उसे उठा कर उसके बेडरूम में गया !

मैंने मेघा को उसके बेड पर लिटा दिया और बेडरूम का ऐसी ऑन कर दिया ! उसके स्तन बहुत ही मस्त लग रहे थे ! मैंने उसके स्तनों को धीरे धीरे से दबाना शुरू किया, उसके मुख से सिसकारियाँ निकलने लगी थी !

मैंने कहा- काफी टाईट हैं !

मेघा- थोड़ा धीरे दबाओ न, तुम्हारे हाथ बहुत सख्त हैं !

मैं- फ़िक्र मत करो, मेरा लंड इससे भी सख्त है !

वो मना करने लगी पर मैंने उसे छोड़ा नहीं।मैं उसे चूमते-चूमते उसके स्तन दबाने लगा और वो कुछ अजीब सी आवाजें निकाल रही थी- आह आ उह्ह !

मैं उसकी आवाज सुन कर और गर्म हो गया। फिर मैंने उसके चूचों को चूसना शुरु किया तो मेघा ने अपनी दोनों टांगों से मेरी कमर जकड़ ली। हम एक दूसरे को चूमने लगे और उसने भी मेरी शर्ट उतार दी !

मैं समझ गया कि मेघा अब भी गर्म हो चुकी थी ! मेघा ऐसे तड़प रही थी मानो कई दिनों से चुदी न हो !

उसे देख कर तो मैं पागल सा हो गया और मेरा लंड तो जैसे फटने वाला हो गया हो !

मैं समझ गया कि मेघा ने बियर में जरूर कुछ न कुछ मिलाया है।

अचानक मेघा बोली- तुम भी अपने कपड़े उतारो ना !

मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए और उसकी चूत को अपनी जीभ से चाटने लगा तो उसे मजा आने लगा !

थोड़ी देर में मैंने अपना लंड मेघा के मुँह में दे दिया उसे चूसने को ! मेघा मेरा लंड के सुपारे को धीरे धीरे चूसने लगी !

मैं बता नहीं सकता कि कितना मजा आ रहा था ! कुछ देर बाद उसकी टाँगें चौड़ी करने बाद मैंने अपना लण्ड उसकी चूत पर रखा और धीरे से एक धक्का मारा तो मेरा सुपारा उसकी चूत में अंदर चला गया। एक दो धक्के और दिए और पूरा लंड मेघा की फ़ुद्दी की बरसात लूट रहा था !

मैं धक्के पर धक्का मार रहा था, मेघा ने चुदते हुए कहा- मेरा पति सेक्स में बिल्कुल निकम्मा है, वो तो अपना सामान डालते पानी छोड़ देता है ! उसकी सेक्स में कोई दिलचस्पी नहीं होती, महीने दो महीनों एक बार ही करता है !

मैंने कहा- फ़िक्र मत करो, मेघा कब से इस प्यासी चूत में लण्ड की एक बूँद नहीं गिरी, लेकिन आज यहाँ पर सैलाब आएगा !

मेघा– अच्छा ! वो सारा सैलाब मैं पी जाऊँगी !

मैं तो खुश हो गया, आज यह मेरा पानी पिएगी जो मैंने आज तक किसी को भी नहीं पिलाया है।

फिर मैंने पोजीशन बदली, मैंने मेघा को घोड़ी बनाया मेघा की गांड का छेद बिल्कुल लाल था जबकि मैंने इससे पहले जितने भी देखे काले ही देखे !

मैंने सोचा कि गांड मारते हैं लेकिन यह गांड नहीं मरवाती होंगी तो? छोड़ो, चूत में भी तो मजा आ रहा है ! मैंने मेघा की चूत में लंड डाला और शुरू हो गया।

दस से बारह मिनट हो गए होंगे, मेरा पानी आने का नाम ही नहीं ले रहा था !

मैंने अपना लंड मेघा की चूत से निकाल लिया और मेघा के सामने बैठ गया !

मैंने मेघा से कहा- मेघा, बियर में क्या मिलाया था?

मेघा- कुछ भी तो नहीं !

मैं- मेघा, प्लीज़ साफ़ साफ़ बोलो?

मेघा- थोड़ी भांग, लेकिन तुम्हें तो असर ही नहीं हुआ !

मैंने मुस्कुराते हुए पूछा- अब मुझे गांड मारनी है !

मेघा- नहीं–नहीं ! बहुत दर्द होता है ! कॉलेज में मरवाती थी लेकिन अब नहीं !

मैं- धीरे धीरे करूँगा !

मेघा- प्रोमिस?

मैं- हाँ !

मैंने फिर मेघा को उलटा लिटा कर उसकी दोनों टांगों बेड से उतार दिया और उसकी दोनों टांगों को फैला दिया, फिर मैंने उसकी गांड के छेद में थूक लगाना शुरू किया ताकि लंड अंदर डालने में जोर न लगाना पड़े, थूक लगाते हुए अपनी उंगली को भी मेघा की गांड में अंदर-बाहर कर रहा था कि तभी मेघा बोली- ऊँगली डाली है या लोहे का सरिया?

मैंने कहा- न उंगली हैं ना सरिया, यह तो मेरा लंड है !

वो हंसने लगी, फिर मैंने अपना लंड मेघा की गांड पर रखा और धक्का मारा तो मेरा आधा लण्ड अन्दर चला गया और वो इतनी जोर से चिल्लाई कि मैं तो डर गया !

मैंने तुरंत उसका मुँह बंद किया और कहा- मेघा डार्लिंग, अभी तो सुपारा ही गया है और पूरा लण्ड बाकी है !

मेघा- नहीं, प्लीज़ बाहर निकालो ! मुझे बहुत दर्द हो रहा है !

मैं- कुछ नहीं होगा, थोड़ा ही दर्द होगा ! फिर मजा ही मजा आएगा !

मेरा लंड मेघा की गांड में ही था ! मैंने फिर धीरे से एक धक्का मारा तो मेरा पूरा लण्ड उसकी गांड में चला गया, मैं धीरे धीरे धक्के मारने लगा !

कुछ देर बाद उसे भी मजा आने लगा और वो भी अपनी गांड आगे पीछे करने लगी जिससे मेरा मजा दुगुना हो गया।मेघा की गांड मारने का अलग ही मजा आ रहा था, काफी देर के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है !

मैं- मेघा !

मेघा- हाँ !

मैं- मेरा पानी गिरने वाला है, मुँह खोल कर रखो !

मेघा- गांड वाले लंड का पानी मैं मुँह में नहीं लूंगी ! अपना पानी मेरी गांड या चूत में डाल दो !

मैंने अपना सारा पानी मेघा की गांड में छोड़ दिया !

करीब डेढ़ घंटे के इस खेल के बाद मैं काफी थक गया था लेकिन मन तो भरा ही नहीं था, मेघा और मैं बेड पर लेटे थे, मैंने कहा- मेघा, तुम अपने पति को भी भांग देकर मजा ले सकती हो?

मेघा- तीन बार दूध में मिलाकर पिलाया भी, मगर पीने के बाद सो ही जाता है ! फिर क्या आलतू फ़ालतू चीजों से कब तक काम चलेगा?

मैं- कभी कोक-पेप्सी की बोतल से काम लिया है?

मेघा हंसते हुए- हाँ !

मैं- पेप्सी, कोला सब बकवास, मर्द का लंड ही बुझाये असली प्यास !

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