This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : महेश शर्मा
मैं अतिथि-कक्ष में पहुँचा तो देखा कि चाची बैड के बाएँ ओर लेटी हुई है और उसके गाउन के ऊपर के और नीचे के दो दो बटन खुले हुए थे, गाउन में से उनके गोरे वक्ष के बीच की गहरी घाटी तथा उसकी चिकनी टांगें साफ दिखाई दे रही थी !
चाची को इस अवस्था में लेटे देख कर पहले तो मैं थोड़ा झिझका लेकिन फिर मैं बैड के दाएँ ओर जा कर लेट गया। मेरे लेटते ही चाची ने मेरी ओर करवट कर ली और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे थोड़ा अपने नज़दीक खींच लिया, वे बाजार में की हुई खरीदारी के बारे में बातें करने लगीं !
बातों-बातों में चाची ने एक टांग ऊंची करके खड़ी कर ली जिससे उसका गाउन उस पर से सरक गया और उसकी गोरे रंग की जांघें दिखने लगी।
यह देख कर मेरा ध्यान बातों से हट कर उन गोरी चिट्टी सुडौल जाँघों की ओर चला गया तथा चाची क्या बोले जा रही रही थी, मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था !
मैं उन चिकनी जाँघों को देखने में इतना मस्त था कि जब चाची ने मेरी बाजू पकड़ कर जोर झिंझोड़ कर पूछा ‘कहाँ गुम हो गए?’
तब मेरे मुख से आकस्मात निकल गया कि ‘मैं आपकी जाँघों में गुम हो गया था!’
लेकिन जैसे ही मुझे होश आया तो मैं चाची की ओर देखा और अपनी कही बात के लिए उससे क्षमा मांगने लगा।
मेरी बात सुन चाची जोर से हँसने लगी और बोली- क्षमा मांगने की कोई जरूरत नहीं, तुम अभी तक गुम कहाँ हुए हो, हाँ शायद जल्द ही मेरी जांघों के बीच में तुम्हारा कुछ तो ज़रूर गुम होने वाला है !
फिर चाची ने मेरे चेहरे को अपने दोनों हाथों के बीच में पकड़ लिया और अपने होंठ मेरे होंठों पर रख कर एक लंबा सा चुम्बन किया ! कुछ क्षणों के बाद चाची अलग हुई और अपने गाऊन को थोड़ा ठीक करती हुई बोली- मेनका के ऐसे दृश्य देख कर महार्षि विश्वामित्र भी विचलित हो गए थे, तुम क्या चीज़ हो !
मैं चाची की मंशा को समझ गया था और मेरी भी उसके साथ यौन सम्बन्ध करने की इच्छा को जल्द ही पूरा होने की आशा से मैं उनका साथ देने लगा, जैसे वे कहती जाती, वैसे ही मैं करने लगा था।
चाची ने मुझे अपने पास खींच लिया और मेरा एक हाथ पकड़ कर अपने गाउन के अंदर अपने एक स्तन पर रख दिया और धीरे से मेरे कान में उसे दबाने के लिए कहा।
जब मैंने स्तन को दबाया तो वे ऊई ईई… करती हुई चिल्ला उठी और कहा- इतनी जोर से दबाने से दर्द होता है, थोड़ा सहज दबा !
मैंने अपना दूसरा हाथ भी गाउन के अंदर डालने की इच्छा ज़ाहिर की तो चाची ने गाउन के नाभि तक के सारे बटन खोल दिए जिससे मुझे चाची के दूसरे स्तन को पकड़ने में भी कोई बाधा ना हो। मैंने चाची के दोनों स्तनों को पकड़ लिया और सहज रूप से दबाने लगा, तब चाची आनन्दित स्वर में आह्ह… आह्ह… करने लगी। फिर चाची ने मुझे स्तनों के ऊपर चुचूकों को उंगली और अंगूठे में लेकर मसलने को कहा। जब मैंने उसके कहे अनुसार चूचकों को मसला तो वे बहुत ही आनन्दित स्वर में आह्ह… आह… की आवाजें निकालने लगी और उन्होंने अपने गाउन के बाकी बचे हुए बटन भी खोल कर अपने बदन के सामने का हिस्सा बिल्कुल नंगा कर दिया।
चाची के गोल, सख्त और ठोस स्तन, उनका सपाट पेट, उनकी गोरी पतली कमर तथा नाभि, उनकी योनिस्थल पर उगे हुए काले बाल बहुत ही मनमोहक लग रहे थे ! उसकी दोनों जाँघों के बीच में अपने होंठ खोले हुई गुलाबी चूत मुझे उसमे अपने लौड़े को गुम करने का खुला निमंत्रण दे रही थी !
मैं चाची के स्तन मसलते हुए जब उसके होंठों के चूसने लगा तो उन्होंने अपनी जीभ मेरे मुँह में डाल दी और मुझे चूसने दी। मुझे चाची का ऐसा करना बहुत ही अच्छा लगा और मैंने भी अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी, जिसे उसने झट से ग्रहण की और कस के चूसने लगी !
लगभग दस मिनट के बाद जब हम दोनों अलग हुए तब चाची ने उठ कर अपना गाउन उतार दिया और मेरे भी सारे कपड़े उतारने में मेरी सहायता की तथा हम दोनों बिल्कुल नग्न हो कर एक दूसरे से लिपट कर लेट गए। फिर चाची ने मेरे सिर को पकड़ कर अपने स्तनों पर झुका दिया और एक चूचुक को मेरे मुँह में घुसा कर मुझे चूसने को कहा। मैंने चाची के कहे अनुसार उसकी दोनों चूचुकों को बारी बारी चूसने लगा तब चाची के मुख से बहुत ही आनन्दित स्वर में आह… आह्ह… की आवाजें निकालने लगी तथा वह मेरे सिर और माथे को बार बार चूमने लगी।
पाँच मिनट के बाद जब चाची को अपनी जाँघों पर मेरे खड़े हुए सख्त लौड़े की चुभन का बोध हुआ तो उसने अपना दायाँ हाथ बढ़ा कर उसे पकड़ लिया और आहिस्ते आहिस्ते मसलने लगी। मैं भी अपने दाहिने हाथ से चाची की जाँघों के बीच के बालों को सहलाने लगा तो चाची ने दोनों टाँगें चौड़ी कर मेरे हाथ को अपनी चूत के होंठों पर व उनके अंदर फेरने की सहमति दे दी।
मैं चाची के स्तनों को चूसने और चूत को सहलाने में व्यस्त था, जब चाची को उसके हाथ में मेरे लौड़े के छिद्र पर पूर्व-रस का कुछ गीलापन महसूस हुआ तो उसने मुझे अलग किया तथा उठ कर बैठ गई और मेरे लौड़े को अपने मुँह में डाल कर चूसने लगी। मैंने भी अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और उन्हें अंदर बाहर करने लगा तो वह बेचैन होने लगी और मुझे वैसा करने से मना किया। तब मैंने चाची को पकड़ कर सीधा लिटाया और पलटी हो कर अपना लौड़ा उसके मुख में दे दिया और उसकी चूत पर अपना मुख रख दिया और उसे चूसने लगा। चाची भी शायद यही चाहती थी इसलिए वह बड़े जोश से मेरे लौड़े को चूसने लगी। मैं भी उसकी चूत के होंटों को खोल कर अपनी जीभ को उसके अंदर बाहर करने लगा और बीच बीच में उसके भग-शिश्न को भी अपनी जीभ से सहला देता था। जब भी मैं उसके भग-शिश्न को सहलाता तो वह लौड़ा मुँह में होने के कारण दबे स्वर में ऊंहूंहूंहूं… ऊंहूंहूंहूं… ऊंहूंहूंहूं… की आवाजें ही निकाल पाती !
लगभग दस मिनट की इस क्रिया के बाद चाची ने लौड़े को मुख से बाहर निकाल कर बहुत जोर के स्वर में आहह… आह्हह्ह… आह… करती हुई मेरे सिर को अपनी जाघों में जकड़ लिया तथा अपने नितम्बों को ऊपर उठा कर मेरे मुँह में अपने पानी की फुहार छोड़ दी। उस फुहार से मेरा चेहरा तो गीला हो गया था और मैं उस स्वादिष्ट पानी से अपनी प्यास बुझाने में मस्त रहा और चाची की चूत को चाटता तथा चूसता रहा।
अगले दो मिनट के बाद जब चाची की फुहार दुबारा निकली तब उन्होंने मुझसे कहा कि अब उनसे और बरदाश्त नहीं हो रहा और उन्होंने मुझे उसके साथ सम्भोग करने को कहा।
मैं उसकी बात को मानते हुए उसके ऊपर से हट कर सीधा हुआ और उसकी टांगों के बीच में जैसे ही बैठा, तभी चाची ने टांगों को कुछ सिकोड़ लिया और कामसूत्र कंडोम का पैकेट मुझे थमा कर उसे अपने लौड़े पर चढ़ाने को कहा। मैंने एक कंडोम निकाल कर लौड़े पर चढ़ा लिया और बाकी के चाची को वापिस कर दिए।
तब चाची ने अपनी टाँगें पूरी तरह चौड़ी कर दी और अपने हाथों से अपनी चूत का मुँह खोल कर मुझे उसने लौड़ा डालने का न्योता दे दिया।
मैं चाची की उस खुली हुई चूत को देख कर बहुत ही उत्तेजित हो गया और झट से लौड़े को उसके मुँह के ऊपर रखा और धक्का दे दिया। धक्का थोड़ा ज़ोरदार था इसलिए शायद चाची को बहुत दर्द हुआ था क्योंकि वह ऊई ईईई… ऊईई ई ईई… ऊई ईमाँ… ऊई ई ईई ईईमाँ… करती हुई चिल्लाने लगी और बोल उठी- क्या कर रहे हो? फाड़ दोगे क्या? मैं कहीं भागी तो नहीं जा रही हूँ !
मैं वहीं का वहीं रुक गया, तब चाची ने मुझसे कहा, जताया कि उसने तो यौन क्रीड़ा का आनन्द देने के लिए कहा था, चूत को फाड़ने के लिए नहीं कहा था।
मैंने चाची से क्षमा मांगी और उसके कहने पर ही धीरे से फिर धक्का लगाया, लेकिन इस बार भी धक्का तीव्र ही था इसलिए मेरा लौड़ा चूत को चीरता हुआ पूरा का पूरा अंदर गुम हो गया था। चाची तो बिन पानी मछली की तरह तड़पने लगी और जोर जोर से चिल्लाने लगी आह्ह… आह्ह्ह… ऊई ईईईई… ऊई ई ई ईई… ऊई ईई ईमाँ आआ… ऊई ई ईई ईईमाँ… मर रर… गई ईइ माँआ… हाई माँ मेरी फट गई माँ !
मैं थोड़ी देर के लिए उसी अवस्था में थम गया, तभी मुझे अपने टट्टों पर गीलापन महसूस हुआ और जब मैंने हाथ लगा कर देखा तो पाया कि चाची की चूत में से खून निकल रहा था। अगले पांच मिनट मैं बिल्कुल चुपचाप चाची के ऊपर लेटा रहा तथा चाची को कुछ भी नहीं बताया !उनकी स्थिति सामान्य होने के बाद ही मैंने हिलना शुरू किया और अपने लौड़े को उसकी चूत के अंदर बाहर करने लगा। दस मिनट तक सौम्य धक्के देने पर मैंने देखा कि चाची को यौन क्रीड़ा का आनन्द आ रहा था ! चाची ने इन दस मिनट में दो बार पानी की फुहार छोड़ी और मेरे धक्कों का बराबर उछल उछल कर आह… आह्ह.. तथा ऊन्ह ह्ह… ऊन्ह्ह्ह ह्ह… करती हुई अपने आनन्द का प्रदर्शन भी करती रही।
चाची के आनन्द में वृद्धि के लिए मैंने तीव्र गति से धक्के लगाने शुरू कर दिए और ऊंह हूंहूं… ऊंहूंहूंहूं… ऊंहूंहूंहूं… की आवाजें निकलता हुआ उछल उछल कर मैथुन क्रिया करने लगा !
चाची का आनन्द इतना बढ़ गया कि वे बहुत ही जोर से चिल्लाने लगी- आह्ह… आह्हह… आह… और तेज, और तेज, जोर लगा के, उंह… आह… उनह्हह… आह्ह्ह…!
मैं चाची की इन आवाजों से बहुत उत्तेजित हो गया और पुरजोर धक्के मारने लगा। एक धक्का तो इतनी जोर से लगा कि मेरा लौड़ा जैसे चाची की बच्चे-दानी में घुस गया और उसकी रगड़ से कंडोम फट गया। चाची को शायद पता ही नहीं चला और वह उसी तरह रगड़ाई का आनन्द लेती रही !
मैंने भी इस बारे में चाची से कुछ नहीं कहा और अगले दस मिनट उन्हें उसी तरह चोदता रहा। यह कहानी आप अन्तर्वासना.कॉम पर पढ़ रहे हैं।
दस मिनट की अवधि समाप्त होते ही चाची ने एक बहुत ही जोर का उछाल लिया और पूरा बदन अकड़ा लिया !
उसकी आह… आह्ह…. आह्ह… आह्ह्हह ह्ह… की तेज आवाज़ के साथ ही उनकी चूत में बहुत ही ज़बरदस्त खिंचाव हुआ ! उन्होंने मेरे लौड़े को जकड़ कर जब अंदर की ओर खींचा, तब मुझे ऐसा लगा कि मेरा लौड़ा टूट कर उसकी चूत में ही घुस जाएगा। इसके बाद चाची की चूत में से पानी की एक फुहार निकली और ऐसा लगा कि चूत में बाढ़ आ गई हो !
मैं भी उस समय उत्तेजना की चरम सीमा पर पहुँच चुका था इसलिए मैंने भी आह… आह्ह… की आवाज़ निकालते हुए अपना वीर्य स्खलन चाची की योनि गुहा में कर दिया। जब चाची को चूत के अंदर मेरे वीर्य की गर्मी महसूस हुई तो चौंक पड़ी और झट से मुझे धक्का देकर अलग किया और अपने हाथ चूत पर लगा कर देखने लगी।
उन्होंने जब अपने पानी, मेरे वीर्य और खून का मिश्रण देखा तो चिल्लाने लगी- यह क्या किया तूने, मैंने तुझे कंडोम पहनने को कहा था, फिर भी तूने बिना पहने ही यह सब किया और सारा रस मेरे अंदर ही डाल दिया ! अब अगर मैं पेट से हो गई तो तेरे चाचा को क्या कहूँगी?
मैंने तुरन्त चाची को अपना लौड़ा दिखाया जिस पर फटा हुआ कंडोम चढ़ा हुआ था और बोला- चाची, यह देखो, मैंने तो इसे चढ़ाया हुआ है, यह तो तुम्हारी चूत के ज़बरदस्त खिंचाव की रगड़ के कारण फट गया होगा !
तब चाची को तस्सली हुई लेकिन फिर कहने लगी- यह देख कितना खून बह गया है, तुझे सहज से करने को कहा था लेकिन तू तो तूफ़ान मेल की तरह कर रहा था, जैसे कि मैं कहीं भाग रही हूँ ! फाड़ कर रख दी मेरी चूत, मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया है तूने !
तब मैंने कहा- चाची, मेरे लिए तो यह पहला अनुभव था और जैसा आपने कहा मैंने वैसे ही किया, चलो इस फटी चूत को डॉक्टर से सिलवा लेते हैं !
यह सुन कर चाची हंस पड़ी और मुझे अपने से चिपका कर चूमने लगी और बोलने लगी- इसमें तेरा कोई दोष नहीं है, तेरे चाचा का पांच इंच लम्बा और एक इंच पतला लौड़ा तो पहली रात को मेरी सील भी नहीं तोड़ पाया था तो वह खून कैसे निकालता ! तूने तो पहली बार में ही मेरी चूत का कचूमर बना कर रख दिया है, असल में मेरी सुहागरात तो आज तीन वर्ष बाद हुई है !
इसके बाद हम दोनों उठ कर स्नानगृह में गए और एक दूसरे को साफ़ किया ! चाची के कहने पर मैंने उसकी चूत में अच्छी तरह पानी डाल कर धोई और लगभग सारा रस का मिश्रण बाहर निकाल दिया !
फिर हम दोनों एक दूसरे की बाहों में लिपट कर बिस्तर पर लेट गए और चुदाई के बारे में बातें करने लगे ! चाची ने बताया कि मेरे द्वारा करी गई चुदाई उसके अब तक के जीवन की सब से अधिक आनंदमयी चुदाई थी ! उनकी चूत में इतनी ज़बरदस्त खिंचावट पहले कभी नहीं हुई थी और मेरे लौड़े का उसकी बच्चेदानी के अंदर तक घुसना उसे बहुत ही अच्छा लगा था। तथा वह तो चाहेगी कि ऐसा हर चुदाई में हो !
जब मैंने उन्हें कहा कि ऐसा करने से हर बार कंडोम फट जाएगा तो वह हंस पड़ी और कहने लगी कि उन्हें तो कंडोम फटने का पता ही नहीं चला था लेकिन अब तो उसे इसके लिए गर्भ निरोधक गोलियाँ खानी पड़ेंगी !
फिर चाची ने मुझे कहा कि सुबह मैं उसे आई-पिल और सहेली की गोलियाँ ला कर दूँ और मेरे लौड़े को कस कर पकड़ कर आँखे बंद कर लीं और सोने लगी !
मैं भी एक हाथ में उनके मम्मे और दूसरे हाथ को चूत के ऊपर रख कर सो गया !
उस दिन के सुखद अनुभव के बाद पिछले चार वर्ष से मैं चाची को लगभग रोज ही कई बार चोदता हूँ, अधिकतर दिन में और जब चाचा बाहर जाते हैं तब रात को भी ! चाची भी चुदाई के लिए इतनी उत्सुक रहती हैं कि मौका देख कर मेरे कमरे में आ जाती हैं और कभी उकसा कर, कभी आग्रह कर के और कई बार तो गिड़गिड़ा कर मुझे चुदती हैं। अभी चार घंटे पहले यहाँ आई थी तब मैंने उनकी बच्चेदानी के अंदर तक लौड़ा घुसा कर उसकी चुदाई की थी।
मेरा लौड़ा अब फिर खड़ा हो गया है इसलिए मुझे अब उन्हें चोदने के लिए उसके कमरे में जाना पड़ेगा इसलिए आप सबसे विदाई मांगता हूँ !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000