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मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ, मैंने बहुत कहानियाँ पढ़ी, फ़िर मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी लिखनी चाहिए और मैंने लिखना शुरु कर दिया।
मेरा नाम साहिल खान है, मैं राजस्थान के सिरोही जिले के माउन्ट आबू से हूँ। मेरी हाईट 5 फ़ीट 8 इन्च है, मेरा रंग गोरा है, कुल मिला कर मैं एक स्मार्ट कुंवारा लड़का हूं। मेरी माशूका समीना उदयपुर की और मेरे दोस्त भी उदयपुर से हैं एक नाम रमेश और दूसरे का नाम सुरेश शर्मा।
हम तीनों में बहुत गहरी दोस्ती है, हम तीनों की माशूकाएँ एक दूसरी की सहेलियाँ हैं।
एक बार हम सब ने मिल कर घूमने जाने की योजना बनाई तो सभी लड़कियों ने सोच कर जवाब देने को कहा।
मेरी और सुरेश की माशूका मान गई, मगर रमेश की माशूका ने मना कर दिया तो हम सब उदास हो गये और सोचा कि दो की माशूका साथ में रहे और एक को कम्पनी देने वाला कोई ना हो तो अच्छा नहीं लगेगा।
फ़िर मेरे दिमाग में एक योजना आई, मेरी माशूका की एक दूसरी सहेली जिसका नाम कपिला है, उसे साथ लेकर जाने के बारे में सोचा और मैंने इस बात को अपनी माशूका को बताया। तो पहले तो वो नाराज़ हुई मगर मेरे समझाने से मान गई।
अब मैं बहुत खुश था क्योंकि कपिला को मैं पहले से चोदना चाहता था।
हमने रात की ट्रेन का रिजरवेशन लिया और ट्रेन में हमने सबने मिल कर खूब मस्ती की, मगर फ़िर धीरे धीरे डिब्बे की लाईट बन्द होने लगी और हमारा ग्रुप भी सोने की तैयारी करने लगा। मेरी बर्थ सबसे ऊपर थी और कपिला की सबसे नीचे!
सब अपनी अपनी बर्थ पर जाकर सोने लगे, मैं भी अपनी बर्थ पर चला गया। काफ़ी देर सोने की कोशिश के बाद भी मुझे नीन्द नहीं आ रही थी तो मैंने सोचा टोयलेट हो कर आता हूँ!
जब मैं फ़्रेश होकर आया तो देखा कपिला भी अपनी बर्थ पर बैठी हुई है। मैंने पूछा- क्या बात है कपिला? नीन्द नहीं आ रही क्या? तो वो मुस्कराईं और कहा- क्यूँ? आपको कौन सी आ रही है? इस बात पर मैं भी हंस दिया।
फ़िर उसने जो कहा, मेरा दिल भी वही चाह रहा था, उसने कहा- साहिल बैठो ना! बातें करते हैं। बस फ़िर क्या था, मैंने भी उसके पास जाकर अपना डेरा डाल दिया। रात को ठंड बहुत थी और उसने एक गर्म चादर औढ़ रखी थी तो उसने मुझे भी उसके अन्दर आने को कहा।
मैंने भी वो चादर औढ़ ली, अब हम दोनों आजकल के प्यार के बारे में बात करने लगे, उसने मुझे बातों ही बातों में पूछ लिया कि आपने और समीना ने कभी सेक्स किया है क्या?
मुझे कपिला से ऐसे सवाल की उम्मीद नहीं थी, फ़िर मैंने भी जवाब दिया- नहीं! खाना तो नहीं खाया मगर कभी कभी नाश्ता कर लेता हूँ!
तो वो मेरे इस जवाब पर हंसने लगी और कहने लगी- साहिल, यह कोड वर्ड वाली भाषा नहीं चलेगी!
मैं समझ गया कि यह मुझसे खुल कर बात करना चाहती है। मैं आपको कपिला के बारे में बता दूँ कि कपिला एक अप्सरा से कम नहीं लगती। मैंने जब भी कपिला को पहले देखा है समीना के साथ तो घर आकर उसके नाम की मुठ जरुर मारी है।
तो मैंने भी शर्म को छोड़ दी, बेशर्म हो गया और बोला- मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसके बूब्स के साथ खूब खेला हूँ मगर उसने कभी चोदने नहीं दिया।
मेरे चोदने वाले शब्द के लिये वो तैयार नहीं थी, वो शर्म से लाल हो गई।
फ़िर मैंने पूछा- कपिला, तुमने कभी सेक्स किया है क्या? तो उसने मुझे कुछ भी जवाब नहीं दिया और चुप हो गई।
मैंने कहा- कपिला, यह जायज बात नहीं कि मैं तुम्हें सब बातें बताऊँ और आप मुझसे छुपाओ! फ़िर उसने भी बोला- साहिल, मैंने कभी सेक्स किया तो नहीं मगर ब्लू फ़िल्म और अन्तर्वासना की बहुत सारी कहानियाँ पढ़ी हैं।
अब मुझे लगा कि कपिला के मन में भी वही है जो मेरे मन में है। मैंने हल्के से उसकी जांघों के ऊपर हाथ रखा, उसने मुझे कुछ नहीं कहा और हम दूसरी बातें करते रहे। अब मेरा दिमाग उन बातों में न होकर उसके जिस्म को छूने में था, मैंने भी अब अपना हुनर दिखाना शुरु कर दिया। अब मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरु किया, उसने अपनी आँखें बन्द कर ली थी।
मैंने अब उसके टॉप में हाथ डाल दिया और उसके पेट पर हाथ घुमाने लगा, उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी। मैं समझ गया कि अब मेरा काम हो जायेगा।
तभी मैं उसके पेट से हाथ हटा कर उसके वक्ष पर ले गया। उसने टाईट ब्रा पहन रखी थी, मैंने अब ब्रा के ऊपर से ही उसके चूचों को दबाना शुरु किया। अब वो कन्ट्रोल से बाहर हो रही थी और खुद अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपने कबूतर दबवा रही थी।
अचानक ही उसने मुझे अपनी ओर खींचा और मेरे होंठों पर जोर से चूमना शुरु कर दिया। पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि क्या हुआ, मगर बाद में मैंने भी कस कर उसके लबों को चूसना शुरु कर दिया। अब मेरा लन्ड जो 8 इन्च का है, एकदम लोहे की तरह कड़क हो गया।
अब कपिला मेरे लन्ड को पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगी। मैंने भी अब उसकी छाती से हाथ हटा कर उसकी पेन्टी में डाल दिया। अब वो पागलों की तरह मुझे चूमने लगी। मैंने उसकी चूत के अन्दर उंगली डाल दी और आगे पीछे करने लगा। उसने मेरी पैन्ट की जिप खोल कर मेरे लन्ड को बाहर निकाला जो बाहर आने के लिये बेताब था, वो मेरे लन्ड को अपने होंटों के बीच लेकर लोलीपोप की तरह चूसने लगी। अब मेरी हालत खराब होने लगी अब मुझे लगा कि मेरा पानी निकलने वाला है तो मैं उसका मुँह हटाने लगा मगर वो हटने के लिये तैयार नहीं हुई और कुछ ही वक्त के बाद उसका मुँह मेरे वीर्य से भर गया।
मैं यह देख कर हैरान हो गया कि उसने मेरा सारा वीर्य पी लिया और मेरे लन्ड को चाट कर साफ़ कर दिया।
उसने मेरे कान में कहा- मैं टोयलेट में जा रही हूँ! आप भी आ जाओ।
वो टोयलेट में गई, मैंने अपने कपड़े सही किये और पूरे डिब्बे में देखा कि कोई जाग तो नहीं रहा है। मैंने देखा कि सब सो चुके थे, अब मैं भी टोयलेट की तरफ़ गया और अन्दर घुस गया। मेरे अन्दर जाते ही कपिला भूखी शेरनी की तरह मुझे पकड़ कर मेरे कपड़ों को निकालने लगी। उसने मुझे पूरा नंगा कर दिया, मैंने भी उसके कपड़े उतारने शुरु किये और उसे पूरी नंगी कर दिया। अब बारी मेरी थी उसकी चूत चाटने की, मैंने उसका एक पैर ऊँचाई पर रखवाया और घुटनों के बल बैठ कर उसकी गुलाब की पंखुड़ियों जैसी चूत को मैंने अपनी जुबान से चाटना शुरु किया और वो मेरे मुँह को अपनी चूत पर दबाने लगी। मुझे लगता है वो पहले से झड़ चुकी थी क्योंकि उसकी चूत से एक अलग सी खुशबू आ रही थी। मैंने भी जोर से चूत चाटना जारी रखा।
वो मुझे जोर से दबाने लगी, मैं समझ गया कि अब वो खाली होने वाली है और उसकी चूत ने मेरे मुँह में नमकीन सा पानी छोड़ दिया। मैंने भी चाट चाट कर उसकी चूत को साफ़ कर दिया। अब फ़िर उसने नीचे झुक कर मेरे लन्ड को अपने मुँह में ले लिया।
जब मेरा लन्ड एकदम कड़क हो गया तो कपिला बोली- साहिल, अब मेरी प्यास बुझा दो!
मैंने भी रुकना सही नहीं समझा और उसे कमोड पर बिठा के उसके दोनों पैरों को चौड़ा किया और उसकी चूत पर बहुत सारा थूक लगाया और अपने लन्ड को भी पूरा थूक से गीला किया।
अब मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कन्धों पर रखा और लन्ड को उसकी चूत पर रख कर एक जोरदार धक्का मारा। मेरा लन्ड आधा उसके अन्दर चला गया उसकी चीख निकल गई मगर मैंने पहले से ही उसके होंटों को अपने होंटों से दबा रखा था इसलिये उसकी चीख अन्दर ही दब कर रह गई। अब वो मुझसे छुटने की कोशिश करने लगी मगर मुझे पता था कि अब अगर यह हाथ से निकल गई तो दुबारा नहीं चुदवायेगी इस लिये मैंने अपनी पकड़ को ढीला नहीं होने दिया और उसके उरोजों को मसलना शुरु किया।
कुछ देर के बाद उसने सिसकारियाँ लेना शुरु की तो मैं समझ गया कि लोहा गर्म है, मैंने एक और जोरदार शोट मारा और मेरा पूरा 8 इन्च का लन्ड उसकी चूत में समा चुका था। इस बार भी उसने इतनी जोर से चीख मारी कि अगर उसके होंट मेरे होंटों में दबे ना होते तो शायद पूरा डिब्बे के यात्री जाग जाते।
मैंने उसकी चूत को देखा तो वहाँ से खून निकल रहा था और उसकी आँखों में आँसू आ गय थे। मगर मैं जानता था कि पहले दर्द होता है और फ़िर मज़ा आता है, इसलिये मैंने उसको ऐसे ही रहने दिया और उसके दूधों को मसलना जारी रखा।
कुछ देर बाद वो खुद अपनी गान्ड उठा कर झटके देने लगी, मैं समझ गया कि अब रास्ता साफ़ है और मैंने भी अपने लन्ड को आगे-पीछे करना शुरु किया।
मैंने अपने होंटों को उसके होंटों से हटा कर उसके बूब्स को चुसना शुरु कर दिया। अब उसे इतना मज़ा आने लगा कि वो खुद कहने लगी- ओ साहिल! और जोर से! और जोर से चोद मुझे!
मुझे भी जोश आने लगा और मैं भी डबल स्पीड से धक्के मारने लगा, और वो इतनी गर्म हो गई थी कि यह भी भूल गई कि वो उसके बेडरुम में नहीं ट्रेन के टोयलेट में है। मैंने उसके मुँह पर हाथ रखा तब जाकर कपिला को अहसास हुआ कि वो कहाँ है, और मैंने उसे कहा- मेरा पानी निकलने वाला है, कहाँ छोड़ूँ? उसने कहा- अन्दर ही छोड़ दो कब से प्यासी है मेरी चूत!
फ़िर दो चार धक्कों के बाद मैंने अपना पानी उसकी चूत में डाल दिया और वो भी झड़ गई, उसने उठ कर मुझे गले लगा कर एक जोरदार किस किया और कहा- साहिल, आई लव यू! आज के बाद मैं तुम्हारी हूँ! जब मन करे मुझे चोद लेना!
और हम दोनों साफ़ होने के बाद कपड़े पहन कर पहले वो बाहर निकली और कुछ देर के बाद मैं निकला।
शुक्र था कि किसी ने हमें ना तो अन्दर जाते देखा और ना बाहर आते!
मैंने अपनी पहली कहानी लिखी है, आगे भी लिखता रहूँगा। मुझे मेल करें। [email protected]
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