This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : राज कौशिक
मैं बोला- पूजा, दर्द होगा।
“पता है पर तुम बस डालो अब।”
“ठीक है !”
और मैंने एक झटका मारा पर लण्ड फिसल कर गाण्ड के छेद से जा लगा।
“आह ! क्या कर रहे हो राज?”
मैंने एक तकिया लेकर उसके कूल्हों के नीचे रख दिया, अब चूत का छेद ऊपर आ गया, फिर लण्ड चूत पर रखकर उसके कन्धे पकड़ लिये और जोर से झटका मारा। एक बार में ही लण्ड चूत को फाड़ता हुआ आधे से ज्यादा अन्दर चला गया।
पूजा के मुँह से चीख निकली- ऊई ई ई माँ आ अ.. मर गई ई राज ज अ..आँ ! रुको ! बाहर निकालो !
कहते हुए पीछे को हटने लगी तो उसका सिर दीवार से टकरा गया और मेरे हाथों की वजह से वो उठ भी न सकी। मैंने उसके होंट अपने होंटों में लेकर एक और झटका मारा और पूरा लण्ड चूत में डाल दिया।
पूजा की आँखों से आँसू निकल आये। मैं जीभ से उसके आँसू चाटने लगा और चूचियाँ दबाने लगा, गर्दन पर चूमते हुए धीरे धीरे धक्के मारने लगा। पूजा का दर्द कम होने लगा तो मेरा साथ देने लगी। मैंने लण्ड बाहर खींचा तो वो खून से लाल था, मैंने उसे दुबारा अन्दर ठोक दिया।
आह ओह ! पूजा के मुँह से निकला।
फिर वो गाण्ड उठा कर मेरा साथ देने लगी। मैंने उसकी चूचियाँ पकड़ी और जोर-जोर से झटके मारने लगा। पूजा भी पूरा साथ दे रही थी। हम दोनों पसीने से बिल्कुल नहा गये और कमरे में पूजा और मेरी सिसकारियाँ गूँज रही थी।
पूजा बोल रही थी- आह राज ! कम ऑन फास्ट ! चोदो ! मुझे फ फाड़ डालो ! आह सी ई बहुत आग है इस कुतिया में ! निकाल दो सारी आग ! फाड़ डालो आ आ आह ओर तेज. .
मैं भी पूरे जोर से झटके मार रहा था- यह ले ! और ले ! कुतिया की आग बुझा ! आँ आँ बहुत गर्मी है तेरे अन्दर ! कब से चोदने की सोच रहा था।
“तो चोदो ना ! फाड़ डालो ! लगा दो अपनी जान जान को चोदने में ! आ सी ई राज गई तेज !” पूजा ने मुझे कसकर पकड़ लिया उसके नाखून मेरी कमर में गड़ गये, हाँ राज ! बस आह ! कहते हुए चिपक गई।
मैंने देर न करते हुए उसे उल्टा करके तकिए पर लिटा दिया और दोनों तरफ पैर करके उसके ऊपर बैठ गया।
पूजा समझ गई कि मैं क्या करने वाला हूँ।
“नहीं राज, गाण्ड आज नहीं ! बहुत दर्द होगा। प्लीज राज नहीं। मैं मर जाऊँगी।”
मैंने उसकी नहीं सुनी और लण्ड उसकी गाण्ड पर लगा दिया और दोनो हाथों से कमर पकड़कर 2-3 झटके मार दिये, पूरा लण्ड गाण्ड में डाल दिया।
पूजा चीख रही थी पर उसके चीखने का मुझ पर कोई असर नहीं हो रहा था। मैं लगातार झटके मारे जा रहा था थोड़ी देर बाद वो शान्त हो गई और गाण्ड आगे पीछे करने लगी। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।पूजा अब आहे भर रही थी- आह आ अ !
मेरी नसें खिंचने लगी और 5-6 झटकों में उसकी गाण्ड अपने वीर्य से भर दी। मैं पूजा के ऊपर ही लेट गया। थोड़ी देर बाद मैं उठा और लण्ड पूजा की पैंटी से पौंछा। पूजा चुप उल्टी ही लेटी थी शायद उसे दर्द हो रहा था।
मैं उसके सिर के पास बैठा और बोला- जानू क्या हुआ?
पूजा ने मेरी तरफ मुँह किया और बोली- राज, बहुत दर्द हो रहा है ! मैंने मना किया था ना?
मैंने पूजा का सिर अपनी गोद में रखा और बोला- सॉरी जान।
वो थोड़ा हँसी- कोई नहीं जानू ! यह तो होना ही था, पर दर्द बहुत हो रहा है।
दर्द अभी दूर किये देता हूँ ! और मैं उसके होंटों पर चुम्बन करने लगा।
पूजा बोली- मुझे पता है तुम कैसे दर्द ठीक करोगे। प्लीज अब नहीं।
मैं बोला- ठीक है !
और तौलिया उठाकर पसीना पौंछा और पूजा के शरीर को पौंछने लगा। पूजा उठकर अपनी चूत देखने लगी, चूत सूज रही थी और खून से लाल थी। पूजा ने पैंटी उठाई और धीरे धीरे चूत और गाण्ड को साफ करने लगी।
पूजा बोली- देखो क्या हाल किया है मेरी छोटी सी बच्ची का।
मैं बोला- अब यह बच्ची नहीं रही, जवान हो गई है।
पूजा ने तिरछी नजर से देखा और मुस्कराने लगी।
मैं फिर उसे चूमने लगा।
बोली- अब मान भी जाओ !
और तकिया का कवर उतारा, जिस पर खून लगे थे और जमीन पर पड़े खून साफ करने लगी।
तभी किसी के आने की आवाज आई। मैं तो भूल ही गया था कि मैं कहा हूँ।
पूजा जल्दी से कमीज और सलवार पहनने लगी। लेकिन सलवार का तो नाड़ा ही नहीं था। उसने वैसे ही सलवार अटका ली और सोफ़े पर बैठ गई।
मैंने भी शर्ट पहनी पैंट हाथ में ली और तौलिया लपेट कर अलमारी के पीछे छिप गया।
बाहर से आवाज आई- पूजा ! पूजा दरवाजा खोलो।
“खोलती हूँ भाभी।”
पूजा ने दरवाजा खोला।
“क्या कर रही हो?”
“कुछ नहीं ! बैठी थी।”
पूजा से चला नहीं जा रहा था। मैं छिपकर देख रहा था। पूजा के भाई की शादी चार महीने पहले ही हुई थी। भाभी को देखा तो देखता ही रह गया। ये जाटानियाँ होती ही मस्त हैं। भाभी ने सन्तरी रंग की साड़ी और ब्लाऊज पहना था। ब्लाऊज के गले से मोटी चूचियाँ आधी दिखाई दे रही थी। गाण्ड का उठाव साफ दिख रहा था। भाभी की उम्र 19-20 और फिगर 36-29-33 का होगा और पूरा मेकअप किये हुए सेक्सी लग रही थी।
मेरा उसे देखकर फिर खड़ा हो गया और मन कर रहा था कि साली की गाण्ड में दे दूँ।
भाभी बोली- पैर में क्या हो गया?
“सीढ़ियों पर आते समय मोच आ गई।”
“ये कपड़े कब और क्यूँ पहने?”
पूजा बोली- तुम बाहर तो पहनने नहीं देती, सोचा घर में ही पहन लूँ।
“ठीक है, पर ब्रा तो पहन लेती। तुम्हारी चूचियाँ साफ दिखाई दे रही हैं।”
पूजा ने चेहरा नीचे कर लिया।
जमीन पर लगे खून के दाग को देखकर भाभी बोली- यह खून कहाँ से आया?
“वो !”
“वो क्या? तुम्हारी सलवार पर भी लगा है।”
“क्या चूत के बाल साफ कर रही थी जो कट गई?”
“ह हाँ भाभी।”
“तो इसमें शर्माने की क्या बात है? मैंने भी आज सुबह ही बनाये हैं, दिखाओ, मैं साफ करती हूँ।”
“नहीं भाभी, मैं कर लूगीं।”
“नहीं क्या ! मैं भी तो देखू मेरी ननद की चूत कैसी है !” और कहते हुए सलवार पकड़कर खींची।
अगले भाग में समाप्त !
राज कौशिक
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000