This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : राजीव
मैंने कहा- ठीक है जैसा तुम कहो, लेकिन फिर कब मिलोगी?
और मैं जवाब के इन्तजार में उतावला हो रहा था, हर सेकंड ऐसे लग रहा था जैसे सदियाँ गुजर रही हों और जैसे ही मैंने जवाब सुना तो मेरी बांछें खिल उठी।
नीतू बोली- मैं कल सुबह तुमसे दस बजे मिलूँगी और शाम तक मैं तुम्हारी ही हूँ।
उसकी बात सुन कर मैंने अगले दिन की पूरी तैयारी कर ली, मेरे दोस्त का एक फार्म हॉउस दिल्ली हरियाणा सीमा पर है तो मैंने अपने दोस्त से उस फार्म हॉउस में सारा इन्तजाम करने को कह दिया और उसकी चाबी सुबह सुबह ही ले ली।
मैंने नीतू को पीतमपुरा मेट्रो स्टेशन के पास ही बुला लिया और वहाँ से उसे कार में लेकर मैं सीधे दोस्त के फार्म हॉउस पहुँच गया।
वो भी पूरे मन से ही आई थी तो पूरी तरह से तैयार होकर खूबसूरत अप्सरा की तरह लग रही थी, माथे पर एक लाल बिंदी, चेहरे पर हल्का मेकअप, खूबसूरत सा कत्थई सलवार सूट जो उसके बदन पर आकर और खूबसूरत हो रहा था और पूरे रास्ते वो मुझे बड़े प्यार से देखते जा रही थी और उसका हाथ मेरी जांघ पर सहला रहा था।
जब हम फार्म हाउस पर पहुँचे तो मेरे कहे अनुसार वहाँ कोई भी नहीं था, मैंने पहले ही खाना और पानी लेकर रख लिया था क्यूँकि फार्म हॉउस पर मैंने ही किसी के भी होने के लिए मना कर दिया था।
हमने खाने के पैकेट और पानी की बोतलें ली और अंदर चले गए। अंदर जाते ही खाना और पानी मैंने मेज पर रखा और नीतू पर टूट पड़ा।
मैंने उसे बाँहों में भरा और भरते ही उसके होंठों को अपने होंठों से लगा कर उसके होंठों को ऐसे पीने लगा जैसे रेगिस्तान में प्यासे को पानी मिल गया हो।
मैं उसके होंठों का रसपान कर रहा था और वो भी मेरे होंठो को पूरी तल्लीनता से चूस रही थी।
और फिर मैंने और देर ना करते हुए उसे उठाया और उठा कर मैंने नीतू को सीधे बिस्तर पर लेटा दिया और उसके ऊपर आकर उसके बालों से खेलता हुआ उसके होंठों को फिर से चूमने लगा, उसके बाद उसके उरोजों को सहलाने लगा।
उसके बाद मैंने और देर ना करते हुए सीधे नीतू के कपड़े उतारने पर ध्यान दिया और अगले कुछ पलों में नीतू की कुर्ती और उसकी सलवार जमीन पर पड़ी हुई थी।
नीतू कत्थई रंग की ब्रा और पैंटी में गजब की लग रही थी, उसका गोरा बदन उस रंगीन अंतर्वस्त्र में कयामत ही था।
नीतू की सुंदरता बताने के लिए यही कह सकता हूँ कि वो 5’4″, गोरा बदन, रेशमी बाल, बड़ी बड़ी आँखें प्यारे प्यारे होंठ और एक तीखी सी नाक की मालकिन है, उसके स्तनों का नाप 34 होगा, कमर बहुत पतली नहीं है लेकिन पेट बिल्कुल भी नहीं निकला हुआ है और ऊपर से नीचे तक कयामत ही कयामत है।
अब मेरे लिए और रुकना मुमकिन नहीं था तो मैंने बिना कुछ सोचे समझे अपने कपड़े उतारे और नीतू की पैंटी उतार कर उसकी चूत को चाटने लगा। इससे नीतू और ज्यादा उत्तेजित हो गई और उसकी चूत से उसका नमकीन पानी निकलने लगा।
नीतू बोली- राज, अब और मत तड़पाओ, मुझे चोद दो ना !
लेकिन मैं उससे एक बार और लण्ड चुसवाना चाहता था तो मैंने खुद को 69 की स्थिति में किया और नीतू की चूत को चाटने लगा।
मेरी बात समझ कर नीतू भी मेरे लण्ड को चूसने लगी, मैं नीतू को चूस रहा था तभी नीतू की चूत ने पानी छोड़ दिया और नीतू झड़ गई और फिर मुझसे रुकने का कहने लगी।
अभी मैं रुकना नहीं चाहता था तो मैं नीतू के ऊपर से हटा, लण्ड उसकी गीली चूत पर रखा और उसके स्तनों को चूमते हुए एक जोरदार झटका मारा। मेरा आधा लण्ड नीतू की चूत में घुसा दिया,
इस धक्के से नीतू के मुँह से एक चीख निकल गई और मुझसे बोली- राज थोड़ा रुक जाओ !
पर रुकने की बजाय मैंने एक धक्का और उसकी चूत में मारा और मेरा 6 इंच लंबा पूरा लण्ड नीतू की चूत में घुस गया।
इस धक्के से नीतू तड़प सी उठी और मैंने दोनों हाथों से नीतू के स्तन मसलना शुरू कर दिए और धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर बाद नीतू भी फिर से तैयार हो गई थी और वो भी मेरा साथ देने लगी।
मैं धक्के लगा रहा था और वो आज ‘राज, ओह राज, जोर से करो, हाँ, और करो’ के नारों से मुझे और उत्साहित करती जा रही थी और मैं उसे जोर जोर से चोदे जा रहा था।, हर धक्के के साथ नीतू चरम पर पहुँच रही थी और मैं मजे के सागर में।
मैं उसे चोद रहा था और मेरे चोदते चोदते ही नीतू पुनः स्खलित हो गई और उसने मुझे कस कर पकड़ लिया। अब मैं भी ज्यादा देर रुक सकने की हालत में नहीं था तो मैंने नीतू के स्तनों को मसलते हुए कुछ और धक्के लगाए और सारा वीर्य मैंने नीतू की चूत में भर दिया और थक कर नीतू पर ही लेट गया।
उसके बाद हम दोनों ने थोड़ी देर आराम किया और फिर हम दोनों ने बिस्तर पर ही खाना खाया।
उसके बाद मेरा मन फिर से होने लगा था और वही हालत नीतू की भी थी तो हम दोनों फिर से एक दूसरे को चूमने लगे।
इस वक्त तो हम दोनों ने ही कोई कपड़े नहीं पहन रखे थे तो कपड़े उतारने की कोई बात थी ही नहीं।
इस बार जब नीतू फिर से लेटी तो मैंने उसे पलटने को कहा तो मेरी बात समझ कर नीतू बोली- नहीं, मैं इसे पीछे नहीं लूंगी, बहुत दर्द होता है।
पर मैं समझता हूँ जिस मर्द ने औरत की गाण्ड नहीं मारी उसने कुछ नहीं मारा।
तो मैंने उसे बड़े प्यार से समझाया कि कोई दर्द नहीं होगा और हम पूरा मजा करेंगे।
मैंने नीतू के ही पर्स से उसका बॉडी लोशन निकाला और नीतू को पलटने के बाद उसकी गाण्ड और अपने लण्ड पर थोड़ा लोशन लगा लिया और नीतू को घोड़ी बना कर उसकी गाण्ड में लण्ड डालने के लिए तैयार हो गया।
मैंने नीतू के दोनों पुट्ठे पकड़े और उसकी गाण्ड के छेद पर लण्ड रख कर एक झटका मारा और लण्ड का सुपारा उसकी गाण्ड में पहुँचा दिया और जब तक नीतू कुछ कहती, मैंने दो धक्के और मार कर पूरा लण्ड उसकी गाण्ड के अंदर कर दिया और धक्के लगाने लगा।
पहले तो नीतू को दर्द हुआ पर थोड़ी देर बाद नीतू भी इस गाण्ड चुदाई का मजा लेने लगी।
मैं उसे कुतिया बना कर उसकी गाण्ड मार रहा था और वो भी पीछे धक्के लगा रही थी, हर धक्के पर चट चट की आवाज कमरे में फ़ैल रही थी।
मैंने लगभग 15 मिनट उसकी गाण्ड मारी होगी, इस बीच नीतू झड़ चुकी थी और अब मेरे झड़ने की बारी थी।
जब मुझे लगा कि मैं भी झड़ने वाला हूँ तब मैंने नीतू को कस कर पकड़ा और जोर जोर से उसकी गाण्ड मारने लगा और चीखते हुए उसकी गाण्ड में ही झड़ गया।
और इस बार सारा वीर्य मैंने उसकी गाण्ड में भर दिया।
उस दिन हम लोग शाम को 6 बजे तक वहीं रुके और मैंने नीतू को दो बार और चोदा तथा एक बार और उसकी गाण्ड मारी।
आपको मेरा यह अनुभव कैसा लगा, जरूर बताइएगा, आपकी राय का मैं इन्तजार करूँगा।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000