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प्रेषक : राज
मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ। मैंने अन्तर्वासना पर लगभग सभी कहानियाँ पढ़ी हैं। मुझे भी अपनी कहानी अन्तर्वासना पर लिखने का मन किया तो मैं अपनी कहानी आप लोगों को बता रहा हूँ जो मेरी एक सच्ची कहानी है और आशा करता हूँ कि मेरी यह आपबीती आपको पसंद आएगी।
तो मैं पहले आपको अपने बारे में बता दूँ। मेरा नाम राजेश है। मैं आगरा से हूँ। मेरी उम्र 24 साल है, मेरा कद 5’5″ इंच और मेरा लण्ड 8 इंच और 2 इंच मोटा है।
शाम को जब मैं ऑनलाइन हुआ उस समय वह ऑनलाइन थी। हमारी बातों का सिलसिला शुरू हुआ।
मैंने उसका नाम पूछा तो उसने अपना नाम रागिनी(बदला हुआ नाम) बताया और अपना शहर ग्वालियर बताया और उसने अपनी उम्र 25 बताई।
फिर उसने मुझसे पूछा, जिस लण्ड की फोटो तुमने अपने अकाउंट में लगाया है क्या यह लण्ड तुम्हारा है?
तो मैंने उससे कहा- हाँ, यह मेरा ही लण्ड है।
उसने पूछा- इतना बड़ा और इतना मोटा लण्ड तुम्हारा है?
मैंने कहा- यह लण्ड मेरा ही है।
मैंने उससे पूछा- तुमको मेरा लण्ड पसंद नहीं आया क्या?
उसने कहा- नहीं ऐसा नहीं है, मुझे तुम्हारा लण्ड बहुत पसंद है, मुझे ऐसा ही लण्ड चाहिए।
मैंने उससे कहा- तुम मेरे इस लण्ड से चुदोगी?
उसने कहा- क्यों नहीं, जरूर चुदना चाहूँगी।
मैंने उससे पूछा- तुम अब तक कितनी बार सेक्स कर चुकी हो?
उसने कहा- अब तक मैं 5 बार सेक्स कर चुकी हूँ।
मैंने उससे फिगर पूछा तो उसने अपना फिगर 38-36-38 बताया।
फिर मैंने उससे पूछा- बोलो कहाँ चुदोगी?
उसने कहा- जहाँ तुम चाहो।
तो मैंने उससे कहा- तुम आगरा आ जाओ।
उसने कहा- मैं आगरा अभी तो नहीं अगस्त में आऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है।
मैंने उसकी मेल आईडी मांगी तो उसने मुझे अपनी मेल आईडी दे दी और मैंने भी उसे भी अपनी मेल आईडी दे दी। फिर हमारी बातें मेल से होने लगी।
इसी दौरान मैंने उससे उसका मोबाइल नंबर और उसका फोटो ले लिया और उसे भी अपना नम्बर और एक फोटो दे दिया। फिर हम रोज रात को घंटों बात करते थे।
तो मैंने उससे कहा- यह तो बहुत अच्छी बात है अब हम दो दिन बाद मिलेंगे। मुझे इसी दिन का बहुत दिनों से इंतज़ार था।
तो उसने भी कहा- मुझे भी इसी दिन का इंतज़ार था !
तो मैंने उससे कहा- चलो ठीक है, अब हम दो दिन बाद मिलेंगे।
फिर दो दिन बाद जब मैं अपने घर टीवी पर मूवी देखा रहा था तो उसने मुझे फ़ोन किया, कहा- दो घंटे बाद ट्रेन आगरा के रेलवे स्टेशन पर आ जाएगी।
तो मैंने उससे कहा- ठीक है, मैं तुमको दो घंटे बाद आगरा के रेलवे स्टेशन पर मिलूंगा।
तो उसने कहा- ठीक है, आ जाना।
मैंने अपने दूसरे घर की और अपनी बाईक की चाबी ली और चल दिया स्टेशन, स्टेशन पर मैं ट्रेन का इंतज़ार करने लगा।
थोड़ी देर बाद ग्वालियर से आगरा के रेलवे स्टेशन पर पहुँच गई।
फिर मैंने जब ट्रेन खड़ी हो गई तब मैंने उसे फ़ोन किया तो उसने मुझे बताया कि वह पीछे से आगे की ओर आ रही है।
मैंने उसे कहा- मैं गेट पर मिलूँगा।
उसने कहा- ठीक है, मैं अभी आती हूँ।
थोड़ी देर बाद जब रागिनी मेरे सामने आई तो मैं देखता ही रह गया। उस समय वह जींस और टॉप पहने हुए थी, क्या गजब की लग रही थी, अगर कोई भी उसे देख ले तो बस पागल हो जाए। वही मेरा हाल था।
जब हम दोनों ने एक दूसरे को देखा तो बस दोनों एक दूसरे को देखते रह गए।
फिर हम दोनों ने हाथ मिलाया। फिर उसने कहा- राजेश मुझे भूख लगी है !
तो मैंने कहा- ठीक है, चलो चलते है किसी रेस्तरां में। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
हम एक होटल गए, वहाँ खाना खाकर चल दिए अपने खाली मकान की ओर ! रास्ते में उसके चूचे मेरी पीठ में गड़ रहे थे, मुझे बहुत मज़ा आ रहा था उस समय।
थोड़ी देर बाद मैं उसे लेकर अपने खाली मकान में लेकर पहुँचा, अन्दर गए और अन्दर से दरवाजा बंद कर लिया।
मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया। और फिर मैंने उस होंठ पर अपने होंठ रख दिए, मैं उसे चूमने लगा और हम दोनों एक दूसरे को करीब 15 मिनट तक चूमते रहे।
फिर मैंने उसे अपनी गोद में उठा कर बेड पर ले जाकर लिटा दिया। फिर मैं अपने दोनों हाथों से उसकी दोनों चूचियों को उसके टॉप के ऊपर से ही धीरे धीरे सहलाने लगा।
अब मैंने उसका टॉप और जींस उतार दिए और मैंने भी अपने अण्डरवीयर को छोड़ कर अपने सभी कपड़े उतार दिए।
वह मेरे सामने केवल काले रंग की ब्रा और पैंटी में लेटी थी। क्या गजब की लग रही थी, मैं आपको शब्दों में बयां नहीं कर सकता।मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा और पैंटी को उसके बदन से अलग कर दिया, अब वह मेरे सामने बिलकुल नंगी थी। उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था।
मैंने भी अपना अण्डरवीयर उतार दिया और मेरा लण्ड फनफनाते हुए उसके सामने आ गया। जैसे ही मेरा 8 इंच लम्बा लण्ड उसके सामने आया तो उसने कहा- यह तो बहुत बड़ा और मोटा है, मुझे इसी की जरूरत थी, मैंने आज तक इतना मोटा और लम्बा लण्ड नहीं देखा।
अब हम दोनों एक दूसरे के सामने एकदम नंगे थे। मैं उसके एक चुचे को चूसने लगा, एक हाथ से दूसरे चुचे को दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा।मैं उसके चुचे को जोर जोर से दबाने लगा तो उसके मुँह से आआह्ह्ह्ह निकल गया, कहने लगी- जरा धीरे धीरे दबाओ, मैं कहीं भागी नहीं जा रही।
फिर मैंने उसकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी और आगे-पीछे करने लगा जिससे वह और करहाने लगी।
उसने अपना हाथ मेरे लण्ड पर रख दिया और मेरे लण्ड को सहलाने लगी, खेलने लगी। थोड़ी देर बाद वह मेरे लण्ड को अपने मुँह में लेकर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी।
मेरे मुँह से हल्की सी आह्ह निकल गई, अब मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं स्वर्ग की सैर कर रहा हूँ। वह मेरे लण्ड को जोर जोर से चूसने लगी और करीब 10 मिनट चूसने के बाद मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और मैंने जैसे ही अपना मुँह उसकी मखमल जैसी चूत पर रखा तो उसके मुँह से एक मीठी सी सीत्कार निकल गई, मैं उसकी चूत चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद हम 69 की स्थिति में आ गए मैं उसकी चूत चाटने लगा और वो मेरे लण्ड को चूसने लगी। अब मैं उसकी चूत को जोर जोर से चूस रहा था, मैं उसकी चूत की दाने को रगड़ रहा था, अपनी जीभ से रगड़ रहा था और अपनी जीभ को उसकी चूत में डाल कर आगे पीछे कर कर उसकी चूत को अपनी जीभ से चोद रहा था।
थोड़ी देर बाद उसकी चूत से उसका कामरस निकलने लगा, मैं उसको बड़े ही स्वाद के साथ सारा पी गया और थोड़ी देर बाद मेरा भी कामरस उसके मुँह में निकल गया, वह मेरे रस की एक एक बूंद पी गई और मेरे लण्ड को चाट चाट कर साफ़ कर दिया।
अब हम दोनों ही शांत होकर बिस्तर पर नंगे ही लेटे थे।
थोड़ी देर बाद बाद वो उठी और मेरे टांगों के बीच में आकर मेरे लण्ड को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी और मेरे लण्ड को खड़ा करने में लग गई।
मेरा लण्ड करीब 5 मिनट बाद एकदम खड़ा हो गया। अब मैं लण्ड को उसके मुँह में डाल कर चोदने लगा, मेरा लण्ड उसके गले तक जा रहा था।
थोड़ी देर बाद अब वह कहने लगी- अब मुझसे अब सहा नहीं जाता, और इंतज़ार मत करवाओ, चोद दो मुझे।
तो मैं देर न करते हुए उसकी टांगों के बीच में आया और अपने लण्ड को उसके चूत के मुंह पर रखा और एक जोर का धक्का दिया, मेरा लण्ड करीब आधा अन्दर घुस गया और जैसे ही मेरा लण्ड उसकी चूत में आधा घुसा तो उसके मुँह से एक चीख निकल गई- ऊऊह्ह्ह्ह माँ !
मैंने अपने होंठ उसके होटों पर रख दिए और चूसने लगा। मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और थोड़ी देर बाद मैंने एक जोर का धक्का दिया और मेरा लण्ड अब पूरा का पूरा उसकी चूत में घुस गया।
उसने चीखने की कोशिश की चूँकि मेरे होंठ उसके होठों पर थे इसलिए उसकी आवाज नहीं निकल सकी और मैं उसकी चूत में डाले हुए लेटा रहा और उसके होटों को चूस और उसकी चूचियों को अपने हाथों से दबा रहा था।
थोड़ी देर बाद वो अपनी गाण्ड को हिलाने लगी, मैं समझ गया कि उसका दर्द कम हो गया है तो मैंने धीरे धीरे धक्के लगाने शुरू कर दिए, वह भी मेरा साथ देने लगी।
जब मैं धक्के तेजी से लगाने लगा तो उसके मुँह से आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह की आवाज आने लगी अब कहने लगी- जोर से, और जोर से चोदो मुझे। फाड़ दो मेरी चूत आआह्ह्ह !
यह सुन कर मैंने अपने धक्कों की गरि बढ़ा दी और उसे तेजी से चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद वह बोली- मैं आने वाली हूँ !
और यह कहते हुए झड़ गई और मेरा लण्ड उसके कामरस से भीग गया, पूरा कमरा उसकी सेक्सी आवाज से गूंज गया।
फिर थोड़ी देर बाद मैंने उससे कहा- चलो, अब घोड़ी बनो।
तो वह घोड़ी बन गई, मैं उसके पीछे गया, अपना लण्ड उसके चूत पर पीछे से रखा और एक जोरदार धक्का दिया, मेरा लण्ड उसकी चूत में एक बार में ही पूरा का पूरा घुस गया और मैं उसको पीछे से ही चोदने लगा, वह आआह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह करने लगी। मैं पीछे से उसके चूचे को दबाने लगा और तेजी से उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर बाद कहने लगी- मैं अब दुबारा झड़ने वाली हूँ !
और यह कहते हुए वह एक बार और झड़ गई।
करीब बीस मिनट की चुदाई के बाद मुझे लगा कि अब मैं झड़ने वाला हूँ तो मैंने उससे कहा- अब मैं झड़ने वाला हूँ, कहाँ निकालूँ?
उसने कहा- मैं भी अब एक बार और झड़ने वाली हूँ और मैं तुम्हारे रस को अपनी चूत में ही लेना चाहती हूँ !
तो मैंने उसे नीचे लिटाकर अपने धक्के तेज कर दिए और करीब 15 तेज धक्कों के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए।
झड़ने के बाद हम दोनों ऐसे ही एक दूसरे के ऊपर लेटे रहे और थोड़ी देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए, एक साथ नहाये। वहाँ हमने एक बार चुदाई की।
उसने मुझसे वादा क्या कि वह यहाँ दुबारा आएगी मिलने।
तो दोस्तो, यह थी मेरी आपबीती। मुझे जरूर बताना कि आपको कैसी लगी।
मेरा ईमेल है
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