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प्रेषक : शशिकान्त वघेला
उसने फट से कंडोम पहना दिया मानो मुझसे पहले उसे जल्दी हो चुदाने की !
फिर मैंने उसे सीधी लिटाया और उसके पैर फ़ैलाकर अपना लण्ड उसकी चूत के मुँह के पास रख दिया, मुझे मालूम था कि लण्ड कहाँ डालना है पर मैंने जानबूझ कर थोड़ा नीचे रखा तो वो बोली- यहाँ नहीं थोड़ा ऊपर लाओ !
वो अक्षतयौवना थी तो उसकी योनि थोड़ी अन्दर और बहुत कसी हुई थी।
फिर उसने मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ कर अपने योनि-मुख पर रखा और मैं धीरे धीरे दबाव देने लगा।
वो मुँह से अजीब अजीब सी आवाज निकालने लगी। उसकी आवाज सुनकर मैं भी थोड़ा जोश में आ गया। फिर मैंने एक हल्का धक्का दिया ही था कि वो जोर से चिल्लाई।
उसके चिल्लाने को दरकिनार करते हुए मैंने एक और भी जोर का झटका मारा और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में समा गया।
वो रोने लगी और ऊई माँ ! ऊई माँ ! चिल्लाने लगी।
मैंने बोला- इस वक्त सासु माँ को याद मत करो ! कुछ और बोलो !
उसने मुझे जोर से कस लिया और मैंने अपने होंठ उसके होंठों से सटा लिए।
फिर मैंने और जोर से धक्का लगाया तो मेरा पूरा लण्ड उसके कौमार्य को भेदता हुआ उसकी अनछुई योनि में समा गया। वो मेरे नीचे तड़फ़ कर रह गई।
मैंने महसूस किया कि उसकी चूत से खून भी बह रहा था तो मैंने अपने को रोका और उसे अपने बदन के नीचे दबा कर लेटा रहा कुछ देर !
मैंने अपने होंठ उसके होंठों से हटा कर उससे कुछ पूछने को ही था कि उसने कहा- बहुत दर्द हो रहा है, आप अभी हिलना मत !
मैंने पूछा- बाहर निकालूँ क्या?
तो बोली- नहीं, ऐसे ही लेटे रहो !
कुछ देर बाद मैंने अपना प्रयास आरम्भ किया तो उसके चेहरे के भावों से लग रहा था कि तब भी उसे दर्द हो रहा था लेकिन उसने मुझे नहीं रोका।
मैंने धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ाई तो मुझे लगा कि वो भी मुझे चोदने का निमंत्रण दे रही थी।
अब मैं पूरे वेग से उसे चोदने लगा, वो भी अब मेरा साथ दे रही थी और कह रही थी- जानू, मुझे और चोदो ! मेरी प्यास बुझाओ ! अब मैं कुंवारी नहीं रही, जितनी मर्जी चाहे चोदो ! और चोद-चोद के मेरी चूत का सारा पानी निकाल दो !
मैंने जोर जोर से उसे चोदना जारी रखा, वो और जोर जोर से चिल्लाने लगी मानो वो कोई ब्लू फिल्म की अभिनेत्री हो।
मुझे भी मजा आ रहा था चोदने में, पर मैं भी झड़ने वाला था तो जोर जोर से उसे चोदने लगा, थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया। वो तो पहले ही दो-तीन बार झड़ चुकी थी।
कुछ देर बाद जब मैं उसके ऊपर से हटा तो देखा कि उसकी जांघें और नीचे चादर उसके रक्त से भीगी थी। मैंने उसे कहा- बाथरूम में जाकर धो लो !
वो नंगी उठकर बाथरुम में गई तो मैं उसे पीछे से देखता ही रह गया, वह पूरी नंगी चौड़ी टाँगें करके चल रही थी और एकदम सेक्सी लग रही थी।
जब वो वापिस आई तो उसकी चाल मुझे दीवाना कर रही थी मानो वो मुझे चोदने का निमंत्रण दे रही थी।
उसे चोदने में हुए परिश्रम के कारण मुझे थोड़ी भूख लग रही थी तो मैंने उसे पूछा- कुछ खाने को मंगा लूँ?
पर वो बोली- अभी नहीं !
मैंने पूछा- क्यूँ?
वह बोली- अगर खाना खायेंगे तो नींद आयेगी, और मैं नहीं चाहती कि इतना अच्छा दिन और मौका हम ऐसे ही गंवा दें !
मैं समझ गया कि वो और भी चुदाना चाहती है।
फिर तो क्या था, मैंने फ़िर उसके स्तन और योनि को चूमने लगा और थोड़ी ही देर में तैयार हो गया।
वो बोली- अब तुम बगैर कंडोम के चोदो क्योंकि कंडोम से चुदाई तो हो रही है पर उसे जिस्म से जिस्म मिलने का अहसास नहीं हो रहा !
तो मैंने कहा- अगर वीर्य अन्दर चला गया और तुम गर्भवती हो गई तो?
वो बोली- अभी तुम चिंता मत करो ! अभी मेरा मासिक हाल ही में ख़त्म हुआ है, तो 10-12 दिन तक कोई परेशानी नहीं होगी, या तो मैं गोली भी ले लूँगी।
मैंने बोला- ठीक है !
फिर मैंने उसे कहा- तुम घोड़ी हो जाओ, में पीछे से चोदता हूँ।
तो वह घोड़ी बन गई और उसने मेरा लण्ड पकड़ कर अपनी चूत पर टिका लिया। मैं पहली बार बगैर कंडोम के चोद रहा था तो मुझे डर था कि मेरा लण्ड छिल ना जाये पर जैसे ही लण्ड अन्दर गया मानो एकदम गर्म लगने लगा। यह गर्मी उसके जिस्म की गर्मी थी जिस पर सिर्फ मेरा अधिकार था।
मैं पहले धीरे धीरे चोद रहा था तो वो बोली- जानू, जैसे पहले कर रहे थे वैसे चोदो !
फिर मैंने उसके पैर फैलाये और जोर से उसे चोदना शुरु कर दिया। वो जोर जोर से चिल्लाने लगी मानो उसे चुदाई में स्वर्ग का अनुभव हो रहा था।
मैंने तक़रीबन 15 मिनट उसे चोदा और जैसे ही पानी निकलने वाला था मैंने अपना लिंग बाहर निकाल कर उसके कूल्हों परअपना वीर्य निकाल दिया।
फिर थोड़ी देर बाद उसने मुझे कहा- अब तुम अपने को साफ़ करके आओ !
मैं जब अपाना लिंग धोकर बिस्तर की ओर बढ़ रहा था तो वो ललचाई नज़रों से मेरे लिंग को देख रही थी।
जैसे ही मैं बिस्तर पर बैठा, वो मेरे लण्ड को चूसने लगी।
फिर उस दिन मैंने उसे 4-5 बार चोदा।
जब हम वापस लौट रहे रहे थे उसने पूछा- तुमने मुझे साड़ी पहनने को क्यूँ बोला?
मैंने उसे बताया- जान, मैं तुम्हें एक सुहागन के रूप में तुम्हारा कौमार्य-हरण करना चाहता था।
मैंने उसे बताया कि तुम्हारा यह तोहफा मेरे जीवन का सबसे यादगार तोहफा है।
पर वो बोली- जानू, मैंने आपको नहीं, आपने मुझे चोद कर मुझे यादगार तोहफा दिया है !
मैंने उसे आई लव यू बोला और उसके साथ खाना खाकर उसके घर छोड़ने गया।
वहाँ पर मेरी साली पूछने लगी- जीजा जी, कहाँ कहाँ घूमे?
तो उसे क्या बताता ! मन ही मन मैंने बताया कि तेरी बहन को छः बार चोदा।
फिर जब भी मौका मिलता, मैं उसे ऐसे ही बाहर ले जाता और जी भर कर उसे चोदता।
दोस्तो, तो यह थी मेरी कहानी !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे बताइएगा।
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