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मैं तो उसके मुंह से ऐसी रंडी वाली भाषा सुनकर दंग रह गया। साली पूरी रंडी ही बन चुकी थी। बड़े बेफिक्र होकर पैंट से सिगरेट निकाली और जला कर कश लेने लगी। उसके सामने धुंआ फेंका और उसके शर्ट को पकड़ा।
सुनीता- चलता है क्या? नहीं तो भाग यहाँ से..
वो उठकर चला गया। मौसी थोड़ी गुस्सा होने ही वाली थी कि :
दूसरा ग्राहक- मैं देता हूँ ! चल ! मगर तीन घंटे बैठूंगा और पूरा मज़ा लूँगा।
सुनीता- आ जा मेरे राजा ! बजा दे मेरे भोसड़े का बाजा।
सुनीता ने उसकी बाहों में बांह डाल दी और चल पड़ी चुदवाने।
मौसी- साली बड़ी तेज है ! 4 दिन में 20000 रु. कमा लेगी।
जाहिदा- क्यों जीजू? देखा दीदी का कमाल?
मैं- बड़ी प्यार से रंडी बाजी पे उतर आई ! अब मुझे भी भड़वा बनने की इच्छा हो रही है।
जाहिदा- इसे लाया कौन? तुम ना? अब तुम क्या करोगे? मौसी जीजू को आज मेरे कमरे में सोने देना, मुझे उनका पूरा रस चूस लेना है।
तभी सुशी, नीला और रीना बोली- क्यों? हम नहीं सो सकती क्या? हमें भी देखना है कि जीजू कैसे चोदते हैं।
मौसी- आज की रात जाहिदा के साथ सोने दे ! जाहिदा ने उसकी बीवी को तैयार किया था ! और तुम बारी बारी लेना इस भड़वे को !
मैं- जैसे मौसी बताती है, वो ठीक है, चल मेरी रंडी साली।
जाहिदा- क्या जीजू? तुम गाली देते हो?
मैं- नहीं तो क्या तुम रंडियाँ नहीं हो? मेरी बीवी तो शौक से रंडी बनी है और उसे रंडी बुलाते ही खुश हो जाती है ! है न मौसी?
मौसी- हाँ, साली गजब ढ़ाती है, पिछले जन्म में रंडी ही होगी !
मैं- चलो, सबको गुड नाईट ! और सीमा को बता देना !
रीना, नीला- हाँ, बता देंगे ! मौसी, अब तो वो कस्टमर नहीं लेगी न? तो हमें दे देना।
मौसी- क्या मालूम? उसकी मरजी !
और वो दोनों कस्टमर की राह देखने लगती हैं.. इतने में 2 कस्टमर आते हैं और 500-500 रु. में ले जाते हैं, दोनों 1/2 घंटे के लिए सौदा कर लेते हैं। दोनों मस्त मज़े करके निकल लेते हैं और फ़िर दोनों ग्राहकों की राह देखने लगती हैं।
नीला- साली, इस सीमा ने धंधा तोड़ दिया !
मौसी- अरे, वो सिर्फ 4 दिन के लिए है, उसका नाम लोगों में पहुँचेगा और नए कस्टमर आयेंगे और तुम्हें ढूंढने नहीं जाना पड़ेगा ! समझी?
रीना- यह बात ठीक है !
सुनीता चुदवा कर बाहर आई, इस बीच रीना और नीलू ने 4 ग्राहक पटाए और बैठ गई टीवी देखने ! टीवी पर राखी सावन्त का शो चल रहा था।
मौसी- साली ये तो हम रंडियों से भी ज्यादा बड़ी रण्डी लगती है। मेरे यहाँ हमेशा के लिये आएगी न तो बहुत माल कमाएगी। सीमा, अब बस कर ! कोइ और को मत लेना, आज पहला दिन है।
सुनीता- हाँ मौसी, आज आराम करूंगी ! कल कोई कस्टमर रात भर के लिए मिलता है तो ले लेना ! अभी तो भोंसड़े की खुजली पूरी नहीं हुई..
मौसी सुनीता की गाण्ड को थपथपाते हुए- हाँ मेरी रण्डी रानी, जो हुकुम ! अब तुम्हारा राज है और 3 दिन ! साली रण्डी बनी है तो मर्द के साथ क्या करेगी? तुम आज मेरे साथ सो जाओगी?
सुनीता- मौसी, मैं अपने मर्द के साथ सोना चाहती हूँ।
मौसी- नहीं, तुम्हें मेरे साथ सोना होगा ! यह बात राजू (मैं) के साथ तय है।
सुनीता- अच्छा, मुझे कोई ऐतराज नहीं, और वो कहाँ सोएँगे?
मौसी- उसकी फिकर मत कर ! वो भी तेरे जैसे मजे करने जाहिदा और नीला के साथ सोने गया है।
सुनीता- वाह, मेरे नाम पर बड़े मजे कर रहे हैं? चलो मौसी, अब कोठे बन्द हो रहे हैं।
मौसी- हाँ चलो।
दोनों कमरे में जाती हैं, मौसी पूरी नंगी हो जाती है।
सुनीता- मौसी यह क्या? ऐसी सोएगी? और मैं?
मौसी- देख, तेरी और मेरी उम्र में फर्क नहीं है तो यहाँ तू मेरी सहेली है और आज दोनों एक दूसरे का आनन्द लेंगे।
मौसी ने इतना कहकर सुनीता को भी पूरा नंगा किया और उसके गेंदें मसलकर चूसने लगी और झट से सुनीता के भोंसड़े में उंगली डाल कर उकसाने लगी। इस पर सुनीता बेकाबू हो गई।
सुनीता- मौसी क्या नाम है तेरा? तो उस नाम से बुलाऊँ?
मौसी- कल्पना ! और मैं एम पी से हूँ ! मेरे मर्द ने धोखा दिया तो मैं सारा माल बटोरकर यहाँ चाली आई। मैं यहाँ एक होटल चालू करना चाहती थी तो एक तेरे जैसी रण्डी ने कहा कि क्या लोगों को सिर्फ खिलाओगी? इसमें कोई कमाई नहीं ! और उसने मुझसे यह कोठा चालू करवाया। शुरुआत में जबरन लाई हुई लड़कियों से धंधा करवाया, फिर एक दिन तीन औरतें अपने मर्द से पीछा छुड़ाकर भागी, मेरे पास आई और कहा कि हमें कैसा भी काम दो, हम करेंगी पर वापस नहीं जाना ! तब से लेकर आज तक मेरे पास उनके और तेरे जैसी औरतें आती रहती हैं.. चल अब मुझे तेरे साथ मजे लेने दे।
सुनीता- हाँ मेरी राण्ड कल्पना ! बस आज मैं और सिर्फ तुम ! मेरे भोंसड़े को अपनी जीभ से चोदो ! और मेरे गेंदों को और चुचूकों को मसल डालो।
मौसी- साली, इतने साल में तूने ही मुझे रण्डी कहने की हिम्मत की है, आज मैं तुझे बराबर चोदूँगी।
थोड़ी देर बाद दोनों 69 की अवस्था में आ गई और एक दूसरे का भोंसड़ा चाटने लगी। दोनों चरम सीमा पर पहुँच गई। तभी मौसी ने बेड के नीचे से रबर का इम्पोर्टेड लौड़ा निकाला और उसको थोडा चाट कर आहिस्ता से सुनीता के भोंसड़े में घुसा दिया।
सुनीता- मौसी डाल दो, अक्खा लौड़ा अन्दर डाल दो, बहुत भूख लगी है।
थोड़ी ही देर में सुनीता झर गई और फिर मौसी की गेंदों को मसलने के साथ चुचूक चाटने लगी। अब बारी मौसी की थी, मौसी ने अपने हाथों से लौड़ा घुसेड़ दिया और थोड़ी देर बाद शांत हो गई। दोनों सुबह उठी और कपड़े पहन कर नहा धोकर धंधे के लिए तैयार होने में जुट गई।
मौसी- सीमा, मैंने अपने एक ख़ास कस्टमर को तेरे लिए सोच रखा है आज दिन भर के लिए ! तू और मैं उससे चुदावायेंगे ! सारा कामकाज राजू और जाहिदा को सौंप देंगे, वो लोग देख लेंगे। वैसे जाहिदा और राजू की अच्छी जमती है, देख आज एक मस्त मालदार कस्टमर आने वाला है, आज तू, मैं बताती हूँ, वो कपड़े पहन ! मेरे पास दो मुलायम कपड़े की सेक्सी टाईट हाल्फ पैंट और एक बिना कंधे का टीशर्ट है और एक माइक्रो-मिनी स्कर्ट है, बोल तू क्या पहनेगी?
सुनीता- कल्पना, मैं तो माइक्रो मिनी स्कर्ट पहनूँगी, उसमें मेरी जांघें और ककड़ी जैसी टाँगें खूब खिलेंगी।
मौसी- हाँ, मैं पैंट और टी-शर्ट पहन लूँगी।
सुनीता- कल्पना ! नहीं मौसी ! कितने पैसे हम दोनों को देगा वो?
मौसी- तू मुझे कल्पना ही बोल ! और हमें 10000 रु. मिलेंगे, आधे तेरे आधे मेरे ! यह मेरा ख़ास कस्टमर है, सारी कोठेवालियाँ अपने दलालों के जरिये उनके पास जाने की सोचती हैं पर वो सिर्फ मेरे पास आता है।
सुनीता- उससे पहले कोई छोटा-मोटा कस्टमर ले लूँ क्या?
मौसी- नहीं ! एकदम साफ़ सुथरी और सेक्सी रह ! आते ही उसे गेंद दबाने की बहुत आदत है ! तो गेंद एकदम ब्रेज़ियर में टाईट बाँध के रख और मेरा इशारा मिलते ही उसके पास जाकर उसे चूम लियो !
इतना कहकर दोनों तैयार होने में लग जाती हैं। मौसी ने बहुत दिनों बाद पैंट और टी-शर्ट पहनी थी और सुनीता मिनी स्कर्ट पहन कर बाहर आई तो बाकी रण्डियों नीला, जूली, सुशी और खुद मौसी ने ताली बजा कर दाद दी।
नीला- मौसी, साला यह जीजू तेरे कोठे की रौनक बढ़ा कर जाएगा ! ऐसा माल लाया है, साली राण्ड ! क्या लगती है ! देख न उसकी छाती तो मानो दो बम्ब लिए बैठी है ! और जांघें तो एकदम मस्त !
मौसी- बस अब तुम अपने कस्टमर सम्भालो ! मैं और सीमा एक कस्टमर की गोद में रहने वाली हैं पूरे दिन..
जूली- आज कस्टमर के दोनों हाथों में और मुँह में लड्डू है ! एक मौसी और एक सीमा ! साला हमारे हाथ नहीं आता !
मौसी- चलो अपने अपने धंधे पर ! अभी वो आ जाएगा !
पढ़ते रहिए ! कहानी जारी रहेगी ! [email protected] 2004
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