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प्रेषक : अशोक कुमार
दोस्तो, मैं अशोक कुमार चौधरी 21 वर्ष, बहरोर, राजस्थान, 6′ लम्बा तथा कसरती बदन वाला अन्तर्वासना का नियमित पाठक हाजिर हूँ आप सबके सामने अपनी आपबीती कहानी के साथ !
तो बात अक्तूबर महीने की है जब मैंने गुडगाँव में एक ग्लोबल कम्पनी में ज्वाइन किया था। मैं हेड ऑफिस में काम करता था तो उसी कंपनी में अंजलि नाम की एक लड़की भी काम करती थी। क्या मस्त माल था दोस्तो, मैं बता नहीं सकता।
उसके साथ एक लड़की और थी जो बहुत मोटी थी। वह मोटी मेरे को लाइन देती थी पर मैं उससे डरता था। मैं कमजोर नहीं था, मैं छः फ़ीट लम्बा खूबसूरत लड़का हूँ पर मैं उसके मोटापे से डर गया था। मैं अंजलि को चोदना चाहता था पर वो मेरी तरफ देखती ही नहीं थी।
तो मैंने सोचा कि चाट पर जाने के लिए सीढ़ियाँ तो चढ़नी ही पड़ती हैं, मैंने पहले मोटी को पटाने की सोची जो कि पटी हुई ही थी, बस मेरी पहल की कमी थी।
मैंने एक बार शनिवार को मोटी से बोला- मैडम, क्या आप रविवार को ऑफिस में आ सकती हो? मुझे कुछ जरूरी पेपर के प्रिंट लेने हैं।
आपको बता दूँ कि वो प्रिंटर का काम देखती थी। ऐसा कहने पर वो हंसने लगी तो मैं भी मुस्करा दिया।
रविवार को मैं जल्दी ही ऑफिस आ गया क्योंकि मुझे कुछ काम भी करना था।
मैं काम में लगा हुआ था, तभी मोटी आई, बड़ी मस्त जींस पहनी थी उसने, दोनों जाँघें आपस में टकरा रही थी। मुझको उसकी चूत से ज्यादा उसकी जांघों में रुचि थी। देखते ही मन करता था कि साली की जांघों में ही टपका दूँ।
मैं अपना कोट उतार कर बैठा था तो उसने कहा- गर्मी लग रही है क्या?
तो मैंने कहा- नहीं अन्दर हॉट ब्लोअर चल रहा है ना ! इसलिए उतार दिया, इसमें शरीर दबा रहता है, मज़ा नहीं आता काम करने में ! आपको इतनी फिट जींस में परेशानी नहीं होती?
तो उसने कहा- क्या करूँ? लड़कों के लिए पहननी पड़ती है !
मैंने पूछा- तो कितने लड़के फंसे?
तो उसने कहा- अभी तो कोई नहीं फंसा ! बस आप पर आशाएँ टिकी हैं !
बस फिर क्या चाहिए था इस जाट बॉय को !
मैंने खड़े होकर उसके होंटों पर एक लम्बा चुम्बन लिया, लगभग दस मिनट की चूमा-चाटी के बाद वो कसमसाने लगी तो मैंने छोड़ दिया।
वो गिरते गिरते बची, मुझे बड़ा मजा आया था उसके चुम्बन में !
मैंने उसको अपनी बाहों में कस लिया, बिल्कुल सोफे की तरह गद्देदार था उसका शरीर !
मैंने उसके कपड़े उतार दिए, उसने मेरे कपड़े खोल दिए थे।
मैं उसके मम्मों को दबाने लगा तो मेरा लण्ड उसकी जांघों में चला गया। मैं जैसे जैसे हिलता था, मुझे मज़ा आने लगा।
अचानक मेरी स्पीड बढ़ गई, मैं उसकी जांघों में ही होने वाला था कि अचानक मोटी मुझे से छुट कर नीचे बैठ गई और मेरे लण्ड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मुझे काफी मजा आ रहा था, मैंने उसके मुंह में अपने दूध की धार छोड़ दी। मुझे महसूस हो रहा था जैसे उसको जन्नत का मज़ा आ रहा हो !
उसके बाद वो मेरे सामने एक मेज पर बैठ गई और अपनी दोनों टांगें फैला कर बोली- अब तू मेरी चूत को चाट !
मैंने उसकी चूत की तरफ देखा तो पता लगा कि वो बहुत गीली थी। मुझे बहुत बुरा लगा। मैं चाटने के लिए तैयार नहीं था, मैंने मना कर दिया तो वो नाराज़ हो गई। मुझे भी उसमे कोई खास रुचि नहीं बची थी क्योंकि मैं झड़ चुका था इसलिए मैंने उसको मनाने की कोशिश नहीं की।
तभी मैंने देखा कि हमारा गेट मैन अपने लंड को पकड़े दरवाज़े पर खड़ा है। वो मेरा दोस्त था, मैंने उसको आँख मारी तो उसने आकर मोटी को बाहों में ले लिया और दबाने लगा।
मैंने जब उन दोनों को देखा तो मैं फिर से तैयार हो गया। मैंने उससे कहा- अजय तुम इसकी चूत को चाटो !
तो वो तैयार हो गया। मैंने अपना लंड मोटी के मुँह में डाल दिया। उसे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने अजय को बदलने के लिए कहा तो वो मुँह पर आ गया और मैं उसकी चूत पर जाकर अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर लगा कर एक जबरदस्त झटका दिया जिससे मोटी और अजय दोनों की चीख निकल गई। अजय की इसलिए क्योंकि मोटी को झटका लगने पर उसने अजय के लंड को काट दिया था दांतों से !
फिर हमारा चुदाई का सिलसिला चलता गया, लगभग चार घंटे तक हम तीनों ने मस्ती की।
फिर मेरे दोस्त का फोन आ गया तो मैं वहां से आ गया।
मुझे बहुत मज़ा आया उसके साथ में।
मेरा अगला निशाना तो आप को बताने की ज़रूरत नहीं होगी तो इन्त्ज़ार करें !
कैसी लगी मेरी कहानी?
पहली थी, इसलिए ज्यादा अच्छी नहीं लगी होगी, अगली कहानी में बहुत मज़ा आयगा दोस्तो !
अपने विचार मुझे ज़रूर भेजें।
आपके इंतजार में जाट पुत्र अशोक कुमार चौधरी
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