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प्रेषक : विकास श्रीवास्तव
मेरा नाम विकास है मैं दिल्ली के लक्ष्मीनगर में रहता हूँ। मेरी कहानी सुन कर शायद आप में से बहुत सी लड़कियाँ अपनी चूत खुजाने लगे या फिर बहुतों का लौड़ा लेने का मन करेगा।
मैं एक कंपनी में लेखाकार हूँ। मेरा व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक है, बहुत सी लड़कियों के साथ मेरा शारीरिक सम्बन्ध भी रहा है।
बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में था, मेरी एक मौसी की लड़की है आकांशा ! वो मुझसे दो साल बड़ी है।
मेरी उम्र तब 23 साल की थी और वो 25 की ! क्या बदनाकृति थी उसकी 38-29-37 !
जब वो चलती थी तब उसके दोनों चूतड़ उसकी सलवार से पीछे की ओर ऐसे निकलते थे मानो कह रहे हों कि हमें दबा दो अपने लौड़े से !
मैं उससे बहुत प्यार करता था, पर शादी नहीं कर सकता था क्योंकि वो रिश्ते में मेरी बहन लगती थी।
एक बार मेरा कॉलेज का टूर आगरा के लिए बना। मैं अपने दोस्तों के साथ आगरा जाने के लिए तैयार हो गया क्योंकि मेरी बहन आकांशा आगरा में ही रहती थी। मेरे सभी दोस्तों के पास अपनी-अपनी गर्लफ़्रेन्ड थी लेकिन मेरे साथ कोई नहीं था, मैंने सोचा कि आगरा जाकर आकांशा को बुला लूँगा और दोस्तों से कह दूंगा कि यह मेरी गर्लफ़्रेन्ड है क्योंकि आकांशा भी मुझे पसंद करती थी और हम दोनों ने कई बार एक दूसरे को प्यार का इज़हार किया था। तो मैंने सोचा कि आकांशा मान जाएगी।
जब हम लोग आगरा पहुँचे तब मैंने आकांशा को फ़ोन करके अपने होटल में बुला लिया जहाँ हमारा कॉलेज का ग्रुप रुका था। मैंने आकांशा को अपने दोस्तों से मिलवाया। फिर हम अपने अपने कमरे में चले गए। आकांशा मेरे साथ मेरे कमरे में आ गई। हम लोग टीवी देखने लगे और यहाँ-वहाँ की बात करने लगे।अचानक एक चैनल पर चुदाई का सीन आ रहा था। मेरा हाथ रिमोट पर रुक गया, ऐसा मैंने जानबूझ कर किया था।
तब आकांशा बोली- प्लीज़, ऐसे चैनल मत लगा ! मुझे शर्म आती है !
मैंने कहा- आकांशा, अब तो तू बड़ी हो गई है ! तुझको तो यह सब सीखना चाहिए !
तब वो बोली- किस लिए?
मैंने कहा- कल को तेरी शादी होगी तो अपने पति को कैसे खुश करेगी? और खुश नहीं किया तो वो घर के बाहर मुँह मारेगा !
वो गम्भीर हो गई और पूछने लगी- मुझे यह सब सीखना है !
मैं समझ गया कि अब इसकी चूत में खुजली हो रही है और यह आज रात मुझे चुदना चाहती है।
मैंने कहा- आकांशा, ठीक है ! मैं तुझे यह सब सिखा दूंगा पर तुम बुरा नहीं मानोगी !
वो मान गई।
फिर मैंने उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ दबा दी, वो आ आ करने लगी। मैंने धीरे-धीरे करके उसके सारे कपडे उतार दिए और खुद भी नंगा हो गया।
जब मैंने उसकी चूत देखी तो वो फटी हुई थी, जैसे ना जाने कितने लंड खा गई हो !
तब मैंने उससे पूछा- तेरी चूत ऐसी क्यों है?
तब उसने मुझे बताया- मैं तेरे ही पुराने दोस्त विषान्त से चुदती हूँ, वो आगरा में हमारे घर के पास ही रहता है।
उसने मुझे बताया- मैंने विषान्त के दोस्त नेगी, सामोल और पवन से भी अपनी चूत रगड़वाई है।
मैंने उससे कहा- एक तो मैं तुझसे प्यार करता था और शादी भी करना चाहता था, पर हमारा रिश्ता ऐसा था कि हम शादी नहीं कर सकते थे, और तुम सब जानती थी, उसके बावजूद तुमने मेरे ही दोस्तों से अपनी प्यास बुझाई?
वो बोली- भाई, बुरा मत मान ! जबसे मेरे पुराने आशिक साले विक्की ने मेरी सील तोड़ी है तब से मैंने न जाने कितनों के लंड खा लिए हैं। वो तो तू मेरे भाई है वरना तेरा लौड़ा तो मैं बहुत पहले ही खा जाती। अब मैं आगरा की सबसे मशहूर चुदक्कड़ कुतिया बन गई हूँ। मैंने यहाँ के कई बड़े नेता भी फांस लिए हैं, मुझे अब प्यार व्यार की बात कोरी बकवास लगती है। इस दुनिया में केवल दो चीजों की कीमत है, पैसा और चूत ! मेरे पास आज दोनों हैं। मैं तो आज यहाँ इसलिए आई हूँ ताकि तेरा लंड भी लेकर आज अपने पूरे एक सौ लंड लेने का रिकॉर्ड आपके साथ मनाऊँ।
उसकी बात सुन कर मेरा तो लंड कच्छे से बाहर आ गया। मैंने उसकी चूत में अपना लण्ड पिरो दिया पर मुझे बिल्कुल भी मज़ा नहीं आया। वो बेकार हो चुकी थी। मैंने बाद में उसका दिल रखने के लिए कह दिया- मुझे बहुत मज़ा आया !
फिर वो रात में ही अपने घर चली गई एक नए यार के साथ ! वो कोई और नहीं, मेरा ही दोस्त दिनेश था, मुझे बाद में पता चला …
मुझे उस रात जरा भी मज़ा नहीं आया।
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