This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषक : जैक डॉबिन्स
मालिश करते करते उसकी उंगलियाँ बगल से लक्ष्मी की चूचियों को स्पर्श करने लगी। जैसे ही बगल से अंकित ने चूचियों को छुआ, मस्ती से लक्ष्मी की आँखें बंद होने लगी। अंकित समझ गया था कि मैडम अब मस्त हो रही हैं !
वो धीरे-धीरे नीचे की ओर बढ़ने लगा। अब वो लक्ष्मी की कमर की मालिश कर रहा था, कभी कभी उसके हाथ लक्ष्मी की पैंटी की इलास्टिक को भी छू जाते थे।
अंकित ने धीरे से मालिश करते करते लक्ष्मी की पैंटी को थोड़ा नीचे सरका दिया। अब उसकी आँखों के सामने लक्ष्मी की गाण्ड की दरार साफ दिखाई दे रही थी…
वो गाण्ड की दरारों पर खूब अच्छी तरह से तेल की मालिश करने लगा।
अंकित धीरे धीरे मालीश करते करते लक्ष्मी के गाण्ड की छेद को भी मलने लगा … लक्ष्मी अब सांसें तेजी से लेने लगी थी।
अंकित ने आगे बढ़कर पूछा- मैडम, आपकी पैंटी खराब हो जाएगी, इसमें तेल लग जाएगा, आप कहें तो उतार दूँ?
लक्ष्मी पूरी मस्ती में थी, उसने सिसियाते स्वर में कहा- हाँ, उतार दे !
अंकित ने धीरे से उसकी काली पैंटी बड़े प्यार से गाण्ड से अलग कर दी। अब लक्ष्मी पूरी तरह से नंगी लेटी हुई थी। अंकित का लण्ड भी उसकी छोटी सी हाफपैंन्ट में हिलोरें मारने लगा, बिल्कुल तन गया था, उसके लण्ड से उसकी पैन्ट तंबू सी लगने लगी थी।
अंकित के हाथ फिर से चलने लगे, वह अब अपने अंगूठे को लक्ष्मी की गाण्ड के छेद को मसलने लगा और अपनी उंगली से लक्ष्मी की चूत का हलका स्पर्श किया।
लक्ष्मी एकदम मस्ती में आ गई और पलट गई। अब उसकी बड़ी बड़ी चूचियाँ अंकित की आँखों के सामने थी। लक्ष्मी ने अपनी टांगें भी खोल दी थी, उसकी चूत से पानी भी बहने लगा था।
तभी लक्ष्मी की नजर अंकित की पैंट में बने तम्बू पर पड़ी …
लक्ष्मी ने अपने एक हाथ से अंकित के लण्ड को पकड़ लिया और उसे सहलाने लगी। अंकित को भी काफ़ी मजा आ रहा था।
लक्ष्मी- अंकित इसे उतार दे ! मेरी मालिश के लिए इसका भी इस्तेमाल कर ना ! कितना तगड़ा है यह तेरा लौड़ा।
अंकित ने बिना किसी देरी के अपनी पैंट को अपने से अलग कर दिया …
अब उसका लम्बा और मोटा लण्ड लक्ष्मी के सामने था … लक्ष्मी उसे अपने हाथों में लेकर सहलाने लगी। अंकित थोड़ी देर यू हीं मजा लेता रहा फिर उसने आपको छुड़ाया और वहीं पास के मेज़ पर रखी शहद की शीशी को लेकर लक्ष्मी की चूत के पास पहुँच गया। उसने बहुत सारा शहद लक्ष्मी की चूत पर टपका दिया …
लक्ष्मी ने झांटें साफ कर रखी थी, शहद सीधे चूत की दरार में जाता दिखने लगा। अंकित वहीं पैरों पर झुक गया और अपनी जीभ से लक्ष्मी की दरार को चाटने लगा। अंकित को लक्ष्मी की चूत का स्वाद काफी अच्छा लग रहा था और लक्ष्मी भी पूरी मस्ती में आ चुकी थी। अंकित अपनी जीभ दरार के भीतर घुसाने का प्रयास कर रहा था ..
लक्ष्मी- चाट चाट ! ऐसे ही चाट ! बड़ा मजा आ रहा है … वाह, क्या चाटता है तू ! हाँ हाँ ! ऐसे ही ! ऐसे ही ! और अन्दर तक ! बहुत अच्छा लग रहा है।
अंकित चाटता ही जा रहा था।
अचानक लक्ष्मी कांपने लगी, उसका बदन झटके खाने लगा और उसने हाथ बढ़ाकर अंकित के सर को पकड़ लिया और जोर से अपनी चूत पर दबाने लगी…
लक्ष्मी ने कहा- अंकित ऐसे ही चाट ! मैं झड़ रही हूँ ! हाँ हाँ ! चाटता रह ! रुकना मत ! हाँ हाँ ! बड़ा अच्छा लग रहा है रे !
और फिर वो पूरी तरह से झड़ चुकी थी … उसने अपनी आँखें खोली … अंकित का लण्ड लोहे की तरह खड़ा था, लक्ष्मी ने उसे बड़े प्यार से अपने हाथ में थाम लिया और हिलाने लगी। अंकित की आँखों में मस्ती साफ दिखने लगी थी।
लक्ष्मी- बड़ा प्यारा लण्ड है रे तेरा …
यह कह कर लक्ष्मी ने उसे अपनी ओर खींच लिया और अपने मुँह के करीब ले गई, उसने जबान निकालकर उसे चाटना शुरु कर दिया, फिर धीरे से पूरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया, उसे चुसने लगी।अंकित अपनी कमर हिलाए जा रहा था और उसके मुँह में अपना लण्ड पेले जा रहा था।
अंकित- मैडम, आप बहुत अच्छी हैं ! कितना ख्याल रखती हैं हम लोगों का…
लक्ष्मी- अरे पगले ! मैं तुम्हारा ख्याल नहीं रखूँगी तो कौन रखेगा? बता ! देख, तूने मेरी चूत का क्या हाल बना दिया है? कितनी पसीज रही है यह ! तू कुछ कर ना !
अंकित- जी मैडम, मैं अभी अपने लण्ड से इसको ठीक करता हूँ।
लक्ष्मी- अरे प्यार से रे ! तेरा लण्ड काफी बड़ा और मोटा है।
अंकित- आप चिन्ता मत करो मैडम !
अंकित लक्ष्मी की चूत के पास जाकर अपना लण्ड उस पर घिसने लगा … पानी से उसकी चूत एकदम लथपथ थी …
फिर अंकित अपना लण्ड अपने हाथ में लेकर चूत के छेद पर भिड़ा कर अन्दर डालने लगा और अन्दर-बाहर करने लगा लक्ष्मी एकदम से मस्ती में आ गई …
अब अंकित ने अपना पूरा लण्ड बाहर निकाला और उसकी चूत के पास झुककर उसे चाटने लगा। कुछ देर तक चाटने के बाद वो उठा और अपना लण्ड उसकी चूत में फ़िर से पेल दिया। इस बार पूरा का पूरा लण्ड लक्ष्मी की चूत के अन्दर जा चुका था, अंकित अपने लण्ड को अन्दर-बाहर करने लगा …
लक्ष्मी- अंकित, काहे तड़पा रहा है रे ! जम कर चुदाई कर न ! और जोर से पेल ! हाँ हाँ ! ऐसे ही … वाह क्या लण्ड है तेरा ! इतना बड़ा ! बड़ा मजा आ रहा है ! कर कर ! और जोर से कर न … अंकित भी अब पूरी रफ़्तार से उसे पेले जा रहा था।
लक्ष्मी- सी…. सी…. बहुत मजा आ रहा है मेरे राजा ! थोड़ी रफ़्तार बढ़ा ना ! हाँ, ऐसे ही ! देख रुकना नहीं ! मैं झड़ने वाली हूँ ! … ह ह ह ! ऐसे ही ! ओह, हाँ सी सी ! करता रह ! करता रह … लक्ष्मी जोर से चिल्लाए जा रही था उसका बदन काम्पने लगा और वो झड़ गई।
अंकित वैसे ही पेलता रहा, चोदता रहा … फ़िर उसने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया … उसका लण्ड अब भी वैसे ही तन कर खड़ा था।
अंकित- मैडम क्या मैं आपकी गाण्ड मार सकता हूँ? बहुत अच्छी गाण्ड है आपकी !
लक्ष्मी- मैने कभी मना किया है तुझे? पर पहले तेल लगा लेना अच्छी तरीके से और धीरे धीरे घुसाना ! तेरा बहुल बड़ा मूसल जैसे लण्ड है…
अंकित- आप बस देखती जाओ !
फिर अंकित ने लक्ष्मी की दोनों टांगों को उठाकर अपने कंधे पर रखा और अपने उंगली पर ऑलिव ऑयल के लेकर उसकी गाण्ड में अंदर-बाहर करने लगा … थोड़ी देर तक अंदर-बाहर करने के बाद उसी अवस्था में उठा अपने पैर थोड़ा मोड़ कर अपना लण्ड लक्ष्मी की गाण्ड के छेद पर टिका दिया और हल्के से धक्का दिया। उसके लण्ड का टोपा अब लक्ष्मी की गाण्ड में था। लक्ष्मी ने अपने होंठ भींच लिये, उसे थोड़ा दर्द हो रहा था।
अंकित वैसे ही अपने लण्ड के टोपे को लक्ष्मी की गाण्ड में घुसाए खड़ा रहा और लक्ष्मी के बदन का निहारता रहा। फिर उसने हाथ बढ़ाकर लक्ष्मी की चूचियों को सहलाना शुरु कर दिया…
थोड़ी देर तक यही सब चलता रहा, फिर उसने अपने लण्ड को थोड़ा और अन्दर डाला, लक्ष्मी को इस बार दर्द कुछ हुआ था। अंकित अब अपने लण्ड को हौले-हौले अन्दर-बाहर करने लगा। फिर देखते ही देखते उसने अपना पूरा का पूरा लण्ड लक्ष्मी की गाण्ड में घुसा दिया, लक्ष्मी बेसुध हो गई…
अंकित ने अब लक्ष्मी की गाण्ड मारनी शुरु की और धीरे धीरे रफ़्तार पकड़ता चला गया। अब लक्ष्मी भी मजा लेने लगी था, उसे भी मजा आने लगा था। अंकित अपनी पूरी रफ़्तार में आ चुका था और वो लक्ष्मी की गाण्ड जोरदार तरीके से मार रहा था। थोड़ी देर तक चुदाई करने के बाद उसका शरीऱ अकड़ने लगा और वो लक्ष्मी के गाण्ड में झड़ने लगा। लक्ष्मी ने अब अपनी आँखें खोली और देखा कि अंकित बुरी तरह से हांफ रहा है।
अंकित ने अपना लण्ड उसकी गाण्ड से बाहर निकाला और थोड़ी देर वैसे ही खड़ा लक्ष्मी को निहारता रहा। फिर उसने भीगे हुए तौलिये से लक्ष्मी की गाण्ड की सफाई की और अपने जीभ से चूत को अच्छी तरह से चाट कर साफ किया।
लक्ष्मी अब उठने लगी और वहीं पड़े गाउन को पहन लिया और पास खड़े अंकित के सर पर हाथ फेरते हुए वहाँ से अपने कमरे की ओर चली गई।
लक्ष्मी सीधे बाथरूम में घुस गई … अंकित भी मसाज-रूम के भीतर से अपने आपको अच्छी तरह साफ करके अपनी वर्दी पहनकर बाहर आ गया था।
लक्ष्मी जब बाहर निकली तो उसके चेहरे पर एक अजीब सी चमक थी, कोई उसे देख कर यह नहीं कह सकता था कि उसकी उम्र 49 के आसपास है। सेक्स उसे अच्छा लगता था या यूं कहें कि सेक्स उसकी हॉबी थी। अपने से कम उम्र के लड़कों के साथ खास तौर पर सेक्स करती थी। हालांकि उसका और अजय का सेक्स जीवन खासा अच्छा था। इनको दो बच्चे भी थे, बेटी जिसका नाम रेणुका, उम्र 18 साल और बेटा रॉकी उम्र 17 साल ! दोनों ही लंदन में रहते थे और पढ़ते थे। रुपये पैसे की कमी नहीं थी, अजय एक बड़े ईंडस्ट्रयलिस्ट थे जिनकी कई फैक्ट्रियाँ थी और कम्पनियाँ थी, देश भर में बिजनेस फैला हुआ था। दिल्ली की डिफेन्स कॉलोनी में यह परिवार रहता था। आलीशान बंगला कई नौकर-चाकर रहते थे मगर इन सबमें अंकित सबसे ज्यादा चहेता नौकर था।
लक्ष्मी नाश्ते के लिए आकर मेज़ पर बैठी और नाशता करने लगी। तभी सामने लक्ष्मी की नौकरानी आई और लक्ष्मी के सामने रखे ग्लास में जूस डालने लगी।
लक्ष्मी- मालती, यह मैं क्या सुन रही हूँ? … तेरा और रामू का क्या चक्कर चल रहा है? कल तुम दोनों रसोई में ही शुरु हो गए थे?
मालती एक छरहरे बदन की लड़की थी उसकी भी उम्र कोई 18-19 की रही होगी …
लक्ष्मी ने उसे हल्के से झिड़क दिया और कहा- आगे से यह सब अपने क्वाटर में किया कर ! रामू को भी समझा दूंगी।
रामू लक्ष्मी का ड्राईवर था। अक्सर ही दोनों मिला-जुला करते थे और उनके चुदाई की दास्तानें भी प्रचलित थी। रामू हट्टा-कट्टा जवां मर्द था, उम्र 26 वर्ष थी और चुदाई के मामले में तो वो अव्वल दर्जे का चुद्दकड़ था, यह बात घर के सभी सदस्य जानते थे।
बाकी अगले भाग में !
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000