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इससे पहले मेरी कहानियाँ
काम में मज़ा आया?
और
दोबारा काम मिला
आप पढ़ चुके हैं।
आज अपने सभी पाठकों को अपनी नई कहानी दे रहा हूँ उम्मीद करता हूँ आप सबको पसंद आयेगी।
मैं अपने काम से लौटा ही था कि मेरे मोबाइल पर फोन आया कि आप को एक कॉल आने वाली है और आप अगर जा सको तो जाओ जरूर। उसने मुझे मैडम का नाम बता दिया था।
बीस मिनट बाद ही दूसरा फोन आया मैडम शोभा का और उसने समय बर्बाद किये बगैर कहा- कानपुर या बनारस आओगे?
मैं बोला- आप हो कहाँ से?
बोली- मैं तो कानपुर में हूँ !
मैं बोला- कहाँ और कब आना है?
बोली- अगर आज या कल आते हो तो कानपुर आओ, नहीं तो फिर दो दिन बाद बनारस आओ।
मैंने पूछा- क्या आप चाहेंगी कि मैं आपके साथ बनारस तक चलूँ?
बोली- अगर आ जाओ तो मजा आयेगा।
मैं तैयार हो गया और दोपहर की ट्रेन से कानपुर आ गया और उसकी बताए पते पर तो नहीं, हाँ, पास की जगह पर आ गया और फोन किया, उसने जगह पर रहने को कहा और फिर पांच मिनट में आकर अपने साथ ले गई। पास में मकान था, वह पैदल आई थी और उसके घर पहुँच कर उसने ताला खोला और अंदर बिठाया, बोली- पानी पी लो, कुछ फ्रेश हो लो, तब तक कुछ काम निपटा दूँ।
उसके बात के तरीके से लग रहा था कि उसने पहली भी कॉल बॉय सुविधा ली है। उम्र तो उसकी कोई 40 साल थी।
मैंने उसको पूछा- आपने पहले किसी लड़के को बुलाया है?
बोली- हाँ ! मगर आजकल वो काम नहीं कर रहा है।
फिर उसने मुझे क़ॉफ़ी दी। तब तक उसकी काम वाली आ गई। उसने घर साफ़ किया रसोई का काम किया और चली गई।
शोभा बोली- अब खाना बनाने वाली आयेगी, अभी समय है, कमरे में बैठ कर बात करते हैं।
उसने मुझे कमरा दिखाया, बोली- तुम यहीं रहोगे ! और जल्दी तो नहीं बनारस तक आराम से मजा लेंगे।
मैंने तरो-ताज़ा होकर अपने बैग से बरमुडा निकाल कर पहन लिया। शोर्ट बरमुडा थी, सेक्सी लुक दे रही थी।
मैं बिस्तर पर पलौथी मारकर बैठा था। शोभा बोली- खाने में क्या पसंद करोगे?
मैं बोला- नॉन-वेज़ छोड़ कर जो हो !
बोली- ठीक !
फिर वो मेरे पास आई और शोर्ट में हाथ डाल कर मेरे लण्ड को सहलाने लगी।
मैं बोला- अभी?
बोली- हाँ ! क्या हुआ?
मैं बोला- हुआ कुछ नहीं, चलो !
और फिर उसने मेरी शोर्ट उतार कर चड्डी खींच कर उतारी, बोली- हाँ, अब अच्छा लग रहा है।
उसने लिंग को पहले ही गर्म कर दिया था, वो जवान हो गया था। उसने मेरे लण्ड को जबरदस्त ढंग से चूस डाला और मेरा पानी पी गई, बोली- हाँ, अब तो मेरी चूत को अच्छे से सँवार !
और उसने अपने कपड़े, वो सिर्फ़ मेक्सी पहने थी, उतार दिए और नंगी हो गई। उसकी चूत पर बाल थे- ज़बरदस्त बाल।
मैं बोला- क्या करवाना है? जंगल पहले साफ़ करवाना है या ऐसे ही?
बोली- कर दो ! देखें तो !
मैं बोला- सामान है?
बोली- पति का है !
मैं बोला- चलेगा !
और फिर उसकी बुर पर अच्छे से जहाँ तक हो सकते थे, कैंची से झांट के बाल साफ़ कर दिये। फिर शेविंग ब्रश में क्रीम लगा कर उसकी बुर पर अच्छे से झाग बनाया और फिर बुर की छेद की जगह उंगली से साफ़ कर दी जिससे कि उसके अंग को कोई नुक्सान न हो।
वो बोली- गुड ! स्मार्ट हो !
फिर रेज़र से धीर से उसकी सफाई कर दी। उसकी बुर मस्त दिख रही थी।
बोली- आज तक साफ़ करवाने में इतना मजा नहीं आया जितना आज !
मैं बोला- मजा क्या?
बोली- आज तुमने जिस ढंग से बाल उतारे हैं ! मेरा पानी वहीं उतर गया। देखो !
और उसने तौलिए से अगल-बगल का साबुन साफ़ किया और कहा- देखो ! मतलब चाट कर देखो !
और मैंने झुक कर उसकी बुर में अपनी जीभ डाली। यम्मी यार ! कितना पानी उतरा था लेकिन पानी में नमकीन स्वाद बिल्कुल नहीं था। बल्कि यह अजीब सा था।
मैं उसको चाट रहा था, मजा आ रहा था। उसको चाट कर फिर लाल कर दिया और उसने पानी गिरा दिया।
बोली- जरा कसरत कर लो !
मैं बोला- क्या?
बोली- अब अंदर डाल दो ! रुका नहीं जा रहा है !
मैं उसको चाट रहा था और फिर उंगली डाल दी, उसको हिला दिया।
बोली- यार, अब तो रहम करो !
फिर मैंने अपना लिंग उसके अंदर उतार दिया।
बोली- हाँ, अब आराम मिला !
और वो खुद ही उछलने लगी और मैं अपना धक्का दे रहा था। उसका पानी उतर रहा था अंदर से ! लगा जैसे लिंग को जकड़ लिया हो !
और वह ऐंठ गई, बोली- अब गिरा !
और में जोर से धक्के देने लगा। मैं भी गिरने की कगार पर था, बोला- अब निकलने वाला है, क्या करूँ?
बोली- बस मेरे मुँह में डाल दे।
मैंने अपना लिंग निकाल कर उसके मुख पर रख दिया और उसने मुख खोल कर इतना ज़ोरदार चूसा कि मेरा रस उतार कर पी गई।
फिर मैं थक कर गिर गया, वो वहीं पड़ी रही। हम लोग कितनी देर नंगे पड़े रहे, पता नहीं ! लेकिन जब घंटी बजी तो आँख खुली देखा सात बज गये हैं।
शोभा ने जल्दी से अपने कपड़े पहने और बोली- मैं नीचे जाती हूँ, तुम तैयार हो कर नीचे आ जाओ।
मैं पन्द्रह मिनट में नहा कर आ गया।
उसकी काम वाली थी, खाना बना रही थी, मुझे देख कर बोली- मेहमान आये क्या ?
शोभा बोली- हाँ, बहन का देवर है !
ऐसा बोल कर मुझे कहा- आप टीवी देखो !
खाना तैयार करके उसने मुझे बुलाया- चलो खाना खा लो !
मैं उसके साथ खाना खा कर ऊपर कमरे में गया और लेट गया, नींद आ गई और सो गया।
शोभा काम वाली को भेज कर दरवाज़ा बंद करके फिर कमरे में आई और मुझे सोता देख कर वो भी चुपचाप मेरी बगल में लेट गई। उसने कुछ भी नहीं पहना था मैं अपनी शोर्ट में था। वो मुझे अपने से चिपका कर लेट गई, शोर्ट का नाड़ा खोल कर ढीला कर दिया और उसमें हाथ डाल कर मेरे लिंग को मसलने लगी।
मेरी नींद खुल गई, मैं बोला- आप आ गई?
फिर तो उसने मुझे जो ज़ोरदार रगड़ा ! क्या बताएँ और सारा माल निकाल कर चाट गई।
बोली- मजा आ गया !
और फिर मुझे चिपका लिया और मेरा हाथ लेकर अपनी बुर पर रखा, बोली- उंगली कर दो यार !
मैंने उसकी बुर में उंगली डाली तो यह क्या ! इतना पानी गिरा चुकी थी कि उंगली एकदम से अंदर घुस गई। अब तो मुझे मजा आ रहा था। चिकना पानी ! ऊपर से महक ! मैंने कस कर रगड़ दिया वो उछल गई, बोली- मजा आ रहा है ! और कर ! फिर पानी आ रहा है।
बोली- अब अपना खिलौना डाल दे !
मैंने अपना लिंग उसके छेद में डाल दिया और रगड़ने लगा। काफी उछल कूद के बाद हम दोनों थक कर लेट गए उसने मेरे लिंग को अपने हाथ में पकड़ रखा था, उसी अवस्था में हम दोनों सो गए।
सुबह उठकर चाय देकर बोली- तुम नहा लो ! काम वाली आयेगी ! फिर बनारस भी जाना है।
बनारस का अनुभव अगली बार।
अपना बहुमूल्य वोट अवश्य दीजिये।
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